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लखनऊ में UP T20 मैचों पर लग रहा सट्टा:काशी और कानपुर के मैच में पहुंचे कानपुर के सटोरिया, दो गिरफ्तार
लखनऊ में UP T20 मैचों पर लग रहा सट्टा:काशी और कानपुर के मैच में पहुंचे कानपुर के सटोरिया, दो गिरफ्तार लखनऊ में इकाना स्टेडियम में चल रहे UP T20 लीग मैचों में सटोरिया सक्रिय हैं। मैच का आंखों देखा हाल लेकर ऑनलाइन एप पर सट्टा खेलकर, पैसा लगाने वालों को टिप देकर लाखों का खेल कर रहे हैं। ऐसे ही दो लोगों को इवेंट टीम ने पकड़कर पुलिस को सौंपा है। सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस इनसे जुड़े लोगों के विषय में जानकारी जुटा रही है। इवेंट टीम ने दो युवकों को ऑनलाइन बेटिंग करते पकड़ा इकाना स्टेडियम में 5 सितंबर को कानपुर और काशी के बीच मैच खेला जा रहा था। इसी दौरान दो युवक मोबाइल पर किसी एप को खोलकर मैच से जुड़ी जानकारी, चैटिंग के जरिए किसी को भेज रहे थे। इसी आशंका पर इवेंट देख रही कंपनी के इवेंट ऑफिसर हीतेश शुक्ल ने सहयोगी तिलक अली और अनुभव के साथ दोनों को पकड़ा। इसके बाद उनके मोबाइल को चेक किया तो सामने आया कि कानपुर के सटोरिया ऑनलाइन सट्टा खेल और खिलवा रहे थे। स्टेडियम के अंदर ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले कानपुर शांति नगर निवासी अक्षय गुप्ता और नरेंद्र गंगवार को टीम ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इनके पास दो मोबाइल, एक आईफोन और एक कीपैड बरामद हुआ। ओला बेट साइट और यूनीकॉन पर खेल रहे थे सट्टा
जांच में सामने आया कि यह लोग OLA Bet Site और Unicon 365.com site पर सट्टा खेल और खिलवा रहे थे। यह दोनों एप उनके मोबाइल में डाउनलोड थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह लोग ऑनलाइन अपडेट होने से पहले लाइव देखकर अपने से जुड़े सटोरियों को टिप दे रहे थे। जिससे हर बाल और विकेट पर लगने वाले सट्टे का रेट तय किया जाता था। हर मैच में टेलीग्राम और वाट्सएप पर बनता है ग्रुप
सट्टेबाज हर मैच में टेलीग्राम और वाट्सएप पर ग्रुप बनाते हैं। मैच के करीब एक घंटे पहले ग्रुप सक्रिय होता है। जिसके बाद टॉस जीतने और हारने से लेकर हर गेंद, ओवर और रन पर सट्टा लगना शुरू हो जाता है। मैच से पहले जारी करते हैं लिंक, उसी पर लगता सट्टा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सट्टा संचालक एंड्रॉइड मोबाइल पर एक लिंक के माध्यम से सट्टा खेलने वालों से जुड़ता है। यह लिंक जैसे ही सट्टा खेलने वाला ओपन करता है, ऑनलाइन सट्टा मार्केट से कनेक्ट हो जाता है। जिसमें सट्टे के भाव की जानकारी लगातार अपडेट होती है।
महायुति में दो सीट मिलने से छलका रामदास अठावले का दर्द, कार्यकर्ताओं को दिया ये बड़ा निर्देश
महायुति में दो सीट मिलने से छलका रामदास अठावले का दर्द, कार्यकर्ताओं को दिया ये बड़ा निर्देश <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Elections 2024:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के मद्देनजर महायुति में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई (ए) को 2 सीटें मिली हैं. बीजेपी कोटे से कलीना विधानसभा सीट जबकि <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट की शिवसेना कोटे से धारावी सीट दी गई है. कलीना सीट से अमरजीत सिंह RPI के उम्मीदवार होंगे. इस बीच केंद्रीय मंत्री अठावले ने महज दो सीटें मिलने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सीटों को लेकर गंभीरता से विचार नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (A) के प्रमुख रामदास आठवले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ”महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच टक्कर है. हम पिछले 12 वर्षों से महायुति के साथ हैं,तब से इस गठबंधन को महायुति कहा जाने लगा. हमने 21 सीटों की सूची दी थी. इनमें मुंबई, पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा की कुछ सीटें थीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमें उम्मीद थी कि 8-10 सीटें मिलेंगी- रामदास अठावले</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”हमें उम्मीद थी कि हमारी पार्टी को महायुति में 8-10 सीटें मिलेंगी लेकिन इनके बीच सीटों को लेकर टक्कर है. तब मैंने 5 से 6 सीटों की बात कही थी. इसमें हमें 2 सीटें दी गई हैं. महायुति में हमें धारावी और कलीना विधानसभा सीट दी गई हैं. जिसमें कलीना विधानसभा सीट बीजेपी कोटे से और धारावी विधानसभा सीट शिवसेना कोटे से दी गई है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमारी पार्टी की सीटों के लिए गंभीरता से विचार नहीं-अठावले</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री अठावले ने आगे कहा, ”हमारी पार्टी के लिए कई सीटें मांगी गईं लेकिन हम पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया. मेरी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. मुझे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का ख्याल रखना है. इसके साथ ही मुझे आश्वासन दिया गया है कि मेरी पार्टी को मंत्री पद, विधान परिषद, महामंडल दिया जाएगा. सभी कार्यकर्ता से निवेदन है कि महायुति के लिए काम करना है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाराष्ट्र में कब है विधानसभा चुनाव?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक ही फेज में चुनाव होने हैं. राज्य में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होंगे, जबकि 23 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”‘घर के झगड़े अगर चार दिवारी में…’, भावुक हुए अजित पवार, शरद पवार पर लगाया परिवार में फूट डालने का आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-ncp-ajit-pawar-emotional-video-after-mentioning-sharad-pawar-baramati-seat-2812582″ target=”_self”>’घर के झगड़े अगर चार दिवारी में…’, भावुक हुए अजित पवार, शरद पवार पर लगाया परिवार में फूट डालने का आरोप</a></strong></p>
हरियाणा में BJP का जिला परिषद चेयरमैन बना:सर्वसम्मति से चुने गए, JJP के चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया था
हरियाणा में BJP का जिला परिषद चेयरमैन बना:सर्वसम्मति से चुने गए, JJP के चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया था हरियाणा के कैथल में जिला परिषद में लंबी खींचतान के बाद बुधवार (30 अक्टूबर) को नए चेयरमैन को लेकर फैसला हो गया। कर्मबीर कौल सर्वसम्मति से नए चेयरमैन चुने गए। मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे थे। इसके साथ डिप्टी सीईओ रितु लाठर, पुंडरी विधायक सतपाल जांबा, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर और जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़ भी शामिल हुए। इससे पहले JJP समर्थित दीपक मलिक चेयरमैन थे, जिसको अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से हटाया गया था। नए चेयरमैन की दौड़ में कर्मबीर कौल का नाम सबसे आगे था। वे पहले वाइस चेयरमैन थे। दीपक मलिक के खिलाफ हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ही करते नजर आए हैं। पार्षदों व भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों का फायदा उनको मिला। वहीं वाइस चेयरमैन का चुनाव लगभग 20 दिन बाद किया जाएगा। 14 अक्टूबर को गई थी दीपक मलिक की कुर्सी
जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन चुने गए दीपक मलिक की 14 अक्टूबर को कुर्सी छीन गई थी। उनके खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। विश्वास प्रस्ताव के लिए 12 जुलाई को 15 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंप थे। जिसके बाद प्रशासन ने 19 जुलाई को मीटिंग बुलाई थी। इस बीच दीपक मलिक मलिक प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे। आरोप लगाया था कि मीटिंग बुलाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने तय दिन पर वोटिंग करवाने के आदेश दिए, लेकिन अंतिम फैसला आने तक रिजल्ट घोषित करने पर स्टे लगा दिया था। 19 जुलाई को 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की। जिसमें चेयरमैन दीपक मलिक नहीं पहुंचे थे। अगस्त में हाईकोर्ट ने फैसला प्रशासन के पक्ष में दिया, लेकिन आचार संहिता की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हो सका। 14 अक्टूबर को डीसी की अध्यक्षता में वोटों की गिनती हुई। 17 पार्षदों के वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मिलने पर दीपक मलिक की कुर्सी गई थी। कर्मबीर कौल ने छीनी थी ग्रांट बांटने की पावर
जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन बनाने को लेकर भाजपा व जजपा दोनों ही पार्टियों में खूब खींचतान हुई थी। दोनों ही पार्टी अपना चेयरमैन बनाने के लिए जोर लगा रही थी, लेकिन बाजी जजपा के हाथ लगी। जजपा के सहयोग से दीपक मलिक चेयरमैन तो बने, लेकिन पहली मीटिंग से उनके सामने अड़चनें शुरू हो गई थी। हाउस की पहली ही मीटिंग में चेयरमैन से ग्रांट बांटने की पावर छीन गई। वोटिंग के माध्यम से ग्रांट बांटने का अधिकार भाजपा समर्थित वाइस चेयरमैन कर्मबीर कौल को मिल गया था। हालांकि बाद में ग्रांट वितरण का अधिकार दीपक मलिक को मिल गया था। इसके बाद पार्षद दीपक मलिक से बागी होने लगे। चेयरमैन द्वारा ग्रांट वितरण में भेदभाव के आरोप लगे। पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि को भ्रष्टाचार के केस में फंसाने के भी आरोप लगाए गए। जिस कारण दीपक मलिक अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए थे।