कुरुक्षेत्र में कार और बाइक की टक्कर में 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। लखविंदर कौर बाइक पर अपने पति हनी और बेटे एकम के साथ शाहबाद के गांव गोगपुर में अपने मायके में ननद की शादी का कार्ड देकर लौट रही थी। रास्ते में अजराना के पास कार के साथ हुई बाइक की टक्कर में पति-पत्नी जख्मी हो गए, जबकि बच्चे की मौत हो गई। कुरुक्षेत्र में कार और बाइक की टक्कर में 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। लखविंदर कौर बाइक पर अपने पति हनी और बेटे एकम के साथ शाहबाद के गांव गोगपुर में अपने मायके में ननद की शादी का कार्ड देकर लौट रही थी। रास्ते में अजराना के पास कार के साथ हुई बाइक की टक्कर में पति-पत्नी जख्मी हो गए, जबकि बच्चे की मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े
हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े हरियाणा पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन रिवाइज करना और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त करना है। विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। मांगों की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ने देश की दूसरी विधानसभाओं से भी जानकारी संग्रहित करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला पूर्व विधायकों की मांगों के बारे में विस्तार से बात रखी। अधिकारियों की शिकायत की पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर विस अध्यक्ष ने कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं। इसलिए हम सभी को समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनाना होगा जिसमें कि बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को समझा सकें। नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए। इलाज के लिए हर महीनें मिले 20 हजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विस अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता व अन्य सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रतिमाह कम से कम 20 हजार रुपए आउटडोर इलाज के लिए दिया जाए और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं देते। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाता है। कार खरीदने के लिए 25 लाख का लोन मांगा हरियाणा में पूर्व विधायकों ने कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए विधानसभा से 25 लाख रुपए का लोन दिया जाना चाहिए। इसकी रिकवरी पेंशन से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से यात्रा भत्ता भी बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व विधायकों को मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपए और झारखंड में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में भी यह भत्ता 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए ‘नो लोस-नो प्रोफिट’ पर पंचकूला में भू-खंड की भी मांग की है। रिवाईज की जाए पेंशन पूर्व विधायकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायकों की पेंशन रिवाइज नहीं हुई। वर्ष 2016 में भत्ते व पेंशन संशोधन बिल में पेंशन पर एक लाख रुपए होने पर कैप लगाया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी जोड़ दिया। इसलिए मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से यह कैप हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती है। इसमें अब केंद्र व राजस्थान,हिमाचल व कई प्रदेशों में पेशनर्स की मांग पर इस स्लैब में संशोधन स्वीकार कर 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है। इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए।
घरौंडा में HIV-एड्स के मामलों में आई गिरावट:जनवरी से नवंबर तक हुए 5999 टेस्ट, 5 महिलाओं सहित 16 लोग पॉजिटिव
घरौंडा में HIV-एड्स के मामलों में आई गिरावट:जनवरी से नवंबर तक हुए 5999 टेस्ट, 5 महिलाओं सहित 16 लोग पॉजिटिव हरियाणा के घरौंडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में HIV व एड्स के मामलों में साल दर साल गिरावट देखने को मिल रही है। वर्ष 2023 में जहां 26 केस सामने आए थे, वहीं इस वर्ष नवंबर तक 16 मामले सामने आए है। जबकि वर्ष-2022 में यह आंकड़ा 29 पर था। इस साल 11 पुरूष और 4 महिलाएं है। इसके अतिरिक्त एक गर्भवती भी पॉजिटिव मिली, लेकिन उसका बच्चा HIV नेगेटिव पाया गया है। घरौंडा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो जागरूकता अभियानों का प्रभाव है कि लोग HIV टेस्ट के लिए सामने आते है। गर्भवती महिलाओं का भी टेस्ट किया जाता है। HIV एड्स के केस जीरो पर लाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। क्या कहते है आईसीटीसी के आंकड़े?
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में जनवरी से लेकर नवंबर तक कुल 5999 टेस्ट हुए। जिसमें 3470 जरनल कैटेगरी और 2529 एएनसी टेस्ट शामिल है। जरनल कैटेगरी में चार महिलाओं सहित 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं एएनसी यानी गर्भवती महिलाओं के टेस्ट में एक गर्भवती महिला पॉजिटिव मिली, जिसको एआरटी दी जा रही है। 18 महीने बाद आती है टेस्ट रिपोर्ट
आईसीटीसी के काउंसलर अजय कपूर की माने तो पॉजिटिव महिलाओं के गर्भ से जन्मे बच्चों को 45 नेवरापाइन सिरप दिया जाता है। इसके बाद डीबीएस टेस्ट को दिल्ली के एम्स में भेजा जाता है। 6 महीने, 12 महीने और 18 महीने की अवधि में बच्चे के टेस्ट किए जाते है और फाइनल रिपोर्ट 18 महीने बाद ही आती है। घटता-बढ़ता रहा HIV का आंकड़ा
आईसीटीसी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 में HIV के 18 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष-2020 में HIV संक्रमण के मामलों में तीन गुणा गिरावट दर्ज की गई। जिससे केवल छह केस ही सामने आए, जिसका कारण कोरोना काल माना गया, लेकिन वर्ष 2021 में HIV का ग्राफ फिर से बढ़ा और आंकड़ा 18 पर पहुंच गया। वर्ष 2022 में एक बार फिर HIV के केसों में उछाल आया और 29 केस सामने आए, लेकिन वर्ष 2023 में 26 लोग ही HIV पॉजिटिव पाए गए। HIV के प्रति जागरूक हो रहे हैं लोग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एसएमओ डॉ. मुनेश गोयल ने बताया कि जब आईसीटीसी सेंटर सीएचसी में स्थापित हुआ था। उस समय लोग जागरूक नहीं थे और केस भी कम आते थे, लेकिन अब लोग जागरूक हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी HIV एड्स जागरूकता पखवाड़ा चलाकर लोगों को जागरूक करता है, जिसके बाद लोग टेस्ट करवाने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि एड्स के बारे में सही जानकारी होना ही इसका इलाज है। लोग HIV टेस्ट करवाने में संकोच न करें। टेस्ट की जानकारी गोपनीय रखी जाती है। HIV के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की जंग जारी है।
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई हरियाणा की BJP सरकार ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने उन्हें चंडीगढ़ में मिली कोठी नंबर 70 खाली करने के लिए कहा है। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का टाइम मांगा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कोठी CM नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई है। उन्होंने कोठी पर दावा ठोकते हुए इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। चूंकि कांग्रेस में खींचतान की वजह से नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया, इसलिए कोठी को लेकर भी उनका दावा कमजोर पड़ गया। अगर वह नेता विपक्ष होते तो कैबिनेट रैंक का दर्जा होने की वजह से उन्हें कोठी खाली नहीं करनी पड़ती। हालांकि, हुड्डा की तरफ से औपचारिक तौर पर इसको लेकर कोई एतराज नहीं जताया गया है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला था। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट रैंक का दर्जा होता है। ऐसे में उन्हें सेक्टर 7 में 70 नंबर कोठी अलॉट की गई थी। इस कोठी में पिछले 5 वर्षों से कांग्रेस की गतिविधियां संचालित हो रही थी। इससे पहले वर्ष 2014 से 2019 तक हुड्डा चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में रहते थे। नए नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा नया आवास
हुड्डा के सरकारी आवास खाली करने की स्थिति में नए नेता प्रतिपक्ष को नया आवास दिया जाएगा। कैबिनेट रैंक के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर 3, सेक्टर 7, सेक्टर 16 और पंचकूला में सेक्टर 12A में मंत्रियों के लिए आवास बनाए गए हैं। इनमें से किसी भी सेक्टर में नए नेता प्रतिपक्ष को आवास मिल सकता है। हालांकि, अधिकांश मंत्रियों को सेक्टर 3 व सेक्टर 7 की कोठियां ज्यादा पसंद आती हैं, लेकिन मौजूदा समय में सेक्टर 7 की 70 नंबर कोठी को छोड़कर अन्य सभी कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। हारे मंत्री भी खाली कर चुके कोठी
सरकार गठन होते ही हारे मंत्रियों ने अपने सरकारी आवास को तुरंत प्रभाव से खाली कर दिया था। तकरीबन सभी मंत्रियों को कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। अधिकांश कोठियों में व्यापक स्तर पर मरम्मत का काम चल रहा है। सेक्टर 3 में मुख्यमंत्री आवास के साथ की कोठी वरिष्ठ मंत्री कृष्ण लाल पंवार को अलॉट की गई है। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में यह कोठी अनिल विज को अलॉट होनी थी लेकिन उनके मना करने के बाद पंवार को दी गई है। हुड्डा की घोषणा भी उनके काम नहीं आई
भूपेंद्र हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोषणा की थी जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुख्यमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थी। हुड्डा ने जब यह नियम लागू किया, तब विपक्षी दलों और नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा भविष्य में खुद का जुगाड़ कर रहे हैं। हुआ भी ऐसा ही, जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। हालांकि मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में बनी पहली सरकार ने कुछ दिन बाद ही पिछली सरकार यानी मुख्यमंत्री रहते भूपेंद्र हुड्डा का किया फैसला पलट दिया। हरियाणा कांग्रेस में नेता विपक्ष क्यों नहीं बना?…. चुनाव में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमटी, पहली बार इतना लंबा इंतजार
हरियाणा में 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आए। जिसमें भाजपा को 48 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद नेता विपक्ष के पद को लेकर घमासान शुरू हो गया। हुड्डा के हक में ज्यादा विधायक, ऑब्जर्वर भी फैसला नहीं ले पाए
रिजल्ट के 10 दिन बाद नेता विपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा था, ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ हुड्डा को हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं।हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल, थानेसर से अशोक अरोड़ा और सबसे सीनियर विधायक रघुवीर कादियान का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।