कोविड की चौथी लहर 28 दिन तक एक्टिव रहेगी:BHU के प्रोफेसर बोले- वैक्सीनेशन करवाने वाले भी संक्रमित होंगे; कानपुर IIT एक्सपर्ट की राय- ये फ्लू जैसा

कोविड की चौथी लहर 28 दिन तक एक्टिव रहेगी:BHU के प्रोफेसर बोले- वैक्सीनेशन करवाने वाले भी संक्रमित होंगे; कानपुर IIT एक्सपर्ट की राय- ये फ्लू जैसा

यूपी में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत आगरा में हुई है। 40 एक्टिव पेशेंट होम आइसोलेशन में हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव पेशेंट नोएडा, गाजियाबाद में मिले हैं। एक्सपर्ट मान रहे हैं- कोविड की चौथी लहर आती है, तो उसका असर 21 से 28 दिन तक रहेगा। हालांकि, यह दूसरी लहर की तरह जानलेवा नहीं होगी। जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया था, वह भी एहतियात बरतें, क्योंकि वैक्सीनेशन नए वैरिएंट का असर होने से नहीं रोक सकता। इतना जरूर है कि पुराने वैक्सीनेशन की इम्यूनिटी अभी भी पूरी तरह से कमजोर नहीं हुई है। यह आपके शरीर को नए वैरिएंट से लड़ने में मदद जरूर कर सकती है। आखिर कोरोना का नया वैरिएंट क्या है? ये कितना खतरनाक है? क्या वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों को दोबारा कोरोना हो सकता है? ऐसे ही जरूरी सवालों के साथ BHU के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे और IIT कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल से बात की गई। पढ़िए, एक्सपर्ट क्या कहते हैं… पहले BHU के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे की राय
सवाल : कोविड का नया वैरिएंट कितना खतरनाक है? जवाब : भारत में एक बार फिर COVID-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसकी बड़ी वजह नया JN.1 वैरिएंट है। यह ओमिक्रॉन का ही एक सब-वेरिएंट है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। JN.1 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है, क्योंकि यह उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जो पहले कोविड से ठीक हो चुके हैं। हालांकि, यह कोविड-19 की शुरुआती लहरों जितना घातक नहीं है। सवाल : कोविड का ये वैरिएंट गर्मी में ही क्यों एक्टिव हो रहा? जवाब : इस पर बहुत से रिसर्च हुए हैं, लेकिन अभी तक सही वजह नहीं पता लगी है। इसका मेजर कनेक्शन हमारे शरीर में एंटीबॉडी के लेवल के डाउन होने से है। वेदर को लेकर रिसर्च किया था कि अगर यह सर्दी में फैलता, तो इसका असर ज्यादा घातक होता? या कितना असर होता? इसमें रिजल्ट आया कि अप्रैल महीने यानी गर्मी में यह ज्यादा तेजी से लोगों को संक्रमित करता है। सवाल : JN.1 वैरिएंट की संक्रमण स्पीड को देखते हुए क्या दोबारा कोविड टेस्टिंग शुरू होनी चाहिए? जवाब : टेस्टिंग और सीक्वेंसिंग की इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है। इससे यह पता चल जाएगा कि क्या कोई नया वैरिएंट भी एक्टिव हो रहा है। अब यह भी जरूरी है कि लोग अवेयर हों कि अगर कोविड पॉजिटिव हो जाए, तो घबराए नहीं। खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इस पर ध्यान दें। सवाल : अगर कोविड की चौथी लहर आती है, तो उसका असर कब तक रहेगा? जवाब : कोविड महामारी की अलग-अलग लहरों में संक्रमण की अवधि और असर अलग-अलग रहा है। पहली लहर के दौरान देश में सख्त लॉकडाउन और अन्य नियंत्रण उपाय किए गए। इससे संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाया जा सका था। इसी कारण यह लहर लगभग दो महीने तक सक्रिय रही और धीरे-धीरे थम गई। दूसरी लहर में हालात कुछ अलग थे। लॉकडाउन जैसे सख्त प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। इसके अलावा वायरस का R-नॉट रेट (संक्रमण फैलने की दर) भी अधिक थी, इस कारण यह लहर लगभग 21 दिनों में चरम पर पहुंच गई। तीसरी लहर की शुरुआत सबसे पहले अफ्रीका में देखी गई थी, वहां यह 32 दिनों तक सक्रिय रही। भारत में यह लहर लगभग 28 दिनों तक चली। अब जब चौथी संभावित लहर की आशंका जताई जा रही है, तो इसका असर 21 से 28 दिनों के भीतर कम हो सकता है। यह अनुमान सिंगापुर जैसे देशों में देखे गए हालिया संक्रमण के ट्रेंड पर आधारित है, जहां संक्रमण की अवधि सीमित रही है। सवाल : NB.1.8 का फैलाव कैसा है? जवाब : एशिया में सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका में कोरोना के मामलों में उछाल की वजह NB.1.8 ही है, इसलिए कह सकते हैं कि यह पुराने वैरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है। हालांकि, इसमें डेल्टा या शुरुआती ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण होने वाली शुरुआती कोरोना की लहरों के विपरीत संक्रमण के मामले हल्के हैं। इसलिए हॉस्पिटल में कम मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। नए कोरोना वैरिएंट्स भी पुराने कोविड-19 की तरह फैलते हैं… कोविड संक्रमण पर सटीक भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल का व्यू सवाल : क्या कोविड संक्रमण को लेकर कोई गणितीय मॉडल तैयार किया है?
जवाब : अभी जो संख्या बढ़ती हुई दिख रही है, देश की आबादी के हिसाब से नंबर बहुत कम हैं। ऐसे में जब इतनी कम संख्या होती है तो गणितीय मॉडल उस पर ठीक से काम नहीं करता है। इसलिए मॉडल के हिसाब से तो मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन ये जरूर है कि ये ओमिक्रॉन का ही एक वैरिएंट है, जो इस समय फैल रहा है। सवाल : क्या यह वैरिएंट घातक साबित होगा? जवाब : 2022 के बाद कई बार नए वैरिएंट की वजह से कोविड पेशेंट की संख्या में इजाफा हुआ। मगर एक समय के बाद ये संख्या थम गई। किसी प्रकार की कोई गंभीर स्थिति नहीं देखी गई। इसलिए मेरा अंदाज है कि इस बार भी यही होने वाला है, इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। जो भी रिपोर्ट डॉक्टरों की आ रही है, वो काफी माइल्ड वैरिएंट है। इसमें ज्यादा तबीयत खराब नहीं होती है। अब यूपी में कोविड संक्रमण की स्थिति को समझें… भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ JN.1 वैरिएंट
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। यह अगस्त 2023 में पहली बार पाया गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए- देश में कोरोना से 12 मौतें, 1081 एक्टिव केस; केरल में सबसे ज्यादा 430 मामले देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 1081 पहुंच गई है। मंगलवार को कर्नाटक में 36, गुजरात में 17, बिहार में 6 और हरियाणा में 3 नए मामले सामने आए हैं। गुजरात में 13 मरीज रिकवर हुए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 430 कोरोना पेशेंट हैं। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में मंगलवार को 78 साल के कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह राज्य में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल मृतक की संख्या 12 पहुंच गई है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत आगरा में हुई है। 40 एक्टिव पेशेंट होम आइसोलेशन में हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव पेशेंट नोएडा, गाजियाबाद में मिले हैं। एक्सपर्ट मान रहे हैं- कोविड की चौथी लहर आती है, तो उसका असर 21 से 28 दिन तक रहेगा। हालांकि, यह दूसरी लहर की तरह जानलेवा नहीं होगी। जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया था, वह भी एहतियात बरतें, क्योंकि वैक्सीनेशन नए वैरिएंट का असर होने से नहीं रोक सकता। इतना जरूर है कि पुराने वैक्सीनेशन की इम्यूनिटी अभी भी पूरी तरह से कमजोर नहीं हुई है। यह आपके शरीर को नए वैरिएंट से लड़ने में मदद जरूर कर सकती है। आखिर कोरोना का नया वैरिएंट क्या है? ये कितना खतरनाक है? क्या वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों को दोबारा कोरोना हो सकता है? ऐसे ही जरूरी सवालों के साथ BHU के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे और IIT कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल से बात की गई। पढ़िए, एक्सपर्ट क्या कहते हैं… पहले BHU के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे की राय
सवाल : कोविड का नया वैरिएंट कितना खतरनाक है? जवाब : भारत में एक बार फिर COVID-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसकी बड़ी वजह नया JN.1 वैरिएंट है। यह ओमिक्रॉन का ही एक सब-वेरिएंट है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। JN.1 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है, क्योंकि यह उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जो पहले कोविड से ठीक हो चुके हैं। हालांकि, यह कोविड-19 की शुरुआती लहरों जितना घातक नहीं है। सवाल : कोविड का ये वैरिएंट गर्मी में ही क्यों एक्टिव हो रहा? जवाब : इस पर बहुत से रिसर्च हुए हैं, लेकिन अभी तक सही वजह नहीं पता लगी है। इसका मेजर कनेक्शन हमारे शरीर में एंटीबॉडी के लेवल के डाउन होने से है। वेदर को लेकर रिसर्च किया था कि अगर यह सर्दी में फैलता, तो इसका असर ज्यादा घातक होता? या कितना असर होता? इसमें रिजल्ट आया कि अप्रैल महीने यानी गर्मी में यह ज्यादा तेजी से लोगों को संक्रमित करता है। सवाल : JN.1 वैरिएंट की संक्रमण स्पीड को देखते हुए क्या दोबारा कोविड टेस्टिंग शुरू होनी चाहिए? जवाब : टेस्टिंग और सीक्वेंसिंग की इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है। इससे यह पता चल जाएगा कि क्या कोई नया वैरिएंट भी एक्टिव हो रहा है। अब यह भी जरूरी है कि लोग अवेयर हों कि अगर कोविड पॉजिटिव हो जाए, तो घबराए नहीं। खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इस पर ध्यान दें। सवाल : अगर कोविड की चौथी लहर आती है, तो उसका असर कब तक रहेगा? जवाब : कोविड महामारी की अलग-अलग लहरों में संक्रमण की अवधि और असर अलग-अलग रहा है। पहली लहर के दौरान देश में सख्त लॉकडाउन और अन्य नियंत्रण उपाय किए गए। इससे संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाया जा सका था। इसी कारण यह लहर लगभग दो महीने तक सक्रिय रही और धीरे-धीरे थम गई। दूसरी लहर में हालात कुछ अलग थे। लॉकडाउन जैसे सख्त प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। इसके अलावा वायरस का R-नॉट रेट (संक्रमण फैलने की दर) भी अधिक थी, इस कारण यह लहर लगभग 21 दिनों में चरम पर पहुंच गई। तीसरी लहर की शुरुआत सबसे पहले अफ्रीका में देखी गई थी, वहां यह 32 दिनों तक सक्रिय रही। भारत में यह लहर लगभग 28 दिनों तक चली। अब जब चौथी संभावित लहर की आशंका जताई जा रही है, तो इसका असर 21 से 28 दिनों के भीतर कम हो सकता है। यह अनुमान सिंगापुर जैसे देशों में देखे गए हालिया संक्रमण के ट्रेंड पर आधारित है, जहां संक्रमण की अवधि सीमित रही है। सवाल : NB.1.8 का फैलाव कैसा है? जवाब : एशिया में सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका में कोरोना के मामलों में उछाल की वजह NB.1.8 ही है, इसलिए कह सकते हैं कि यह पुराने वैरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है। हालांकि, इसमें डेल्टा या शुरुआती ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण होने वाली शुरुआती कोरोना की लहरों के विपरीत संक्रमण के मामले हल्के हैं। इसलिए हॉस्पिटल में कम मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। नए कोरोना वैरिएंट्स भी पुराने कोविड-19 की तरह फैलते हैं… कोविड संक्रमण पर सटीक भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल का व्यू सवाल : क्या कोविड संक्रमण को लेकर कोई गणितीय मॉडल तैयार किया है?
जवाब : अभी जो संख्या बढ़ती हुई दिख रही है, देश की आबादी के हिसाब से नंबर बहुत कम हैं। ऐसे में जब इतनी कम संख्या होती है तो गणितीय मॉडल उस पर ठीक से काम नहीं करता है। इसलिए मॉडल के हिसाब से तो मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन ये जरूर है कि ये ओमिक्रॉन का ही एक वैरिएंट है, जो इस समय फैल रहा है। सवाल : क्या यह वैरिएंट घातक साबित होगा? जवाब : 2022 के बाद कई बार नए वैरिएंट की वजह से कोविड पेशेंट की संख्या में इजाफा हुआ। मगर एक समय के बाद ये संख्या थम गई। किसी प्रकार की कोई गंभीर स्थिति नहीं देखी गई। इसलिए मेरा अंदाज है कि इस बार भी यही होने वाला है, इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। जो भी रिपोर्ट डॉक्टरों की आ रही है, वो काफी माइल्ड वैरिएंट है। इसमें ज्यादा तबीयत खराब नहीं होती है। अब यूपी में कोविड संक्रमण की स्थिति को समझें… भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ JN.1 वैरिएंट
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। यह अगस्त 2023 में पहली बार पाया गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए- देश में कोरोना से 12 मौतें, 1081 एक्टिव केस; केरल में सबसे ज्यादा 430 मामले देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 1081 पहुंच गई है। मंगलवार को कर्नाटक में 36, गुजरात में 17, बिहार में 6 और हरियाणा में 3 नए मामले सामने आए हैं। गुजरात में 13 मरीज रिकवर हुए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 430 कोरोना पेशेंट हैं। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में मंगलवार को 78 साल के कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह राज्य में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल मृतक की संख्या 12 पहुंच गई है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर