हरियाणा के करनाल में 50 वर्षीय महिला संतोष देवी चलती बाइक से गिर गई। हादसे में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना 3 जुलाई की रात की है, जब संतोष देवी अपने बेटे के साथ डाचर से करनाल लौट रही थी। आज पुलिस ने महिला के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। संतोष देवी के बेटे ने बताया कि वह कल देर शाम अपनी मां के साथ बाइक पर करनाल के अल्फा सिटी लौट रहा था। जैसे ही उनकी बाइक शाहपुर गांव के पास पहुंची तो संतोष देवी अचानक बाइक से गिर गई। उसके बेटे ने बताया कि शायद उसकी मां को झपकी आ गई थी, जिस कारण वह बाइक से गिर गई। गंभीर चोटें और अस्पताल में मौत सड़क पर गिरने से संतोष देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके बेटे ने तुरंत उन्हें करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। लेकिन, डॉक्टरों ने जांच के बाद संतोष देवी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि महिला की मौत अस्पताल पहुंचने से आधे घंटे पहले ही हो चुकी थी, और उन्हें अस्पताल लाने में देरी हो गई थी। पुलिस की कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि महिला की मौत की सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और मामले की जांच जारी है। किराए के मकान में रहता है परिवार इस घटना ने संतोष देवी के परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है। संतोष देवी का परिवार करनाल के अल्फा सिटी में किराये के मकान में रहता है। उनका बेटा अभी भी इस हादसे के सदमे से बाहर नहीं निकल पाया है और अपनी मां की यादों में खोया हुआ है। हरियाणा के करनाल में 50 वर्षीय महिला संतोष देवी चलती बाइक से गिर गई। हादसे में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना 3 जुलाई की रात की है, जब संतोष देवी अपने बेटे के साथ डाचर से करनाल लौट रही थी। आज पुलिस ने महिला के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। संतोष देवी के बेटे ने बताया कि वह कल देर शाम अपनी मां के साथ बाइक पर करनाल के अल्फा सिटी लौट रहा था। जैसे ही उनकी बाइक शाहपुर गांव के पास पहुंची तो संतोष देवी अचानक बाइक से गिर गई। उसके बेटे ने बताया कि शायद उसकी मां को झपकी आ गई थी, जिस कारण वह बाइक से गिर गई। गंभीर चोटें और अस्पताल में मौत सड़क पर गिरने से संतोष देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके बेटे ने तुरंत उन्हें करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। लेकिन, डॉक्टरों ने जांच के बाद संतोष देवी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि महिला की मौत अस्पताल पहुंचने से आधे घंटे पहले ही हो चुकी थी, और उन्हें अस्पताल लाने में देरी हो गई थी। पुलिस की कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि महिला की मौत की सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और मामले की जांच जारी है। किराए के मकान में रहता है परिवार इस घटना ने संतोष देवी के परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है। संतोष देवी का परिवार करनाल के अल्फा सिटी में किराये के मकान में रहता है। उनका बेटा अभी भी इस हादसे के सदमे से बाहर नहीं निकल पाया है और अपनी मां की यादों में खोया हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दीपेंद्र हुड्डा को लोकसभा स्पीकर की फटकार पर घमासान:हरियाणा BJP बोली- बदतमीजी पर डांटा; कांग्रेस ने कहा- ये अहंकार; सांसद बोले- जनता फैसला करेगी
दीपेंद्र हुड्डा को लोकसभा स्पीकर की फटकार पर घमासान:हरियाणा BJP बोली- बदतमीजी पर डांटा; कांग्रेस ने कहा- ये अहंकार; सांसद बोले- जनता फैसला करेगी हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की डांट पड़ गई। दीपेंद्र हुड्डा संविधान की जय को लेकर स्पीकर को कह रहे थे कि उन्हें आपत्ति नहीं होनी चाहिए। हालांकि स्पीकर इससे नाराज हो गए। इसको लेकर हरियाणा की राजनीति भी गर्मा गई। हरियाणा BJP ने सोशल मीडिया पर लिखा- ”बदतमीजी करने पर दीपेंद्र हुड्डा को डांटा”। इसके बाद कांग्रेस ने BJP पर पलटवार करते हुए लिखा- ”इस अहंकार ने आपको हाफ किया है, यही अहंकार आपको साफ कर देगा। संविधान की बात करना बदतमीजी नहीं, एक सांसद का कर्तव्य है”। शशि थरूर की शपथ, दीपेंद्र हुड्डा को फटकार संसद भवन में 18वीं लोकसभा के नए चुने सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। गुरूवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शपथ ली। शपथ के अंत में उन्होंने जय संविधान कहा। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने भी जय संविधान कहा। इसके बाद शशि थरूर स्पीकर से हाथ मिलाकर नीचे उतरे तो स्पीकर ओम बिरला ने कहा- ”संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं, ये संविधान की शपथ है?”। यह सुनकर दीपेंद्र हुड्डा सीट पर खड़े हो गए। दीपेंद्र ने 2 बार कहा- ” इसपे आपको आब्जेक्शन नहीं होना चाहिए। इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी सर” यह सुनकर स्पीकर नाराज हो गए। स्पीकर ओम बिरला ने कहा- ” किसपे आपत्ति…. किसपे आपत्ति नहीं वो सलाह मत दिया करो….. चलो बैठो”। दीपेंद्र बोले- जनता फैसला करेगी, बोलना गलत या टोकना
वहीं इस पर अब दीपेंद्र हुड्डा ने वीडियो पोस्ट कर पूछा-” क्या अब देश की संसद में भी ‘जय संविधान’ बोलना ग़लत हो गया है? देश की जनता फैसला करेगी कि संसद में ‘जय संविधान’ बोलना गलत है या ‘जय संविधान’ बोलने वाले को टोकना गलत है।” हरियाणा कांग्रेस बोली- हुड्डा साढ़े 3 लाख वोट से जीते, बिरला 40 हजार से आज भरी लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला जी कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ बेहद गलत तरीके से पेश आए हैं और सांसद को बेइज्जत किया। मगर, क्या आपको पता है? दीपेंद्र हुड्डा इस बार लोकसभा में लगभग साढ़े 3 लाख वोट से जीतकर गए हैं और ओम बिरला मात्र 40 हज़ार वोट से। दीपेंद्र हुड्डा 5 बार के सांसद हैं और ओम बिरला मात्र 3 बार के। 2005 में सांसद बनने वाले दीपेंद्र हुड्डा उस समय के सबसे युवा सांसद थे। दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा जैसे राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में बेहद ही लोकप्रिय हैं। ओम बिरला जी ने इतने जनाधार वाले नेता का अपमान करके बेहद ही अहंकार भरी सोच प्रदर्शन किया है। देश में संविधान का राज है , संविधान ने ही ओम बिरला जी को स्पीकर बनने का अवसर दिया है। अहंकार की वजह से पद की मर्यादा और सांसद का सम्मान भूल चुके स्पीकर सर। प्रियंका गांधी बोली- क्या संसद में जय संविधान नहीं बोला जा सकता
दीपेंद्र हुड्डा की वीडियो को लेकर प्रियंका गांधी बोलीं- ” क्या भारत की संसद में ‘जय संविधान’ नहीं बोला जा सकता? संसद में सत्ता पक्ष के लोगों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन विपक्षी सांसद के ‘जय संविधान’ बोलने पर आपत्ति जताई गई। चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नये रूप में सामने है जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है। जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?”
सोनीपत में पुलिस से भिड़ी महिलाएं:3 महीने से धरने पर बैठे किसानों को जबरन उठाया; तेल लाइन का काम शुरू
सोनीपत में पुलिस से भिड़ी महिलाएं:3 महीने से धरने पर बैठे किसानों को जबरन उठाया; तेल लाइन का काम शुरू हरियाणा के सोनीपत के गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला में 3 महीने से धरने पर बैठे किसानों के धरने को मंगलवार को प्रशासन ने जबरन खत्म करा दिया। भारी संख्या में पुलिस बल धरना स्थल पर भेजा गया था। कई घंटे तक यहां माहौल तनावपूर्ण रहा। धरने पर बैठी महिलाओं व पुलिस के बीच झड़प भी हुई। ुपिलस ने बल पूर्वक किसानों को यहां से उठाया और हिरासत में लेकर बसों में भर कर ले गई। हालांकि कई घंटे बाद किसानों को रिहा कर दिया गया। गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला व इसके आसपास के दर्जन भर गांवों में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा खेतों से तेल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। ग्रामीण 3 महीने से मुआवजा कम दिए जाने के आरोप लगाकर लगातार विरोध कर रहे हैं। कोहला, जागसी, नूरन खेड़ा, बुटाना,गंगाना,घड़वाल समेत कई अन्य गांव के किसान तीन महीने से पाइप लाइन बिछाने के काम को रोक कर धरने पर बैठे हैं। देखें कोहला गांव में धरना स्थल पर कार्रवाई के PHOTOS… किसान अपने खेतों से गुजरने वाली पाईप के बदले उचित मुवावजे की मांग कर रहे थे। किसानों का कहना है कि तेल कंपनी उनको ढाई लाख से चार लाख तक मुआवजा दे रही है। जबकि पानीपत में 10 लाख रुपए से ज्यादा मुआवजा दिया गया है। इसी को लेकर पिछले दिनों एक 7 सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई थी। लेकिन तेल कंपनी और किसानों के बीच समझौता नहीं हुआ। मंगलवार को आज तेल कंपनी के कर्मचारी पुलिस के साथ गांव कोहला में पहुंचे। भारी संख्या में यहां तैनात किया गया था। इसके बाद धरने पर बैठे किसानों को जबरदस्ती बलपूर्वक उठाया गया। कुछ किसानों को कुछ घंटे के लिए हिरासत में भी रखा गया है। इसके बाद पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है। इस को लेकर किसानों में काफी विरोध भी है।
हरियाणा में कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी:210 पैसेंजर और 180 गुड्स ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगेंगे; धुंध में रेल यातायात होता है प्रभावित
हरियाणा में कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी:210 पैसेंजर और 180 गुड्स ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगेंगे; धुंध में रेल यातायात होता है प्रभावित हरियाणा में ठंड के साथ कोहरे के कारण प्रभावित होने वाले रेल यातायात से निपटने के लिए इस बार रेलवे की तरफ से बड़ी तैयारी की गई है। ठंड के मौसम में ट्रेनों के निर्बाध संचालन के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल ने विशेष तैयारी के तहत 210 पैसेंजर ट्रेनों और 180 गुड्स ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई जाएंगी। जयपुर से दिल्ली वाया बांदीकुई-अलवर, जयपुर से टुंडला, जयपुर से लुहारू, चूरू, हिसार, फुलेरा से रेवाड़ी (आरपीसी) व रेवाड़ी से मथुरा रेलखंड विशेष रूप से कोहरे से प्रभावित रहता है। ठंड के मौसम में कोहरे के समय लोको पायलटों को उपयोग के लिए फॉग डिवाइस दी जाएगी, जो लोको पायलट को सिग्नल के संबंध में सही सूचना देगी। यह फॉग डिवाइस ट्रेन संचालन के समय आगे आने वाले सिग्नल के बारे में जानकारी देगा। यह डिवाइस लगभग 2000 मीटर से पहले ही लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में सूचित करना शुरू कर देती है, इससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए आगामी सिग्नल को सुरक्षित पार करने के लिए तैयार रहता है। जयपुर मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि फॉग सेफ्टी डिवाइस जीपीएस आधारित होती है जो कि सिग्नल की वास्तविक लोकेशन से 500 मीटर पहले उसके बारे में कॉल करके सूचित करती है। इससे गाड़ियों के संचालन में सुविधा मिलती है। वर्तमान में फॉग सेफ्टी डिवाइस पूरे साल लॉबी द्वारा साइन ऑन के समय प्रदान की जाती है। यह रेल संचालन में एक श्रेष्ठ डिवाइस साबित होगी। गुड्स वार्निंग बोर्ड से मिलेगी सिग्नल की सूचना रेलपथ पर गुड्स वार्निंग बोर्ड होम सिग्नल से 1400 मीटर पहले लगाया जाता है। इस पर रेडियम स्ट्रिप लगाई जाती है, जो लोकोमोटिव की लाइट को रिफ्लेक्ट करके आने वाले सिग्नल की सूचना देती है। होम सिग्नल से पहले गिट्टियों को ऊंचा करके चूना पट्टी की जाती है जिससे फॉग का प्रभाव कम होता है। रेल पथ पर रात्रि गश्त के लिए ट्रैक मेंटेनर की ड्यूटी लगाई जाती है ताकि रेल लाइन फैक्चर की सूचना मिल सके और खतरे की स्थिति को टाला जा सके। इसके लिए ट्रैक मेंटेनर को डेटोनेटर दिए जाते हैं। इन डेटोनेटर को ट्रैक मेंटेनर रेललाइन फैक्चर होने पर गाड़ी आने की दिशा में एक निश्चित दूरी पर रेल लाइन पर फिट करता है, ताकि जब इंजन के व्हील इस डेटोनेटर के ऊपर से गुजरते हैं, तो डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फूटता है और लोको पायलट इस आवाज को सुनकर गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए खतरे के स्थान से पहले ही गाड़ी रोक देता है। इस प्रकार खतरे को टाला जाता है। लोको पायलट को आने वाले स्टेशन की सूचना देता है डेटोनेटर लोको पायलट को आने वाले स्टेशन के होम सिग्नल की सूचना देने को लेकर भी डेटोनेटर का उपयोग किया जाता है जिन्हें रेल कर्मचारी होम सिग्नल से गाड़ी आने की दिशा में निश्चित दूरी पर रेल पटरी पर लगाता है। जब इंजन के व्हील (पहिए) गुजरते हैं तो इंजन के भारी दबाव के कारण डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फटता है। इस तेज आवाज को सुनकर लोको पायलट समझ जाता है, कि आगे सिग्नल आने वाला है और अपनी गाड़ी की गति को नियंत्रित करता है एवं सिग्नल को सुरक्षित पार करने के लिये तैयार रहता है।