हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी सूबे के साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अमीर हैं। सीएम सैनी हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रशर चलाते हैं। इस बार मुख्यमंत्री ने लाडवा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है। सैनी के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने यूपी के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। उनके पास 63.83 लाख रुपए की चल और 4.15 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी सुमन सैनी को अपना कवर उम्मीदवार बनाया है। 6 बैंकों में जमा 28 लाख रुपए जमा नायब सिंह सैनी के हलफनामे के मुताबिक उनकी पत्नी के पास 8,85,214 लाख रुपए की अचल संपत्ति है। उनके पास 1.7 लाख रुपए कैश है और 6 अलग-अलग बैंकों में 28,40,567.95 रुपए जमा के रूप में हैं। नायब सिंह सैनी के पास 3 7 शीटर वाहन हैं, जिनमें 2004 मॉडल टोयोटा इनोवा, टोयोटा क्वालिस और 2020 मॉडल इनोवा क्रिस्टा शामिल हैं। उनके पास यमुनानगर के मिर्जापुर माजरा गांव और सेक्टर 4 पंचकूला में 2 घर और दो एकड़ कृषि भूमि भी है। उनकी पत्नी सुमन सैनी के पास 16 मरले के दो प्लॉट हैं। नायब सिंह सैनी की घोषित चल संपत्ति इस साल मई में 43.57 लाख रुपए से बढ़कर सितंबर 2024 में 63.83 लाख रुपए हो गई। हिमाचल में सीएम सैनी का स्टोन क्रशर सीएम नायब सैनी के पास 2 लाख रुपए मूल्य के आभूषण हैं। जबकि उनकी पत्नी के पास 6.50 लाख रुपए मूल्य के आभूषण हैं। मुख्यमंत्री के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 2010 में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था। सैनी ने यह भी घोषणा की है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के मीरपुर कोटला गांव में उनका एक स्टोन क्रशर भी है। खट्टर से कैसे अमीर हैं सैनी नायब सैनी अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अधिक अमीर हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में खट्टर करनाल से बीजेपी के उम्मीदवार थे। उन्होंने उस समय जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक उनके पास 2.54 करोड़ रुपए की संपत्ति है, कोई वाहन नहीं है, और 40 लाख रुपए मूल्य की जमीन और घर है। मनोहर लाल खट्टर ने 50,000 रुपए की नकद जमा और 2.13 लाख रुपए की बैंक जमा की घोषणा इस साल मई में दाखिल अपने चुनावी हलफनामे में की थी। उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाया है, वह इस बार लाडवा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी सूबे के साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अमीर हैं। सीएम सैनी हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रशर चलाते हैं। इस बार मुख्यमंत्री ने लाडवा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है। सैनी के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने यूपी के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। उनके पास 63.83 लाख रुपए की चल और 4.15 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी सुमन सैनी को अपना कवर उम्मीदवार बनाया है। 6 बैंकों में जमा 28 लाख रुपए जमा नायब सिंह सैनी के हलफनामे के मुताबिक उनकी पत्नी के पास 8,85,214 लाख रुपए की अचल संपत्ति है। उनके पास 1.7 लाख रुपए कैश है और 6 अलग-अलग बैंकों में 28,40,567.95 रुपए जमा के रूप में हैं। नायब सिंह सैनी के पास 3 7 शीटर वाहन हैं, जिनमें 2004 मॉडल टोयोटा इनोवा, टोयोटा क्वालिस और 2020 मॉडल इनोवा क्रिस्टा शामिल हैं। उनके पास यमुनानगर के मिर्जापुर माजरा गांव और सेक्टर 4 पंचकूला में 2 घर और दो एकड़ कृषि भूमि भी है। उनकी पत्नी सुमन सैनी के पास 16 मरले के दो प्लॉट हैं। नायब सिंह सैनी की घोषित चल संपत्ति इस साल मई में 43.57 लाख रुपए से बढ़कर सितंबर 2024 में 63.83 लाख रुपए हो गई। हिमाचल में सीएम सैनी का स्टोन क्रशर सीएम नायब सैनी के पास 2 लाख रुपए मूल्य के आभूषण हैं। जबकि उनकी पत्नी के पास 6.50 लाख रुपए मूल्य के आभूषण हैं। मुख्यमंत्री के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 2010 में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था। सैनी ने यह भी घोषणा की है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के मीरपुर कोटला गांव में उनका एक स्टोन क्रशर भी है। खट्टर से कैसे अमीर हैं सैनी नायब सैनी अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अधिक अमीर हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में खट्टर करनाल से बीजेपी के उम्मीदवार थे। उन्होंने उस समय जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक उनके पास 2.54 करोड़ रुपए की संपत्ति है, कोई वाहन नहीं है, और 40 लाख रुपए मूल्य की जमीन और घर है। मनोहर लाल खट्टर ने 50,000 रुपए की नकद जमा और 2.13 लाख रुपए की बैंक जमा की घोषणा इस साल मई में दाखिल अपने चुनावी हलफनामे में की थी। उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाया है, वह इस बार लाडवा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे
राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलों की सिफारिश करने वाले को BJP ने अपना उम्मीदवार बनाया है। BJP ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटकर सुनील सांगवान को टिकट दिया है। सुनील सांगवान जेल सुपरिंटेंडेंट के पद से वीआरएस लेकर इसी सप्ताह भाजपा में आए थे और आते ही भाजपा ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए अपना उम्मीवार बना दिया। हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है। इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश कर रिहा करवाया। बता दें कि सुनील सांगवान का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है। वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं। सतपाल सांगवान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सतपाल चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं। सुनील सांगवान 5 साल सुनारिया में तैनात रहे
सुनील सांगवान 22 साल से ज्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहे हैं। वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। वह कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं, जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने 5 साल तक सेवा प्रदान की। यह वही जेल है, जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी 2 महिला अनुयायियों के साथ रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है। हाल ही में राम रहीम सुनारिया जेल से 21 दिन की फरलो पर आया था। वीरवार को राम रहीम की फरलो का समय पूरा हो गया और वह दोबारा जेल में चला गया है। राम रहीम को 10 मौकों पर पैरोल या फरलो मिली, उनमें से 6 बार सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था। गुरुग्राम की भोंडसी जेल में तैनात थे
वर्तमान में सुनील सांगवान हरियाणा की गुरुग्राम भोंडसी जेल के अधीक्षक थे, जिससे उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन रविवार को सरकार को दिया था। उनके आवेदन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में इस कदर तेजी लाई गई कि जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया। डीजी के पत्र में कहा गया, ‘गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है, इसलिए अनुरोध है कि उनके पक्ष में शाम 4 बजे तक नो-ड्यू प्रमाणपत्र जारी किया जाए’ पिता ने भी सरकारी पद से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा
बता दें कि सुनील सांगवान के पिता सतपाल संगवान भी 1996 में राजनीति में आने से पहले दूरसंचार विभाग में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) थे। बाद में वह पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के उम्मीदवार के तौर पर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, बाद में उन्होंने और भी चुनाव लड़े। 2009 में वह हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते और भूपिंदर हुड्डा सरकार में मंत्री भी बने। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का दामन थाम लिया और चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार मिली।
पानीपत में बीड़ी न देने पर मारी गोली:दोस्तों ने पहले शराब पी, फिर कार में वारदात, सिविल अस्पताल के बाहर फेंककर हुए फरार
पानीपत में बीड़ी न देने पर मारी गोली:दोस्तों ने पहले शराब पी, फिर कार में वारदात, सिविल अस्पताल के बाहर फेंककर हुए फरार हरियाणा के पानीपत में बीड़ी न देने को लेकर हुए विवाद में एक युवक को उसके दोस्त ने ही गोली मार दी। इसके बाद वे उसे घायल अवस्था में कार में डालकर सिविल अस्पताल ले गए। यहां उसे मेन गेट के बाहर सड़क पर फेंककर गोली मारने वाला बदमाश अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया। इसके बाद घायल ने अपने परिजनों को मौके पर बुलाया। परिजन उसे वहां से निजी अस्पताल ले गए। जहां उसका उपचार चल रहा है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायल के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी ने पहले देर रात पी शराब सेक्टर 13-17 थाना पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि घायल दीपक तहसील कैंप का रहने वाला है। वह अपने दोस्तों अंकुश, रानी और 2 अन्य के साथ कार में सवार होकर रात को टोल प्लाजा के पास एक ढाबे पर खाना खाने गया था। खाने से पहले सभी ने शराब पी थी। इस दौरान दीपक की अंकुश से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। जब सभी खाना खाकर चलने लगे, तो फिर उनकी बहस हो गई। जिसके बाद सभी कार से नीचे उतरे। बहस करने के बाद फिर दीपक को कार में बैठाया। इसके बाद उससे बीड़ी मांगी। बीड़ी की मनाही करने पर अंकुश ने उसे गोली मार दी। गोली पहले हाथ में लगी इसके बाद छाती के आर-पार हो गई। पहली पूछताछ में बताया- अज्ञात लोगों ने मारी गोली इसके बाद आरोपी उसे घायल अवस्था में कार में बैठाकर सिविल अस्पताल ले पहुंचे। जहां अस्पताल के गेट पर उसे फेंककर फरार हो गए। घायल ने किसी राह चलते के फोन से अपने परिजनों को सूचना देकर मौके पर बुलाया। परिजन उसे सिविल अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद एक निजी अस्पताल ले गए। हालांकि पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में घायल ने डर की वजह बताया था कि वह स्कूटी पर सवार होकर काबड़ी की ओर जा रहा था। रास्ते में 6 सेक्टर के पास उसे अज्ञात लोगों ने गोली मार दी।