हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू और मंडी की सीमा पर पुलिस ने अवैध रूप से लाई जा रही बीयर की बड़ी खेफ बरामद की है। पुलिस ने यह कार्रवाई नाकेबंदी के दौरान की है। इस दौरान पुलिस ने एक ट्रक से 230 से अधिक बीयर की पेटियां बरामद की है। पुलिस ने पंजाब के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर इसकी छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कुल्लू कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने बताया कि पुलिस थाना भुंतर की टीम ने बजौरा फॉरलेन में नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक को जांच के लिए रोका गया। पुलिस टीम ने जब ट्रक की तलाशी ली तो ट्रक के भीतर से 230 पेटी अवैध बीयर बरामद हुई। कुल 2760 बोतल बरामद पकड़ी गई बीयर की पेटियां पंजाब से तस्करी करके लाई जा रही थी। बरामद बीयर में 1800 बोतल थंडर बोल्ट और 960 बोतल टुबोर्ग मार्का है। उन्होंने बताया कि ट्रक से बीयर की कुल 2760 बोतल बरामद हुई है। इस बाबत आरोपी ट्रक चालक बलविंदर सिंह निवासी शालुवाल तहसील नाभा जिला पटियाला (पंजाब) के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत पुलिस थाना भुंतर में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू और मंडी की सीमा पर पुलिस ने अवैध रूप से लाई जा रही बीयर की बड़ी खेफ बरामद की है। पुलिस ने यह कार्रवाई नाकेबंदी के दौरान की है। इस दौरान पुलिस ने एक ट्रक से 230 से अधिक बीयर की पेटियां बरामद की है। पुलिस ने पंजाब के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर इसकी छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कुल्लू कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने बताया कि पुलिस थाना भुंतर की टीम ने बजौरा फॉरलेन में नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक को जांच के लिए रोका गया। पुलिस टीम ने जब ट्रक की तलाशी ली तो ट्रक के भीतर से 230 पेटी अवैध बीयर बरामद हुई। कुल 2760 बोतल बरामद पकड़ी गई बीयर की पेटियां पंजाब से तस्करी करके लाई जा रही थी। बरामद बीयर में 1800 बोतल थंडर बोल्ट और 960 बोतल टुबोर्ग मार्का है। उन्होंने बताया कि ट्रक से बीयर की कुल 2760 बोतल बरामद हुई है। इस बाबत आरोपी ट्रक चालक बलविंदर सिंह निवासी शालुवाल तहसील नाभा जिला पटियाला (पंजाब) के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत पुलिस थाना भुंतर में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने 21 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहली बार ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजारी जारी की गई है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 19 से 24 जुलाई तक बारिश का पूर्वानुमान है। मगर रविवार के लिए चार जिले चंबा, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। फिलहाल प्रदेश के कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे सेब पर सूखे की मार पड़ रही है और बड़े पैमाने पर ड्रापिंग हो रही है। मक्की के अलावा टमाटर, शिमला मिर्च, फूल गोभी व बंदगोभी जैसी नगदी फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। 2023 में 9 जुलाई को 228MM बारिश, इस साल 18 दिन में 141.8MM बरसात हिमाचल में पिछले साल 9 जुलाई को एक ही दिन में 228.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार जुलाई के पहले 18 दिन में भी 228 मिलीमीटर बारिश नहीं हो पाई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। पूरे मानसून सीजन में यानी 1 जून से 18 जुलाई तक प्रदेश में औसत 238.4 मिलीमीटर बारिश होती है। मगर इस बार 141.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम है। सिरमौर, लाहौल स्पीति और चंबा जिला में सबसे कम बारिश हुई है। कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हुआ प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में निरंतर उछाल हो रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 2.9 डिग्री ज्यादा हो गया है। प्रदेश के कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हो गया है। बिलासपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.5 डिग्री का उछाला आया है। यहां का पारा 37.9 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.8 डिग्री के उछाल के साथ 36.2 डिग्री, हमीरपुर का 4.8 डिग्री अधिक के साथ 36.2, मनाली का पारा 3 डिग्री के उछाल के बाद 28.5 डिग्री, शिमला का 3.2 डिग्री ज्यादा के साथ 26.2 डिग्री और सुंदरनगर का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 34.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
हिमाचल के डीजी जेल को CID का एडिश्नल चार्ज मिला:4 IPS प्रमोट किए; NIA में जॉइनिंग से पहले राकेश अग्रवाल भी प्रमोट किए गए
हिमाचल के डीजी जेल को CID का एडिश्नल चार्ज मिला:4 IPS प्रमोट किए; NIA में जॉइनिंग से पहले राकेश अग्रवाल भी प्रमोट किए गए हिमाचल प्रदेश सरकार ने डीजी जेल संजय रत्न ओझा को डायरेक्टर जनरल सीआईडी का एडिश्नल चार्ज दिया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, प्रदेश सरकार ने साल 1993 और 1994 बैच के चार IPS ऑफिसर को डायरेक्टर जनरल प्रमोट किया है। इनमें 1994 बैच के IPS अनुराग गर्ग, अशोक तिवारी व रित्विक रुद्रा और 1994 बैच के राकेश अग्रवाल शामिल हैं। अनुराग गर्ग, अशोक तिवारी और रित्विक रुद्रा तीनों अभी सेंटर डेपुटेशन पर हैं। इस वजह से इन्हें परफॉर्मा प्रमोशन दी गई है, जबकि राकेश अग्रवाल को रेगुलर प्रमोशन दी गई। डीजी प्रमोट किए गए राकेश अग्रवाल भी जल्द केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं। वह अभी हिमाचल में एडीजी होमगार्ड है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राकेश अग्रवाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है। राकेश अग्रवाल को एडिश्नल डायरेक्टर जनरल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगाया गया है। गृह मंत्रालय ने राकेश अग्रवाल को जल्द रिलीव करने के हिमाचल सरकार को निर्देश दिए है। डॉ. संजय की पीजीआई में तैनाती राज्य सरकार ने प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HAS) अधिकारी एवं SDM (सिविल) डॉ. संजय कुमार धीमान को PGI चंडीगढ़ में सीनियर एडमिन्स्ट्रेटिव ऑफिसर के तौर पर तैनाती दी गई है। डॉ. संजय डेपुटेशन पर पीजीआई में तीन साल तक सेवाएं देंगे।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।