कैथल में बेलारूस से 2 साल बाद पहुंचा शव:डंकी रूट से अमेरिका गया था युवक, मौत के बाद दोस्तों ने भेजा वीडियो

कैथल में बेलारूस से 2 साल बाद पहुंचा शव:डंकी रूट से अमेरिका गया था युवक, मौत के बाद दोस्तों ने भेजा वीडियो

हरियाणा के कैथल जिले के पूंडरी कस्बे के साकरा गांव में एक दुखद घटना सामने आई है। अमेरिका जाने के लिए डंकी रूट अपनाने वाले नवीन का शव 2 साल बाद गांव पहुंचा है। नवीन की मौत बेलारूस में हुई थी। वहीं शव के पहुंचने के बाद परिजनों ने रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। 2023 में हुई थी परिजनों से आखरी बार बात जानकारी के अनुसार नवीन अपने परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह एक छोटे किसान परिवार से था। साल 2023 में उसके पिता सुभाष चंद ने उसे डंकी रूट से अमेरिका भेजने का फैसला किया। नवीन ने आखिरी बार 22 अक्टूबर 2023 को परिवार से बात की थी। इसके बाद वह लापता हो गया। परिवार लगातार एजेंट के संपर्क में था। एजेंट हर बार यही कहता रहा कि नवीन रास्ते में है। दोस्तों ने बेलारूस से भेजी वीडियो वर्ष 2024 तक परिवार को नवीन का कोई पता नहीं चल सका। फिर एक दिन नवीन के फोन से उसके एक दोस्त को कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि बेलारूस में एक युवक का शव मिला है। गांव के वीरेंद्र और राहुल ने बताया कि बेलारूस से भेजी गई वीडियो से नवीन की पहचान की गई। इसके बाद परिवार ने शव को गांव लाने की प्रक्रिया शुरू की। दो साल से कर रहे थे भारत लाने की कोशिश करीब दो साल तक परिवार नवीन के शव को भारत लाने की कोशिश करता रहा, लेकिन दो साल बाद ही वह अपने बेटे का शव भारत लाने में कामयाब रहे। आखिर आज देर शाम नवीन का शव साकरा गांव पहुंचा। परिवार ने रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। हरियाणा के कैथल जिले के पूंडरी कस्बे के साकरा गांव में एक दुखद घटना सामने आई है। अमेरिका जाने के लिए डंकी रूट अपनाने वाले नवीन का शव 2 साल बाद गांव पहुंचा है। नवीन की मौत बेलारूस में हुई थी। वहीं शव के पहुंचने के बाद परिजनों ने रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। 2023 में हुई थी परिजनों से आखरी बार बात जानकारी के अनुसार नवीन अपने परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह एक छोटे किसान परिवार से था। साल 2023 में उसके पिता सुभाष चंद ने उसे डंकी रूट से अमेरिका भेजने का फैसला किया। नवीन ने आखिरी बार 22 अक्टूबर 2023 को परिवार से बात की थी। इसके बाद वह लापता हो गया। परिवार लगातार एजेंट के संपर्क में था। एजेंट हर बार यही कहता रहा कि नवीन रास्ते में है। दोस्तों ने बेलारूस से भेजी वीडियो वर्ष 2024 तक परिवार को नवीन का कोई पता नहीं चल सका। फिर एक दिन नवीन के फोन से उसके एक दोस्त को कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि बेलारूस में एक युवक का शव मिला है। गांव के वीरेंद्र और राहुल ने बताया कि बेलारूस से भेजी गई वीडियो से नवीन की पहचान की गई। इसके बाद परिवार ने शव को गांव लाने की प्रक्रिया शुरू की। दो साल से कर रहे थे भारत लाने की कोशिश करीब दो साल तक परिवार नवीन के शव को भारत लाने की कोशिश करता रहा, लेकिन दो साल बाद ही वह अपने बेटे का शव भारत लाने में कामयाब रहे। आखिर आज देर शाम नवीन का शव साकरा गांव पहुंचा। परिवार ने रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर