वाराणसी के लालपुर थाने में शुक्रवार की रात सैदपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह ने तीन घंटे जमकर हंगामा काटा। महिला ने बेटे के साथ गेट पर लेट गई तो अंदर आकर भी पुलिस प्रशासन को खरी खोटी सुनाई। गाजीपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के पति और भाजपा नेता पंकज सिंह की गिरफ्तारी की मांग की। पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने पंकज सिंह पर जमीन कब्जाने और दबंगई दिखाकर कर्मचारियों को गनरों से पिटवाने की बात कही। जिप. पति पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए एक से अधिक सरकारी गनर के उपयोग करने को अनाधिकृत बताकर जांच की मांग की। पूर्व प्रमुख के बेटे ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर मेडिकल कराने की मांग की। हालांकि पुलिस ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर देर रात उन्हें बेटे के साथ समझा बुझाकर घर भेज दिया। शुक्रवार रात 9 बजे सैदपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह (वर्ष 2005-10) अपने बेटे आयुष सिंह और कर्मचारियों के साथ थाना लालपुर पांडेपुर पहुंची। थाने में पहुंचते ही पुलिस को कर्मचारियों की पिटाई और हमलावरों की दबंगई दिखाई। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहले गेट पर धरने पर बैठ गई फिर अंदर आकर न्याय की मांग करने लगी। पूर्व प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह ने पड़ोसी जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के पति पंकज सिंह पर कर्मचारियों को पीटने और प्राइवेट-सरकारी गनरों से पिटवाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि शाम 8 बजे के आसपास उनके कर्मचारी दूसरे प्लॉट पर खाना बना रहे थे। इसी दौरान पंकज सिंह ने गनरों के साथ हमला बोल दिया। कर्मचारियों को बंदूक की बटों से मारा और जातिसूचक गालियां भी दी। उनके बेटे आयुष सिंह ने बताया कि जब हम लोग बीच बचाव को पहुंचे तो हमें भी पीटा और हमारी मां के बाल नोचे। उनके अनुसार मकान के पास एक सटे हुए प्लाट पर उनका कब्जा है और उसका केस सिविल कोर्ट में चल रहा है। इस प्लॉट पर पंकज की नीयत खराब है, कब्जे की नीयत से 50 लाख की रंगदारी मांगते हुए धमकी दी है। तीन घंटे चला हाईवोल्टेड ड्रामा फिर भी नहीं हुई एफआईआर पुलिस थाने में पूर्व प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह और उनके परिजनों ने तीन घंटे तक हंगामा काटा लेकिन पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ। पुलिस ने औपचारिकताओं के लिए तहरीर ले ली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। गेट पर धरना देते हुए पीटे गए कर्मचारियों के मेडिकल की मांग की, वहीं खुद को होने वाली किसी भी क्षति के लिए पंकज सिंह को जिम्मेदार बताया। उधर, पुलिस ने पंकज सिंह से मामले की जानकारी ली। वाराणसी के लालपुर थाने में शुक्रवार की रात सैदपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह ने तीन घंटे जमकर हंगामा काटा। महिला ने बेटे के साथ गेट पर लेट गई तो अंदर आकर भी पुलिस प्रशासन को खरी खोटी सुनाई। गाजीपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के पति और भाजपा नेता पंकज सिंह की गिरफ्तारी की मांग की। पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने पंकज सिंह पर जमीन कब्जाने और दबंगई दिखाकर कर्मचारियों को गनरों से पिटवाने की बात कही। जिप. पति पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए एक से अधिक सरकारी गनर के उपयोग करने को अनाधिकृत बताकर जांच की मांग की। पूर्व प्रमुख के बेटे ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर मेडिकल कराने की मांग की। हालांकि पुलिस ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर देर रात उन्हें बेटे के साथ समझा बुझाकर घर भेज दिया। शुक्रवार रात 9 बजे सैदपुर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह (वर्ष 2005-10) अपने बेटे आयुष सिंह और कर्मचारियों के साथ थाना लालपुर पांडेपुर पहुंची। थाने में पहुंचते ही पुलिस को कर्मचारियों की पिटाई और हमलावरों की दबंगई दिखाई। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहले गेट पर धरने पर बैठ गई फिर अंदर आकर न्याय की मांग करने लगी। पूर्व प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह ने पड़ोसी जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के पति पंकज सिंह पर कर्मचारियों को पीटने और प्राइवेट-सरकारी गनरों से पिटवाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि शाम 8 बजे के आसपास उनके कर्मचारी दूसरे प्लॉट पर खाना बना रहे थे। इसी दौरान पंकज सिंह ने गनरों के साथ हमला बोल दिया। कर्मचारियों को बंदूक की बटों से मारा और जातिसूचक गालियां भी दी। उनके बेटे आयुष सिंह ने बताया कि जब हम लोग बीच बचाव को पहुंचे तो हमें भी पीटा और हमारी मां के बाल नोचे। उनके अनुसार मकान के पास एक सटे हुए प्लाट पर उनका कब्जा है और उसका केस सिविल कोर्ट में चल रहा है। इस प्लॉट पर पंकज की नीयत खराब है, कब्जे की नीयत से 50 लाख की रंगदारी मांगते हुए धमकी दी है। तीन घंटे चला हाईवोल्टेड ड्रामा फिर भी नहीं हुई एफआईआर पुलिस थाने में पूर्व प्रमुख कुसुम चंद्रा सिंह और उनके परिजनों ने तीन घंटे तक हंगामा काटा लेकिन पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ। पुलिस ने औपचारिकताओं के लिए तहरीर ले ली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। गेट पर धरना देते हुए पीटे गए कर्मचारियों के मेडिकल की मांग की, वहीं खुद को होने वाली किसी भी क्षति के लिए पंकज सिंह को जिम्मेदार बताया। उधर, पुलिस ने पंकज सिंह से मामले की जानकारी ली। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिजनों को नौकरी:कृषि मंत्री ने 30 लोगों को सौंपे नियुक्त पत्र, खेतीबाड़ी विभाग में देंगे सेवा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले संघर्ष में जान गंवाने वाले किसानों के 30 परिजनों को पंजाब सरकार ने नौकरी दी है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने सभी लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे है। सारे भर्ती किए गए लोग खेती बाड़ी एवं किसान कल्याण विभाग में निभाएंगे सेवाएं। यह जानकारी राज्य सरकार की तरफ से दी गई है। 378 दिन तक दिल्ली की सीमा पर चला था संघर्ष तीन कृषि कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने लगभग 378 दिनों तक संघर्ष किया था। ये आंदोलन नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक चला था। इस दौरान, किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की थी । आंदोलन के दौरान, सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। आखिर में सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और संसद में एक विधेयक पारित किया गया जिससे ये कानून रद्द हो गए । इस दौरान 700 से अधिक किसानों की जान गई थी। यह किसान पंजाब समेत कई जगह के रहने वाले थे। अब तक 44 हजार को नौकरियां दी अब तक सरकार विभिन्न विभागों में 44,974 सरकारी नौकरियां लोगों को दे चुकी हैं। मंत्री ने कहा कि यह भर्ती पूरी तरह से मेरिट के आधार पर और पारदर्शी तरीके से की गई है। इनमें से 25 लोगों को कृषि और किसान कल्याण विभाग में क्लर्क और पांच को सेवादार के रूप में नियुक्ति दी है। जबकि पशुपालन विभाग में दो वेटरनरी इंस्पेक्टर और चार क्लर्क, जिनमें से तीन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है। डेयरी विकास विभाग में दो स्टेनोग्राफरों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। इस मौके पर कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. गुरशरनजीत सिंह बेदी, डेयरी विकास विभाग के निदेशक कुलदीप सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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Deoria News: 90 विद्यार्थियों की तबीयत अचानक हुई खराब, इंटर कॉलेज में मचा हड़कंप, जानें पूरी डिटेल <p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”><strong>Deoria News:</strong> यूपी के देवरिया जिले में फूड प्वाइजनिंग की वजह से आश्रम पद्धति स्‍कूल में 90 छात्र बीमार पड़ गए हैं. रामपुर कारखाना क्षेत्र स्थित हुई स्‍कूल में हुई इस घटना से हड़कंप मच गया है. 90 छात्रों में 45 को इलाज के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है. इनमें से 45 अन्य छात्रों का इलाज स्‍कूल में ही चल रहा है. सुबह के नाश्ते के बाद तीन बच्‍चों को उल्टी, सिर में दर्द और बुखार की शिकायत के बाद पहले अस्‍पताल में भर्ती किया गया. इसके बाद बच्‍चों की संख्‍या बढ़ने लगी. </p>
<p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”>देवरिया जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज (आवासीय) में सोमवार को सुबह नाश्ते के आधे घंटे बाद ही बच्चों की तबीयत अचानक खराब होने लगी. उल्टी, सिर दर्द और बुखार की शिकायत से पहले तीन बच्चों को तीन को पहले महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज भेजा गया. इसके बाद अन्य बच्चों की भी हालत खराब होने लगी, तो जिला प्रशासन के अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उसके बाद आधा दर्जन एम्बुलेंस से लगभग 45 बच्चों को इमरजेंसी शिफ्ट किया गया.</p>
<p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”>कॉलेज में छात्रों के बीमार होने की सूचना के बाद डीएम दिव्‍या मित्तल, एसपी संकल्प शर्मा के साथ चिकित्‍साधिकारी और अन्‍य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. आनन-फानन में छात्रों को इलाज के लिए अस्‍पताल ले जाया गया. डीएम दिव्‍या मित्‍तल ने बताया कि सोमवार को सुबह नाश्ते के बाद कई बच्चों को उल्टी, सिर दर्द और बुखार की शिकायत हुई. इसके बाद बच्‍चों को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. उनके मेरे द्वारा व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया. सीएमओ और सीएमएस साहब यहां उपस्थित हैं. बच्‍चों का उपचार ठीक से चल रहा है.</p>
<p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”>उन्‍होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे घबराएं नहीं, वे पूरी स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए हैं. इसमें खाने में क्या समस्या हुई. इसके लिए फ़ूड अधिकारी ने भी सैम्पल ले लिया है. ये बताया जा रहा है कि बच्‍चों ने सुबह का बना छोला और पूरी रात में खाई थी. इस प्रकरण में इलाज और जांच दोनों चल रहा है. </p>
<p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य विभाग की टीम विद्यालय भेजी गई</strong><br />देवरिया जिले के बरियारपुर के मेहरौना स्थित राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज में कुल 326 छात्रों का नामांकन है. यह आवासीय विद्यालय है. यहां पर कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. यह विद्यालय समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित है. सोमवार की सुबह नाश्ता करने के बाद कई बच्चे उल्टी करने लगे. कुछ को चक्कर और पेट दर्द की शिकायत होने लगी और लगातार बच्चों की तबीयत बिगड़ती गई. बच्चों की लगातार बिगड़ रही तबियत के चलते स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया और स्कूल ने इसकी जानकारी समाज कल्याण विभाग की दी.</p>
<p style=”font-weight: 400; text-align: justify;”>इसके बाद सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम विद्यालय पर भेजी गई. कुछ बच्चों की तबीयत अधिक खराब होने की वजह से उन्‍हें मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इनमें से जिनकी भी हालत थोड़ी ठीक है, उनका इलाज विद्यालय में किया जा रहा है. जब डीएम दिव्या मित्तल को यह जानकारी हुई, तो वह पहले मेडिकल कालेज पहुंचीं. इसके बाद उन्‍होंने बच्चों से बात की. उसके बाद स्वयं विद्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. आधा दर्जन एम्बुलेंस लगाकर लगभग बच्चों को अस्पताल शिफ्ट किया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>