चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी के पंडोह में 4 फीट से ज्यादा धंस गया है। मंडी से लगभग 5 किलोमीटर दूर डयोड के कैंची मोड़ पर एक लेन धंस गई है। इससे धंस रही लेन पर ट्रैफिक को रोक दिया गया है। नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी मिट्टी डालकर समतल करने का प्रयास रहे है। मगर सड़क धंसने से यहां हाईवे वाहनों के लिए असुरक्षित हो गया है। फोरलेन पर लगे डंगे के नीचे की जमीन निरंतर बैठ रही है। इसके बाद यहां पर ट्रैफिक को वन वे चलाया जा रहा है। वहीं 9 मील में भी पिछले चार दिन से रोजाना लैंडस्लाइड हो रहा है। इससे यहां बार बार ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है। 9 मील में बारिश शुरू होते ही पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ रहा है। इससे स्थानीय लोगों सहित कुल्लू-मनाली पहुंचने वाले पर्यटकों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। बीते साल भी चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे 9 मील में बार बार बंद हुआ था। लगभग एक साल बीतने के बाद भी यहां पहाड़ी से लैंडस्लाइड रोकने को डंगा नहीं लगाया गया। हाईवे के एक और ब्यास नदी बह रही है, दूसरी तरफ पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है। इससे हाईवे बार बार बंद हो रहा है। मंडी-धर्मपुर एनएच कोटली के सुराड़ी व कुम्हारडा के पास बंद भारी बारिश के बाद मंडी-धर्मपुर एनएच भी कोटली के साथ सुराड़ी व कुम्हारडा में लैंडस्लाइड से बंद हो गया है। इसकी बहाली का काम चल है। इसके बंद होने से कोटली की 20 पंचायतों का संपर्क धर्मपुर से कट गया है। मंडी जिला में बारिश के चलते 90 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हो गई है और कई स्थानों पर बिजली भी गुल है।जिनकी बहाली का कार्य किया जा रहा है। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी के पंडोह में 4 फीट से ज्यादा धंस गया है। मंडी से लगभग 5 किलोमीटर दूर डयोड के कैंची मोड़ पर एक लेन धंस गई है। इससे धंस रही लेन पर ट्रैफिक को रोक दिया गया है। नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी मिट्टी डालकर समतल करने का प्रयास रहे है। मगर सड़क धंसने से यहां हाईवे वाहनों के लिए असुरक्षित हो गया है। फोरलेन पर लगे डंगे के नीचे की जमीन निरंतर बैठ रही है। इसके बाद यहां पर ट्रैफिक को वन वे चलाया जा रहा है। वहीं 9 मील में भी पिछले चार दिन से रोजाना लैंडस्लाइड हो रहा है। इससे यहां बार बार ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है। 9 मील में बारिश शुरू होते ही पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ रहा है। इससे स्थानीय लोगों सहित कुल्लू-मनाली पहुंचने वाले पर्यटकों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। बीते साल भी चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे 9 मील में बार बार बंद हुआ था। लगभग एक साल बीतने के बाद भी यहां पहाड़ी से लैंडस्लाइड रोकने को डंगा नहीं लगाया गया। हाईवे के एक और ब्यास नदी बह रही है, दूसरी तरफ पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है। इससे हाईवे बार बार बंद हो रहा है। मंडी-धर्मपुर एनएच कोटली के सुराड़ी व कुम्हारडा के पास बंद भारी बारिश के बाद मंडी-धर्मपुर एनएच भी कोटली के साथ सुराड़ी व कुम्हारडा में लैंडस्लाइड से बंद हो गया है। इसकी बहाली का काम चल है। इसके बंद होने से कोटली की 20 पंचायतों का संपर्क धर्मपुर से कट गया है। मंडी जिला में बारिश के चलते 90 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हो गई है और कई स्थानों पर बिजली भी गुल है।जिनकी बहाली का कार्य किया जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM ने बिजली पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की:मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने छोड़ी; एक व्यक्ति ने लगवा 285 मीटर, सुक्खू के नाम 5 हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से बिजली पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की है। CM सुक्खू ने शिमला में एक कार्यक्रम से लौटने के बाद शाम के समय सरकारी आवास ओक ओवर में प्रेस कॉन्फ्रेस की। इसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे भी बिजली उपभोक्ता निकले है, जिनके नाम से 285 बिजली मीटर लगे हुए है। मुख्यमंत्री ने 100, 200 मीटर वाले भी कई लोग थे। उनके खुद के नाम भी 5 मीटर हैं। इसे देखते हुए सरकार सभी साधन संपन्न लोगों से बिजली पर सब्सिडी सरेंडर करने की अपील करती है। बता दें कि प्रदेश में पूर्व सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त की थी। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने बिजली बिल से बचने के लिए धड़ाधड़ नए मीटर लगाए। इससे कई उपभोक्ताओं के 125 यूनिट हर महीने पूरे नहीं हो पाए। इस वजह से उन्हें मुफ्त बिजली मिलती रही। कांग्रेस सरकार ने चार महीने पहले ही साधन संपन्न लोगों की मुफ्त बिजली बंद करने का फैसला लिया था। अब सरकार जनता से सब्सिडी छोड़ने की अपील कर रही है। इसके लिए बिजली बोर्ड ने एक परफॉर्मा जारी किया है। इसे भरकर लोग सब्सिडी छोड़ सकते है। मुख्यमंत्री ने साधन संपन्न लोगों से सब्सिडी सरेंडर करके प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है। CM-मंत्रियों ने छोड़ी बिजली सब्सिडी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड द्वारा जारी किया गया परफॉर्मा खुद भी भरकर मुफ्त सब्सिडी छोड़ दी है। उनके सभी कैबिनेट मंत्रियों ने भी बिजली सब्सिडी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के फैसले से मुख्यमंत्री, मंत्री विधायक, अफसरों को भी सब्सिडी मिल रही थी। इससे बिजली बोर्ड पर वित्तीय बोझ पड़ रहा है। 100 मीटर 200 सीएम के नाम 5
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कुल्लू भूतनाथ पुल 6 साल में पूरी तरह बहाल नहीं:2018 में दरार पड़ने से किया बंद; 2023 में सिर्फ छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कुल्लू में बहुचर्चित भूतनाथ पुल खराहल घाटी को जोड़ता है। कुल्लू बस अड्डा से जोड़ने के लिए इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया और धूमल सरकार ने निर्माण पूरा कराया। जय राम सरकार के दौरान दिसंबर 2018 में पुल पर दरार पड़ने से असुरक्षित घोषित कर दिया। वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। इसके बाद मिशन चंद्रमा भी पूर्ण हो गया। लेकिन इस पुल की मरम्मत नहीं हो सकी। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पुल के मुद्दे को जनता के बीच जमकर भुनाया। सत्ता में आने पर पुल के पास गेट भी बनाया और मरम्मत भी 2023 में पूर्ण की। लेकिन अब तक छोटे वाहन ही इस पुल से गुजरते हैं। बड़े वाहनों के लिए यह पुल 6 सालों से बहाल नहीं हो सका। 10 करोड़ की लागत से हुआ पुल का निर्माण कुल्लू जिले में ब्यास नदी पर 10 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण किया है। पुल के झुके स्थान पर पिलर लगाकर मरम्मत का कार्य किया गया। इससे पहले पुल के साथ पुराना पुल खराहल को जोड़ता था। 96 मीटर लंबा डबल लेन नया भूतनाथ पुल बीच में झुक गया था। झुकी हुई जगह पर पिलर देकर ही इसकी मरम्मत की। फ्रांस की फ्रेशनेट मिनाट कंपनी ने यह हल निकाला था। 2.68 करोड़ रुपए से हुई मरम्मत डबल लेन भूतनाथ पुल की 2.68 करोड़ रुपए से मरम्मत कार्य फ्रांस की फ्रेशनेट मिनाट इंडिया इंटरनेशनल कंपनी ने की। मरम्मत के बाद इस पुल पर छोटे वाहन ही चल सके। बड़े वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बाहर से वॉल्वो बसें गुजरने से यात्रियों को परेशानी पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही बन्द होने और आखाड़ा बाज़ार सड़क वन वे करने से मनाली चलने बाली वॉल्वो बसें लेफ्ट बैंक सड़क मार्ग से गुजरती हैं। यात्रियों को शनि मंदिर के पास अंधेरे में इंतजार करने से परेशानी झेलनी पड़ती है।
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शिमला में मस्जिद पर बंटी कांग्रेस:मंत्री-विधायक की अलग-अलग राय; अनिरुद्ध बोले- फल बेचने के नाम पर रोहिंग्या तो नहीं पहुंच रहे हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर संजौली में मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इस मसले पर स्थानीय कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अलग अलग राय है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, फल बेचने के नाम पर कहीं रोहिंग्या या अपराधी तो शिमला नहीं पहुंच रहे। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा- बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने व छेड़छाड़ करने वाले शिमला में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण बर्दाश्त नहीं होगा। बाहर से आने वाले प्रवासियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए, इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। बाहर के लोगों ने शिमला शहर में पहुंचाया झगड़ा वहीं शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल ही कहा कि कुछ पार्षदों व एक विशेष राजनीतिक दलों के कार्यकताओं ने बाहर के झगड़े को शिमला शहर में पहुंचा दिया है। विधायक ने कहा कि मस्जिद 1950 से पहले की, अवैध है या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा, कोई पार्षद या अन्य व्यक्ति नहीं। बाहर के झगड़े में शिमला शहर की शांति भंग न करें। शिमला एक शांतिप्रिय जगह है। विधायक ने कहा कि दो गुटों में हुए आपसी झगड़े को हिन्दू मुस्लिम समुदाय का रूप दे दिया। भाजपा बोली मस्जिद अगर अवैध तो इसे हटा देना चाहिए वहीं शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि मस्जिद अगर अवैध है तो इसे हटा देना चाहिए। हिमाचल में ऐसी स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। अवैध निर्माण कर झगड़ा करने पर सरकार को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने भी आज इस मामले को उठाना चाहा, लेकिन पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इसे उठाने की इजाजत नहीं मिली। वे दोबारा नोटिस देकर इस मामले को उठाएंगे। ये है पूरा मामला…. दरअसल राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठनो व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की। बता दें कि यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं।