हरियाणा के रोहतक जिले में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। डिपो की 5 इलेक्ट्रिक बसें 26 जनवरी से शहर में चलेंगी, जिसके लिए रूट भी तैयार कर लिया गया है। वहीं, रोडवेज कर्मचारी इलेक्ट्रिक बसों के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान विनोद ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 26 जनवरी को रोहतक, हिसार व अन्य कई डिपो में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिसका कर्मचारी हर स्तर पर विरोध करेंगे। एक इलेक्ट्रिक बस की जगह 6 साधारण बसें आती हैं। पूरे हरियाणा में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का निर्णय है, यदि उसकी जगह प्रत्येक डिपो के बेड़े में 300/300 साधारण बसें शामिल कर दी जाएं तो हरियाणा प्रदेश में 7200 से अधिक बसें उपलब्ध हो जाएंगी। बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार
राज्य प्रधान दिनोद ने बताया कि एक रोडवेज बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। विभाग में अगर 10 हजार सरकारी बस शामिल होती हैं तो 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। जनता को बेहतर व सुरक्षित सेवा मिलेगी। वहीं सरकार के 62 रुपए प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से बस चलाने के निर्णय से जनता पर महंगे किराए के साथ विभाग को भी घाटे का भुगतना करना पड़ेगा। प्राइवेट बसों में नहीं मिलती सब्सिडी
रोडवेज यूनियन के महासचिव सुमेर सिवाच ने बताया कि सरकार के प्राइवेट बस चलाने के निर्णय से बस में छात्र-छात्राओं, पुलिस कर्मी एवं रोडवेज के स्टाफ को बैठने की अनुमति नहीं होगी। जिस बस में छात्र-छात्राएं,पुलिस कर्मी एवं हरियाणा रोडवेज द्वारा जनता को दी जा रही 47 कैटिगिरी को सब्सिडी नहीं मिलेगी, ऐसी बसें आम जनता के किस काम की हैं। हरियाणा के रोहतक जिले में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। डिपो की 5 इलेक्ट्रिक बसें 26 जनवरी से शहर में चलेंगी, जिसके लिए रूट भी तैयार कर लिया गया है। वहीं, रोडवेज कर्मचारी इलेक्ट्रिक बसों के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान विनोद ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 26 जनवरी को रोहतक, हिसार व अन्य कई डिपो में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिसका कर्मचारी हर स्तर पर विरोध करेंगे। एक इलेक्ट्रिक बस की जगह 6 साधारण बसें आती हैं। पूरे हरियाणा में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का निर्णय है, यदि उसकी जगह प्रत्येक डिपो के बेड़े में 300/300 साधारण बसें शामिल कर दी जाएं तो हरियाणा प्रदेश में 7200 से अधिक बसें उपलब्ध हो जाएंगी। बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार
राज्य प्रधान दिनोद ने बताया कि एक रोडवेज बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। विभाग में अगर 10 हजार सरकारी बस शामिल होती हैं तो 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। जनता को बेहतर व सुरक्षित सेवा मिलेगी। वहीं सरकार के 62 रुपए प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से बस चलाने के निर्णय से जनता पर महंगे किराए के साथ विभाग को भी घाटे का भुगतना करना पड़ेगा। प्राइवेट बसों में नहीं मिलती सब्सिडी
रोडवेज यूनियन के महासचिव सुमेर सिवाच ने बताया कि सरकार के प्राइवेट बस चलाने के निर्णय से बस में छात्र-छात्राओं, पुलिस कर्मी एवं रोडवेज के स्टाफ को बैठने की अनुमति नहीं होगी। जिस बस में छात्र-छात्राएं,पुलिस कर्मी एवं हरियाणा रोडवेज द्वारा जनता को दी जा रही 47 कैटिगिरी को सब्सिडी नहीं मिलेगी, ऐसी बसें आम जनता के किस काम की हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर