गुरुग्राम ED का WTC बिल्डर-भूटानी ग्रुप के ठिकानों पर तलाशी:3400 करोड़ रुपए के दस्तावेज मिले, अमेरिका में निवेश, सिंगापुर भेजे 200 करोड़

गुरुग्राम ED का WTC बिल्डर-भूटानी ग्रुप के ठिकानों पर तलाशी:3400 करोड़ रुपए के दस्तावेज मिले, अमेरिका में निवेश, सिंगापुर भेजे 200 करोड़

देश की चर्चित रियल एस्टेट कंपनी WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप और इनसे जुड़े प्रोमोटरों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सर्च ऑपरेशन में 3400 करोड़ रुपए से अधिक के धन संग्रह से संबंधित दस्तावेज मिले है। जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 15 परियोजनाओं के माध्यम से निवेशकों से धन प्राप्त किया गया। इन 15 प्रमुख परियोजनाओं में से समूह द्वारा किए जा रहे कार्यों में बहुत कम डिलीवरी दी गई है। कंपनियों के नाम पर विभिन्न सावधि जमा (एफडी) को जब्त कर लिया गया है। इतना ही नहीं प्रोजेक्ट और अन्य संस्थाओं के नाम पर विदेशों में मनी लान्ड्रिंग यानि धन की हेराफेरी भी की गई। इसके अलावा तलाशी कार्रवाई के दौरान यह भी पता चला कि 200 करोड़ रुपए सिंगापुर भेजे गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए निवेश का भी पता चला है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई शहरों में 12 ठिकानों पर की गई थी। सोमवार को ईडी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय की तरफ से बताया गया कि घर खरीदारों द्वारा दर्ज दर्जनों एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। डेढ़ करोड़ के जेवर मिले 1.50 करोड़ रुपए कीमत के आभूषण बरामद किए गए हैं। डब्ल्यूटीसी समूह और भूटानी समूह से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इनमें हजारों करोड़ रुपए की बाजार मूल्य की संपत्ति नाममात्र के मूल्य पर भूटानी समूह को हस्तांतरित कर दी गई है। ग्रुप का नकद लेन-देन भी मिला है। ईडी ने बिक्री कार्य, पंजीकरण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव आदि बरामद किए। इसके अतिरिक्त समूह के नाम पर हजारों करोड़ की प्रोपर्टी की पहचान की गई है। इनके खिलाफ केस दर्ज इस संबंध में आशीष भल्ला, सुपर्णा भल्ला, अभिजीत भल्ला, मैसर्स भूटानी इंफ्रा और अन्य पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और सैकड़ों लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा घर खरीदारों को लालच दिया था कि वे आवंटन के लिए सेक्टर 111-114 फरीदाबाद में उनकी परियोजना में निवेश करें। बड़ी संख्या में खरीदारों ने इसमें निवेश किया, लेकिन प्रमोटरों और निदेशकों ने आपराधिक साजिश रची और निर्धारित समय के भीतर प्रोजेक्ट पूरा न करके प्लॉट खरीदने वालों की मेहनत की कमाई लूट ली। 10 साल में भी नहीं मिली डिलीवरी प्राथमिक रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि भूटानी इंफ्रा ग्रुप ने डब्ल्यूटीसी ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया है और सेक्टर 111-114 फरीदाबाद में परियोजना को फिर से लाँच कर दिया। जिन्होंने निवेश किया उन्हें 10 साल से अधिक समय तक प्लॉट खरीदने वालों को प्लॉट की डिलीवरी नहीं की गई। देश की बड़ी रियल स्टेट कंपनियों में एक देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल भूटानी ग्रुप प्रोजेक्ट्स है कंपनी अब तक 9 मिलियन स्क्वायर फीट से ज्यादा निर्माण कर चुकी है और इसके 74 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। भूटानी ग्रुप का नाम आधुनिक कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है। देश की चर्चित रियल एस्टेट कंपनी WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप और इनसे जुड़े प्रोमोटरों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सर्च ऑपरेशन में 3400 करोड़ रुपए से अधिक के धन संग्रह से संबंधित दस्तावेज मिले है। जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 15 परियोजनाओं के माध्यम से निवेशकों से धन प्राप्त किया गया। इन 15 प्रमुख परियोजनाओं में से समूह द्वारा किए जा रहे कार्यों में बहुत कम डिलीवरी दी गई है। कंपनियों के नाम पर विभिन्न सावधि जमा (एफडी) को जब्त कर लिया गया है। इतना ही नहीं प्रोजेक्ट और अन्य संस्थाओं के नाम पर विदेशों में मनी लान्ड्रिंग यानि धन की हेराफेरी भी की गई। इसके अलावा तलाशी कार्रवाई के दौरान यह भी पता चला कि 200 करोड़ रुपए सिंगापुर भेजे गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए निवेश का भी पता चला है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई शहरों में 12 ठिकानों पर की गई थी। सोमवार को ईडी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय की तरफ से बताया गया कि घर खरीदारों द्वारा दर्ज दर्जनों एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। डेढ़ करोड़ के जेवर मिले 1.50 करोड़ रुपए कीमत के आभूषण बरामद किए गए हैं। डब्ल्यूटीसी समूह और भूटानी समूह से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इनमें हजारों करोड़ रुपए की बाजार मूल्य की संपत्ति नाममात्र के मूल्य पर भूटानी समूह को हस्तांतरित कर दी गई है। ग्रुप का नकद लेन-देन भी मिला है। ईडी ने बिक्री कार्य, पंजीकरण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव आदि बरामद किए। इसके अतिरिक्त समूह के नाम पर हजारों करोड़ की प्रोपर्टी की पहचान की गई है। इनके खिलाफ केस दर्ज इस संबंध में आशीष भल्ला, सुपर्णा भल्ला, अभिजीत भल्ला, मैसर्स भूटानी इंफ्रा और अन्य पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और सैकड़ों लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा घर खरीदारों को लालच दिया था कि वे आवंटन के लिए सेक्टर 111-114 फरीदाबाद में उनकी परियोजना में निवेश करें। बड़ी संख्या में खरीदारों ने इसमें निवेश किया, लेकिन प्रमोटरों और निदेशकों ने आपराधिक साजिश रची और निर्धारित समय के भीतर प्रोजेक्ट पूरा न करके प्लॉट खरीदने वालों की मेहनत की कमाई लूट ली। 10 साल में भी नहीं मिली डिलीवरी प्राथमिक रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि भूटानी इंफ्रा ग्रुप ने डब्ल्यूटीसी ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया है और सेक्टर 111-114 फरीदाबाद में परियोजना को फिर से लाँच कर दिया। जिन्होंने निवेश किया उन्हें 10 साल से अधिक समय तक प्लॉट खरीदने वालों को प्लॉट की डिलीवरी नहीं की गई। देश की बड़ी रियल स्टेट कंपनियों में एक देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल भूटानी ग्रुप प्रोजेक्ट्स है कंपनी अब तक 9 मिलियन स्क्वायर फीट से ज्यादा निर्माण कर चुकी है और इसके 74 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। भूटानी ग्रुप का नाम आधुनिक कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर