कुरुक्षेत्र जिला जेल में तलाशी के दौरान एक कैदी के पास मोबाइल मिला, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। मामले में आरोपी कैदी को पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया। कुरुक्षेत्र जिला जेल में उप अधीक्षक जेल शिवेन्द्रपाल सिंह के नेतृत्व में श्रीपाल सिंह, उप-सहायक अधीक्षक जेल व ड्यूटी पर उपस्थित तमाम वार्डर/हेडवार्डर से प्रतिदिन तलाशी करवाई जा रही थी। शनिवार दोपहर करीब 1 बजे ब्लाक नंबर-4 के कमरा नंबर-2 की गुप्त सूचना के आधार पर अचानक तलाशी करवाई गई। तलाशी के दौरान ब्लाक नंबर-4 के कमरा नंबर-2 के बाथरुम से पूरी तरह से टूटा हुआ एक सैमसंग का मोबाइल फोन बरामद किया गया। पूछताछ करने पर पाया गया कि वह मोबाइल फोन कैदी जगदीप सिंह निवासी भगवानपुर जिला गुरदासपुर (पंजाब) का है। आरोपी जगदीप सिंह उर्फ जग्गू हार्डकोर कैदी की श्रेणी में आता है और बहुत ही शातिर प्रवृत्ति का है। शिकायत पर थाना शहर थानेसर में 42 प्रिजनर एक्ट का मामला दर्ज करके जांच थाना शहर थानेसर को सौंपी गई। बाद में जांच अपराध शाखा एक को सौंपी गई, जो अपराध शाखा एक के प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में काम करते हुए उप निरीक्षक सुदेश कुमार ने अपनी टीम की सहायता से आरोपी जगदीप उर्फ जग्गू को अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी करवा कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। कुरुक्षेत्र जिला जेल में तलाशी के दौरान एक कैदी के पास मोबाइल मिला, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। मामले में आरोपी कैदी को पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया। कुरुक्षेत्र जिला जेल में उप अधीक्षक जेल शिवेन्द्रपाल सिंह के नेतृत्व में श्रीपाल सिंह, उप-सहायक अधीक्षक जेल व ड्यूटी पर उपस्थित तमाम वार्डर/हेडवार्डर से प्रतिदिन तलाशी करवाई जा रही थी। शनिवार दोपहर करीब 1 बजे ब्लाक नंबर-4 के कमरा नंबर-2 की गुप्त सूचना के आधार पर अचानक तलाशी करवाई गई। तलाशी के दौरान ब्लाक नंबर-4 के कमरा नंबर-2 के बाथरुम से पूरी तरह से टूटा हुआ एक सैमसंग का मोबाइल फोन बरामद किया गया। पूछताछ करने पर पाया गया कि वह मोबाइल फोन कैदी जगदीप सिंह निवासी भगवानपुर जिला गुरदासपुर (पंजाब) का है। आरोपी जगदीप सिंह उर्फ जग्गू हार्डकोर कैदी की श्रेणी में आता है और बहुत ही शातिर प्रवृत्ति का है। शिकायत पर थाना शहर थानेसर में 42 प्रिजनर एक्ट का मामला दर्ज करके जांच थाना शहर थानेसर को सौंपी गई। बाद में जांच अपराध शाखा एक को सौंपी गई, जो अपराध शाखा एक के प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में काम करते हुए उप निरीक्षक सुदेश कुमार ने अपनी टीम की सहायता से आरोपी जगदीप उर्फ जग्गू को अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी करवा कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में केंद्रीय अधिकारी 20 हजार लेते गिरफ्तार:जुर्माने का डर दिखाकर मांगी रिश्वत; सेवा क्षेत्र उद्योग सर्वेक्षण रिटर्न पर दिए थे नोटिस हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की गुरुग्राम टीम ने फरीदाबाद में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार के अधीक्षण अधिकारी एएसआई इंचार्ज को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उसने नोटिस दाखिल करने और उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले रिश्वत मांगी थी। उसके कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद हो गई है। टीम अब आगे की कार्रवाई में लगी है। जानकारी के अनुसार हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने आज सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय के फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स ऑफिस में रेड की। वहां पर तैनात अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने पकड़ा। उस द्वारा शिकायतकर्ता से सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण की जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए नोटिस दाखिल करने, उसकी रिटर्न प्रोसेस करने के बदले में रिश्वत की मांगी गई थी। शिकायत के बाद अधीक्षण अधिकारी राजेश कुमार के खिलाफ फरीदाबाद के एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की गई। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम को शिकायतकर्ता ने बताया कि राजेश कुमार द्वारा 16 दिसंबर व 30 दिसंबर को उसे दो नोटिस जारी किए गए थे। इसमें सेवा क्षेत्र उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के तहत जांच चरण-दो की अनुसूची के लिए रिटर्न जमा करने की आवश्यकता थी। अधिकारी ने शिकायतकर्ता को चेतावनी दी कि अगर वह उसे रिश्वत नहीं देगा तो उस पर सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। मामले की जांच पड़ताल करते हुए आरोपी राजेश कुमार को पकड़ने के लिए रणनीति तैयार की गई। आज शुक्रवार को एसीबी की टीम ने फरीदाबाद स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स उसे रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। प्रवक्ता ने बताया कि एसीबी मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच पड़ताल में लगी है। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ की गई। आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो फरीदाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने आमजन से अपील की कि यदि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी काम करने की एवज में रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत इसकी जानकारी हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर-1800-180-2022 या 1064 पर दें। इसके अलावा व्हाट्सएप नंबर 9417891064 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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अमेरिका से करनाल पहुंचा युवक का शव:लाश मंगाने के लिए लिया 20 लाख का कर्ज, लोन लेकर मां ने भेजा था विदेश
अमेरिका से करनाल पहुंचा युवक का शव:लाश मंगाने के लिए लिया 20 लाख का कर्ज, लोन लेकर मां ने भेजा था विदेश हरियाणा के करनाल में अमेरिका से मनीष का शव घर पहुंच गया है। मनीष की 15 दिन पहले अमेरिका में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। शनिवार सुबह 11 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर मनीष का शव पहुंच गाया था। लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई में समय लगने के कारण शव परिजनों को नहीं सौंपा गया। आज शव परिजनों के हवाले किया जाएगा, जिसके बाद परिजन एंबुलेंस के जरिए शव को पैतृक गांव कुंजपुरा में लेकर आएंगे। आज सुबह 10 बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक की मां शिमला देवी ने 15 माह पहले 38 लाख रुपए खर्चकर उसे विदेश भेजा था। अब उसकी मां ने 20 लाख कर्ज लेकर शव को भारत मंगाया है। मनीष के परिवार के लोगों ने शव भारत मंगाने के लिए हरियाणा के CM नायब सैनी से भी गुहार लगाई थी, लेकिन सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की गई। इसके बाद परिवार ने डेड बॉडी मंगाने के लिए कर्ज लिया। 15 माह पहले अमेरिका गया था मनीष मृतक के भाई कर्ण देव ने बताया कि मनीष 2023 के अप्रैल महीने में ही अमेरिका चला गया था। डोंकी के रास्ते उसे वहां पहुंचने में करीब 1 महीने का समय लगा। मनीष अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में रह रहा था। मनीष ने पहले वहां पर स्टोर पर काम करता था उसने हाल ही में टैक्सी ड्राइविंग लाइसेंस लिया था। बीती 29 दिसंबर की रात को खाना खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। सीने में तेज दर्द होने पर उसे उसके साथी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बचपन में हो चुकी पिता की मौत परिजनों ने बताया कि, करीब 23 साल पहले मनीष के पिता रमेश की एक हादसे में मौत हो गई थी। बचपन में चारों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता की मौत के बाद मां शिमला देवी ने ही मजदूरी करके अपने चारों बच्चों का पालन पोषण किया। मनीष की दो बड़ी बहने हैं, जिनमें एक बहन की शादी हो चुकी है जो इस समय कनाडा में है। उसका बड़ा भाई कर्ण देव और उसकी दूसरी बहन अभी अविवाहित है। जमीन पर उठाया लोन, रिश्तेदारों से लिया कर्ज परिजनों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो मां शिमला देवी व कर्ण देव ने मनीष को अमेरिका भेजने का फैसला लिया। पैसे नहीं थे तो मां ने जमीन पर लोन लिया और कुछ रिश्तेदारों से कर्ज लिया। उसके बाद 38 लाख रुपए खर्च कर मनीष को अमेरिका भेजा, ताकि मनीष वहां पैसे कमा सके ओर घर की स्थिति ठीक हो सकें। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अब 20 लाख रुपए का कर्ज और उठाकर शव को भारत लाया गया। कर्ण करता है मजदूरी परिजनों ने बताया कि मनीष 12वीं की पढ़ाई करने बाद मनीष अमेरिका चला गया था। अब उसकी मौत के बाद मां सहित पूरा परिवार सदमे में है। कर्ण दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उसके पास न तो भाई रहा और करीब 58 लाख का कर्ज और सिर पर आ गया। सरकार से लगाई आर्थिक मदद की गुहार मृतक मनीष के भाई ने सरकार से एक बार फिर परिवार की आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है। क्योंकि परिवार ने अब दोबारा 20 लाख रुपए कर्ज लेकर मनीष के शव को भारत मंगवाया है। परिवार में कमाने वाला अब कर्ण ही है। अब उसे अपनी भी शादी करनी है और अपनी बहन की भी। मनीष की मां ने सरकार गुहार लगाई उनके परिवार की आर्थिक मदद की जाए ताकि अपनी बेटी व बेटे की शादी कर संकू। किराये के कमरे में रहता था मनीष
मनीष के भाई कर्णदीप ने बताया कि उसका भाई 15 महीने पहले अमेरिका गया था। मनीष न्यूयॉर्क सिटी में किराये के कमरे में रहता था। कर्णदीप ने बताया कि हम चार भाई-बहन हैं। मनीष से बड़ी दो बहनें और मैं था। मनीष सबका लाडला था। हमारी एक बहन की शादी हो चुकी है, जो कनाडा में अपने परिवार के साथ रह रही है। मनीष की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।