कैथल में भाजपा को 3 नगर पालिकाओं में मिली हार:तीनों सीटों पर जीते निर्दलीय केंडिडेट, CM सैनी की रैलियां भी नहीं आईं काम

कैथल में भाजपा को 3 नगर पालिकाओं में मिली हार:तीनों सीटों पर जीते निर्दलीय केंडिडेट, CM सैनी की रैलियां भी नहीं आईं काम

हरियाणा के कैथल जिले की तीनों नगर पालिकाओं में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बुधवार को आए चुनाव परिणामों में सीवन, पुंडरी और कलायत नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति इतनी खराब रही कि कुछ जगहों पर वे तीसरे स्थान तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने रैलियां की, लेकिन जनता पर इसका कोई असर नहीं हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका चुनाव में विकास के मुद्दे और प्रत्याशी की लोकप्रियता मायने रखती है। बड़े नेताओं का प्रचार इस पर कोई प्रभाव नहीं डालता। निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत से साबित हुआ कि वे जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। इस हार से स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ नाराजगी है। अब देखना यह है कि पार्टी इस हार से क्या सीख लेती है। सीवन : सैनी वोट बैंक पर नहीं दिखा सीएम की रैली का असर सीवन नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस की मजबूत पकड़ देखने को मिली। उनकी टीम की प्रत्याशी हेमलता सैनी ने 3,594 वोट पाकर आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। भाजपा की शैली मुंजाल 3,331 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। सीवन में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने रैली की थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा को सैनी वोट बैंक का फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां की जनता ने पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर से अपनी नाराजगी मतदान के जरिए जताई, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। सीवन चुनाव परिणाम 1. हेमलता सैनी (आजाद) – 3,594 वोट (जीत) 2. शैली मुंजाल (बीजेपी) – 3,331 वोट 3. संयम गुप्ता (आजाद) – 3,061 वोट पुंडरी : सीएम और मंत्री भी नहीं बचा सके भाजपा को पुंडरी नगर पालिका चुनाव में भाजपा की हार सबसे चौंकाने वाली रही। मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सभाएं और प्रचार अभियान के बावजूद भाजपा प्रत्याशी ममता सैनी केवल 3,226 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। यहां बबली गोस्वामी ने 4,827 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि गुड्डी देवी 3,498 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पुंडरी में भाजपा की हार का बड़ा कारण मौजूदा विधायक सतपाल जांबा की जनता में नाराजगी को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के आने के बावजूद जनता ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया, जिससे साफ है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच असंतोष पार्टी को भारी पड़ा। पुंडरी चुनाव परिणाम 1. बबली गोस्वामी (आजाद) – 4,827 वोट (जीती) 2. गुड्डी देवी (आजाद) – 3,498 वोट 3. ममता सैनी (भाजपा) – 3,226 वोट कलायत : लोकसभा-विधानसभा के बाद नगर पालिका चुनाव भी हारी भाजपा कलायत नगर पालिका चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां अंकित जैलदार ने 5 हजार 824 वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। भाजपा प्रत्याशी मेनपाल राणा 2 हजार 862 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा की हार के पीछे पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा के प्रति जनता की नाराजगी को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा भाजपा के बड़े पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री के साथ नजदीकियां भी पार्टी को कोई फायदा नहीं दिला सकीं। कलायत चुनाव परिणाम 1. अंकित जैलदार (आजाद) – 5,824 वोट (जीत) 2. मेनपाल राणा (भाजपा) – 2,862 वोट 3. राजू कौशिक (आजाद) – 1,931 वोट भाजपा को चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतरने पड़े महंगे कैथल जिले में भाजपा को तीनों जगह चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारने महंगे पड़े। समर्थकों और स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह (कमल) पर प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था। कई लोगों ने कहा कि नगर पालिका चुनाव स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों की छवि पर लड़ा जाता है, लेकिन भाजपा ने इसे पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया, जिससे जनता ने विरोध जताते हुए आजाद प्रत्याशियों को चुना। भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा तेज कैथल जिले में तीनों जगह भाजपा की करारी हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है और जिले में भाजपा की जमीनी पकड़ कमजोर होती दिख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को अपनी स्थानीय रणनीति पर फिर से विचार करना होगा, क्योंकि कैथल जिले में लगातार लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में हार से पार्टी कमजोर हो रही है। भाजपा को स्थानीय नेतृत्व पर देना होगा ध्यान राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को अपनी जमीनी रणनीति बदलनी होगी। कैथल जिले में लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में मिली बड़ी हार से साफ हो गया है कि पार्टी को स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करना होगा और चुनाव चिन्ह की जगह सशक्त उम्मीदवारों पर ध्यान देना होगा। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस हार से क्या सबक लेती है और आगामी चुनावों में अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है। हरियाणा के कैथल जिले की तीनों नगर पालिकाओं में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बुधवार को आए चुनाव परिणामों में सीवन, पुंडरी और कलायत नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति इतनी खराब रही कि कुछ जगहों पर वे तीसरे स्थान तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने रैलियां की, लेकिन जनता पर इसका कोई असर नहीं हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका चुनाव में विकास के मुद्दे और प्रत्याशी की लोकप्रियता मायने रखती है। बड़े नेताओं का प्रचार इस पर कोई प्रभाव नहीं डालता। निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत से साबित हुआ कि वे जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। इस हार से स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ नाराजगी है। अब देखना यह है कि पार्टी इस हार से क्या सीख लेती है। सीवन : सैनी वोट बैंक पर नहीं दिखा सीएम की रैली का असर सीवन नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस की मजबूत पकड़ देखने को मिली। उनकी टीम की प्रत्याशी हेमलता सैनी ने 3,594 वोट पाकर आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। भाजपा की शैली मुंजाल 3,331 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। सीवन में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने रैली की थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा को सैनी वोट बैंक का फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां की जनता ने पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर से अपनी नाराजगी मतदान के जरिए जताई, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। सीवन चुनाव परिणाम 1. हेमलता सैनी (आजाद) – 3,594 वोट (जीत) 2. शैली मुंजाल (बीजेपी) – 3,331 वोट 3. संयम गुप्ता (आजाद) – 3,061 वोट पुंडरी : सीएम और मंत्री भी नहीं बचा सके भाजपा को पुंडरी नगर पालिका चुनाव में भाजपा की हार सबसे चौंकाने वाली रही। मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सभाएं और प्रचार अभियान के बावजूद भाजपा प्रत्याशी ममता सैनी केवल 3,226 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। यहां बबली गोस्वामी ने 4,827 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि गुड्डी देवी 3,498 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पुंडरी में भाजपा की हार का बड़ा कारण मौजूदा विधायक सतपाल जांबा की जनता में नाराजगी को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के आने के बावजूद जनता ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया, जिससे साफ है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच असंतोष पार्टी को भारी पड़ा। पुंडरी चुनाव परिणाम 1. बबली गोस्वामी (आजाद) – 4,827 वोट (जीती) 2. गुड्डी देवी (आजाद) – 3,498 वोट 3. ममता सैनी (भाजपा) – 3,226 वोट कलायत : लोकसभा-विधानसभा के बाद नगर पालिका चुनाव भी हारी भाजपा कलायत नगर पालिका चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां अंकित जैलदार ने 5 हजार 824 वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। भाजपा प्रत्याशी मेनपाल राणा 2 हजार 862 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा की हार के पीछे पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा के प्रति जनता की नाराजगी को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा भाजपा के बड़े पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री के साथ नजदीकियां भी पार्टी को कोई फायदा नहीं दिला सकीं। कलायत चुनाव परिणाम 1. अंकित जैलदार (आजाद) – 5,824 वोट (जीत) 2. मेनपाल राणा (भाजपा) – 2,862 वोट 3. राजू कौशिक (आजाद) – 1,931 वोट भाजपा को चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतरने पड़े महंगे कैथल जिले में भाजपा को तीनों जगह चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारने महंगे पड़े। समर्थकों और स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह (कमल) पर प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था। कई लोगों ने कहा कि नगर पालिका चुनाव स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों की छवि पर लड़ा जाता है, लेकिन भाजपा ने इसे पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया, जिससे जनता ने विरोध जताते हुए आजाद प्रत्याशियों को चुना। भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा तेज कैथल जिले में तीनों जगह भाजपा की करारी हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है और जिले में भाजपा की जमीनी पकड़ कमजोर होती दिख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को अपनी स्थानीय रणनीति पर फिर से विचार करना होगा, क्योंकि कैथल जिले में लगातार लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में हार से पार्टी कमजोर हो रही है। भाजपा को स्थानीय नेतृत्व पर देना होगा ध्यान राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को अपनी जमीनी रणनीति बदलनी होगी। कैथल जिले में लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में मिली बड़ी हार से साफ हो गया है कि पार्टी को स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करना होगा और चुनाव चिन्ह की जगह सशक्त उम्मीदवारों पर ध्यान देना होगा। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस हार से क्या सबक लेती है और आगामी चुनावों में अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर