कुरुक्षेत्र में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने रेलवे रोड से कार चालक समेत दो लोगों को नशीले कैप्सूल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी सतबीर सिंह निवासी अमलुक राम कॉलोनी व कपिल देव निवासी गुरु नानक पुरा मोहल्ला के कब्जे से 2160 कैप्सूल बरामद हुए। टीम ने मुखबिर की सूचना पर दोनों को दबोच लिया। इसके एक दिन पहले भी टीम ने भीम कॉलोनी में एक घर पर रेड की थी। सूचना पर आरोपी दबोचे यूनिट के इंचार्ज गुरनाम सिंह ने बताया कि उनकी टीम रेलवे रोड पर गश्त कर रही थी। इस दौरान टीम को सूचना मिली कि सतबीर सिंह और कपिल देव कार में नशीले कैप्सूल लेकर दुख भंजन कॉलोनी की तरफ जाएंगे। टीम ने कॉलोनी में जाकर निगरानी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर बाद टीम को सूचना के मुताबिक कार आती दिखाई दी। टीम ने कार को रुकवाकर चालक और उसके साथी को कब्जे में लिया। तलाशी लेने पर उनसे 1.360 किलोग्राम वजनी 2160 कैप्सूल बरामद हुए। एक दिन पहले घर पर की थी रेड गुरनाम सिंह ने बताया कि एक दिन पहले 25 जनवरी को उनकी टीम ने भीम कॉलोनी में एक घर पर रेड की थी। यहां से टीम ने आरोपी रजनीश को काबू किया था। उसके कब्जे से टीम को करीब 3 किलोग्राम वजनी 5280 कैप्सूल बरामद हुए थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना कृष्णा गेट में केस दर्ज किया गया है। कुरुक्षेत्र में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने रेलवे रोड से कार चालक समेत दो लोगों को नशीले कैप्सूल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी सतबीर सिंह निवासी अमलुक राम कॉलोनी व कपिल देव निवासी गुरु नानक पुरा मोहल्ला के कब्जे से 2160 कैप्सूल बरामद हुए। टीम ने मुखबिर की सूचना पर दोनों को दबोच लिया। इसके एक दिन पहले भी टीम ने भीम कॉलोनी में एक घर पर रेड की थी। सूचना पर आरोपी दबोचे यूनिट के इंचार्ज गुरनाम सिंह ने बताया कि उनकी टीम रेलवे रोड पर गश्त कर रही थी। इस दौरान टीम को सूचना मिली कि सतबीर सिंह और कपिल देव कार में नशीले कैप्सूल लेकर दुख भंजन कॉलोनी की तरफ जाएंगे। टीम ने कॉलोनी में जाकर निगरानी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर बाद टीम को सूचना के मुताबिक कार आती दिखाई दी। टीम ने कार को रुकवाकर चालक और उसके साथी को कब्जे में लिया। तलाशी लेने पर उनसे 1.360 किलोग्राम वजनी 2160 कैप्सूल बरामद हुए। एक दिन पहले घर पर की थी रेड गुरनाम सिंह ने बताया कि एक दिन पहले 25 जनवरी को उनकी टीम ने भीम कॉलोनी में एक घर पर रेड की थी। यहां से टीम ने आरोपी रजनीश को काबू किया था। उसके कब्जे से टीम को करीब 3 किलोग्राम वजनी 5280 कैप्सूल बरामद हुए थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना कृष्णा गेट में केस दर्ज किया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए बिश्नोई समाज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र के बीच चल रही तनातनी। हाल ही में दोनों ने संगठन में रहते हुए एक-दूसरे को अपने-अपने पदों से हटा दिया था। वहीं, बुधवार को बिश्नोई समाज ने बैठक कर 5 फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला महासभा का संरक्षक पद खत्म करना था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई से ‘बिश्नोई रत्न’ भी वापस लिया जाएगा। संगठन में चल रहे विवाद के कारण भले ही इस वक्त बिश्नोई समाज सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन आपको बता दें कि प्रकृति से प्रेम करने वाला यह समाज वन्य जीवों के लिए त्याग करने के लिए समाज में एक मिसाल माना जाता है। बिश्नोई महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती है। पेड़ बचाने के लिए वह सिर तक कटा देते हैं। उनके यहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फेरे नहीं लेते। महासभा में चल रहे विवाद के बीच बिश्नोई समाज की पूरी कहानी पढ़ें… सबसे पहले ये तस्वीर देखें… हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही ये महिला बिश्नोई समाज की है। ये तस्वीर ही उस दस्तूर की बानगी है, जिसमें बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति अटूट प्रेम दिखता है। बिश्नोई… यह बीस और नौ शब्द से बना है. जिसका मतलब होता है 29 नियमों का पालन करने वाला एक पंथ। इसमें से एक है जानवरों पर दया करना। जहां-जहां बिश्नोई बसाहट है, वहां हिरण, मोर और काले तीतर के झुंड मिलेंगे। इनकी रक्षा के लिए यह पंथ अपनी जान तक दे देता है और इन्हें बचाने के लिए किसी की जान ले भी सकता है। बिश्नोई समाज को प्रह्लादपंथी कहा जाता है। ये भक्त प्रह्लाद को मानते हैं। इसलिए, होलिका दहन के दिन शोक मनाते हैं। उस दिन इनके घर में खिचड़ी बनती है। इसी तरह इस समाज में पेड़-पौधे को काटना मना है। इसलिए, मरने के बाद इन्हें जलाया नहीं जाता, बल्कि मिट्टी में दफना दिया जाता है। हर घर के आगे खेजड़ी का पेड़ होना भी जरूरी है। बिश्नोई समाज ने हिसार में 40 हजार करोड़ की टाउनशिप का प्लान शिफ्ट कराया हरियाणा के हिसार में गांव बड़ोपल से कुछ दूरी पर संकरी सड़क के दोनों ओर दूर तक जंगल है। आसपास कंटीली झाड़ियां और कुछ कोस पर कीकर और खेजड़ी के पेड़ हैं। यहां ब्लैक बक सेंचुरी है। इस सेंचुरी में केंद्र सरकार का 40,000 करोड़ रुपए का टाउनशिप का एक प्लान बिश्नोई समाज के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़कर शिफ्ट करवाया है। इस जंगल में हिरण, सांप, नील गाय समेत अनेक जीव और खेजड़ी के पेड़ हैं। इस बारे में कुलदीप बिश्नोई कहते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर ने हमें 29 नियमों का मंत्र दिया था। उन्हीं को मानते हुए आज भी हम वन्यजीव और वन बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। इसके लिए युवाओं की प्रबंधन कमेटियां बनाई गई हैं। बिश्नोइयों के इलाके में कोई शिकारी या लकड़ी तस्कर आने की हिम्मत नहीं करते।’ बिश्नोई समाज के जीव प्रेमी अनिल खिच्चड़ मंगाली बताते हैं, ‘यह हमारे लिए ये सब सामाजिक नहीं धार्मिक काम हैं। हिरण के लिए हम ज्यादा संवेदनशील है। इसकी वजह यह है कि यह सबसे ज्यादा निरीह और कमजोर है। इस वजह से इसके इंसान भी दुश्मन हैं और दूसरे जानवर भी। अबोहर और राजस्थान में बिश्नोई समाज के घरों में आमतौर पर हिरण आ जाते हैं। हिरण के छोटे बच्चे को महिलाएं अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं।’ बिश्नोइयों को प्रह्लाद पंथी क्यों कहते हैं? कहा जाता है कि भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने वचन दिया था कि वो कलयुग में उन जीवों का उद्धार करने के लिए आएंगे जो सतयुग में रह गए हैं। बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर को भी विष्णु का अवतार मानता है। ज्यादातर बिश्नोई जाट समाज से इस पंथ में आए हैं। इस समाज को मानने वाले राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रहते हैं। हिसार शहर से 40 किलोमीटर दूर आदमपुर का गांव सदलपुर बिश्नोई बहुल समाज का गांव है। यहां बिश्नोई मंदिर है। इसमें गुरु जम्भेश्वर के सिवाय कोई और मूर्ति नहीं है। गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति के सामने कुछ भी नहीं रखा जाता। हिंदू मंदिरों से तुलना करें तो यहां सब कुछ बेहद सादा है। गुरु जम्भेश्वर वचन का पाठ हो होता है। हवन के बाद आरती होती है। यहां हवन में गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर सूखे नारियल की गिरियां, शुद्ध घी, सौंफ, तिल और हवन सामग्री डाली जाती है। आरती की थाली गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति की ओर नहीं रखी जाती। जो व्यक्ति आरती कर रहा है उसकी पीठ मूर्ति की ओर रहती है। इसकी वजह भगत राम बताते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर का कहना था कि मैं जोत में हूं, जिसका मुंह चारों ओर है। इसलिए, आरती उनकी मूर्ति को न दिखाकर चारों ओर दिखाई जाती है।’ गुरु जम्भेश्वर के भक्त घर या मंदिर में सुबह और शाम सिर्फ हवन करते हैं। गुरु जम्भेश्वर का कहना है कि कोई मूर्ति पूजा नहीं करनी है। घर में सुबह-शाम हवन करना है। बिश्नोई समाज में बच्चे का जन्म और शादी के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद 29 दिन बच्चे और उसकी मां को अलग रखा जाता है। 30वें दिन हवन होता है और पाल-पानी रखा जाता है। गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से इसे मंत्रित किया जाता है। इस पाल को बच्चे को पिलाया जाता है, जिसे पीने से वह बिश्नोई हो जाता है। उसके बाद वह घर के अंदर आकर बाकी परिवार के साथ सामान्य जीवन जीता है। दरअसल, पाल एक मंत्र फूंका हुआ पानी होता है जिसे यह लोग गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। बिश्नोई समाज में शादी के रीति-रिवाज भी अलग हैं। इनके यहां फेरे नहीं होते हैं। बल्कि, दूल्हा और दुल्हन को दो अलग-अलग पीढ़े पर बैठा देते हैं। उनके सामने गुरु जम्भेश्वर की शब्दवाणी पढ़ी जाती है। पाल की कसम खिलाई जाती है। बस शादी हो गई। बिश्नोई समाज पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता है। उसका मानना है कि कर्म के हिसाब से जो है इसी जन्म में है। इनकी पूजा इबादत जो है, वह पर्यावरण से ही जुड़ी है। इसलिए, यह मरने के बाद शव को जलाते नहीं हैं, बल्कि उसे दफनाते हैं। बीते साल जोधपुर के गांव में शैतान सिंह ने एक शिकारी के चंगुल से एक हिरण को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। इन लोगों के लिए जीव जंतु इतने अहम हैं कि मरने के बाद यह लोग इंसानों की ही तरह से पशु पक्षियों का दाह संस्कार करते हैं। बिश्नोई समाज के लोग होली भी नहीं मनाते हैं। वह होली के त्योहार को काला दिन मानते हैं, क्योंकि इस दिन होलिका भक्त प्रह्लाद को दहन करने के लिए अपनी गोद में लेकर बैठी थी। बिश्नोई समाज के लोग इस दिन सूतक रखते हैं। ये लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाते हैं। अफसोस करते हैं। गुरु जम्भेश्वर और भक्त प्रह्लाद की बातें करते हैं। शाम को जल्दी खाना खाकर सो जाते हैं। इस दिन वह बहुत ही सादा खाना खिचड़ा खाते हैं। कोई किसी से हंसी-मजाक नहीं करता है। इस दिन किसी के बच्चा हो जाए तो खुशी नहीं मनाई जाती है। सारे शुभ काम टाल दिए जाते हैं। होली के अगले दिन जब देखा जाता है कि भक्त प्रह्लाद जले नहीं हैं, भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया है, तब खुशी मनाते हैं। खेजड़ी के पेड़ बचाने के लिए 363 बिश्नोइयों ने अपने सिर कटवाए
खेजड़ी इनका धार्मिक पेड़ है। हर बिश्नोई के घर के बाहर यह पेड़ आपको मिलेगा। इसके पीछे एक कहानी है। आज से लगभग 300 साल पहले की बात है। राजा अभय सिंह ने अपने महल के दरवाजे बनवाने के लिए हरे पेड़ों की लकड़ी कटवाने का आदेश दिया। उन्हें पता लगा कि बिश्नोई बहुल इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ मिलेंगे। जब उनकी सेना वहां पेड़ काटने के लिए गई तब वहां बिश्नोई समाज की महिला ‘माता अमृता देवी’ ने इसका विरोध किया। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना शीश कटा दिया। शीश कटवाने से पहले माता अमृता देवी ने उनसे कहा, ‘सिर सांटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाणिये।’ कहने का मतलब है- अगर सिर कटवा देने से एक पेड़ भी बच जाता है तो यह मेरे लिए सस्ता सौदा है। इसके बाद से खेजड़ी के पेड़ की पूजा शुरू हो गई। उस वक्त 363 बिश्नोइयों ने भी अपना सिर कटवा दिया था। **************** ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। (पूरी खबर पढ़ें)
फतेहाबाद में मेडिकल पर पंजाब पुलिस ने की छापेमारी:पटियाला में नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया था युवक, निशानदेही पर हुई कार्रवाई
फतेहाबाद में मेडिकल पर पंजाब पुलिस ने की छापेमारी:पटियाला में नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया था युवक, निशानदेही पर हुई कार्रवाई फतेहाबाद के रतिया में पंजाब पुलिस ने शनिवार को एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की। पंजाब के पटियाला क्षेत्र के शहर पातड़ां से नशीली दवाओं सहित पकड़े गए युवक की निशानदेही पर पुलिस की एक टीम ने मेडिकल पर दबिश दी। पंजाब पुलिस द्वारा यहां पर मेडिकल दवाओं संबंधित दस्तावेज चेक किए गए और पूरे मेडिकल स्टोर की जांच की गई। इसके बाद फतेहाबाद ड्रग इंस्पेक्टर को सूचना भेजकर उन्हें मौके पर बुलाया गया, फिलहाल मामले में जांच पड़ताल जारी है। वहीं इस छापेमारी के बाद रतिया के मेडिकल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। 1180 नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया था आरोपी
जानकारी के अनुसार बीते दिनों पंजाब में पटियाला जिला के पातड़ां में अमनदीप नामक युवक को पुलिस ने 1180 नशीली गोलियों सहित पकड़ा था। इस संबंध में मोहाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने रतिया के मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदने के बारे में बात कबूली थी। जिसके बाद शनिवार को पटियाला पुलिस की टास्क फोर्स DSP संदीप गोयल के नेतृत्व में रतिया पहुंची। पंजाब पुलिस ने स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर को बुलाया
टीम शहर थाना प्रभारी रणजीत सिंह को साथ लेकर रतिया के शहीद भगत सिंह चौक पर एसएस मेडिकल स्टोर पर पहुंची और यहां पर छानबीन शुरू कर दी। टीम के साथ आए सब इंस्पेक्टर अवतार सिंह ने बताया कि मेडिकल स्टोर पर दवाइयों के बिल्स व अन्य डॉक्यूमेंट्स चेक किए जा रहे हैं और दवाइयों की जांच करवाने के लिए फतेहाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर को सूचित कर बुलाया गया है। यदि यहां नशीली दवाइयों संबंधी कोई जानकारी मिलती है तो आगामी कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल जांच जारी है।
हरियाणा में कोल्ड डे के साथ कोल्ड वेव का अलर्ट:12 जिलों में धुंध; अंबाला-करनाल सबसे ठंडे, तीन दिन बाद बारिश के आसार
हरियाणा में कोल्ड डे के साथ कोल्ड वेव का अलर्ट:12 जिलों में धुंध; अंबाला-करनाल सबसे ठंडे, तीन दिन बाद बारिश के आसार हरियाणा में नए साल का आगाज धुंध के साथ होने वाला है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए मौसम विभाग ने हरियाणा भर में कोल्ड डे के साथ कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही 12 जिलों में धुंध को लेकर भी जिलों को अलर्ट रखा गया है। 24 घंटे के आंकड़ा देखें तो अंबाला और करनाल के दिन सबसे ठंड रहे। अंबाला का अधिकतम तापमान 12.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं करनाल का 13.2 डिग्री पारा रहा। यह सामान्य से सात डिग्री कम है। दूसरी और रात के तापमान में 0.7 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। हिसार के बालसमंद की रातें सबसे ठंडी रही, यहां का न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। लगातार 3 दिन की बारिश के बाद हरियाणा के अधिकांश जिलों में सुबह धुंध छाई है। इनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुरुग्राम जिले शामिल हैं। जिससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम रह गई। इन जिलों में अलर्ट मौसम विभाग ने नए साल पर 14 जिलों में शीतलहर और ठंड को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 31 दिसंबर और 1 जनवरी तक हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पलवल, जींद, भिवानी, चरखी-दादरी में शीतलहर चलने की संभावना है। शीतलहर से कड़ाके की ठंड और कोहरे से घना कोहरा के आसार हैं। मौसम विभाग ने 3 जनवरी तक हरियाणा में शीतलहर चलने की संभावना जताई है। इसके चलते न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री की गिरावट आ सकती है। पहाड़ की हवाओं से बढ़ी ठिठुरन मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन ने बताया है कि 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हिमालय की और से चलने वाली बर्फीली हवाओं से हरियाणा के मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। इसके कारण नमी बढ़ने से सूबे के अधिकांश इलाकों की ऊपरी सतह पर कोहरे की सफेद चादर छाने के आसार हैं। इससे एक बार फिर से रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। कई शहरों की हवा सुधरी हरियाणा में बदले मौसम के मिजाज से अधिकांश जिलों की हवा में सुधार हुआ है। चरखी दादरी ऐसा जिला रहा जहां का AQI 158, गुरुग्राम का 138, फरीदाबाद का 136, रोहतक का 110, पंचकूला का 105 रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है 1-2 दिन में मौसम के खुश्क रहने के साथ ही प्रदूषण के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। खासकर NCR के जिलों में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होगी। आगे कैसा रहेगा मौसम मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में 3 जनवरी तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। 1 जनवरी यानी कल को पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है हालांकि इसका असर हरियाणा में नहीं दिखेगा। इसके असर से ठंड थोड़ी कम हो सकती है, रात के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज हो सकती है। वहीं मौसम विभाग ने 3 जनवरी से मौसम में बदलाव होने के संकेत दिए हैं। इस दौरान प्रदेश में कुछ इलाकों में 4 और 5 जनवरी को बारिश के आसार बन सकते हैं।