झांसी में तीन दिन पहले केशव जाटव की हत्या हो गई थी। इस हत्याकांड में केशव की पत्नी लक्ष्मी, उसके प्रेमी कमलेश और कमलेश के ममेरे भाई रवि अहिरवार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। केशव की पत्नी का कहना है कि उसने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल देख पति का मर्डर प्लान किया था। बकौल पुलिस, लक्ष्मी ने कहा- मैं नहीं चाहती थी कि वो जिंदा रहे। उसके मर्डर के लिए अपने ब्वाय फ्रेंड को पूरा गाइड किया। उसको मारने के बाद कमलेश ने मुझसे कहा था कि काम तमाम हो गया। इसपर मैंने उसे शाबाशी भी दी। हम दोनों कोर्ट मैरिज करते। केशव हत्याकांड में क्या कुछ खुलासा हुआ, चलिए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं… शराब के साथ दिया जहर, पीटा और गला घोंट दिया केशव की पत्नी के प्रेमी ने उसे रक्सा के कोटखेरा गांव के पास शराब पिलाई। इसमें जहर मिलाया गया था। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे जमकर पीटा। फिर तौलिए से केशव का गला घोंट दिया। केशव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट और सिर में चोट मिली। साथ ही पॉइजन और गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है। हत्या वाले दिन लक्ष्मी लगातार अपने प्रेमी से बात कर रही थी। हत्या के तुरंत बाद प्रेमी ने लक्ष्मी को कॉल लगाकर बताया कि काम हो गया। हमने केशव का गला घोंटकर अपने रास्ते से हटा दिया। यह सुनते ही लक्ष्मी खुश हो गई और उसने प्रेमी को शाबाशी दी थी। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने सबूत भी मिटाए, लेकिन वे अपने मसूबों पर कामयाब नहीं हो पाए। पत्नी के 5 साल से अवैध संबंध थे मृतक केशव जाटव (46) पुत्र रामरतन मध्य प्रदेश के दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के वरिया गांव का रहने वाला था। वह खेतीबाड़ी के साथ मजदूरी करता था। केशव के दूर के रिश्तेदार दतिया के उन्नाव बालाजी थाना क्षेत्र के धवाई गांव निवासी कमलेश (36) का घर पर आना-जाना था। करीब 5 साल पहले कमलेश और केशव की पत्नी लक्ष्मी के बीच दोस्ती हो गई। ये दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी छुपे मिलने लगे थे। करीब दो माह पहले केशव को उनके रिश्ते के बारे में पता चल गया था। उसने कमलेश को भी घर आने से मना कर दिया था। वह दोनों के प्यार में रोड़ा बन गया था। भाई के शक पर ट्रेस हुई पत्नी और उसका आशिक कमलेश हत्या की सूचना पर केशव का बड़ा भाई कालीचरण आया तो सबसे पहले कमलेश पर शक जताया। पुलिस ने कमलेश के फोन को सर्विलांस पर लगाया, तो हत्या वाले दिन उसकी लोकेशन घटनास्थल के पास मिली। वह लगातार एक नंबर पर बात कर रहा था। छानबीन में यह नंबर लक्ष्मी का निकला। इसके बाद वे पकड़े गए। कालीचरण ने घर पर जाकर छानबीन की तो कमलेश और लक्ष्मी की कपड़ों में एक फोटो भी मिली। पत्नी प्रेमी से बोली- कमलेश को मारो, शादी करुंगी पुलिस के अनुसार, कमलेश और लक्ष्मी का मिलना-जुलना बंद हो गया था। करीब दो माह पहले लक्ष्मी ने कमलेश को पति केवम को रास्ते से हटा दो। इसके बाद हम दोनों कोर्ट मैरिज कर लेंगे। वह कमलेश पर दो माह से इसके लिए दबाव बना रही थी। लक्ष्मी की योजना के अनुसार कमलेश ने 8 दिन पहले अपने ममेरे भाई दतिया के बडौनी थाना क्षेत्र के राव गांव निवासी रवि अहिरवार को बुलाया और उसे अपने साथ शामिल कर दिया। अब वे केशव के मर्डर के लिए मौका ढूंढ़ रहे थे। शादी का निमंत्रण आया तो बना प्लान पुलिस के अनुसार, केशव के साले के बहनोई जितेंद्र अहिरवार की बेटी की 11 जुलाई को कोटखेरा गांव में शादी थी। शादी का निमंत्रण केशव के अलावा कमलेश और रवि को भी आया था। यही मौका उनको हत्या के लिए सबसे अच्छा लगा। सबसे पहले कमलेश ने केशव को शादी में चलने के लिए राजी कर लिया। दोनों बाइक से कोटखेरा गांव के लिए रवाना हो गए। योजना के तहत कमलेश ने रवि को पहले ही इंदरगढ़ के भांडेर तिराहा पर बुला लिया। रवि मिला तो उसे भी बाइक के पीछे बैठा लिया। बीच में केशव बैठा था और कमलेश बाइक चला रहा था। शराब में जहर मिलाकर पिलाया कोटखेरा गांव के पास नहर किनारे सुनसान जगह पर कमलेश ने बाइक रोक दी। कहा कि शराब पीकर शादी में चलेंगे। वहां से शादी स्थल की दूरी लगभग 500 मीटर दूर थी। केशव शराब का शौकीन था और पार्टी की बात सुनते ही वह राजी हो गया। तब दोनों आरोपियों ने शराब में कीटनाशक मिला दिया और वो शराब केशव को पिला दी। थोड़ी देर बाद केशव अचेत हो गया। तब दोनों आरोपियों ने उसी की तौलिया से गला घोंट दिया। इसके बाद वह मर गया। 12 जुलाई की सुबह केशव का शव मिला था। यह खबर भी पढ़ें झांसी में जेठ को बहू से प्यार…छोड़ने को नहीं तैयार: घर से दूसरी बार भागकर उड़ीसा पहुंचे, जेठानी की शिकायत पर पकड़े गए झांसी में जेठ को अपने ममेरे भाई की पत्नी से प्यार हो गया। उनका इश्क इस कदर परवान चढ़ा कि वे एक-दूसरे का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है। परिवार की बंदिशों से बचने के लिए वे घर छोड़कर भाग गए और दो माह से उड़ीसा में पति-पत्नी बनकर रहने लगे। पढ़ें पूरी खबर… झांसी में तीन दिन पहले केशव जाटव की हत्या हो गई थी। इस हत्याकांड में केशव की पत्नी लक्ष्मी, उसके प्रेमी कमलेश और कमलेश के ममेरे भाई रवि अहिरवार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। केशव की पत्नी का कहना है कि उसने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल देख पति का मर्डर प्लान किया था। बकौल पुलिस, लक्ष्मी ने कहा- मैं नहीं चाहती थी कि वो जिंदा रहे। उसके मर्डर के लिए अपने ब्वाय फ्रेंड को पूरा गाइड किया। उसको मारने के बाद कमलेश ने मुझसे कहा था कि काम तमाम हो गया। इसपर मैंने उसे शाबाशी भी दी। हम दोनों कोर्ट मैरिज करते। केशव हत्याकांड में क्या कुछ खुलासा हुआ, चलिए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं… शराब के साथ दिया जहर, पीटा और गला घोंट दिया केशव की पत्नी के प्रेमी ने उसे रक्सा के कोटखेरा गांव के पास शराब पिलाई। इसमें जहर मिलाया गया था। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे जमकर पीटा। फिर तौलिए से केशव का गला घोंट दिया। केशव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट और सिर में चोट मिली। साथ ही पॉइजन और गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है। हत्या वाले दिन लक्ष्मी लगातार अपने प्रेमी से बात कर रही थी। हत्या के तुरंत बाद प्रेमी ने लक्ष्मी को कॉल लगाकर बताया कि काम हो गया। हमने केशव का गला घोंटकर अपने रास्ते से हटा दिया। यह सुनते ही लक्ष्मी खुश हो गई और उसने प्रेमी को शाबाशी दी थी। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने सबूत भी मिटाए, लेकिन वे अपने मसूबों पर कामयाब नहीं हो पाए। पत्नी के 5 साल से अवैध संबंध थे मृतक केशव जाटव (46) पुत्र रामरतन मध्य प्रदेश के दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के वरिया गांव का रहने वाला था। वह खेतीबाड़ी के साथ मजदूरी करता था। केशव के दूर के रिश्तेदार दतिया के उन्नाव बालाजी थाना क्षेत्र के धवाई गांव निवासी कमलेश (36) का घर पर आना-जाना था। करीब 5 साल पहले कमलेश और केशव की पत्नी लक्ष्मी के बीच दोस्ती हो गई। ये दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी छुपे मिलने लगे थे। करीब दो माह पहले केशव को उनके रिश्ते के बारे में पता चल गया था। उसने कमलेश को भी घर आने से मना कर दिया था। वह दोनों के प्यार में रोड़ा बन गया था। भाई के शक पर ट्रेस हुई पत्नी और उसका आशिक कमलेश हत्या की सूचना पर केशव का बड़ा भाई कालीचरण आया तो सबसे पहले कमलेश पर शक जताया। पुलिस ने कमलेश के फोन को सर्विलांस पर लगाया, तो हत्या वाले दिन उसकी लोकेशन घटनास्थल के पास मिली। वह लगातार एक नंबर पर बात कर रहा था। छानबीन में यह नंबर लक्ष्मी का निकला। इसके बाद वे पकड़े गए। कालीचरण ने घर पर जाकर छानबीन की तो कमलेश और लक्ष्मी की कपड़ों में एक फोटो भी मिली। पत्नी प्रेमी से बोली- कमलेश को मारो, शादी करुंगी पुलिस के अनुसार, कमलेश और लक्ष्मी का मिलना-जुलना बंद हो गया था। करीब दो माह पहले लक्ष्मी ने कमलेश को पति केवम को रास्ते से हटा दो। इसके बाद हम दोनों कोर्ट मैरिज कर लेंगे। वह कमलेश पर दो माह से इसके लिए दबाव बना रही थी। लक्ष्मी की योजना के अनुसार कमलेश ने 8 दिन पहले अपने ममेरे भाई दतिया के बडौनी थाना क्षेत्र के राव गांव निवासी रवि अहिरवार को बुलाया और उसे अपने साथ शामिल कर दिया। अब वे केशव के मर्डर के लिए मौका ढूंढ़ रहे थे। शादी का निमंत्रण आया तो बना प्लान पुलिस के अनुसार, केशव के साले के बहनोई जितेंद्र अहिरवार की बेटी की 11 जुलाई को कोटखेरा गांव में शादी थी। शादी का निमंत्रण केशव के अलावा कमलेश और रवि को भी आया था। यही मौका उनको हत्या के लिए सबसे अच्छा लगा। सबसे पहले कमलेश ने केशव को शादी में चलने के लिए राजी कर लिया। दोनों बाइक से कोटखेरा गांव के लिए रवाना हो गए। योजना के तहत कमलेश ने रवि को पहले ही इंदरगढ़ के भांडेर तिराहा पर बुला लिया। रवि मिला तो उसे भी बाइक के पीछे बैठा लिया। बीच में केशव बैठा था और कमलेश बाइक चला रहा था। शराब में जहर मिलाकर पिलाया कोटखेरा गांव के पास नहर किनारे सुनसान जगह पर कमलेश ने बाइक रोक दी। कहा कि शराब पीकर शादी में चलेंगे। वहां से शादी स्थल की दूरी लगभग 500 मीटर दूर थी। केशव शराब का शौकीन था और पार्टी की बात सुनते ही वह राजी हो गया। तब दोनों आरोपियों ने शराब में कीटनाशक मिला दिया और वो शराब केशव को पिला दी। थोड़ी देर बाद केशव अचेत हो गया। तब दोनों आरोपियों ने उसी की तौलिया से गला घोंट दिया। इसके बाद वह मर गया। 12 जुलाई की सुबह केशव का शव मिला था। यह खबर भी पढ़ें झांसी में जेठ को बहू से प्यार…छोड़ने को नहीं तैयार: घर से दूसरी बार भागकर उड़ीसा पहुंचे, जेठानी की शिकायत पर पकड़े गए झांसी में जेठ को अपने ममेरे भाई की पत्नी से प्यार हो गया। उनका इश्क इस कदर परवान चढ़ा कि वे एक-दूसरे का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है। परिवार की बंदिशों से बचने के लिए वे घर छोड़कर भाग गए और दो माह से उड़ीसा में पति-पत्नी बनकर रहने लगे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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इस दुकान पर 52 सालों से मिल रही 8 तरह की कचौड़ी, PM ने इंदौर को यूं ही नहीं कहा स्वाद राजधानी
इस दुकान पर 52 सालों से मिल रही 8 तरह की कचौड़ी, PM ने इंदौर को यूं ही नहीं कहा स्वाद राजधानी <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Indore Kachori:</strong> मध्य प्रदेश के इंदौर को खाने-पीने के मामले में स्वाद की राजधानी कहा जाता है. पीएम मोदी भी यहां के लजीज व्यंजनों की कई बार तारीफ कर चुके हैं. इंदौर के 56 दुकान और सराफा बाजार का तो क्या ही कहना? वैसे तो यहां के पोहे और जलेबी की तारीफ देशभर में होती है. इंदौर आने वाला हर शख्स इंदौर का पोहा चखना चाहता है, लेकिन आपको बता दें यहां की खस्ता कचौड़ियों के लोग कम मुरीद नहीं हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंदौर में दर्जनों ऐसे ठिकाने हैं, जहां बेहतरीन कचौड़ियां मिलती हैं. इन्हीं में से एक दुकान कोठारी मार्केट के पास अग्रवाल कचौड़ी के नाम से मशहूर है, तो आइए आपको इंदौर की करीब 50 साल पुरानी दुकान की आठ तरह की कचौड़ियों की खासियत बताते हैं. इंदौर के कोठारी मार्केट में स्थित अग्रवाल कचौड़ी की दुकान 1972 में खुली थी. यहां उस वक्त पुरुषोत्तम अग्रवाल ने एक ठेले पर छोटी से दुकान पर कचौड़ी बनाकर शुरूआत की थी, लेकिन उसके बाद यहां लगातार लोग आते गए और अग्रवाल की कचौड़ी को अपना प्यार देते गए, जिससे आज यह दुकान बहुत ही फेमस है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दुकान के मालिक जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यहां पर उस समय 50 पैसे की कचौड़ी मिला करती थी. उस समय यहां पर महाराजा टॉकीज हुआ करता था, जहां लोग फिल्म देखने आया करते थे. 70 के दशक में शुरू हुई इस दुकान पर अब रोजाना हजारों कचौड़ियां देखते ही देखते गायब हो जाती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दुकान के मालिक जितेंद्र बताते हैं कि उनकी दुकान पर कचौड़ियों का स्वाद इतने सालों से एक जैसा इसलिए है, क्योंकि यहां पर उनके ही परिवार के दर्जनभर से ज्यादा लोग कचौड़ियां बनाते आ रहे हैं. यहां कुछ लोग तो ऐसे हैं जो बीते 25 सालों से लगातार यहीं आकर कचौड़ी खाते हैं. यहां की भुट्टे, दाल, मूंग, आलू, लहसन, प्याज की कचौड़ियां बड़ी मशहूर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>50 पैसे से 15 रुपये तक का सफर</strong><br />जितेंद्र अग्रवाल एक फोटो दिखाते हुए कहते हैं कि उनके पिता ने महज 50 पैसे में कचौड़ी बेचने की शुरूआत की थी. उसके बाद से आज करीब 50 सालों में कचौड़ी का दाम 15 रुपये हो गया है. उनका कहना है कि इसकी एक वजह महंगाई का बढ़ना भी है. वहीं समय के साथ-साथ कीमतों में भी बदलाव होता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इंदौर के कई परिवार अमेरिका रहते हैं, लेकिन वह जब भी यहां आते हैं तो हमारे यहां आना नहीं भूलते हैं. इतना ही नहीं वो यहां से अपने परिजनों और मित्रों के लिए दर्जनभर से ज्यादा कचौड़ियां लेकर जाते हैं. यह पूछने पर कि क्या यह कचौड़ियां खराब नही होती हैं? उनका कहना था कि कचौड़ियां बेसन को सेंककर बनाई जाती हैं, इसलिए तीन दिन तक कचौड़ी खराब नहीं होती है. </p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें- </strong><a title=”Gwalior Fire: एमपी के ग्वालियर में दर्दनाक हादसा, घर में आग लगने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/gwalior-fire-broke-out-in-house-one-father-two-daughter-died-of-family-in-mp-2718953″ target=”_self”><strong>Gwalior Fire: एमपी के ग्वालियर में दर्दनाक हादसा, घर में आग लगने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत</strong></a></p>
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बहराइच में आदमखोर भेड़िये ने फिर किया हमला, 11 साल की बच्ची को बनाया शिकार, मचा हड़कंप
बहराइच में आदमखोर भेड़िये ने फिर किया हमला, 11 साल की बच्ची को बनाया शिकार, मचा हड़कंप <p style=”text-align: justify;”><strong>Bahraich Wolf Attack:</strong> उत्तर प्रदेश के बहराइच में मंगलवार रात को फिर आदमखोर भेड़िये ने हमला कर दिया. भेड़ियों ने 11 साल की बच्ची को अपना निवाला बनाने की कोशिश की. जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. भेड़िये के हमले में बच्ची बुरी तरह घायल हो गई है जिसके बाद उसे महसी के सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बहराइच में भेड़ियों को आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार सुबह है वन विभाग की टीम ने एक और भेड़ियों को पकड़ने में कामयाबी हैं. लेकिन देर होते-होते भेड़िये ने फिर हमला कर दिया. महसी सामुदायिक अस्पताल के इंचार्ज डॉ आशीष वर्मा ने कहा कि एक 11 साल की बच्ची को अस्पताल में एडमिट कराया गया है. उसका इलाज किया जा रहा हैं. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Bahraich, Uttar Pradesh | Wolf attacked an 11-year-old girl tonight. The girl was admitted to CHC Mahasi and is under treatment: Mahasi CHC incharge, Dr Ashish Verma</p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1833663865533427749?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 11, 2024</a>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</blockquote>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छठा भेड़िया अब भी पकड़ से बाहर</strong><br />इससे पहले मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने छह आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल पांचवें भेड़िये को मंगलवार तड़के पकड़ लिया. वन विभाग की टीम ने कल सुबह करीब सवा छह बजे महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव के हरबख्शसिंह पुरवा से पाँचवें भेड़िये को पकड़ा था. लेकिन छठा भेड़िया अब भी पकड़ से बाहर है. वन विभाग की टीम लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल एक भेड़िए को पकड़ लिया गया है लेकिन छठा भेड़िया अब भी पकड़ में नहीं आया हैं उन्होंने बताया कि छठे भेड़ियों को भी इसके साथ देखा गया था. लेकिन वो घने पेड़ों की और भाग गया. उन्होंने कहा कि भेड़ियों ने अपने हमले का तरीका बदला है. वो अब और ज्यादा सतर्क हो गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भेड़ियों ड्रोन की भी पकड़ में नहीं आ रहे हैं. ड्रोन की आवाज सुनते हैं वो दूर भाग जाते हैं. जिसकी वजह से अब उनकी लोकेशन ट्रेस करने में दिक्कतें आ रही हैं. वन विभाग के मुताबिक अब सिर्फ एक ही भेड़िया बचा है. बता दें कि महसी तहसील के 50 गांव में भेड़िये आतंक का पर्याय बन चुके हैं. छह भेड़ियों के झुंड को पकड़ने के लिए 17 जुलाई से ‘ऑपरेशन भेड़िया’ जारी है. इन भेड़ियों के हमले में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Meerut: भाई से कहासुनी के बाद मां ने डांटा, बेटी ने नहर में कूदकर दी जान, घंटों मशक्कत के बाद शव बरामद” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-daughter-committed-suicide-by-jumping-into-canal-after-scolded-by-her-mother-ann-2780645″ target=”_self”>Meerut: भाई से कहासुनी के बाद मां ने डांटा, बेटी ने नहर में कूदकर दी जान, घंटों मशक्कत के बाद शव बरामद</a></strong></p>
घरौंडा में बारिश में रात को गिरी मकान की छत:कमरे में सो रहे पति-पत्नी घायल; गहरी नींद में था पूरा परिवार
घरौंडा में बारिश में रात को गिरी मकान की छत:कमरे में सो रहे पति-पत्नी घायल; गहरी नींद में था पूरा परिवार हरियाणा में करनाल जिला के घरौंडा के गांव कैरवाली में देर रात बारिश के चलते एक गरीब परिवार के मकान की छत गिरने से बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में कमरे में सो रहे दंपती घायल हो गए। हादसा रात 2 बजे हुआ, जब पूरा परिवार गहरी नींद में था। गनीमत रही कि गाटर दंपती पर नहीं गिरा, अन्यथा जान भी जा सकती थी। घायलों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पीड़ित परिवार ने मुआवजे की मांग की है। जानकारी अनुसार गांव कैरवाली निवासी 40 वर्षीय बिजेंद्र सिंह मेहनत मजदूरी का काम करता है। उसका मकान कड़ियों का बना हुआ है। लंबे समय से छत की मरम्मत की जरूरत थी। लगातार हो रही बारिश के कारण छत की मजबूती कम हो गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। उसने बताया कि घटना के समय वह और उसकी पत्नी सुषमा तथा 17 वर्षीय बेटा टिंकू कमरे में सो रहे थे। रात को तेज बारिश हुई थी। जिससे घर की छत अचानक ढह गई और वह और उसकी पत्नी मलबे में दब गए। कड़ियां ऊपर गिरने की वजह से गंभीर व गुम चोटे आई है। गनीमत रही कि बेटे को कोई चोट नहीं आई। हादसा होने के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उन्हें मलबे से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। बिजेंद्र ने बताया कि उसका परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, और अब इस हादसे के बाद उनकी हालत और भी खराब हो गई है। उनके घर का सारा सामान मलबे के नीचे दब चुका है। सिर से छत जा चुके है। ऐसे में सरकार से मुआवजे की मांग है, ताकि हम अपने घर की मरम्मत कर सकें और अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द से जल्द इस परिवार की सहायता करेगी। वहीं गांव के सरपंच प्रतिनिधि मनीष राणा ने बताया कि बिजेंद्र के मकान की छत ढह गई है और दोनों चोटें भी आई है। गरीब परिवार है, इसकी सहायता के लिए सरकार से मुआवजे का निवेदन किया जाएगा।