खन्ना में चांदला मार्केट के दुकानदारों ने नगर कौंसिल की अतिक्रमण हटाओ मुहिम का विरोध करते हुए जीटी रोड जाम कर धरना दिया। स्थानीय प्रशासन व नगर कौंसिल अधिकारियों खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रशासन पर धक्केशाही के आरोप लगाए गए। वहीं दूसरी तरफ नगर कौंसिल अधिकारियों ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और धक्का मुक्की के आरोप लगाए। स्थिति को भांपते हुए डीएसपी हरजिंदर सिंह गिल पुलिस फोर्स समेत पहुंचे। डीएसपी ने कहा कि ड्यूटी में बाधा डालने वालों खिलाफ कार्रवाई होगी। अतिक्रमण हटाने पर भड़के दुकानदार जानकारी के अनुसार, नगर कौंसिल की तरफ से कई दिनों से लगातार शहर में अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत चांदला मार्केट समेत अन्य बाजारों से अतिक्रमण हटाए जा रहे थे। दुकानदारों को दुकानों के बाहर से सामान उठाने और अवैध तरीके से लगाए शेड या तिरपालें उतारने की हिदायत की जा रही थी। इसी बीच दुकानदारों ने इकट्ठे होकर विरोध शुरू कर दिया। दुकानदार जीटी रोड पर पहुंचे और धरना लगा दिया। दुकानदारों ने कहा कि नगर कौंसिल प्रशासन उनके साथ धक्केशाही कर रहा है। जिससे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उल्टा उन्हें दुकानें बंद कराने की धमकियां दी जा रही हैं। विरोध करने पर पर्चा दर्ज करने की धमकी मिल रही है। हाथापाई और बदसलूकी का आरोप नगर कौंसिल के अतिक्रमण हटाओ अभियान की प्रभारी परमजीत कौर ने कहा कि कई दिनों पहले बाजारों में मुनादी कराई गई कि अतिक्रमण हटाए जाएं। इसके बावजूद दुकानदारों ने कोई बात नहीं मानी। अब दुकानों के बाहर गलत तरीके से लगाया सामान हटाया जा रहा था। शेड व तिरपालें उतारी जा रही थीं तो एक दुकान पर मौजूद दो भाइयों ने उनके साथ बदसलूकी की। उनकी टीम से हाथापाई की। इसके बाद दोनों ने दुकानदारों को भड़काते हुए जीटी रोड पर धरना लगा दिया। इसकी शिकायत पुलिस से कर दी गई है। डीएसपी हरजिंदर सिंह गिल ने कहा कि नगर कौंसिल टीम की तरफ से मिली शिकायत पर कार्रवाई होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। खन्ना में चांदला मार्केट के दुकानदारों ने नगर कौंसिल की अतिक्रमण हटाओ मुहिम का विरोध करते हुए जीटी रोड जाम कर धरना दिया। स्थानीय प्रशासन व नगर कौंसिल अधिकारियों खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रशासन पर धक्केशाही के आरोप लगाए गए। वहीं दूसरी तरफ नगर कौंसिल अधिकारियों ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और धक्का मुक्की के आरोप लगाए। स्थिति को भांपते हुए डीएसपी हरजिंदर सिंह गिल पुलिस फोर्स समेत पहुंचे। डीएसपी ने कहा कि ड्यूटी में बाधा डालने वालों खिलाफ कार्रवाई होगी। अतिक्रमण हटाने पर भड़के दुकानदार जानकारी के अनुसार, नगर कौंसिल की तरफ से कई दिनों से लगातार शहर में अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत चांदला मार्केट समेत अन्य बाजारों से अतिक्रमण हटाए जा रहे थे। दुकानदारों को दुकानों के बाहर से सामान उठाने और अवैध तरीके से लगाए शेड या तिरपालें उतारने की हिदायत की जा रही थी। इसी बीच दुकानदारों ने इकट्ठे होकर विरोध शुरू कर दिया। दुकानदार जीटी रोड पर पहुंचे और धरना लगा दिया। दुकानदारों ने कहा कि नगर कौंसिल प्रशासन उनके साथ धक्केशाही कर रहा है। जिससे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उल्टा उन्हें दुकानें बंद कराने की धमकियां दी जा रही हैं। विरोध करने पर पर्चा दर्ज करने की धमकी मिल रही है। हाथापाई और बदसलूकी का आरोप नगर कौंसिल के अतिक्रमण हटाओ अभियान की प्रभारी परमजीत कौर ने कहा कि कई दिनों पहले बाजारों में मुनादी कराई गई कि अतिक्रमण हटाए जाएं। इसके बावजूद दुकानदारों ने कोई बात नहीं मानी। अब दुकानों के बाहर गलत तरीके से लगाया सामान हटाया जा रहा था। शेड व तिरपालें उतारी जा रही थीं तो एक दुकान पर मौजूद दो भाइयों ने उनके साथ बदसलूकी की। उनकी टीम से हाथापाई की। इसके बाद दोनों ने दुकानदारों को भड़काते हुए जीटी रोड पर धरना लगा दिया। इसकी शिकायत पुलिस से कर दी गई है। डीएसपी हरजिंदर सिंह गिल ने कहा कि नगर कौंसिल टीम की तरफ से मिली शिकायत पर कार्रवाई होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
कपूरथला से 10 मजदूरों को कराया मुक्त:बंधक बनाकर ठेकेदार करा रहा था काम, नाबालिग भी शामिल, बिहार सीएम की सूचना पर हुई कार्रवाई
कपूरथला से 10 मजदूरों को कराया मुक्त:बंधक बनाकर ठेकेदार करा रहा था काम, नाबालिग भी शामिल, बिहार सीएम की सूचना पर हुई कार्रवाई कपूरथला जिले के सिधवां दोनां गांव के नजदीक एक आलू फार्म से 10 बंधुआ मजदूरों को बिगन राय नामक ठेकेदार के चंगुल से छुड़वाया गया है। यह कार्रवाई एसडीएम और सदर थाने DSP की पुलिस की देखरेख में की गई है। बताया जा रहा है कि सभी लोगों को ठेकेदार बिगन राय ही 2 महीने पहले बिहार के सीतामढ़ी जिले से मजदूरी करने के लिए लाया था। जिनमें 3-4 नाबालिग भी शामिल है। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी का पता चलने पर ठेकेदार फरार हो गया। बता दें कि सीतामढ़ी के सुरसंड के मेघपुर गांव के रहने वाले मजदूरों को कपूरथला के पहलवान आलू फार्म हाउस के ठेकेदार बिगन राय द्वारा बंधक बना कर रखा गया था। दो महीने से मजदूरी करवाने के बावजूद एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई थी। इसके अलावा उनसे 12 से 13 घंटे काम लिया जा रहा था। जिससे परेशान होकर 2 मजदूर वहां से भाग कर अपने गांव मेघपुर पहुंचे और प्रशासन को आपबीती सुनाई। 6 बिहार और 4 नेपाल के मजदूर पुलिस ने आलू फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ की है। DSP दीपकरण सिंह और कार्यकारी SDM कपिल जिंदल ने बच्चों और मजदूरों से बातचीत कर उनको वापस उनके गांव भेजने की बात कही है। जिनकी लिस्ट तैयार की गई है। इनमें 4 मजदूर नेपाल के सरलाई जिले और आसपास गांव के रहने वाले है। जो पिछले डेढ़ वर्ष से ठेकेदार के पास काम करते थे। बंधक बनाकर रखे गए मजदूरों में फेकू सदा (सीतामढ़ी) दुर्गा नंद, दिपेंद्र, अनिल, विकेश (नेपाल) नीरज (सीतामढ़ी), मुकेश, रुपम, बुंदेल आदि ने बताया कि उनकों 12 हजार रुपए वेतन देने की बात कर जहां आलू फार्म हाउस में लाया गया था। ठेकेदार बिगन द्वारा 8 घंटे की बजाए 13 घंटे काम करवाया जाता था। रोटी खाने के लिए रुपए मांगे जाते तो वह उनसे मारपीट करता और भद्दी-भद्दी गालियां निकालता था। बिहार सीएम ने पंजाब सीएम ऑफिस में की बात इसी बात से परेशान होकर बीते दिन 2 मजदूर चोरी छिपे फार्म हाउस से भाग निकले। वह भी अपने गांव वापस लौटना चाहते है। लेकिन ठेकेदार उनको जाने नही देता है। मामला बिहार के सीएम के दरबार में पहुंच गया। जिसके बाद बिहार के CM द्वारा पंजाब के CM ऑफिस से बात कर बाकी मजदूरों को छुड़वाने के लिए कहा गया। मारपीट करके कराया जा रहा था काम गुरुवार को गांव सिधवां दोनां के नजदीक बने पहलवान आलू फार्म हाउस में जिला प्रशासन और पुलिस की टाम ने दबिश दी। वहां पर काम करने वाले मजदूरों से बातचीत की गई। जिनमें से बिहार के सीतामढ़ी से आए हुए मजदूरों ने बताया कि बिगन उनका ठेकेदार है। आलुओं के खेतों में मजदूरी करवाने के लिए 2 महीने पहले कपूरथला के गांव सिधवां दोनां में लेकर आया था।मजदूरों ने बताया कि हमे बढ़िया वेतन दिलवाने का लालच दिया गया। लेकिन यहां पर ठेकेदार बिगन राय उनके साथ मारपीट करता और साथ आए बच्चों से भी जबरदस्ती काम करवाता है। मालिक बोले- हमे नहीं है जानकारी फार्म हाउस के मालिक तेजा सिंह और जसबीर सिंह ने बताया कि ठेकेदार द्वारा मजदूरों से ऐसा सलूक किया जा रहा है। इसके बारे उनको पता नहीं है, और ना ही किसी मजदूर की ओर से उन्हें इस बारे में बताया गया है। फिलहाल पुलिस फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ कर रही है।
दिल्ली कूच के लिए किसानों के हरियाणा में 4 पड़ाव:पहली पंक्ति में किसान नेताओं के मरजीवड़े जत्थे होंगे; दिन में चलेंगे, रात सड़क पर सोएंगे
दिल्ली कूच के लिए किसानों के हरियाणा में 4 पड़ाव:पहली पंक्ति में किसान नेताओं के मरजीवड़े जत्थे होंगे; दिन में चलेंगे, रात सड़क पर सोएंगे शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है। रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने इसका खुलासा किया। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा है कि 6 दिसंबर को किसान पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों का नेतृत्व कर रहे नेता मरजीवड़ों (मरने को तैयार) के जत्थों के तौर पर पहली पंक्ति में चलेंगे। उनके पीछे अन्य किसान आएंगे। जहां रात होगी, किसान वहीं सड़क पर ही डेरा डालेंगे। सुबह होते ही फिर से दिल्ली की ओर चलना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कई मंत्रियों और केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का बयान आया है कि अगर किसान पैदल जाते है तो उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं। ऐसे में हम आशा करते हैं कि वे अपने बयानों पर कायम रहेंगे। पंधेर ने कहा कि किसान अपने साथ जरूरी सामान लेकर जाएंगे। पहला पड़ाव जग्गी सिटी अंबाला में डालेंगे। इसके बाद मोहड़ा मंडी, खानपुर जट्टां के और पीपली में किसानों का जत्था पहुंचेगा। सभी किसान रोजाना सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही चलेंगे। केवल MSP कानून चाहते हैं किसान
पंधेर ने कहा कि 18 फरवरी के बाद सरकार की किसानों से बातचीत बंद की गई है। भाजपा प्रवक्ता सिर्फ मीडिया में ही बातें करते हैं। असलियत यह है कि खुद पीयूष गोयल कह चुके हैं कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग चाहते हैं जबकि, किसान MSP कानून चाहते हैं। पंधेर ने कहा कि इस समय सदन चल रहा है। देखना है कि कितने लोगों ने किसानों की बातों को सदन में उठाया? हम सिर्फ MSP कानून की बात कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा। इसलिए किसान MSP कानून की मांग कर रहा है। हिरासत से छोड़े डल्लेवाल की सुरक्षा में किसान तैनात
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लेने के बाद से किसान अलर्ट पर हैं। डल्लेवाल की सुरक्षा खुद किसानों ने संभाल ली है। फार्मर फोर्स की तरह करीब 70 किसान मोर्चे के दोनों तरफ तैनात हैं। डल्लेवाल के पास किसान 4-4 घंटे की शिफ्ट में पहरा दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि 26 नवंबर को पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को हिरासत में लिया था। तब उनका वजन करीब 86.800 किलोग्राम था। वहां से आने के बाद उनका वजन 4 किलो घट गया है। वह 26 नवंबर से ही मरणव्रत पर हैं। डल्लेवाल के लिए मोर्च पर नई स्टेज बनाई गई है। आज से वह यहीं बैठकर अपना मरणव्रत जारी रखेंगे। स्टेज के आसपास भी किसानों की ड्यूटी लगाई गई है। किसान बोले- डल्लेवाल के पास किसी को नहीं पहुंचने देंगे
किसान नेताओं का कहना है कि सभी किसान सुरक्षा में हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल के पास अब किसी को भी पहुंचने नहीं दिया जाएगा। हमें मारकर या हमारी लाशों को लांघकर ही कोई आगे बढ़ सकता है। वहीं, महिला किसानों का कहना है कि जब डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी, तभी महिला किसानों ने भी संघर्ष में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। पहरों में पहले पुरुष ही होते थे, लेकिन सरकार की नाकामयाबी के कारण अब महिलाओं को भी आना पड़ा है। 6 राज्य के किसान नेताओं की मीटिंग हुई
एक दिन पहले शनिवार को किसान मजदूर मोर्चा ने 6 राज्यों के किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता केरल के किसान नेता पीटी जोन और पंजाब के गुरअमनीत सिंह मांगट ने की। किसानों ने कहा कि डल्लेवाल को हिरासत में लेना आम आदमी पार्टी सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की तैयारी को लेकर सभी संगठनों के बीच सहमति बन गई है। बैठक में लंगरों की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और वालंटियर्स की संख्या पर चर्चा की गई। रिहा होने के बाद डल्लेवाल ने कहीं 3 अहम बातें… 1. मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी
लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मुझे रात खनौरी से उठाया और अस्पताल में दाखिल किया। मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी। दूसरे मरीजों को भी मोबाइल नहीं लाने दिया। सच्चाई ये थी कि मुझे यहां नजरबंद रखा गया। मैं किसानों की मेहनत की वजह से बाहर आया हूं। 2. टेस्ट करने की कई कोशिशें की
ये लोग बहुत कोशिश करते रहे कि मुझे ट्रीटमेंट दे दें। ब्लड टेस्ट, दवा देने, टेस्ट करने की कई कोशिशें की। अगर मुझे मरणव्रत पर नहीं बैठना होता तो पुलिसवालों की चाय पी लेता। 3. हमारा पंजाब से कोई झगड़ा नहीं
लड़ाई 13 फरवरी से शुरू हुई। ये लड़ाई किसानी का फ्यूचर बचाने के लिए है। इस लड़ाई को शांतिमय तरीके से ऊपर ले जाने का एक ही तरीका बचता है कि नेता अपने प्राणों की आहूति देने की तैयारी करें। पंजाब सरकार ने जो किया, वो केंद्र की बुक्कल में बैठकर किया। हमारा पंजाब से कोई झगड़ा ही नहीं है। पंजाब सरकार को हमसे कोई लेना देना ही नहीं है।
रूपनगर का लाल राजौरी में हुआ शहीद:सैनिकों के साथ थे गश्त पर, गहरी खाई में गिरा वाहन, एक साल पहले हुई थी शादी
रूपनगर का लाल राजौरी में हुआ शहीद:सैनिकों के साथ थे गश्त पर, गहरी खाई में गिरा वाहन, एक साल पहले हुई थी शादी पंजाब के जिला रूपनगर के नूरपुर बेदी ब्लॉक के गांव झज्ज निवासी सेना का जवान बलजीत सिंह मंगलवार को राजौरी सेक्टर में शहीद हो गया। शहीद बलजीत सिंह तथा उसके साथ चार अन्य सैनिकों का स्पेशल सर्च ऑपरेशन के दौरान दुश्मनों की तलाश तहत गश्त पर थे। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार, शहीद बलजीत सिंह फोर्स में विशेष वाहन पर मशीनगन पर ड्यूटी निभा रहा था। गश्त के दौरान उनका दुश्मनों से सामना हुआ तथा घटना में उनकी गाड़ी 200 फुट गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें बलजीत सिंह की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनके चार अन्य साथी गंभीर रुप से घायल हो गए। सैन्य अधिकारियों ने दी सलामी आज सुबह आज उनके पार्थिव शरीर को लेकर फोर्स की स्पेशल टुकड़ी तथा चंडी मंदिर हेड क्वार्टर से जवान गांव पहुंचे तो पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद की अंतिम यात्रा नूरपुर बेदी से उनके गांव तक गई। नम आंखों से शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए। सेना के जवानों और अधिकारियों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। यहां देखिए फोटो मौसेरे भाई से हुई थी बात बता दें कि, शहीद बलजीत सिंह के पिता संतोख सिंह का करीब एक वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है। शहीद के मौसेरे भाई सरबजीत डूमेवाले ने बताया कि एक दिन पहले ही बलजीत सिंह से हमारी बात हुई थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा हेवी ड्यूटी कंप्लीट करने पर लाइट ड्यूटी के दिए ऑफर के बजाय इसी दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी करने पर डटा रहा। बलजीत सिंह की शादी को अभी एक वर्ष पूरा हुआ है। उसकी पत्नी अमनदीप कौर शादी के बाद भी पढ़ाई कर रही थी।