अमृतसर से दिल्ली जा रही दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस पर पथराव किया गया। लुधियाना और खन्ना के मध्य दोराहा रेलवे स्टेशन के पास यह घटना हुई। एक पत्थर बोगी की खिड़की का शीशा तोड़कर यात्री के मुंह पर लगा, जिससे पानीपत का रहने वाला यात्री घायल हो गया। जिसे सरहिंद रेलवे स्टेशन पर उतारना पड़ा। उसे फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल युवराज सिंह के दांत टूट गए हैं और होंठों पर गंभीर चोट है। बोगी नंबर डी-2 में सवार था युवराज जानकारी के अनुसार, युवराज सिंह अपनी मां सुखविंदर कौर तथा रिश्तेदार कवलजीत सिंह सहित गाड़ी संख्या 22430 दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस की बोगी नंबर डी-2 में सवार था। इनका सीट नंबर 79, 80 और 81 था। युवराज सीट नंबर 79 पर बैठा था। लुधियाना में स्टापेज के बाद गाड़ी को सरहिंद रुकना था। जैसे ही गाड़ी दोराहा रेलवे स्टेशन से निकली तो बाहर से एक पत्थर खिड़की का शीशा तोड़ते हुए युवराज के मुंह पर लगा। युवराज के दांत टूटने और होठों पर गंभीर चोट लगने से काफी खून बह गया था। युवराज का रिश्तेदार कवलजीत सिंह ट्रेन गार्ड के पास पहुंचा। ट्रेन गार्ड फर्स्ट एड किट लेकर आया और युवराज को फर्स्ट एड दी गई। खून का बहाव ज्यादा होने के चलते सरहिंद रेलवे स्टेशन पर युवराज को उतारा गया और सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद युवराज को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। रेलवे एक्ट तहत केस दर्ज मामले की जांच कर रहे जीआरपी चौकी खन्ना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो वे तुरंत सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। वहां घायल युवराज बोलने की हालत में नहीं था। युवराज के रिश्तेदार कवलजीत सिंह के बयान दर्ज किए गए। रेलवे एक्ट की धारा 152 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा दोराहा में मौके पर जाकर स्थिति का जायजा भी लिया गया। अमृतसर से दिल्ली जा रही दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस पर पथराव किया गया। लुधियाना और खन्ना के मध्य दोराहा रेलवे स्टेशन के पास यह घटना हुई। एक पत्थर बोगी की खिड़की का शीशा तोड़कर यात्री के मुंह पर लगा, जिससे पानीपत का रहने वाला यात्री घायल हो गया। जिसे सरहिंद रेलवे स्टेशन पर उतारना पड़ा। उसे फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल युवराज सिंह के दांत टूट गए हैं और होंठों पर गंभीर चोट है। बोगी नंबर डी-2 में सवार था युवराज जानकारी के अनुसार, युवराज सिंह अपनी मां सुखविंदर कौर तथा रिश्तेदार कवलजीत सिंह सहित गाड़ी संख्या 22430 दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस की बोगी नंबर डी-2 में सवार था। इनका सीट नंबर 79, 80 और 81 था। युवराज सीट नंबर 79 पर बैठा था। लुधियाना में स्टापेज के बाद गाड़ी को सरहिंद रुकना था। जैसे ही गाड़ी दोराहा रेलवे स्टेशन से निकली तो बाहर से एक पत्थर खिड़की का शीशा तोड़ते हुए युवराज के मुंह पर लगा। युवराज के दांत टूटने और होठों पर गंभीर चोट लगने से काफी खून बह गया था। युवराज का रिश्तेदार कवलजीत सिंह ट्रेन गार्ड के पास पहुंचा। ट्रेन गार्ड फर्स्ट एड किट लेकर आया और युवराज को फर्स्ट एड दी गई। खून का बहाव ज्यादा होने के चलते सरहिंद रेलवे स्टेशन पर युवराज को उतारा गया और सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद युवराज को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। रेलवे एक्ट तहत केस दर्ज मामले की जांच कर रहे जीआरपी चौकी खन्ना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो वे तुरंत सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। वहां घायल युवराज बोलने की हालत में नहीं था। युवराज के रिश्तेदार कवलजीत सिंह के बयान दर्ज किए गए। रेलवे एक्ट की धारा 152 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा दोराहा में मौके पर जाकर स्थिति का जायजा भी लिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अमृतपाल के भाई हरप्रीत का रिमांड खत्म:आज दोबारा कोर्ट में पेश करेगी जालंधर पुलिस, ड्रग्स सहित फिल्लौर से हुई थी गिरफ्तारी खालिस्तान समर्थक और श्री खडूर साहिब सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी का दो दिनों का रिमांड कल खत्म हो गया था। पुलिस आज दोबारा हैप्पी और लवप्रीत को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। क्योंकि पुलिस ने हैप्पी का दस दिन रिमांड मांगा था, मगर कोर्ट ने सिर्फ दो दिन ही ग्रांट किया था। वहीं, कल यानी शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका को लेकर बहस के लिए आगे की तारीख दे दी थी। पुलिस ने कोर्ट से दस दिन के रिमांड की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट पुलिस की दलीलों से खुश नहीं था, जिसके चलते सिर्फ दो दिन का रिमांड मंजूर किया गया। साथ ही हैप्पी और लवप्रीत की जमानत याचिका बहस के लिए 23 जुलाई दिन मंगलवार का समय दिया गया है। मंगलवार को हैप्पी की जमानत पर कोर्ट में बहस होगी। जिसके बाद कोर्ट आगे फैसला लेगी। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी हैप्पी को फिल्लौर पुलिस ने उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के चलते पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन अर्जी दाखिल की है। जिस पर आज सुनवाई होगी। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग्स खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपने क्रेटा गाड़ी में सवार होकर लुधियाना के हैबोवाल के रहने वाले संदीप से 10 हजार रुपए की आइस ड्रग लेकर आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ा लिया था। इस पर एसएसपी अंकुल गुप्ता ने कहा था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे वाली सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग्स लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि झूठा पर्चा दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदलाखोरी की राजनीति की जा रही है। आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। इस झूठे केस में उच्च अधिकारी कैसे शामिल हैं, एसएसपी की प्रेसवार्ता से पता चलता है। आगे तो कभी गाड़ियों की चेकिंग हाईवे पर नहीं हुई, मगर आज ही होनी थी। ऐसे में पहले भी अमृतपाल सिंह के परिवार को टारगेट किया गया था। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहते था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।
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