केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बीते दिन हुए निकाय चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बिट्टू ने आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी और अशोक पराशर पप्पी पर तंज कसा। बिट्टू ने कहा कि विधायक गुरप्रीत गोगी और अशोक पराशर पप्पी इधर-उधर की बातें ज्यादा करते थे। हमेशा मेरे खिलाफ बोलते थे, निगम चुनाव में दोनों की पत्नियां चुनाव हार गई है। उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी इसी तरह बोलते थे, उनकी पत्नी अमृता वड़िंग गिद्दड़बाहा से हार गई थी। इधर-उधर की बातें करने वालों के साथ ही ऐसे होता केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने कहा कि पत्नियों का हारना नव वर्ष की शुरुआत है। इधर-उधर की बातें करने वालों के साथ ऐसे ही होता है। भाजपा ने पहली बार पूरे पंजाब में निकाय चुनाव लड़ा है। पहले जब शिअद के साथ भाजपा का गठबंधन था, तब 10 सीटें लुधियाना में भाजपा जीती थी। इस बार अकेले चुनाव लड़े है तो 20 सीटें भाजपा ने हासिल की है। कांग्रेस 63 में से 30 पर आ गई कांग्रेस पार्टी 63 सीटें से सीधा आधे 30 पर आ गई है। कांग्रेस का लुधियाना में ग्राफ गिर गया है। भाजपा के पास समय की बहुत कमी थी। भाजपा की लुधियाना में 95 सीटों नुमाइंदे आ गए है। इसी तरह बाकी शहरों में भी भाजपा मजबूत हो रही है। सभी पदाधिकारियों से अनुरोध है। वार्ड मंडल प्रधानों की भी डयूटी है सरकार के आगे अब विपक्ष का रोल अदा करे। कल से ही सभी वर्कर और पदाधिकारी सरकारी की गलत नीतियों का विरोध शुरू कर दे। जिन लोगों के साथ धक्केशाही हो रही है उनके साथ खड़े। केन्द्र की योजनाओं को भाजपा वर्कर घर-घर पहुंचाए। विधायकों को भी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने नजदीक तक नहीं लगने दिया। आम आदमी पार्टी के विधायक अपनी पत्नियों को मेयर बनाना चाहते थे, लेकिन उनके सपने पूरे नहीं हुए। इस कारण अब लोगों के साथ धक्केशाही होगी। केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बीते दिन हुए निकाय चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बिट्टू ने आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी और अशोक पराशर पप्पी पर तंज कसा। बिट्टू ने कहा कि विधायक गुरप्रीत गोगी और अशोक पराशर पप्पी इधर-उधर की बातें ज्यादा करते थे। हमेशा मेरे खिलाफ बोलते थे, निगम चुनाव में दोनों की पत्नियां चुनाव हार गई है। उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी इसी तरह बोलते थे, उनकी पत्नी अमृता वड़िंग गिद्दड़बाहा से हार गई थी। इधर-उधर की बातें करने वालों के साथ ही ऐसे होता केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने कहा कि पत्नियों का हारना नव वर्ष की शुरुआत है। इधर-उधर की बातें करने वालों के साथ ऐसे ही होता है। भाजपा ने पहली बार पूरे पंजाब में निकाय चुनाव लड़ा है। पहले जब शिअद के साथ भाजपा का गठबंधन था, तब 10 सीटें लुधियाना में भाजपा जीती थी। इस बार अकेले चुनाव लड़े है तो 20 सीटें भाजपा ने हासिल की है। कांग्रेस 63 में से 30 पर आ गई कांग्रेस पार्टी 63 सीटें से सीधा आधे 30 पर आ गई है। कांग्रेस का लुधियाना में ग्राफ गिर गया है। भाजपा के पास समय की बहुत कमी थी। भाजपा की लुधियाना में 95 सीटों नुमाइंदे आ गए है। इसी तरह बाकी शहरों में भी भाजपा मजबूत हो रही है। सभी पदाधिकारियों से अनुरोध है। वार्ड मंडल प्रधानों की भी डयूटी है सरकार के आगे अब विपक्ष का रोल अदा करे। कल से ही सभी वर्कर और पदाधिकारी सरकारी की गलत नीतियों का विरोध शुरू कर दे। जिन लोगों के साथ धक्केशाही हो रही है उनके साथ खड़े। केन्द्र की योजनाओं को भाजपा वर्कर घर-घर पहुंचाए। विधायकों को भी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने नजदीक तक नहीं लगने दिया। आम आदमी पार्टी के विधायक अपनी पत्नियों को मेयर बनाना चाहते थे, लेकिन उनके सपने पूरे नहीं हुए। इस कारण अब लोगों के साथ धक्केशाही होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पुलिस हिरासत से छूटे डल्लेवाल मरणव्रत पर बैठे:बोले- मुझे नजरबंद रखा गया, दवा देने और टेस्ट करने की कोशिशें की
पुलिस हिरासत से छूटे डल्लेवाल मरणव्रत पर बैठे:बोले- मुझे नजरबंद रखा गया, दवा देने और टेस्ट करने की कोशिशें की किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल शुक्रवार देर शाम रिहा हो गए। इसके बाद वह खनौरी बॉर्डर पहुंचे। अब खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल और सुखजीत सिंह हरदो झंडे मरणव्रत जारी रखेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के पास बातचीत के लिए 5 दिन का समय है। 6 दिसंबर को तय कार्यक्रम के अनुसार किसान दिल्ली कूच करेंगे। जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आज दोनों फोरम की खनौरी बॉर्डर पर बैठक होगी। जिसमें एक दिसंबर को संगरूर में होने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान के निवास के घेराव कार्यक्रम पर फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मुझे रात खनौरी से उठाया और अस्पताल में दाखिल किया। मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी। दूसरे मरीजों को भी मोबाइल नहीं लाने दिया। सच्चाई ये थी कि मुझे यहां नजरबंद रखा गया। मैं किसानों की मेहनत की वजह से बाहर आया हूं। ये लोग बहुत कोशिश करते रहे कि मुझे ट्रीटमेंट दे दें। ब्लड टेस्ट, दवा देने, टेस्ट करने की कई कोशिशें की। अगर मुझे मरणव्रत पर नहीं बैठना होता तो पुलिसवालों की चाय पी लेता। बोले- हमारा पंजाब से कोई झगड़ा नहीं डल्लेवाल ने आगे कहा कि लड़ाई 13 फरवरी से शुरू हुई। ये लड़ाई किसानी का फ्यूचर बचाने के लिए है। इस लड़ाई को शांतिमय तरीके से ऊपर ले जाने का एक ही तरीका बचता है कि नेता अपने प्राणों की आहूति देने की तैयारी करें। पंजाब सरकार ने जो किया, वो केंद्र की बुक्कल में बैठकर किया। हमारा पंजाब से कोई झगड़ा ही नहीं है। पंजाब सरकार को हमसे कोई लेना देना ही नहीं है। आज जब मुझे रिहा होना था तो इससे पहले अस्पताल की महिला स्टाफ ने मुझे पोते का वीडियो दिखाया। इस पर उस बेचारी का नंबर लग गया कि उसने उसने मुझे वीडियो क्यों दिखाया। मेडिकल बुलेटिन जारी करने वाले डॉक्टरों को मेरे सामने लाओ कि मेरा मेडिकल कहां हुआ है। कब मेरे टेस्ट हुए। मुझे इस दौरान कई बार कहा गया कि अनशन छोड़ दो। मेरे साथ सबसे ज्यादा बुरा यह हुआ कि दूसरे मरीजों को परेशान किया। आंदोलन को रोकने के लिए ये सब किया गया एक दिसंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया 26 नवंबर को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करना था। इससे पहले रात 2 बजे पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें खनौरी बॉर्डर पर टेंट से हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें लुधियाना के DMC अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डल्लेवाल ने वहां अपना अनशन शुरू कर दिया। इसके विरोध में 28 नवंबर को किसानों ने 1 दिसंबर को संगरूर में सीएम भगवंत मान के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला लिया था। उनका आरोप है कि उनकी लड़ाई 10 महीने से केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ चल रही थी, लेकिन पंजाब सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया। किसान नेताओं ने कहा कि वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हिरासत में लेने से यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार की तरह पंजाब सरकार भी आंदोलन को दबाने में लगी हुई है। सीएम भगवंत मान पहले कहते थे कि मैं किसानों का वकील हूं। मैं किसानों की तरफ से बोलता हूं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के मुद्दों को हल करवाने के लिए चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया था। अब सीएम को बताना चाहिए कि उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर अब तक केंद्र से क्या चर्चा की है। पंधेर बोले- 6 को दिल्ली कूच करेंगे सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच की तैयारी में हैं और हर जिले में किसानों को इसके लिए लामबंद किया जा रहा है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, केंद्र के खिलाफ किसानों की लामबंदी तेज होती जा रही है। केंद्र के साथ-साथ किसान अब राज्य सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोल रहे हैं।