भास्कर न्यूज | अमृतसर जीएसटी प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रधान विकास खन्ना ने आबकारी एवं कराधान विभाग की डिप्टी कमिश्नर राजविंदर कौर से व्यापारियों के अदारों में सर्वे के नाम पर जाकर बेवजह परेशान करने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों की डीसीएसटी राजविंदर कौर के साथ हुई मीटिंग में खन्ना ने कहा कि विभाग के अधिकारियों द्वारा कारोबारियों की फैक्टरियों व दुकानों पर जाकर उन्हें स्टॉक की वैल्यूएशन करवाने के लिए मजबूर किया जाता है। इंस्पेक्शन के नाम पर व्यापारियों को तंग किया जाता है। खन्ना ने कहा कि व्यापारियों ने सीए व वकीलों की सेवाएं ली हुई हैं, व्यापारी अधिकारियों से सीए से बात करने के लिए कहते भी हैं लेकिन वह किसी की भी नहीं सुनते हैं आए दिन यह सिलसिला जारी है। यही नहीं व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा जीएसटी भरने के लिए भी बाध्य किया जाता है, उन्हें न्यूनतम सालाना 8 से 10 लाख रुपए जीएसटी भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जबकि व्यापारियों को जीएसटी रिफंड करवाने की तरफ सरकार व विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को 60 दिन के भीतर रिफंड मिलना चाहिए लेकिन 3-3 महीने बाद भी रिफंड हासिल नहीं होता है। टैक्स तो हासिल किया जाता है लेकिन रिफंड समय पर देने के चलते उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया जाता है। रिफंड जारी करने में देरी की जाती है उन्हें जानबूझकर लंबित रखा जाता है। इस मौके पर पदाधिकारी सुनील अरोड़ा, रजनीश खन्ना, सीए मनोज महाजन ने भी अपने विचार रखे। डीसीएसटी राजविंदर कौर ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि व्यापारियों को बिना वजह परेशान नहीं किया जाएगा, व्यापारी हमारे करदाता हैं इनकी वजह से ही सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो रही है। बैठक में पूर्व प्रधान एडवोकट नवीन सहगल, पूर्व प्रधान नवीन शर्मा, पूर्व प्रधान रणजीत शर्मा, सीए गौरव गुप्ता, शमिंदर अरोड़ा, एडवोकेट टीएस मदान, एडवोकेट राजन बजाज, सीए संजीव खन्ना, सीए शशिपाल, सीए ध्रुव सेखड़ी, एडवोकेट अशोक ग्रोवर, एडवोकेट विशु ग्रोवर आदि मौजूद थे। भास्कर न्यूज | अमृतसर जीएसटी प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रधान विकास खन्ना ने आबकारी एवं कराधान विभाग की डिप्टी कमिश्नर राजविंदर कौर से व्यापारियों के अदारों में सर्वे के नाम पर जाकर बेवजह परेशान करने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों की डीसीएसटी राजविंदर कौर के साथ हुई मीटिंग में खन्ना ने कहा कि विभाग के अधिकारियों द्वारा कारोबारियों की फैक्टरियों व दुकानों पर जाकर उन्हें स्टॉक की वैल्यूएशन करवाने के लिए मजबूर किया जाता है। इंस्पेक्शन के नाम पर व्यापारियों को तंग किया जाता है। खन्ना ने कहा कि व्यापारियों ने सीए व वकीलों की सेवाएं ली हुई हैं, व्यापारी अधिकारियों से सीए से बात करने के लिए कहते भी हैं लेकिन वह किसी की भी नहीं सुनते हैं आए दिन यह सिलसिला जारी है। यही नहीं व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा जीएसटी भरने के लिए भी बाध्य किया जाता है, उन्हें न्यूनतम सालाना 8 से 10 लाख रुपए जीएसटी भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जबकि व्यापारियों को जीएसटी रिफंड करवाने की तरफ सरकार व विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को 60 दिन के भीतर रिफंड मिलना चाहिए लेकिन 3-3 महीने बाद भी रिफंड हासिल नहीं होता है। टैक्स तो हासिल किया जाता है लेकिन रिफंड समय पर देने के चलते उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया जाता है। रिफंड जारी करने में देरी की जाती है उन्हें जानबूझकर लंबित रखा जाता है। इस मौके पर पदाधिकारी सुनील अरोड़ा, रजनीश खन्ना, सीए मनोज महाजन ने भी अपने विचार रखे। डीसीएसटी राजविंदर कौर ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि व्यापारियों को बिना वजह परेशान नहीं किया जाएगा, व्यापारी हमारे करदाता हैं इनकी वजह से ही सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो रही है। बैठक में पूर्व प्रधान एडवोकट नवीन सहगल, पूर्व प्रधान नवीन शर्मा, पूर्व प्रधान रणजीत शर्मा, सीए गौरव गुप्ता, शमिंदर अरोड़ा, एडवोकेट टीएस मदान, एडवोकेट राजन बजाज, सीए संजीव खन्ना, सीए शशिपाल, सीए ध्रुव सेखड़ी, एडवोकेट अशोक ग्रोवर, एडवोकेट विशु ग्रोवर आदि मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
