गर्भस्थ की मौत के मामले में डॉक्टर दोषी:लखनऊ के दुबग्गा में डॉक्टर ने कराया था प्रसव,स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच रिपॉर्ट सौपीं

गर्भस्थ की मौत के मामले में डॉक्टर दोषी:लखनऊ के दुबग्गा में डॉक्टर ने कराया था प्रसव,स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच रिपॉर्ट सौपीं

लखनऊ के दुबग्गा में महिला डॉक्टर की क्लीनिक में प्रसव के दौरान गर्भस्थ की मौत और प्रसूता की बच्चेदानी फटने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। विभाग ने डॉक्टर को दोषी माना है। मलिहाबाद के भागेलामऊ निवासी पवन कुमार मौर्या मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के मुंशीखेड़ा के रहने वाले हैं। पवन का आरोप है कि गर्भवती पत्नी पूजा का इलाज दुबग्गा जेहटा रोड स्थित लक्ष्मी पॉली क्लीनिक की डॉ.सुमन से चल रहा था। ये था पूरा मामला आरोप था कि 8 नवंबर को वह पूजा को क्लीनिक पर ले गए तो डॉ.सुमन ने सामान्य प्रसव कराने का झांसा देते हुए 50 हजार रुपये मांगे। 28 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन क्लीनिक ले आए। पवन का आरोप है कि महिला डॉक्टर की क्लीनिक में OT की सुविधा नहीं थी। फिर भी प्रसव कराने का फैसला किया। वह काफी देर तक पूजा का पेट दबाती रही। इससे पेट में बच्चा मर गया। खून निकलने लगा तो महिला डॉक्टर और परिजन घबरा गए। डॉक्टर से विरोध जताने पर उन्होंने अभद्रता करते हुए धमकाया। हालत नाजुक देखकर दूसरे निजी अस्पताल ले गए। मृत शिशु को सर्जरी कर निकाला दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके गर्भ में मृत नवजात को निकाला। पवन के मुताबिक शिकायत लेकर वह दुबग्गा थाने गए तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज या सुनवाई करने के बजाय भगा दिया। कमिश्नर से गुहार लगाई तो दुबग्गा थाने में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पवन ने सीएमओ कार्यालय में भी शिकायत की थी। कार्यालय ने महिला डॉक्टर से संपर्क किया तो वह अपनी डिग्री के साक्ष्य नहीं दे सकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने महिला डॉक्टर को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट थाने भेज दी है। लखनऊ के दुबग्गा में महिला डॉक्टर की क्लीनिक में प्रसव के दौरान गर्भस्थ की मौत और प्रसूता की बच्चेदानी फटने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। विभाग ने डॉक्टर को दोषी माना है। मलिहाबाद के भागेलामऊ निवासी पवन कुमार मौर्या मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के मुंशीखेड़ा के रहने वाले हैं। पवन का आरोप है कि गर्भवती पत्नी पूजा का इलाज दुबग्गा जेहटा रोड स्थित लक्ष्मी पॉली क्लीनिक की डॉ.सुमन से चल रहा था। ये था पूरा मामला आरोप था कि 8 नवंबर को वह पूजा को क्लीनिक पर ले गए तो डॉ.सुमन ने सामान्य प्रसव कराने का झांसा देते हुए 50 हजार रुपये मांगे। 28 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन क्लीनिक ले आए। पवन का आरोप है कि महिला डॉक्टर की क्लीनिक में OT की सुविधा नहीं थी। फिर भी प्रसव कराने का फैसला किया। वह काफी देर तक पूजा का पेट दबाती रही। इससे पेट में बच्चा मर गया। खून निकलने लगा तो महिला डॉक्टर और परिजन घबरा गए। डॉक्टर से विरोध जताने पर उन्होंने अभद्रता करते हुए धमकाया। हालत नाजुक देखकर दूसरे निजी अस्पताल ले गए। मृत शिशु को सर्जरी कर निकाला दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके गर्भ में मृत नवजात को निकाला। पवन के मुताबिक शिकायत लेकर वह दुबग्गा थाने गए तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज या सुनवाई करने के बजाय भगा दिया। कमिश्नर से गुहार लगाई तो दुबग्गा थाने में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पवन ने सीएमओ कार्यालय में भी शिकायत की थी। कार्यालय ने महिला डॉक्टर से संपर्क किया तो वह अपनी डिग्री के साक्ष्य नहीं दे सकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने महिला डॉक्टर को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट थाने भेज दी है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर