<p>अजय लल्लू ने अपने ख़िलाफ़ कुशीनगर पुलिस के नोटिस देने के मामले में ABP News से टेलीफ़ोनिक वार्ता में कहा-<br />मुझे नोटिस देकर देखे पुलिस <br />लल्लू ने कहा- नोटिस का पूरा जवाब दिया जायेगा<br />लल्लू ने कहा- कुशीनगर पुलिस जाँच को भटकाने का काम कर रही है<br />लल्लू ने कहा- इस मामले को राजनैतिक और धार्मिक रंग देने का काम कर रही है पुलिस..<br />लल्लू ने कहा कुशीनगर पुलिस ऊपरी दबाव में मेरे ऊपर बयान दे रही है<br />लल्लू ने कहा- मैं पूछ ताछ का पूरा और माकूल जवाब दूँगा <br />लल्लू ने कहा- पुलिस सही जाँच करें</p> <p>अजय लल्लू ने अपने ख़िलाफ़ कुशीनगर पुलिस के नोटिस देने के मामले में ABP News से टेलीफ़ोनिक वार्ता में कहा-<br />मुझे नोटिस देकर देखे पुलिस <br />लल्लू ने कहा- नोटिस का पूरा जवाब दिया जायेगा<br />लल्लू ने कहा- कुशीनगर पुलिस जाँच को भटकाने का काम कर रही है<br />लल्लू ने कहा- इस मामले को राजनैतिक और धार्मिक रंग देने का काम कर रही है पुलिस..<br />लल्लू ने कहा कुशीनगर पुलिस ऊपरी दबाव में मेरे ऊपर बयान दे रही है<br />लल्लू ने कहा- मैं पूछ ताछ का पूरा और माकूल जवाब दूँगा <br />लल्लू ने कहा- पुलिस सही जाँच करें</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड 50 महिलाओं को दिया शादी का झांसा, फिर की लाखों की ठगी, दिल्ली से दबोचा गया रियल लाइफ ‘रिकी बहल’
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पलवल में शराब न मंगवाने पर किसान की हत्या:खेतों में फेंका शव; बेटे को कॉल कर कहा था- ये लोग जबरदस्ती बीयर पिला रहे
पलवल में शराब न मंगवाने पर किसान की हत्या:खेतों में फेंका शव; बेटे को कॉल कर कहा था- ये लोग जबरदस्ती बीयर पिला रहे हरियाणा के पलवल में रविवार देर रात शराब न मंगवाने पर किसान की हत्या कर दी गई। इसके बाद उसके शव को ईख के खेत में फेंककर फरार हो गए। सोमवार देर रात हसनपुर थाना पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर 3 नामजद सहित 5 के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। साथ ही शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। हसनपुर थाना प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि चांदहट गांव निवासी नरेंद्र ने शिकायत में कहा कि उसके पिता धर्मवीर ने सहदेव का नंगला गांव में पट्टे पर जमीन लेकर खेतीबाड़ी करते थे और वहीं पर रहते थे। पिता ने उसे कॉल कर बताया कि सहदेव का नंगला गांव निवासी पेप्सी, गुलशन, टिंकू व 2 अन्य ने मिलकर उसे जबरदस्ती शराब में बीयर मिलाकर दी है। अब कह रहे हैं कि शराब मंगवा दे वर्ना हम सभी तुझे मारकर ईख के खेत में डाल देंगे। इसके बाद पिता का फोन कट गया। पिता से मिलने खेत में पहुंचा नरेंद्र ने आगे कहा कि उसने अगले दिन अपने पिता के पास फोन मिलाया तो फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इसके बाद वह, खेत मालिक कर्मचारी और भूपेंद्र खेतों पर पिता धर्मवीर से मिलने के लिए चले गए। खेतों के पास बने कोठरे पर पिता नहीं मिले तो उन्होंने आसपास तलाश की। ट्यूबवैल से 100 मीटर दूर मिली लाश ट्यूबवैल से करीब 100 मीटर दूर ईख के खेत में उसके पिता धर्मवीर की लाश पड़ी हुई मिली। जिसको देखते ही उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और उसने तुरंत डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर हसनपुर थाना पुलिस की गाड़ी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मौके पर एफएसएल टीम को बुला लिया। जांच करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस बोली- जल्द गिरफ्तार करेंगे हसनपुर थाना पुलिस ने इस संबंध में मृतक धर्मवीर के बेटे नरेंद्र की शिकायत पर पेप्सी, गुलशन, टिंकू व 2 अन्य के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि हत्यारोपियों की तलाश की जा रही है, जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जेल से रिहा हुए पूर्व बीजेपी विधायक उदयभान सिंह करवरिया, सपा ने जताया ऐतराज
जेल से रिहा हुए पूर्व बीजेपी विधायक उदयभान सिंह करवरिया, सपा ने जताया ऐतराज <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर पंडित की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया 25 जुलाई को जेल से रिहा हो गए. यह रिहाई यूपी सरकार की सिफारिश पर गवर्नर द्वारा उनकी बाकी सजा को माफ कर दिए जाने की वजह से हुई है. हालांकि सपा विधायक की हत्या में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद उम्र कैद की सजा काट रहे बीजेपी नेता की सजा माफ़ी के आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई आज सुबह तकरीबन आठ बजे हुई. वह 8 साल 9 महीने बाद जेल से रिहा हुए. इस अवधि में उन्हें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया था. उदयभान की जेल से रिहाई के वक्त उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नीलम करवरिया भी जेल के बाहर मौजूद थीं. जेल से बाहर आने पर समर्थकों ने उन्हें फूलों की माला पहनाई. घर पहुंचने पर भी समर्थकों ने खुशियां मनाई. उम्रकैद की सजा पर शासन ने 19 जुलाई को समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया था. योगी सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने उदयभान करवरिया की उम्र कैद की बाकी सजा को माफ कर दिया था. इसके बाद पूर्व विधायक की किसी अन्य मामले में कस्टडी नहीं होने की रिपोर्ट भेजी गई थी. कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आज सुबह उदयभान को जेल से रिहा कर दिया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधायक की रिहाई पर सपा ने जताया ऐतराज</strong><br />हालांकि योगी सरकार के सजा माफी कराए जाने के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मौत के घाट उतारे गए पूर्व विधायक जवाहर पंडित के परिवार वालों और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. विधायक की हत्या जैसे गंभीर आरोपों में दोषी करार दिए गए सजायाफ्ता कैदी को माफी दिए जाने पर एतराज बताया है. परिजनों और विपक्षी नेताओं का कहना है कि योगी सरकार एक तरफ कानून व्यवस्था की दुहाई देती है और दूसरी तरफ विधायक की हत्या के दोषी बीजेपी नेता को कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल से रिहा कराने का काम करती है. उम्र कैद की सजा काट रहा मुलजिम बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक है, इसलिए उसकी सजा माफ कराई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या साल 1996 के अगस्त महीने में शहर के पाश इलाके सिविल लाइंस में एक-47 से हुए हमले में की गई थी. इस हमले में करवरिया परिवार के कई सदस्य आरोपी बनाए गए थे. मौत के घाट उतारे गए विधायक जवाहर पंडित का परिवार योगी सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती देने की तैयारी में है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2002 और 2007 में चुने गए थे विधायक</strong><br />उदयभान करवरिया 2002 और 2007 में प्रयागराज की बारा सीट से बीजेपी का टिकट पर विधायक चुने गए थे. उनकी पत्नी उदयभान करवरिया 2017 में बीजेपी के टिकट पर मेजा सीट से विधायक निर्वाचित हुई थी. समाजवादी पार्टी के विधायक रहे जवाहर पंडित मर्डर केस में उदयभान के बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया समेत परिवार के कई अन्य लोग अब भी जेल में है. सपा विधायक के मर्डर केस में राजस्थान के मौजूदा गवर्नर कलराज मिश्र ने भी उदयभान करवरिया के बचाव में गवाही दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/heavy-rain-alerts-in-uttar-pradesh-many-districts-in-noida-ghaziabad-agra-2745288″><strong>नोएडा-गाजियाबाद में सुबह से झमाझम बारिश, इन जिलों में भी जारी की गई चेतावनी, जानें- मौसम अपडेट</strong></a></p>
कपूरथला की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का कब्जा रहेगा बरकरार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, कहा- ग्राम पंचायत की याचिका खारिज
कपूरथला की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का कब्जा रहेगा बरकरार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला, कहा- ग्राम पंचायत की याचिका खारिज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला के बुधो पुंधेर गांव में एक संपत्ति पर पंजाब वक्फ बोर्ड के दावे को बरकरार रखा है, जिसमें एक मस्जिद, कब्रिस्तान और तकिया शामिल है। कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि राजस्व अभिलेखों में भूमि को तकिया, कब्रिस्तान और मस्जिद के रूप में घोषित करने वाली किसी भी प्रविष्टि को संरक्षित किया जाना आवश्यक है। भले ही मुस्लिम समुदाय द्वारा लंबे समय से इसका उपयोग न किया गया हो। कोर्ट ने ग्राम पंचायत द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय को चुनौती दी गई थी। ट्रिब्यूनल ने भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित किया था और ग्राम पंचायत को इसके कब्जे में दखल देने से रोक दिया था। 3 प्रविष्टि को माना जाता है निर्णायक : कोर्ट जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि, राजस्व अभिलेखों में भूमि को तकिया, कब्रिस्तान और मस्जिद के रूप में घोषित करने वाली 3 प्रविष्टि को निर्णायक माना जाता है। मुस्लिम समुदाय द्वारा लंबे समय से इसका उपयोग न करने के बावजूद, संबंधित स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवादित भूमि महाराजा कपूरथला द्वारा दान की गई थी और 1922 में इसे 14 कटक पर सूबे शाह के बेटों निक्के शा और स्लामत शा को तकिया, कब्रिस्तान और मस्जिद के रूप में घोषित किया गया था। विभाजन के बाद शा बंधु पाकिस्तान चले गए और भूमि का नाम ग्राम पंचायत के नाम पर दर्ज कर दिया गया। कोर्ट ने वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय को सही ठहराते हुए ग्राम पंचायत को भूमि पर किसी भी प्रकार का कब्जा करने से रोकने के आदेश दिए।