संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद आमरण अनशन खत्म कर दिया है। रविवार को फतेहगढ़ साहिब की सरहिंद अनाज मंडी में किसान महापंचायत में उन्होंने इसका ऐलान किया। एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि 4 मई को किसानों से चंडीगढ़ में मीटिंग करेंगे। महापंचायत में डल्लेवाल ने कहा, “अरविंद केजरीवाल को बचाने के लिए AAP सरकार ने आंदोलन खत्म कराया। किसानों की मांग पर आमरण अनशन खत्म किया है। काफी समय से किसान मुझसे अनशन तोड़ने की अपील कर रहे थे।” डल्लेवाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों को लेकर 26 नवंबर 2024 को अनशन शुरू किया था। 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत अन्य किसानों को हिरासत में लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर खाली करा लिए थे। पुलिस ने डल्लेवाल को पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। 3 अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। जगजीत सिंह डल्लेवाल की 3 अहम बातें… 1. आंदोलन दोबारा शुरू नहीं करेंगे
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, “आंदोलन जारी है। दोबारा शुरू नहीं करने जा रहे। अभी पता नहीं फ्यूचर में क्या होगा। किसी भी जत्थेबंदी के साथ कोई लड़ाई नहीं है। विचार का सवाल है। कुछ विचारों को लेकर हम एकजुट हैं। कुछ मुद्दों पर अलग-अलग हैं। 2. AAP ने सुप्रीमो को बचाने के लिए किया
सरकार ने हम पर बहुत बड़ा हमला किया है। आंदोलन चल रहा है, चलता रहेगा और अंत तक जारी रहेगा। AAP सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। सरकार ये क्यों कह रही है कि रास्ता खोलना इंडस्ट्रियलिस्ट की मांग थी, इन्होंने अपने सुप्रीमो को बचाने और लुधियाना की सीट जीतने के लिए एक बिका हुआ समझौता किया है। दिल्ली हारने के बाद AAP सरकार घबराई हुई थी, उसको डर था कि उनका सुप्रीमो जेल न चला जाए। 3. आंदोलन उठाने के लिए बेटियों को थप्पड़ मारे
उसे बचाने और राज्यसभा भेजने के लिए किसानों पर हमला बोला गया और केंद्र सरकार के सामने पंजाब सरकार नतमस्तक हो गई। CM भगवंत मान ने किसानों पर हमला नहीं किया बल्कि पूरे पंजाब की पीठ में छुरा घोंपा है। न तो इस सरकार को बेटियों, माताओं के सम्मान का पता है और न ही बुजर्गों का। इन्होंने आंदोलन को उठाने के लिए बेटियों तक को थप्पड़ मारे।” सिलसिलेवार शंभू-खनौरी बॉर्डर खाली कराने का पूरा मामला जानिए… 19 मार्च को केंद्र से मीटिंग करने पहुंचे किसान नेता
19 मार्च को चंडीगढ़ में आंदोलनकारी संगठन किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेताओं की केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी के साथ मीटिंग हुई थी। 4 घंटे चली मीटिंग में कोई हल नहीं निकला। 4 मई को दोबारा वार्ता करने पर सहमति बनी। मीटिंग के बाद पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को खनौरी और शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। किसानों ने दो-टूक कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। मीटिंग से निकलते ही किसान नेताओं को हिरासत में लिया
मीटिंग से लौट रहे सरवण सिंह पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने घेर लिया। वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, जिन्हें पुलिस ने संगरूर में घेर लिया। पुलिस डल्लेवाल को एम्बुलेंस समेत हिरासत में लेकर चली गई। साथ ही किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी हिरासत में लिया गया। किसान नेताओं को हिरासत में लेने पर किसान आक्रोशित हो गए। संगरूर में पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि पंजाब पुलिस पहले से ही तैयार थी और भारी बल की मौजूदगी के कारण सभी किसानों को हिरासत में ले लिया गया। शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराए, अस्थायी निर्माण तोड़े
इसके बाद 19 मार्च की शाम ही लगभग 8 बजे पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डर को खाली कराना शुरू कर दिया। बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों को वहां से हटाकर उनके अस्थायी शेड और तंबुओं को बुलडोजर से तोड़ा गया। विरोध कर रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 20 मार्च को पुलिस ने खनौरी-शंभू बॉर्डर खोले
अगले दिन 20 मार्च को हरियाणा पुलिस की टीमें खनौरी और शंभू बॉर्डर पहुंची। यहां पुलिस ने बुलडोजर से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाई। शाम को शंभू बॉर्डर पर ट्रैफिक शुरू हो गया। खनौरी बॉर्डर पर पंजाब साइड किसानों की ट्रॉलियां होने की वजह से ट्रैफिक शुरू नहीं हो पाया। 21 मार्च को पंजाब पुलिस ने ट्रॉलियां हाईवे से हटाईं। इसके बाद वहां भी ट्रैफिक शुरू हो गया। डल्लेवाल को पहले जालंधर के PIMS अस्पताल ले जाया गया, इसके बाद जालंधर कैंट के PWD रेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया। यहां से पुलिस उन्हें पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में ले गई। 27 मार्च को पंधेर समेत अन्य किसानों को रिहा किया
पुलिस ने हिरासत में लिए किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई किसानों को 27 मार्च को रिहा कर दिया। डल्लेवाल को हिरासत में रखने को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। पुलिस ने कहा कि डल्लेवाल पुलिस हिरासत में नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें अस्पताल में रखा गया है। 3 अप्रैल को डल्लेवाल को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। ===================== ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब पुलिस ने 13 महीने बाद शंभू-खनौरी बॉर्डर खाली कराए:बुलडोजर से किसानों के शेड तोड़े, डल्लेवाल-पंधेर समेत 200 प्रदर्शनकारी हिरासत में पंजाब पुलिस ने 13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली करा दिए थे। यहां आंदोलन कर रहे किसानों को हटा दिया गया। इस दौरान 200 किसानों को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद बुलडोजर से किसानों के बनाए शेड तोड़ दिए गए। पढ़ें पूरी खबर संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन बाद आमरण अनशन खत्म कर दिया है। रविवार को फतेहगढ़ साहिब की सरहिंद अनाज मंडी में किसान महापंचायत में उन्होंने इसका ऐलान किया। एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि 4 मई को किसानों से चंडीगढ़ में मीटिंग करेंगे। महापंचायत में डल्लेवाल ने कहा, “अरविंद केजरीवाल को बचाने के लिए AAP सरकार ने आंदोलन खत्म कराया। किसानों की मांग पर आमरण अनशन खत्म किया है। काफी समय से किसान मुझसे अनशन तोड़ने की अपील कर रहे थे।” डल्लेवाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों को लेकर 26 नवंबर 2024 को अनशन शुरू किया था। 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत अन्य किसानों को हिरासत में लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर खाली करा लिए थे। पुलिस ने डल्लेवाल को पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। 3 अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। जगजीत सिंह डल्लेवाल की 3 अहम बातें… 1. आंदोलन दोबारा शुरू नहीं करेंगे
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, “आंदोलन जारी है। दोबारा शुरू नहीं करने जा रहे। अभी पता नहीं फ्यूचर में क्या होगा। किसी भी जत्थेबंदी के साथ कोई लड़ाई नहीं है। विचार का सवाल है। कुछ विचारों को लेकर हम एकजुट हैं। कुछ मुद्दों पर अलग-अलग हैं। 2. AAP ने सुप्रीमो को बचाने के लिए किया
सरकार ने हम पर बहुत बड़ा हमला किया है। आंदोलन चल रहा है, चलता रहेगा और अंत तक जारी रहेगा। AAP सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। सरकार ये क्यों कह रही है कि रास्ता खोलना इंडस्ट्रियलिस्ट की मांग थी, इन्होंने अपने सुप्रीमो को बचाने और लुधियाना की सीट जीतने के लिए एक बिका हुआ समझौता किया है। दिल्ली हारने के बाद AAP सरकार घबराई हुई थी, उसको डर था कि उनका सुप्रीमो जेल न चला जाए। 3. आंदोलन उठाने के लिए बेटियों को थप्पड़ मारे
उसे बचाने और राज्यसभा भेजने के लिए किसानों पर हमला बोला गया और केंद्र सरकार के सामने पंजाब सरकार नतमस्तक हो गई। CM भगवंत मान ने किसानों पर हमला नहीं किया बल्कि पूरे पंजाब की पीठ में छुरा घोंपा है। न तो इस सरकार को बेटियों, माताओं के सम्मान का पता है और न ही बुजर्गों का। इन्होंने आंदोलन को उठाने के लिए बेटियों तक को थप्पड़ मारे।” सिलसिलेवार शंभू-खनौरी बॉर्डर खाली कराने का पूरा मामला जानिए… 19 मार्च को केंद्र से मीटिंग करने पहुंचे किसान नेता
19 मार्च को चंडीगढ़ में आंदोलनकारी संगठन किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेताओं की केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी के साथ मीटिंग हुई थी। 4 घंटे चली मीटिंग में कोई हल नहीं निकला। 4 मई को दोबारा वार्ता करने पर सहमति बनी। मीटिंग के बाद पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को खनौरी और शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। किसानों ने दो-टूक कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। मीटिंग से निकलते ही किसान नेताओं को हिरासत में लिया
मीटिंग से लौट रहे सरवण सिंह पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने घेर लिया। वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, जिन्हें पुलिस ने संगरूर में घेर लिया। पुलिस डल्लेवाल को एम्बुलेंस समेत हिरासत में लेकर चली गई। साथ ही किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी हिरासत में लिया गया। किसान नेताओं को हिरासत में लेने पर किसान आक्रोशित हो गए। संगरूर में पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि पंजाब पुलिस पहले से ही तैयार थी और भारी बल की मौजूदगी के कारण सभी किसानों को हिरासत में ले लिया गया। शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराए, अस्थायी निर्माण तोड़े
इसके बाद 19 मार्च की शाम ही लगभग 8 बजे पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डर को खाली कराना शुरू कर दिया। बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों को वहां से हटाकर उनके अस्थायी शेड और तंबुओं को बुलडोजर से तोड़ा गया। विरोध कर रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 20 मार्च को पुलिस ने खनौरी-शंभू बॉर्डर खोले
अगले दिन 20 मार्च को हरियाणा पुलिस की टीमें खनौरी और शंभू बॉर्डर पहुंची। यहां पुलिस ने बुलडोजर से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाई। शाम को शंभू बॉर्डर पर ट्रैफिक शुरू हो गया। खनौरी बॉर्डर पर पंजाब साइड किसानों की ट्रॉलियां होने की वजह से ट्रैफिक शुरू नहीं हो पाया। 21 मार्च को पंजाब पुलिस ने ट्रॉलियां हाईवे से हटाईं। इसके बाद वहां भी ट्रैफिक शुरू हो गया। डल्लेवाल को पहले जालंधर के PIMS अस्पताल ले जाया गया, इसके बाद जालंधर कैंट के PWD रेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया। यहां से पुलिस उन्हें पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में ले गई। 27 मार्च को पंधेर समेत अन्य किसानों को रिहा किया
पुलिस ने हिरासत में लिए किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई किसानों को 27 मार्च को रिहा कर दिया। डल्लेवाल को हिरासत में रखने को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। पुलिस ने कहा कि डल्लेवाल पुलिस हिरासत में नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें अस्पताल में रखा गया है। 3 अप्रैल को डल्लेवाल को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। ===================== ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब पुलिस ने 13 महीने बाद शंभू-खनौरी बॉर्डर खाली कराए:बुलडोजर से किसानों के शेड तोड़े, डल्लेवाल-पंधेर समेत 200 प्रदर्शनकारी हिरासत में पंजाब पुलिस ने 13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली करा दिए थे। यहां आंदोलन कर रहे किसानों को हटा दिया गया। इस दौरान 200 किसानों को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद बुलडोजर से किसानों के बनाए शेड तोड़ दिए गए। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा | दैनिक भास्कर
