जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की हादसे में हुई मौत के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी शव यात्रा प्रेम मंदिर से शुरू हो गई है। यह यात्रा यमुना तट पर जाएगी। जहां विधि विधान से उनका कुछ देर में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी को यमुना तट पर मुखाग्नि दी जाएगी। यहां उनको मुखाग्नि उनके भाई का बेटा देगा। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पांच पंडित कराएंगे। पंडित राधा विनोद और गोविंद मिश्र के नेतृत्व में अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह रहेगा मार्ग डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा प्रेम मंदिर परिसर स्थित प्रेम भवन से शुरू होकर रमणरेती,इस्कॉन मंदिर के सामने से होते हुए जगदगुरु कृपालु महाराज के पुराने आश्रम श्यामा श्याम धाम पहुंचेगी। यहां से बांके बिहारी,वनखंडी, लोई बाजार,रेतिया बाजार,चुंगी चौराहा,रंगनाथ मंदिर होते हुए यमुना तट पर पहुंचेगी। जहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। पांच तरह की 16 मन लकड़ियों का किया जायेगा प्रयोग डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के अंतिम संस्कार में पांच तरह की लकड़ी प्रयोग की जाएगी। इसमें पीपल,गुलर,आम,तुलसी और चंदन की लकड़ी होगी। इसके अलावा 21 पीपा गाय का शुद्ध देसी घी अंतिम संस्कार में प्रयोग किया जाएगा। शव यात्रा के दौरान 1100 किलो फूल के अलावा मखाना आदि उनके पार्थिव शरीर पर डाले जायेंगे। शव यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में अनुयायी वृंदावन पहुंचे हैं। शव यात्रा के दौरान रहेंगे सुरक्षा के इंतजाम जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। वृंदावन कोतवाली प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि इसके लिए C O के अलावा 5 थाना प्रभारी, 10 से ज्यादा चौकी प्रभारी और कॉन्स्टेबल तैनात हैं। जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की हादसे में हुई मौत के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी शव यात्रा प्रेम मंदिर से शुरू हो गई है। यह यात्रा यमुना तट पर जाएगी। जहां विधि विधान से उनका कुछ देर में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी को यमुना तट पर मुखाग्नि दी जाएगी। यहां उनको मुखाग्नि उनके भाई का बेटा देगा। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पांच पंडित कराएंगे। पंडित राधा विनोद और गोविंद मिश्र के नेतृत्व में अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह रहेगा मार्ग डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की शव यात्रा प्रेम मंदिर परिसर स्थित प्रेम भवन से शुरू होकर रमणरेती,इस्कॉन मंदिर के सामने से होते हुए जगदगुरु कृपालु महाराज के पुराने आश्रम श्यामा श्याम धाम पहुंचेगी। यहां से बांके बिहारी,वनखंडी, लोई बाजार,रेतिया बाजार,चुंगी चौराहा,रंगनाथ मंदिर होते हुए यमुना तट पर पहुंचेगी। जहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। पांच तरह की 16 मन लकड़ियों का किया जायेगा प्रयोग डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के अंतिम संस्कार में पांच तरह की लकड़ी प्रयोग की जाएगी। इसमें पीपल,गुलर,आम,तुलसी और चंदन की लकड़ी होगी। इसके अलावा 21 पीपा गाय का शुद्ध देसी घी अंतिम संस्कार में प्रयोग किया जाएगा। शव यात्रा के दौरान 1100 किलो फूल के अलावा मखाना आदि उनके पार्थिव शरीर पर डाले जायेंगे। शव यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में अनुयायी वृंदावन पहुंचे हैं। शव यात्रा के दौरान रहेंगे सुरक्षा के इंतजाम जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। वृंदावन कोतवाली प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि इसके लिए C O के अलावा 5 थाना प्रभारी, 10 से ज्यादा चौकी प्रभारी और कॉन्स्टेबल तैनात हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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