कैथल के गांव गदली में एक खाली पड़े गोदाम में धर्म परिवर्तन करवाने के लोगों ने आरोप लगाए हैं। इस संबंध में गांव के लोगों ने गोदाम के मुख्य द्वार पर जमकर हंगामा किया। जब वे गोदाम के अंदर दाखिल हुए तो वहां पर सत्संग के पंडाल या धार्मिक सभा जैसी स्थिति पाई गई। इस बीच जिन लोगों पर ईसाई धर्म का प्रचार करने का आरोप लगा, उनके साथ ग्रामीणों की कहासुनी हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। दो महीने से हो रहे कार्यक्रम ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गदली पट्टी खोत में ईसाइयों द्वारा पिछले दो महीने से लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। ये लाेग गोदाम के अंदर ही धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम कर रहे थे। बाहर इसके बारे में पता नहीं लग रहा था। आज जब बाहर बैनर लगा दिखा तो गांव में सूचना दी। गांव के लोगों ने इकट्ठे होकर सलाह की। अब गांव के लोग इसे बंद करवाने के लिए आए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर आज ये यहां से हट गए तो ठीक है, नहीं तो कल इन्हें गांववासियों द्वारा यहां से खदेड़ा जाएगा। गांववासी सुदेश कुमार, राजेश व अन्य ने बताया कि पहले तो यह अंदर चल रहा था, लेकिन अब एकदम गांव में फैल गया। यहां रोजाना 200 से अधिक महिलाएं व पुरुष आते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इसे जल्द से जल्द इसे यहां से हटाया जाए। पास्टर ने आरोपों को बताया निराधार दूसरी ओर पास्टर शायरा ने बताया कि वे दो साल से गांव में समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम कर रहे हैं। लोग धक्के से उन पर धर्म परिवर्तन के आरोप लगा रहे हैं, जो सही नहीं हैं। उनका उद्देश्य लोगों को नशे व अन्य सामाजिक बुराइयों से बचाने का है। पैसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप निराधार हैं। मौके पर पहुंचे सिटी थाना के एसआई सत्यवान ने बताया कि सूचना मिलने पर उनकी टीम गांव में पहुंची। लोगों ने धर्म परिवर्तन करवाने की शिकायत दी है। पुलिस ने अंदर देखा तो सत्संग ही चलता पाया गया। शिकायत को वेरिफाई किया जाएगा। उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कैथल के गांव गदली में एक खाली पड़े गोदाम में धर्म परिवर्तन करवाने के लोगों ने आरोप लगाए हैं। इस संबंध में गांव के लोगों ने गोदाम के मुख्य द्वार पर जमकर हंगामा किया। जब वे गोदाम के अंदर दाखिल हुए तो वहां पर सत्संग के पंडाल या धार्मिक सभा जैसी स्थिति पाई गई। इस बीच जिन लोगों पर ईसाई धर्म का प्रचार करने का आरोप लगा, उनके साथ ग्रामीणों की कहासुनी हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। दो महीने से हो रहे कार्यक्रम ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गदली पट्टी खोत में ईसाइयों द्वारा पिछले दो महीने से लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। ये लाेग गोदाम के अंदर ही धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम कर रहे थे। बाहर इसके बारे में पता नहीं लग रहा था। आज जब बाहर बैनर लगा दिखा तो गांव में सूचना दी। गांव के लोगों ने इकट्ठे होकर सलाह की। अब गांव के लोग इसे बंद करवाने के लिए आए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर आज ये यहां से हट गए तो ठीक है, नहीं तो कल इन्हें गांववासियों द्वारा यहां से खदेड़ा जाएगा। गांववासी सुदेश कुमार, राजेश व अन्य ने बताया कि पहले तो यह अंदर चल रहा था, लेकिन अब एकदम गांव में फैल गया। यहां रोजाना 200 से अधिक महिलाएं व पुरुष आते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इसे जल्द से जल्द इसे यहां से हटाया जाए। पास्टर ने आरोपों को बताया निराधार दूसरी ओर पास्टर शायरा ने बताया कि वे दो साल से गांव में समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम कर रहे हैं। लोग धक्के से उन पर धर्म परिवर्तन के आरोप लगा रहे हैं, जो सही नहीं हैं। उनका उद्देश्य लोगों को नशे व अन्य सामाजिक बुराइयों से बचाने का है। पैसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप निराधार हैं। मौके पर पहुंचे सिटी थाना के एसआई सत्यवान ने बताया कि सूचना मिलने पर उनकी टीम गांव में पहुंची। लोगों ने धर्म परिवर्तन करवाने की शिकायत दी है। पुलिस ने अंदर देखा तो सत्संग ही चलता पाया गया। शिकायत को वेरिफाई किया जाएगा। उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
