हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि कैप्टन की तरफ से अभी पत्ते नहीं खोले गए हैं। शुक्रवार को कैप्टन अजय यादव ने X पर दो और पोस्ट की। जिसमें लिखा-‘मैं कोई संत नहीं हूं और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हूं, तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मेरा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद ही मैं अपने भविष्य की रणनीति तय करूंगा तथा कुछ नेताओं द्वारा मेरे राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई कार्यप्रणाली और बाधाओं का विस्तृत विवरण दूंगा।’ दूसरी पोस्ट में लिखा- ‘मैं इंतजार कर रहा हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लें तो मै मीडिया से मुलाकात करूंगा। मैं बताऊंगा कि कैसे दो साल से कुछ नेता मुझे अपमानित और परेशान कर रहे थे। कैप्टन अजय द्वारा पार्टी छोड़ने के फैसले पर उनके बेटे और पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने कहा-‘कैप्टन साहब ने ये फैसला कैसे और क्यों लिया ये तो वही बता सकते हैं। मैं कांग्रेस के साथ हूं।’ बता दें कि एक दिन पहले सोशल मीडिया (X) पर खुद की अनदेखी से खफा होकर कैप्टन ने दो पोस्ट करते हुए कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन पद छोड़ने सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की जानकारी दी थी। कैप्टन के अचानक पार्टी छोड़ने से कांग्रेस में खलबली मच गई। कैप्टन ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उनका पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो चुका है। पहले भी बीजेपी में जाने की चर्चाएं चली दरअसल, कैप्टन अजय यादव के पहले भी कई बार बीजेपी जॉइन करने की चर्चाएं चली थी। 2014 और 2019 के चुनाव से पहले भी इस तरह की चर्चाएं हुई। हालांकि कैप्टन पार्टी में बने रहे। लेकिन अब पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी जॉइन करने की चर्चाओं को ज्यादा बल मिला है। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने को उन्होंने गलत नहीं बताया था। उस समय भी आशंका व्यक्त की गई कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। कैप्टन ने इस्तीफे की जानकारी के साथ कारण भी बताया कैप्टन ने गुरुवार की शाम X पर लिखा, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के OBC मोर्चा का चेयरमैन भी नहीं रहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी गई है।’ कैप्टन यादव ने आगे लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया। इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है।’ लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के समधी है। कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव की 2011 में लालू यादव की बेटी अनुष्का से हुई थी। चिरंजीव भी काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2019 में चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए। इससे पहले उनके पिता कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार 1991 से 2014 तक इस सीट से विधायक रहे। कैप्टन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन सरकार में दोनों बार पावरफुल मंत्री भी रहे। लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे, बेटे की हार के बाद निराश पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। हालांकि कैप्टन की ये नाराजगी विधानसभा चुनाव आते-आते कम हो गई। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को फिर से रेवाड़ी सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि कैप्टन की तरफ से अभी पत्ते नहीं खोले गए हैं। शुक्रवार को कैप्टन अजय यादव ने X पर दो और पोस्ट की। जिसमें लिखा-‘मैं कोई संत नहीं हूं और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हूं, तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मेरा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद ही मैं अपने भविष्य की रणनीति तय करूंगा तथा कुछ नेताओं द्वारा मेरे राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई कार्यप्रणाली और बाधाओं का विस्तृत विवरण दूंगा।’ दूसरी पोस्ट में लिखा- ‘मैं इंतजार कर रहा हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लें तो मै मीडिया से मुलाकात करूंगा। मैं बताऊंगा कि कैसे दो साल से कुछ नेता मुझे अपमानित और परेशान कर रहे थे। कैप्टन अजय द्वारा पार्टी छोड़ने के फैसले पर उनके बेटे और पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने कहा-‘कैप्टन साहब ने ये फैसला कैसे और क्यों लिया ये तो वही बता सकते हैं। मैं कांग्रेस के साथ हूं।’ बता दें कि एक दिन पहले सोशल मीडिया (X) पर खुद की अनदेखी से खफा होकर कैप्टन ने दो पोस्ट करते हुए कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन पद छोड़ने सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की जानकारी दी थी। कैप्टन के अचानक पार्टी छोड़ने से कांग्रेस में खलबली मच गई। कैप्टन ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उनका पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो चुका है। पहले भी बीजेपी में जाने की चर्चाएं चली दरअसल, कैप्टन अजय यादव के पहले भी कई बार बीजेपी जॉइन करने की चर्चाएं चली थी। 2014 और 2019 के चुनाव से पहले भी इस तरह की चर्चाएं हुई। हालांकि कैप्टन पार्टी में बने रहे। लेकिन अब पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी जॉइन करने की चर्चाओं को ज्यादा बल मिला है। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने को उन्होंने गलत नहीं बताया था। उस समय भी आशंका व्यक्त की गई कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। कैप्टन ने इस्तीफे की जानकारी के साथ कारण भी बताया कैप्टन ने गुरुवार की शाम X पर लिखा, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के OBC मोर्चा का चेयरमैन भी नहीं रहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी गई है।’ कैप्टन यादव ने आगे लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया। इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है।’ लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के समधी है। कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव की 2011 में लालू यादव की बेटी अनुष्का से हुई थी। चिरंजीव भी काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2019 में चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए। इससे पहले उनके पिता कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार 1991 से 2014 तक इस सीट से विधायक रहे। कैप्टन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन सरकार में दोनों बार पावरफुल मंत्री भी रहे। लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे, बेटे की हार के बाद निराश पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। हालांकि कैप्टन की ये नाराजगी विधानसभा चुनाव आते-आते कम हो गई। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को फिर से रेवाड़ी सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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