<p style=”text-align: justify;”><strong>Boat Overturned In Bagmati River:</strong> खगड़िया की बागमती नदी के उपधारा में नाव अनियंत्रित होकर पलट गई. उसमें करीब एक दर्जन लोग सवार थे. दस लोग निकलने में हुए कामयाब हुए. दो अब भी लापता हैं. घटना मानसी थाना क्षेत्र की है. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Boat Overturned In Bagmati River:</strong> खगड़िया की बागमती नदी के उपधारा में नाव अनियंत्रित होकर पलट गई. उसमें करीब एक दर्जन लोग सवार थे. दस लोग निकलने में हुए कामयाब हुए. दो अब भी लापता हैं. घटना मानसी थाना क्षेत्र की है. </p> बिहार Bihar News: बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों का सरकार और BPSC को अल्टीमेटम, कहा- जल्द पूरी हो हमारी मांगे नहीं तो…
Related Posts
मीरापुर उपचुनाव: दिलचस्प सियासी जंग, 2009 का इतिहास दोहराएगी RLD या राणा परिवार करेगा वापसी?
मीरापुर उपचुनाव: दिलचस्प सियासी जंग, 2009 का इतिहास दोहराएगी RLD या राणा परिवार करेगा वापसी? <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerapur Bypoll Election 2024:</strong> उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अब महज कुछ दिन और बाकी रह गए हैं, उससे पहले प्रदेश में सियासी तपिश बढ़ गई है. इस बार सबकी नजर मीरापुर विधानसभा सीट पर टिकी हुई हैं. मीरापुर उपचुनाव 15 साल पुरानी कहानी को दोहराता हुआ नजर आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मीरापुर सीट पर सभी दलों के जरिये प्रत्याशित घोषित करते हुए यहां के पुराने सियासी समीकरणों पर किस्सों पर पन्ने पलटे जाने लगे. यहां के चुनाव में इस बार कुछ किरदार नए हैं तो कुछ पुराने हैं, लेकिन मीरापुर का एक सियासी घराना इस समय केंद्र बिंदु में है. इसी की वजह से यहां मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राणा परिवार के सामने कड़ी चुनौती</strong><br />सियासत के इतिहास के पुराने पन्नों पर नजर डालें, तो 15 साल यहां दिलचस्प चुनावी किस्सा नजरों के सामने घूमने लगता है. मीरापुर सीट साल 2009 में मोरना विधानसभा के नाम से जानी जाती थी. साल 2007 के विधानसभा चुनाव में कादिर राणा मोरना से विधायक चुने गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि साल 2009 के चुनाव में बीएसपा ने कादिर राणा को मुजफ्फरनगर लोकसभा से प्रत्याशी बना दिया और वो सांसद निर्वाचित हुए. यह सीट खाली हुई तो कादिर राणा ने अपने भाई नूर सलीम राणा को मोराना से चुनावी रण में उतार दिया, जहां उनका मुकाबला रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल से हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपचुनाव में मिथलेश पाल ने नूर सलीम राणा को करारी शिकस्त दी. इस बार फिर मिथलेश पाल रालोद से मैदान में हैं, तो इस बार कादिर राणा की पुत्रवधु सुम्बुल राणा उनके सामने चुनावी मैदान में हैं. मीरापुर सीट पर एक बार फिर मिथलेश पाल का मुकाबला राणा खानदान से होने जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रालोद ने मिथलेश पाल पर लगाया दांव</strong><br />जयंत चौधरी ने सुनियोजित रणनीति के तहत मिथलेश पाल को मैदान में उतारा है. 2009 में रालोद से मिथलेश पाल विधायक रह चुकी हैं. समाजवादी पार्टी ने जैसे ही पूर्व सांसद और कद्दावर नेता कादिर राणा की पुत्रवधु सुम्बुल राणा को प्रत्याशी घोषित किया वैसे ही रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने भी अपने पत्ते खोल दिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जयंत चौधरी की इस रणनीति के बाद दो महिलाएं मीरापुर के मैदान में आमने सामने होने से सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प हो चुकी है. सपा अपने पीडीए के फॉर्मूले से पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को साधकर जीत के सपना बुन रही है, जबकि रालोद अपने और बीजेपी के मजबूत वोट बैंक के सहारे मीरापुर सीट हथियाने के फिराक में है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद चंदन चौहान ने दोहराया इतिहास</strong><br />राजनीति में इतिहास अपने पुराने दौर को भी दोहराता है. साल 1996 में संजय चौहान ने समाजवादी पार्टी से मोरना विधानसभा चुनाव का जीता और वह विधायक बने. इसके बाद 2009 में बीजेपी रालोद गठबंधन से संजय चौहान बिजनौर के सांसद निर्वाचित हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सियासत की ये पुरानी कहानी 2022 में फिर दोहराई गई. जिस मोरना सीट से पिता विधायक निर्वाचित हुए थे, उस सीट पर यानी मीरापुर के नाम से जानी जाने वाली सीट से चंदन चौहान विधायक चुने गए. 2024 में चंदन चौहान रालोद बीजेपी गठबंधन के तहत बिजनौर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए और अब मीरापुर सीट खाली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरापुर में हर प्रत्याशी का मजबूत दांव</strong><br />मीरापुर में सपा की सुम्बुल राणा की जीत का दावा काफी हद तक मजबूत भी है. रालोद बीजेपी प्रत्याशी मिथलेश पाल भी खुद की जीत का दावा कर रहीं है. दूसरी तरफ बीएसपी प्रत्याशी शाह नजर और आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी जाहिद हसन भी यहां से ताल ठोंक रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एआईएमआईएम ने मीरापुर सीट से अरशद राणा को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये सभी प्रत्याशी जीत का दावा करते हुए विजय पताका फहराने को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि जीत का सेहरा किसी एक के सिर बंधेगा और वह खुशकिस्मत कौन होगा ये मीरापुर की जनता तय करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”UP By Election: ‘BJP अधिकारियों को आगे कर लड़ रही चुनाव’, अखिलेश यादव का बड़ा आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-by-election-2024-sp-chief-akhilesh-yadav-allegation-on-cm-yogi-adityanath-slogan-bjp-pda-ann-2814010″ target=”_blank” rel=”noopener”>UP By Election: ‘BJP अधिकारियों को आगे कर लड़ रही चुनाव’, अखिलेश यादव का बड़ा आरोप</a></strong></p>
बिश्नोई रत्न वापस लेने पर कुलदीप समर्थक भड़के:पूछा- बूड़िया अंतरजातीय शादी में क्यों गए, शराब क्यों पी?; गुरू जंभेश्वर संस्थान प्रधान ने भेजी चिट्ठी
बिश्नोई रत्न वापस लेने पर कुलदीप समर्थक भड़के:पूछा- बूड़िया अंतरजातीय शादी में क्यों गए, शराब क्यों पी?; गुरू जंभेश्वर संस्थान प्रधान ने भेजी चिट्ठी अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में चल रहा बवाल और तेज हो गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से हटाने और बिश्नोई रत्न वापस लिए जाने से उनके समर्थकों में गुस्सा है। कुलदीप समर्थक अपनी ही संस्था के मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया पर सवाल उठा रहे हैं। इतना ही नहीं गुरू जंभेश्वर सेवा संस्थान जोधपुर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पप्पूराम डारा ने 2 पन्नों का पत्र लिखकर मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया पर आरोप लगाया कि 13 नवंबर को मुकाम धाम में होने वाली बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। जब वह बैठक में बोलने लगे तो प्रधान के खास लोगों ने उन्हें बोलने से रोक दिया। डॉ. डारा ने कहा कि जब पूरा समाज अंतरजातीय विवाह के खिलाफ था, तब आप (बूड़िया) ने ही समाज का साथ न देकर उल्टा समाज के साधु-संतों और पंचों के खिलाफ जाकर इसमें हिस्सा लिया। इतना ही नहीं, वहां बधावा गीत गाते हुए देवेंद्र बूड़िया नाचे भी थे। वहीं, कुलदीप के दूसरे समर्थक अरविंद गोदारा ने सोशल मीडिया X पर देवेंद्र बूड़िया से 11 सवाल पूछे हैं। इसमें यह भी कहा कि अंतरजातीय विवाह करना 29 नियमों में नहीं आता। जबकि, शराब पीना और मुकाम जैसे पवित्र स्थल पर जाना घोर निंदनीय है। गुरू जंभेश्वर सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष का लिखा पत्र… बिश्नोई सभा के देवेंद्र बूड़िया से पूछे गए 11 सवाल…
1. आपसे जब इस्तीफा वॉट्सऐप पर मांगा तब हरियाणा भवन जाने की क्या आवश्यकता थी? 2. अभी आप कह रहे हैं कि अध्यक्ष पद और आगे बढ़ाना है तो 10 करोड़ और देने होंगे। इसका मतलब इससे पूर्व भी आपने पैसों की दम पर जनता से खिलवाड़ किया? 3. आपके साथ हरियाणा सरकार के भवन में जो मारपीट रणधीर पनिहार ने की, क्या आपको नहीं लगता उस भवन के अलावा कोई अन्य स्थान चुनना ज्यादा अच्छा रहता। वहां CRPF और केंद्र के अधीन पुलिस बल हर समय तैनात रहता है? 4. आपने हरियाणा भवन के मुद्दे के बाद पुलिस प्रशासन के पास अभी तक FIR क्यों नहीं लिखवाई? क्या आपको फंसने का डर है? 5. आपने लगभग 1 साल बाद अंतरजातीय विवाह का मुद्दा उठाया। जबकि, उस विवाह में आप ही स्वागतकर्ता की भूमिका में थे और बिश्नोई समाज के 50 हजार लोगों ने उस विवाह में शरीक होकर अपनी सहमति जताई। इसके साथ ही अभी आपके द्वारा राजनीतिक हित देखते हुए जिन 5 समाज की विभूतियों को बिश्नोई रत्न से नवाजा गया। उनके परिवारों में भी अंतरजातीय विवाह हो रखे हैं? 6. आपने संरक्षक को हटाने वाला एक लेटर जारी किया। यह तो वही बात हुई कि एक विधायक मुख्यमंत्री को हटाने का पत्र जारी कर दे। जब तक आप पद पर थे, तब आप सिर्फ अपने से एक श्रेणी नीचे के पदाधिकारियों को ही हटा सकते हैं? 7. आपने एक जिले मात्र से 1000 हजार लोगों की संख्या को समाज मान लिया और उसे जनता का निर्णय बता दिया। जबकि देश में बिश्नोई समाज लगभग 50 लाख के आसपास हैं? 8. बिश्नोई समाज के 29 नियमों में अंतरजातीय विवाह को नहीं रखा गया है, क्योंकि बिश्नोई जाति कई जातियों से मिलकर बनी है। इसीलिए, इस पर कोई जोर नहीं दिया गया है। जबकि, मदपान को 29 नियमों में रखकर विशेष जोर दिया गया है। आपने रोजाना शराब पीने की आदत को न त्यागते हुए मुक्ति धाम मुकाम में कदम रखकर प्रमुख धाम को अपवित्र कर दिया। क्या आप प्रायश्चित करना चाहेंगे? 9. अध्यक्ष होते हुए आपने नशे का प्रचार करते हुए समाज के कई युवाओं और उनके परिवारों को बर्बाद कर दिया। जबकि, चौ भजनलाल परिवार ने 10 हजार से ज्यादा बिश्नोई परिवारों में सरकारी नौकरी देकर उनका और उनके परिवार का भविष्य सुधार दिया। 10. कुछ समाज के भामाशाह और नेता लोग, जो चौधरी भजनलाल जैसे वटवृक्ष की छाया में पनपे हैं, आज उनके बेटे कुलदीप बिश्रोई पर ही हावी होना चाहते हैं। क्या यह सही है? 11. नशे में आप किसी से लड़ गए और उसे आप अपना व समाज का अपमान मानते हैं। जबकि समाज सेवी पप्पूराम डारा का भरे मंच पर अपमान को अनदेखा कर दिया। देवेंद्र बूड़िया ने कहा- जो किया समाज के लिए किया
वहीं, एक इंटरव्यू में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि मुकाम में जो फैसला लिया गया वह पूरे समाज ने लिया। एक व्यक्ति विशेष को समाज के निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। प्रधान चुनना समाज का काम है, न कि एक व्यक्ति का। मेरा कार्यकाल तो एक वर्ष का है। मेरे बाद जो भी प्रधान एक साल के अंदर चुना जाएगा, उसका फैसला बिश्नोई समाज के लोग अपने मत से करेंगे, न कि कोई संरक्षक इसका फैसला करेगा। देवेंद्र बूड़िया ने भाजपा विधायक रणधीर पनिहार द्वारा किए गए अपमान के बारे में बताया। बूड़िया ने कहा कि यह अपमान मेरा नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। उस समय मैं प्रधान पद पर काबिज था। इससे समाज में आक्रोश है और सब लोग जानते हैं कि यह किसके इशारे पर किया गया। देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे की शराब-बीयर संग वायरल फोटो… देवेंद्र बूड़िया की शराब के संग फोटो हो गए थे वायरल
अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। फोटो में शराब से भरी एक बोतल और गिलास है। इसमें बूड़िया बैड पर लेटे हुए हैं। बिश्नोई समाज के लोग देवेंद्र बूड़िया पर हमलावर हो गए थे। हालांकि कुछ लोग इसे फर्जी और एडिटेड बता रहे हैं। हालांकि दैनिक भास्कर इन तस्वीरों के असली-नकली होने की पुष्टि नहीं करता। यह फोटो उस समय वायरल हुई, जब प्रधान बूड़िया और संरक्षक कुलदीप बिश्नोई के बीच टकराव चल रहा है। दोनों एक-दूसरे को उनके पदों से हटा चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई से तो बिश्नोई रत्न की उपाधि तक वापस ले ली गई। वहीं कुलदीप ने बूड़िया को हटाकर परसराम बिश्नोई को प्रधान बना दिया। इसके बाद बूड़िया के समर्थकों ने भी कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई की फोटो वायरल की। इसमें चैतन्य बिश्नोई बीयर के साथ नजर आ रहे थे। यह फोटो 2018 की बताई जा रही है। **************** बिश्नोई महासभा में विवाद से जुड़ी ये 4 खबरें भी पढ़ें…
1. देवेंद्र को बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष पद से हटाया:कुलदीप ने परसराम को जिम्मेदारी सौंपी, बुढ़िया ने 10 करोड़ मांगने का लगाया था आरोप 2. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाएगा 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल बढ़ा:कुलदीप बिश्नोई के बेटे की बीयर संग फोटो वायरल; पहले प्रधान बूड़िया की शराब संग तस्वीरें सामने आईं 4. महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
इंटर हाउस पपेट शो स्पर्धा में गुनीत प्रथम
इंटर हाउस पपेट शो स्पर्धा में गुनीत प्रथम जालंधर| सीजेएस पब्लिक स्कूल में बच्चों के कलात्मक विकास के लिए कक्षा सातवीं व आठवीं के चारों हाउस के बीच पपेट शो प्रतियोगिता करवाई गई। इसमें सभी बच्चों ने बढ़-चढ़कर पूरे उत्साह से भाग लिया तथा अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में पहला स्थान कक्षा 7वीं (बी) की गुनीत (मेघना हाउस), दूसरा स्थान कक्षा 7वीं बी की राजवंश कौर (कृष्णा हाउस) और तीसरा स्थान कक्षा सातवीं-ए के रेयान (गोदावरी हाउस) ने प्राप्त किया। स्कूल चेयरपर्सन नीना मित्तल तथा प्रधानाचार्य डॉ. रवि सुता द्वारा बच्चों के प्रयास व उत्साह की सराहना की गई तथा उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और विजेताओं को सर्टिफिकेट दिए गए।