खरड़ में लाइनमैन की करंट से मौत का मामला:पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया सुओ-मोटो, चीफ इंजीनियर से रिपोर्ट तलब

खरड़ में लाइनमैन की करंट से मौत का मामला:पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया सुओ-मोटो, चीफ इंजीनियर से रिपोर्ट तलब

पंजाब के खरड़ में अस्पताल रोड पर बिजली के खंभे पर करंट लगने से लाइनमैन की मौत के दो दिन बाद पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले का सुओ-मोटो लिया है। आयोग ने 4 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित करते हुए चीफ इंजीनियर साऊथ जोन पटियाला से रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि 29 वर्षीय लाइनमैन सुतविंदर सिंह की दो दिन पहले करंट लगने से मौत हो गई थी। वह 11 केवी लाइन में खराबी ठीक कर रहा था। उसे बचाने के लिए हाइड्रोलिक लिफ्ट नहीं होने के कारण लाइनमैन करीब आधे घंटे तक बिजली के तारों में फंसा रहा। साथी बिजली कर्मियों और स्थानीय लोगों ने उसे बचाने के लिए दो बांस की सीढ़ी और एक टिपर ट्रक की व्यवस्था की। बमुश्किल 200 मीटर दूर होने के बावजूद एक एम्बुलेंस समय पर वहां पहुंचने में विफल रही। अंत में पीड़िता को एक ट्रक में अस्पताल ले जाया गया था। रविवार लाइनमैनों ने किया था प्रदर्शन आपको बता दें कि, रविवार को मृतक के परिजनों और पावरकॉम व ट्रांसको काँटैक्ट वर्कर्स यूनियन (PTCWU) की तरफ से प्रदर्शन किया गया था। यह प्रदर्शन कामकाजी परिस्थितियों और सुरक्षा गियर की कमी के खिलाफ था। बिजली बोर्ड पर इलजाम लगाए गए थे कि PSPCL लाइनमैनों के लिए उचित सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाती। मोहाली नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा था कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों और नौकरशाही की लापरवाही के कारण कर्मचारियों की जान जा रही है। उन्होंने कहा कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। देर रात तक शव पोल पर रहा ग्रामीणों का कहना था कि मृतक लाइनमैन शटडॉउन लेकर लाइन ठीक करने के लिए पोल पर चढ़ा था, लेकिन ठेकेदार के कर्मियों ने बिजली शुरू कर दी। इससे उसकी मौत हो गई। घटना शनिवार को करीब दो बजे के बीच हुई, जबकि इसका पता शाम को 5 बजे लगा था। ऐसे में ग्रामीणों ने देर शाम तक शव उतारने से इनकार कर दिया। देर रात सहमति बनने के बाद करीब 11:15 बजे शव को नींचे उतारा गया था। पंजाब के खरड़ में अस्पताल रोड पर बिजली के खंभे पर करंट लगने से लाइनमैन की मौत के दो दिन बाद पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले का सुओ-मोटो लिया है। आयोग ने 4 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित करते हुए चीफ इंजीनियर साऊथ जोन पटियाला से रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि 29 वर्षीय लाइनमैन सुतविंदर सिंह की दो दिन पहले करंट लगने से मौत हो गई थी। वह 11 केवी लाइन में खराबी ठीक कर रहा था। उसे बचाने के लिए हाइड्रोलिक लिफ्ट नहीं होने के कारण लाइनमैन करीब आधे घंटे तक बिजली के तारों में फंसा रहा। साथी बिजली कर्मियों और स्थानीय लोगों ने उसे बचाने के लिए दो बांस की सीढ़ी और एक टिपर ट्रक की व्यवस्था की। बमुश्किल 200 मीटर दूर होने के बावजूद एक एम्बुलेंस समय पर वहां पहुंचने में विफल रही। अंत में पीड़िता को एक ट्रक में अस्पताल ले जाया गया था। रविवार लाइनमैनों ने किया था प्रदर्शन आपको बता दें कि, रविवार को मृतक के परिजनों और पावरकॉम व ट्रांसको काँटैक्ट वर्कर्स यूनियन (PTCWU) की तरफ से प्रदर्शन किया गया था। यह प्रदर्शन कामकाजी परिस्थितियों और सुरक्षा गियर की कमी के खिलाफ था। बिजली बोर्ड पर इलजाम लगाए गए थे कि PSPCL लाइनमैनों के लिए उचित सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाती। मोहाली नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा था कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों और नौकरशाही की लापरवाही के कारण कर्मचारियों की जान जा रही है। उन्होंने कहा कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। देर रात तक शव पोल पर रहा ग्रामीणों का कहना था कि मृतक लाइनमैन शटडॉउन लेकर लाइन ठीक करने के लिए पोल पर चढ़ा था, लेकिन ठेकेदार के कर्मियों ने बिजली शुरू कर दी। इससे उसकी मौत हो गई। घटना शनिवार को करीब दो बजे के बीच हुई, जबकि इसका पता शाम को 5 बजे लगा था। ऐसे में ग्रामीणों ने देर शाम तक शव उतारने से इनकार कर दिया। देर रात सहमति बनने के बाद करीब 11:15 बजे शव को नींचे उतारा गया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर