किसान 11 फरवरी को फिरोजपुर एसएसपी दफ्तर घेरेंगे:पीएम सुरक्षा चूक मामले में धारा 307 लगाने का ऐतराज, 11 फरवरी से महापंचायतें

किसान 11 फरवरी को फिरोजपुर एसएसपी दफ्तर घेरेंगे:पीएम सुरक्षा चूक मामले में धारा 307 लगाने का ऐतराज, 11 फरवरी से महापंचायतें

पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान 11 फरवरी से 13 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली महापंचायतों को कामयाब बनाने के लिए पूरी स्ट्रेटजी से जुटे हुए हैं। वहीं,तीन साल पहले पंजाब दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा घेरे में हुई चूक मामले में किसानों पर धारा 307 लगाने का मामला गर्मा गया है। किसानों ने 11 फरवरी को फिरोजपुर एसएसपी दफ्तर घेरने की तैयारी की है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज (सोमवार) को 70वें दिन में दाखिल हो गया है। उनके कानों की दर्द अब ठीक हो गई है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा और दोनों मोर्चे की एकता को भी लेकर प्रयास जारी हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही दोनों पक्षों में मीटिंग हो। पीएम के नजदीक नहीं गए थे किसान पंजाब में विधानसभा 2022 चुनाव से ठीक पहले पांच जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक मामले में किसानों पर धारा 307 लगाए जाने का किसान विरोध कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चे गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा में शामिल क्रांतिकारी यूनियन ने इस मामले में संघर्ष का ऐलान किया। यूनियन के नेताओं ने बठिंडा में मीटिंग कर बताया है कि किसानों पर झूठा केस दर्ज किया है। प्रधानमंत्री के नजदीक कोई किसान नहीं गया था। किसी तरह काेई विवाद नहीं हुआ था। केवल बीजेपी के कार्यकर्ता उनके पास गए थे। पंजाब सरकार ने किसानों पर गलत धाराएं लगाई। सरकार इस केस को पास ले, वरना 11 फरवरी को किसानों द्वारा फिरोजपुर जिला प्रशासन के बाहर पूरी ताकत के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। एसकेएम ने तैयार की संघर्ष की स्ट्रेटजी दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चे और शंभू और खनौरी मोर्चे एक जुट नहीं हुए है। दोनों तरफ से प्रयास चल रह ेहै। वहीं, रविवार को एसकेएम की एक अहम मीटिंग मोहाली में हुई । इस मीटिंग में तय हुआ है कि 9 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट के खिलाफ राज्यसभा व लोकसभा के सांसदों काे मांग पत्र पूरे देश में सौंपे जांएगे। साथ ही ड्राफ्ट को रद्द करने की मांग की जाएगी। किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट रद करने के लिए विधानसभा नही बुलाई है। ऐसे मे ं15 फरवरी को चंडीगढ़ में मीटिंग कर संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। पांच मार्च को सभी राज्यों की राजधानियों में कषि मार्केटिंग पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे। SP समेत 7 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी पंजाब सरकार पंजाब में कांग्रेस की जगह AAP की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के SP थे। उनकी डयूटी घटना के समय एमरजेंसी के लिए रिजर्व रखी गई पुलिस टीम के प्रमुख की थी। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में DSP प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, SI जसवंत सिंह और ASI रमेश कुमार शामिल थे। 5 जनवरी 2022 को PM मोदी के दौरे के दौरान ये सभी फिरोजपुर में तैनात थे। पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान 11 फरवरी से 13 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली महापंचायतों को कामयाब बनाने के लिए पूरी स्ट्रेटजी से जुटे हुए हैं। वहीं,तीन साल पहले पंजाब दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा घेरे में हुई चूक मामले में किसानों पर धारा 307 लगाने का मामला गर्मा गया है। किसानों ने 11 फरवरी को फिरोजपुर एसएसपी दफ्तर घेरने की तैयारी की है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज (सोमवार) को 70वें दिन में दाखिल हो गया है। उनके कानों की दर्द अब ठीक हो गई है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा और दोनों मोर्चे की एकता को भी लेकर प्रयास जारी हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही दोनों पक्षों में मीटिंग हो। पीएम के नजदीक नहीं गए थे किसान पंजाब में विधानसभा 2022 चुनाव से ठीक पहले पांच जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक मामले में किसानों पर धारा 307 लगाए जाने का किसान विरोध कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चे गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा में शामिल क्रांतिकारी यूनियन ने इस मामले में संघर्ष का ऐलान किया। यूनियन के नेताओं ने बठिंडा में मीटिंग कर बताया है कि किसानों पर झूठा केस दर्ज किया है। प्रधानमंत्री के नजदीक कोई किसान नहीं गया था। किसी तरह काेई विवाद नहीं हुआ था। केवल बीजेपी के कार्यकर्ता उनके पास गए थे। पंजाब सरकार ने किसानों पर गलत धाराएं लगाई। सरकार इस केस को पास ले, वरना 11 फरवरी को किसानों द्वारा फिरोजपुर जिला प्रशासन के बाहर पूरी ताकत के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। एसकेएम ने तैयार की संघर्ष की स्ट्रेटजी दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चे और शंभू और खनौरी मोर्चे एक जुट नहीं हुए है। दोनों तरफ से प्रयास चल रह ेहै। वहीं, रविवार को एसकेएम की एक अहम मीटिंग मोहाली में हुई । इस मीटिंग में तय हुआ है कि 9 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट के खिलाफ राज्यसभा व लोकसभा के सांसदों काे मांग पत्र पूरे देश में सौंपे जांएगे। साथ ही ड्राफ्ट को रद्द करने की मांग की जाएगी। किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट रद करने के लिए विधानसभा नही बुलाई है। ऐसे मे ं15 फरवरी को चंडीगढ़ में मीटिंग कर संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। पांच मार्च को सभी राज्यों की राजधानियों में कषि मार्केटिंग पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे। SP समेत 7 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी पंजाब सरकार पंजाब में कांग्रेस की जगह AAP की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के SP थे। उनकी डयूटी घटना के समय एमरजेंसी के लिए रिजर्व रखी गई पुलिस टीम के प्रमुख की थी। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में DSP प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, SI जसवंत सिंह और ASI रमेश कुमार शामिल थे। 5 जनवरी 2022 को PM मोदी के दौरे के दौरान ये सभी फिरोजपुर में तैनात थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर