<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News Today:</strong> प्रयागराज में जारी महाकुंभ के कई रुप देखने को मिल रहे हैं. अब तक मां गंगा, जमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर करोड़ों भक्त पवित्र आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ में अलग-अलग रूपों में एक रूप कृष्णदासी का भी है, जो पिछले 60 सालों से नर सेवा ही नारायण सेवा के मूल मंत्र पर काम कर रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने महिलाओं, अनाथों और संतों की सेवा के लिए अपना घर मात्र 16 साल की आयु में छोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि धर्म कर्म करने की किसको इच्छा नहीं होती, लेकिन घर में इस बात की आजादी नहीं थी. इसलिए घर छोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी कहती हैं कि “यह गुण साधन ते नहीं होई, तुम्हरी कृपा पाव कोई कोई.” उन्होंने आगे इसका अर्थ समझाते हुए कहा, “सब परमातमा की कृपा से मिलता है, जब प्रभु चाहेंगे तभी आप सेवा कर सकते हैं. प्रभु ही मुझे सेवा में लेकर आये हैं और करवा रहे हैं. इसलिए हम कर रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रभु सेवा के लिए छोड़ा घर</strong><br />कृष्णदासी मूल रूप से चित्रकूट के बांदा जिले की रहने वाली है. उनके परिवार में माता-पिता, भाई-भतीजे सब हैं. इसलिए उनका वहां पर मन नहीं लगता था. उन्होंने कहा कि मन में लोगों की सेवा करने का भाव था, पर घर वाले अनुमति नहीं देते थे. उन्होंने कहा कि एक रात अचानक 12 बजे घर छोड़ दिया और निकल लिए प्रभु सेवा के लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने कहा कि घर से निकलने के बाद वे प्रयाग गई और फिर वहां वृंदावन गई. वह वृंदावन में 12 साल तक रहकर लोगों की सेवा करती रहीं. उनका कहना है कि वृंदावन में उन्हें भगवान कृष्ण ने बुलाया, आश्रय दिया, आंसू पोंछे और अपनी शरण दी. फिर उसके बाद महादेव की नगरी काशी पहुंची. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ में भी लोगों की सेवा के लिए कृष्णदासी ने कैंप लगाया है और यह कैंप पिछले 40 सालों से कुंभ में और माघी पूर्णिमा में लगता है. उन्होंने कहा कि अच्छे काम में बाधाएं आती हैं, लोग रोकते हैं पर ईश्वर आगे बढ़ाता है. उन्होंने अपने गुरु के बारे में बताया कि उनके गुरु श्री 1008 महंत हनुमान दास गुरु जी हैं और उन्होंने लोगों की सेवा के लिए उनको प्रेरित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’माता कुमाता नहीं होती'</strong><br />एक रोचक किस्से का जिक्र करते हुए कृष्णदासी ने कहा, “कई महिलाएं गुरु जी पास शरण लेने के लिए आती हैं.” उन्होंने कहा, “इसी तरह से पिछले दिनों एक महिला आई थी. महिला ने बताया कि उसके बेटे-बहू दोनों उसकी पिटाई करते हैं, लेकिन एक महीने बाद वह अपने परिवार के पास वापस जाने लगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने आगे बताया कि जब उन्होंने उससे पूछा कि जब परिवार मारता है तो क्यों जा रही हो? तो उसने जवाब दिया कि अपने हैं तो मार रहे हैं और ना होते तो कैसे मारते. उन्होंने कहा पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नहीं होती है. ऐसे ही यहां पर कई कहानियां देखने को मिलती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विधवा को नहीं करनी चाहिए शादी'</strong><br />हालांकि कृष्णदासी का विधवा महिलाओं के दोबारा शादी करने को लेकर अलग विचार हैं. उनका कहना है कि एक बार कोई महिला विधवा हो गई तो उसे दोबारा शादी नहीं करनी चाहिए. अगर एक बार किसी की जान चली गई तो उसको दोबारा शादी नहीं करनी चाहिए. हमें अपने धर्म के मुताबिक रहना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने कहा कि सनातन धर्म में एक शादी की बात कही गई है. अगर एक मर गया तो दूसरा भी तो मर सकता है. हमारे भाग्य में जो लिखा है टल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि आजकल महिलाएं एक शादी के बाद दूसरी शादी और फिर तीसरी शादी कर लेती हैं. सबका अपना विचार है, जिसको जो अच्छा लगता है वह करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”संभल हिंसा का PAK कनेक्शन! पाकिस्तानी मौलाना से युवक ने पूछा मारे गए लोग शहीद हैं या नहीं?” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-violence-pakistan-connection-pakistani-maulana-video-a-youth-dead-were-martyrs-or-not-ann-2865101″ target=”_blank” rel=”noopener”>संभल हिंसा का PAK कनेक्शन! पाकिस्तानी मौलाना से युवक ने पूछा मारे गए लोग शहीद हैं या नहीं?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News Today:</strong> प्रयागराज में जारी महाकुंभ के कई रुप देखने को मिल रहे हैं. अब तक मां गंगा, जमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर करोड़ों भक्त पवित्र आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ में अलग-अलग रूपों में एक रूप कृष्णदासी का भी है, जो पिछले 60 सालों से नर सेवा ही नारायण सेवा के मूल मंत्र पर काम कर रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने महिलाओं, अनाथों और संतों की सेवा के लिए अपना घर मात्र 16 साल की आयु में छोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि धर्म कर्म करने की किसको इच्छा नहीं होती, लेकिन घर में इस बात की आजादी नहीं थी. इसलिए घर छोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी कहती हैं कि “यह गुण साधन ते नहीं होई, तुम्हरी कृपा पाव कोई कोई.” उन्होंने आगे इसका अर्थ समझाते हुए कहा, “सब परमातमा की कृपा से मिलता है, जब प्रभु चाहेंगे तभी आप सेवा कर सकते हैं. प्रभु ही मुझे सेवा में लेकर आये हैं और करवा रहे हैं. इसलिए हम कर रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रभु सेवा के लिए छोड़ा घर</strong><br />कृष्णदासी मूल रूप से चित्रकूट के बांदा जिले की रहने वाली है. उनके परिवार में माता-पिता, भाई-भतीजे सब हैं. इसलिए उनका वहां पर मन नहीं लगता था. उन्होंने कहा कि मन में लोगों की सेवा करने का भाव था, पर घर वाले अनुमति नहीं देते थे. उन्होंने कहा कि एक रात अचानक 12 बजे घर छोड़ दिया और निकल लिए प्रभु सेवा के लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने कहा कि घर से निकलने के बाद वे प्रयाग गई और फिर वहां वृंदावन गई. वह वृंदावन में 12 साल तक रहकर लोगों की सेवा करती रहीं. उनका कहना है कि वृंदावन में उन्हें भगवान कृष्ण ने बुलाया, आश्रय दिया, आंसू पोंछे और अपनी शरण दी. फिर उसके बाद महादेव की नगरी काशी पहुंची. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ में भी लोगों की सेवा के लिए कृष्णदासी ने कैंप लगाया है और यह कैंप पिछले 40 सालों से कुंभ में और माघी पूर्णिमा में लगता है. उन्होंने कहा कि अच्छे काम में बाधाएं आती हैं, लोग रोकते हैं पर ईश्वर आगे बढ़ाता है. उन्होंने अपने गुरु के बारे में बताया कि उनके गुरु श्री 1008 महंत हनुमान दास गुरु जी हैं और उन्होंने लोगों की सेवा के लिए उनको प्रेरित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’माता कुमाता नहीं होती'</strong><br />एक रोचक किस्से का जिक्र करते हुए कृष्णदासी ने कहा, “कई महिलाएं गुरु जी पास शरण लेने के लिए आती हैं.” उन्होंने कहा, “इसी तरह से पिछले दिनों एक महिला आई थी. महिला ने बताया कि उसके बेटे-बहू दोनों उसकी पिटाई करते हैं, लेकिन एक महीने बाद वह अपने परिवार के पास वापस जाने लगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने आगे बताया कि जब उन्होंने उससे पूछा कि जब परिवार मारता है तो क्यों जा रही हो? तो उसने जवाब दिया कि अपने हैं तो मार रहे हैं और ना होते तो कैसे मारते. उन्होंने कहा पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नहीं होती है. ऐसे ही यहां पर कई कहानियां देखने को मिलती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विधवा को नहीं करनी चाहिए शादी'</strong><br />हालांकि कृष्णदासी का विधवा महिलाओं के दोबारा शादी करने को लेकर अलग विचार हैं. उनका कहना है कि एक बार कोई महिला विधवा हो गई तो उसे दोबारा शादी नहीं करनी चाहिए. अगर एक बार किसी की जान चली गई तो उसको दोबारा शादी नहीं करनी चाहिए. हमें अपने धर्म के मुताबिक रहना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कृष्णदासी ने कहा कि सनातन धर्म में एक शादी की बात कही गई है. अगर एक मर गया तो दूसरा भी तो मर सकता है. हमारे भाग्य में जो लिखा है टल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि आजकल महिलाएं एक शादी के बाद दूसरी शादी और फिर तीसरी शादी कर लेती हैं. सबका अपना विचार है, जिसको जो अच्छा लगता है वह करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”संभल हिंसा का PAK कनेक्शन! पाकिस्तानी मौलाना से युवक ने पूछा मारे गए लोग शहीद हैं या नहीं?” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-violence-pakistan-connection-pakistani-maulana-video-a-youth-dead-were-martyrs-or-not-ann-2865101″ target=”_blank” rel=”noopener”>संभल हिंसा का PAK कनेक्शन! पाकिस्तानी मौलाना से युवक ने पूछा मारे गए लोग शहीद हैं या नहीं?</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बेटी की शादी कराने के लिए बाप बन गया बदमाश, व्यापारी से मांगी 50 लाख की फिरौती और कार