गाजियाबाद में एक्सिस बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर शिवानी त्यागी ने जहर खाकर जान दे दी। मरने से पहले शिवानी ने 5 पेज का सुसाइड नोट लिखा है। उन्होंने अपनी मौत के लिए बैंक के ही तीन कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। 27 वर्षीय शिवानी त्यागी गाजियाबाद में नंदग्राम थाना क्षेत्र में गांव घूकना की रहने वाली थी। 12 जुलाई की शाम करीब 4 बजे शिवानी ने घर में जहरीला पदार्थ खाया। गंभीर हालत में उनको दिल्ली रेफर कर दिया। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल (GTB) में उपचार के दौरान मौत हो गई। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने बैंक सहकर्मी ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम और नजमुश शाकिब आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मैंने बहुत बार कंप्लेंट की, पर किसी ने नहीं सुनी
‘मैं शिवानी त्यागी एक्सिस हाउस में जॉब करती हूं। मैंने ये हाउस 21 अक्टूबर 2023 को जॉइन किया था। मेरी एक टीम मेट है ज्योति चौहान। मुझसे पिछले 5-6 महीने से बहुत ज्यादा परेशान कर रही है। मुझे मेंटली टॉर्चर कर रही है। पिछले पांच-छह महीने में मेरे सुपरवाइजर मोहम्मद अकरम को सब कुछ पता है। क्योंकि मैंने बहुत बार कंप्लेंट की है। कई बार उसने मेरे सुपरवाइजर के सामने भी लड़ाइयां की हैं। कभी बंदरिया बोलती है, कभी बोलती है कि दिमाग से पैदल है ये। मेरा मजाक बनाती है। मेरे सुपरवाइजर भी मजाक में शामिल होते हैं। मेरे हाथ कांपते हैं तो उसका भी मजाक बनाया जाता है। मैंने ऑफिस में सबसे शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। उल्टा, मुझ पर ही रिजाइन करने का दबाव बनाया जाने लगा। एक दिन बात इतनी बढ़ गई कि ज्योति ने मेरा हाथ मोड़ दिया। नाखून लगने से मुझे खून बहने लगा। मैंने ज्योति को थप्पड़ भी मार दिया।’ ‘ऐसी पनिसमेंट दी जाए कि ये किसी और की जिंदगी न छीन सकें’
सुसाइड नोट में शिवानी ने आगे लिखा है- ‘मैं अगर कोई गलत स्टेप लेती हूं तो उसके जिम्मेदार ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम, नजमुश शाकिब, योगेश कौशिक, गगन बघेल, गिरजा देवी होंगे। क्योंकि मैं अब इनसे इतनी डिस्टर्ब हो गई हूं कि मैं अपनी लाइफ स्टॉप कर रही हूं यहीं पर। मैं चाहती हूं कि अगर कानून सच्चा है तो इन सबको ऐसी पनिसमेंट दी जाए कि ये फिर दोबारा किसी और की जिंदगी न छीन सकें। क्योंकि जो मेरे साथ हुआ, वो किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। इनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। जेल में बंद कर दिया जाए। ज्योति चौहान और मोहम्मद अकरम को उम्र भर जेल में रखना चाहिए। मुझे इन सभी ने मजबूर किया है मरने के लिए। इन लोगों की वजह से मैं सुसाइड कर रही हूं। जय श्री श्याम सभी को।’ भाई को बताए बैंक-मोबाइल के पासवर्ड
सुसाइड नोट का आखिरी पन्ना शिवानी त्यागी ने अपने भाई गौरव के लिए लिखा है। इसमें ज्योति ने अपने मोबाइल, बैंक खाते के पासवर्ड बताए हैं। इंडियन बैंक में जमा एक एफडी के बारे में भी बताया है। शिवानी ने लिखा है- ‘सबका ख्याल रखना घर में। सबको संभाल लेना। मैं इस दुनिया से जा रही हूं मेरी मम्मी जी और पापा जी और दीदी को संभाल लेना। मेरी साइड से बच्चों को बहुत सारा प्यार करना। एक रिक्वेस्ट है आपसे, मेरे इस दुनिया से जाने के गुनहगार लोगों को पनिसमेंट जरूर दिलाना। बाय-बाय…।’ गाजियाबाद में एक्सिस बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर शिवानी त्यागी ने जहर खाकर जान दे दी। मरने से पहले शिवानी ने 5 पेज का सुसाइड नोट लिखा है। उन्होंने अपनी मौत के लिए बैंक के ही तीन कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। 27 वर्षीय शिवानी त्यागी गाजियाबाद में नंदग्राम थाना क्षेत्र में गांव घूकना की रहने वाली थी। 12 जुलाई की शाम करीब 4 बजे शिवानी ने घर में जहरीला पदार्थ खाया। गंभीर हालत में उनको दिल्ली रेफर कर दिया। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल (GTB) में उपचार के दौरान मौत हो गई। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने बैंक सहकर्मी ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम और नजमुश शाकिब आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मैंने बहुत बार कंप्लेंट की, पर किसी ने नहीं सुनी
‘मैं शिवानी त्यागी एक्सिस हाउस में जॉब करती हूं। मैंने ये हाउस 21 अक्टूबर 2023 को जॉइन किया था। मेरी एक टीम मेट है ज्योति चौहान। मुझसे पिछले 5-6 महीने से बहुत ज्यादा परेशान कर रही है। मुझे मेंटली टॉर्चर कर रही है। पिछले पांच-छह महीने में मेरे सुपरवाइजर मोहम्मद अकरम को सब कुछ पता है। क्योंकि मैंने बहुत बार कंप्लेंट की है। कई बार उसने मेरे सुपरवाइजर के सामने भी लड़ाइयां की हैं। कभी बंदरिया बोलती है, कभी बोलती है कि दिमाग से पैदल है ये। मेरा मजाक बनाती है। मेरे सुपरवाइजर भी मजाक में शामिल होते हैं। मेरे हाथ कांपते हैं तो उसका भी मजाक बनाया जाता है। मैंने ऑफिस में सबसे शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। उल्टा, मुझ पर ही रिजाइन करने का दबाव बनाया जाने लगा। एक दिन बात इतनी बढ़ गई कि ज्योति ने मेरा हाथ मोड़ दिया। नाखून लगने से मुझे खून बहने लगा। मैंने ज्योति को थप्पड़ भी मार दिया।’ ‘ऐसी पनिसमेंट दी जाए कि ये किसी और की जिंदगी न छीन सकें’
सुसाइड नोट में शिवानी ने आगे लिखा है- ‘मैं अगर कोई गलत स्टेप लेती हूं तो उसके जिम्मेदार ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम, नजमुश शाकिब, योगेश कौशिक, गगन बघेल, गिरजा देवी होंगे। क्योंकि मैं अब इनसे इतनी डिस्टर्ब हो गई हूं कि मैं अपनी लाइफ स्टॉप कर रही हूं यहीं पर। मैं चाहती हूं कि अगर कानून सच्चा है तो इन सबको ऐसी पनिसमेंट दी जाए कि ये फिर दोबारा किसी और की जिंदगी न छीन सकें। क्योंकि जो मेरे साथ हुआ, वो किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। इनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। जेल में बंद कर दिया जाए। ज्योति चौहान और मोहम्मद अकरम को उम्र भर जेल में रखना चाहिए। मुझे इन सभी ने मजबूर किया है मरने के लिए। इन लोगों की वजह से मैं सुसाइड कर रही हूं। जय श्री श्याम सभी को।’ भाई को बताए बैंक-मोबाइल के पासवर्ड
सुसाइड नोट का आखिरी पन्ना शिवानी त्यागी ने अपने भाई गौरव के लिए लिखा है। इसमें ज्योति ने अपने मोबाइल, बैंक खाते के पासवर्ड बताए हैं। इंडियन बैंक में जमा एक एफडी के बारे में भी बताया है। शिवानी ने लिखा है- ‘सबका ख्याल रखना घर में। सबको संभाल लेना। मैं इस दुनिया से जा रही हूं मेरी मम्मी जी और पापा जी और दीदी को संभाल लेना। मेरी साइड से बच्चों को बहुत सारा प्यार करना। एक रिक्वेस्ट है आपसे, मेरे इस दुनिया से जाने के गुनहगार लोगों को पनिसमेंट जरूर दिलाना। बाय-बाय…।’ उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर