कैथल में सीआईए ने चीका से अवैध शराब से भरी पिकअप को जब्त किया है। जिसके अंदर 46 पेटी देसी व अंग्रेजी शराब बरामद की गई है। वहीं आरोपी गाड़ी छोड़कर मौके से भाग गए हैं। पुलिस ने गुहला थाने में दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिनकी पहचान धर्मेंद्र निवासी टटीयाना और महिपाल निवासी भुना के रूप में हुई है। आरोपी धर्मेंद्र काफी समय से चीका के एक ठेके पर नौकरी कर रहा है। जबकि दूसरा आरोपी महिपाल भी शराब के धंधे से जुड़ा हुआ है। सीआईए पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि धर्मेंद्र व महिपाल चीका की तरफ से एक पिकअप में अवैध शराब लेकर जा रहे हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुहला-चीका स्थित एक सरकारी स्कूल के पास गाड़ी को पकड़ लिया। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है कैथल में सीआईए ने चीका से अवैध शराब से भरी पिकअप को जब्त किया है। जिसके अंदर 46 पेटी देसी व अंग्रेजी शराब बरामद की गई है। वहीं आरोपी गाड़ी छोड़कर मौके से भाग गए हैं। पुलिस ने गुहला थाने में दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिनकी पहचान धर्मेंद्र निवासी टटीयाना और महिपाल निवासी भुना के रूप में हुई है। आरोपी धर्मेंद्र काफी समय से चीका के एक ठेके पर नौकरी कर रहा है। जबकि दूसरा आरोपी महिपाल भी शराब के धंधे से जुड़ा हुआ है। सीआईए पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि धर्मेंद्र व महिपाल चीका की तरफ से एक पिकअप में अवैध शराब लेकर जा रहे हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुहला-चीका स्थित एक सरकारी स्कूल के पास गाड़ी को पकड़ लिया। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में गौमांस के शक में युवकों की धुनाई:ऑटो में मांस देख भड़के लोग; होटल में सप्लाई देने जा रहे थे
फरीदाबाद में गौमांस के शक में युवकों की धुनाई:ऑटो में मांस देख भड़के लोग; होटल में सप्लाई देने जा रहे थे हरियाणा के फरीदाबाद के नेशनल हाईवे नंबर 19 स्थित सोहना फ्लाई ओवर के पास एक ऑटो में गौ मांस होने की सूचना पर हंगामा हो गया। लोगों ने ऑटो ड्राइवर और उसके साथ बैठे सहयोगी को पकड़ लिया और इसके बाद ड्राइवर की जमकर पिटाई कर दी। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ऑटो, ड्राइवर व मांस को साथ ले गई। कहा जा रहा कि वे मांस की सप्लाई लेकर एक होटल जा रहे थे। पुलिस छानबीन कर रही है। मांस को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। बजरंग दल के सदस्य अनुज ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि एक ऑटो में दो युवक गौ मांस ले जा रहे हैं। लोगों ने उनको सोहना फ्लाई ओवर के पास पकड़ लिया है । जब वे मौके पर पहुंचे तो पब्लिक उन दोनों की पिटाई कर रही थी। उन दोनों युवकों को लोगों से छुड़वाया। मामले की सूचना स्थानीय बस अड्डा पुलिस चौकी को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों युवकों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह इस मांस को गांव फतेहपुर तगा से लेकर आए थे और बिस्मिल्लाह होटल पर उन्हें इसकी सप्लाई करनी थी। फिलहाल ऑटो में मिले मांस को भी पुलिस ने ऑटो सहित कब्जे में ले लिया है। वहीं इस मामले में बस अड्डा चौकी इंचार्ज चमन ने जानकारी दी कि पुलिस का ऑपरेशन आक्रमण अभियान चल रहा था। चौकी मे तैनात इंस्पेक्टर शीशराम गश्त पर थे। उनको जानकारी मिली कि सोहना फ्लाई ओवर के पास एक ऑटो को पकड़ा हुआ है। इसमें गौ मांस भरा हुआ है। शीश राम मौके पर पहुंचे और दोनों युवकों को पब्लिक से छुड़वा कर चौकी में लेकर आए। फिलहाल इसकी जानकारी सीनियर अधिकारियों को दे दी गई है। वेटरनरी की टीम के डॉक्टर ही जांच के बाद यह स्पष्ट कर पाएंगे कि क्या यह गौ मांस है या अन्य किसी पशु का। इसके बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कुरुक्षेत्र में नहर में गिरी मारुति कार:शीशा खोल कर बाहर निकला ड्राइवर; गोताखोरों ने शुरू की गाड़ी की तलाश
कुरुक्षेत्र में नहर में गिरी मारुति कार:शीशा खोल कर बाहर निकला ड्राइवर; गोताखोरों ने शुरू की गाड़ी की तलाश हरियाणा के कुरुक्षेत्र के झांसा के ठोल रोड पर बीती रात एक मारुति कार बेकाबू होकर नरवाना ब्रांच नहर में जा गिरी। गनीमत रही कि इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। ड्राइवर कार के शीशे को खोलकर नहर से तैर कर बाहर आ गया। हालांकि उसकी कार नहर में आगे बह गई। गोताखोर प्रगट सिंह की टीम कार की तलाश कर रही है। ड्राइवर ने मौके पर बुला लिए परिजन हरप्रीत ने बताया कि उसका भाई गुरप्रीत सिंह फर्नीचर बनाने का काम करता है। बीती शाम उसका भी किसी काम से घर के लिए निकला था। रात करीब 9 बजे उसके भाई ने उसे कॉल करके बताया कि उसकी कार नहर में गिर गई थी। वह तैर कर नहर से निकल आया और कार पानी के साथ आगे बह गई। वह मौके पर पहुंचा और अपने भाई को साथ घर ले गया। सामने से अचानक उसके भाई की कार के आगे कोई वाहन आ गया। इस कारण उसके भाई का कार से नियंत्रण हट गया और कार बेकाबू होकर नहर में गिर गई। कार की चल रही तलाश गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि उनको नहर में कार गिरने की सूचना मिली थी। उनकी टीम ने नहर में सर्च अभियान चला रही है। अंधेरे के कारण चालक को कार के गिरने की जगह का पता नहीं चल रहा है। अभी उनकी टीम कार की तलाश कर रही है।
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब हरियाणा विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे। पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालने के साथ ही वह पार्टी की रणनीति को भी जमीन पर उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। केजरीवाल के हरियाणा में एक्टिव होने से BJP और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ना तय मानी जा रही है। वह इसलिए है कि हरियाणा में बीजेपी 10 साल से सरकार चला रही है। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस और बीजेपी में ही अभी सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा है। हालांकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP ने भी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। AAP को चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और बीजेपी के बागी नेताओं से उम्मीदें हैं। 2019 से इतर इस बार AAP ने अपने संगठन का विस्तार भी कर लिया और कई इलाकों में मजबूत पकड़ भी बनाई है। दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई की टाइमिंग हरियाणा चुनाव के हिसाब से परफेक्ट है। फिलहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मोर्चा संभाले देखी गई हैं और केजरीवाल की गैरमौजूदगी में धुआंधार प्रचार कर रहीं थीं। अब हरियाणा चुनाव में पूरी ताकत से पार्टी उतरने की तैयारी कर रही है। चूंकि, हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया है।हरियाणा में आम आदमी पार्टी का संगठन दिल्ली और पंजाब की तुलना में काफी कमजोर है और ऐसे में केजरीवाल की कैंपेनिंग से ही उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा उम्मीद है। चुनाव में AAP के ये होंगे प्लस प्वाइंट… 1. केजरीवाल का हरियाणा उनका अपना गृह राज्य है। केजरीवाल का हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते आए हैं। 2. केजरीवाल को दिल्ली वालों की नब्ज पहचानने में माहिर माना जाता है। उन्होंने हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी अपनी पार्टी की सरकार बनवाकर इतिहास बनाया है। अब दिल्ली और पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा पर फोकस है। 3. AAP नेता अपने चुनावी प्रचार में इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं। केजरीवाल भी अपने चुनावी अभियान में इसे मुद्दा बना सकते हैं और आम जनता में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। 4. केजरीवाल की रिहाई से AAP को बूस्टर मिला है। इससे संगठन एकजुट हुआ है, अपने सबसे बड़े चेहरे के जरिए बीजेपी और कांग्रेस को घेरने में मदद मिल सकेगी। AAP बड़े स्तर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है और नुकसान पहुंचा सकती है। 5. एक फैक्ट यह भी है कि हरियाणा में कुछ बड़े नेताओं के परिवार ऐसे हैं, जो नाराज चल रहे हैं। इन्हें बीजेपी और कांग्रेस दोनों से टिकट नहीं मिला है। संभव है कि ऐसे नाराज नेता AAP के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यहां पढ़िए कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों दिक्कतें खड़ी करेगी AAP शहरी वोटरों पर केजरीवाल की अच्छी पकड़ कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के लिए भी यह टेंशन होगी कि AAP उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जानकार कहते हैं कि केजरीवाल की रिहाई को बीजेपी के लिए भी राहत नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि, बीजेपी का शहरी इलाके में अच्छा खासा वोट बैंक है और AAP भी शहरी इलाके में पकड़ बना रही है। संभव है कि आप केजरीवाल के जरिए शहरी वोटर्स में सेंध लगा सकती है, इससे बीजेपी का नुकसान हो सकता है। खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला करीबी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। कांग्रेस को 8 से 10 सीटों पर होगा नुकसान AAP प्रत्याशी कांग्रेस को बहुत परेशान करेंगे। बीजेपी के विरोधी वोटों में अगर सेंध लगती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना होगा। हरियाणा में कम से कम 8 से 10 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट नहीं जीत सके तो कांग्रेस को कमजोर करने का तो काम कर सकते हैं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। मगर पार्टी का पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था। हरियाणा में AAP का किन इलाकों में प्रभाव ? हरियाणा में AAP का फोकस खासकर शहरी और कस्बा इलाकों में ज्यादा है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR ) में आते हैं। AAP का प्रभाव यहां देखने को मिल सकता है। इन जिलों के लोग दिल्ली की राजनीति और नीतियों से प्रभावित होते हैं। दिल्ली में AAP सरकार के मॉडल के चलते पार्टी ने यहां एक बुनियादी जनाधार तैयार किया है। इसके अलावा, हिसार में AAP की पकड़ धीरे – धीरे बढ़ रही है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के प्रभाव वाला रहा है, जिससे AAP को एक अवसर मिला है। करनाल के लिए अलग बनाई रणनीति कुरुक्षेत्र और करनाल जिले भी NCR के करीब हैं और AAP ने यहां भी अपना आधार बढ़ाने प्रयास किया है। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गृह जिला है, इसलिए AAP के लिए यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। सोनीपत और पानीपत जिले भी NCR का हिस्सा हैं। यहां के लोग दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित होते हैं। AAP ने यहां शिक्षा , स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिला है। भिवानी, रेवाड़ी और झज्जर जिले भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। खासकर जब पार्टी ग्रामीण और कस्बा इलाकों में अपनी रणनीति को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है।