हरियाणा के करनाल में एक बार फिर ममता शर्मसार हुई है। करनाल में पश्चिमी यमुना नहर में एक नवजात बच्ची का शव मिला है। अनुमान है कि बच्ची एक या दो दिन पहले पैदा हुई है।शव मिलने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। जहां डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। जोगिंग करने के लिए आए युवकों ने देखा भ्रूण पश्चिमी यमुना नहर पर अब्दुल्लापुर गांव के कुछ युवक रोजाना सैर करने के लिए आते है और शुक्रवार देर शाम को भी वे सैर पर आए। प्रत्यक्षदर्शी युवक ने बताया कि पीछे से नहर में ही बच्ची का शव बहता हुआ आ रहा था और वह नहर के किनारे झाड़ियों में फंस गया। जिस पर हमारी नजर पड़ी। अभी तक तो भ्रूण की नाल भी नहीं आई थी। अनुमान है कि बच्ची एक या दो दिन पहले ही पैदा हुई थी और पैदा होते ही कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को नहर में फेंक दिया। डायल-112 की टीम पहुंची मौके पर युवकों ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को की। डायल-112 की टीम मौके पर पहुंच गई और डायल-112 की टीम ने सदर थाना पुलिस को दी है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। 20 अक्टूबर को कोहंड के पास भी मिला था भ्रूण भ्रूण मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 20 अक्टूबर को घरौंडा के कोहंड में कचरे के ढेर में एक भ्रूण भी बरामद हुआ था। जहां पर इंसानियत शर्मसार हुई। वह भ्रूण किसका था, इसका भी आज तक कुछ नहीं चल पाया है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। प्रशासन के निर्देश पर शव निकाला गया मौके पर पहुंचे एएसआई सुखबीर सिंह ने बताया कि अब्दुल्लापुर गांव के नजदीक पश्चिमी यमुना नहर में नवजात बच्ची के शव होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे है। नहर के घाट पर कचरे में बच्ची का शव फंसा हुआ था। प्रशासन के निर्देश पर बच्ची के शव को बाहर निकाला गया। हरियाणा के करनाल में एक बार फिर ममता शर्मसार हुई है। करनाल में पश्चिमी यमुना नहर में एक नवजात बच्ची का शव मिला है। अनुमान है कि बच्ची एक या दो दिन पहले पैदा हुई है।शव मिलने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। जहां डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। जोगिंग करने के लिए आए युवकों ने देखा भ्रूण पश्चिमी यमुना नहर पर अब्दुल्लापुर गांव के कुछ युवक रोजाना सैर करने के लिए आते है और शुक्रवार देर शाम को भी वे सैर पर आए। प्रत्यक्षदर्शी युवक ने बताया कि पीछे से नहर में ही बच्ची का शव बहता हुआ आ रहा था और वह नहर के किनारे झाड़ियों में फंस गया। जिस पर हमारी नजर पड़ी। अभी तक तो भ्रूण की नाल भी नहीं आई थी। अनुमान है कि बच्ची एक या दो दिन पहले ही पैदा हुई थी और पैदा होते ही कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को नहर में फेंक दिया। डायल-112 की टीम पहुंची मौके पर युवकों ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को की। डायल-112 की टीम मौके पर पहुंच गई और डायल-112 की टीम ने सदर थाना पुलिस को दी है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। 20 अक्टूबर को कोहंड के पास भी मिला था भ्रूण भ्रूण मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 20 अक्टूबर को घरौंडा के कोहंड में कचरे के ढेर में एक भ्रूण भी बरामद हुआ था। जहां पर इंसानियत शर्मसार हुई। वह भ्रूण किसका था, इसका भी आज तक कुछ नहीं चल पाया है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। प्रशासन के निर्देश पर शव निकाला गया मौके पर पहुंचे एएसआई सुखबीर सिंह ने बताया कि अब्दुल्लापुर गांव के नजदीक पश्चिमी यमुना नहर में नवजात बच्ची के शव होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे है। नहर के घाट पर कचरे में बच्ची का शव फंसा हुआ था। प्रशासन के निर्देश पर बच्ची के शव को बाहर निकाला गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गोहाना में अरविंद शर्मा पर ‘कमल’ खिलाने का दबाव:विरोध के बावजूद BJP ने दिया टिकट; यहां कभी मुकाबले में नहीं रही भाजपा
गोहाना में अरविंद शर्मा पर ‘कमल’ खिलाने का दबाव:विरोध के बावजूद BJP ने दिया टिकट; यहां कभी मुकाबले में नहीं रही भाजपा हरियाणा के सोनीपत जिले की गोहाना विधानसभा सीट पर भाजपा ने विरोध के बावजूद रोहतक से लोकसभा चुनाव हारे पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने के पीछे भाजपा के चुनावी समीकरण क्या हैं, नेता व आमजन इसके जोड़तोड़ में जुट गए हैं। अरविंद शर्मा पर गोहाना हलके में ‘कमल खिलाने’ का दारोमदार है। इस हलके से भाजपा आज तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। माना जा रहा है कि यहां पर भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था। हालांकि पहलवान योगेश्वर दत्त और 2019 में हारे तीर्थ राणा, वीरेंद्र आर्य भी टिकट मांग रहे थे, लेकिन BJP ने तीनों को किनारे कर दिया। गोहाना हलके में ब्राह्मण समाज की वोट अन्य वर्गों की तुलना में काफी कम हैं। हलके का इतिहास देखें तो 1967 व 1968 के चुनाव में रामधारी गौड यहां से चुनाव जीते थे, इसके बाद से यहां ब्राह्मण समाज से कोई विधायक नहीं रहा है। अरविंद शर्मा का नाता भी हलके से केवल यही है कि वे सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। गोहाना एक जाट बहुल सीट है और 1967 से अब तक हुए विधानसभा के 13 चुनाव में से 10 बार जाट समाज से ही विधायक बना है। डा. अरविंद शर्मा ने वर्ष 1996 में सोनीपत लोकसभा से निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीतकर 2 लाख 71 हजार 552 वोट हासिल किए थे। भाजपा के स्थानीय नेता और पदाधिकारी बाहरी को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। स्थानीय नेता सामूहिक तौर पर प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिख चुके हैं और दिल्ली में पहुंच कर विरोध भी जता चुके हैं। अब टिकट की घोषणा के बाद भाजपा के नेताओं का क्या रुख रहेगा इस पर सभी की नजर टिकी है। गोहाना से कभी नहीं जीती भाजपा
गोहाना विधानसभा क्षेत्र का इतिहास देखें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां हुए कुल 13 चुनावों में से 7 बार कांग्रेस जीती है। तीन चुनाव मे इनेलो-लोकदल के प्रत्याशी जीते। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के जगबीर सिंह मलिक जीते थे, वहीं 2 चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। यहां भाजपा जीत के लिए तरस रही है। पिछड़ा वर्ग को लगा धक्का
गोहाना विधानसभा हलके में जातिय समीकरण की बात करें तो यहां 1 लाख 94 हजार मतदाता हैं। इनमें करीब 92 हजार वोट जाट समुदाय और अन्य नॉन जाट समुदाय के शामिल हैं। पूरे हलके में एक भी ऐसा बड़ा गांव नहीं है, जहां ब्राह्मण समाज के 4-5 हजार वोट हों। राजनीतिक दलों के नेताओं की मानें तो गोहाना हलके में ब्राह्मण व इससे जुड़े अन्य वर्गों की वोट का आंकड़ा 10 हजार के करीब है। दूसरी तरफ एससी और बीसी समाज की वोटों की बात करें तो यह 65-70 हजार के करीब है। इसमें पिछड़ा वर्ग की वोट ज्यादा हैं। इसी को देखते हुए कुरुक्षेत्र के नेता राजकुमार सैनी भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। सैनी समाज से रामकुमार सैनी इनेलो की टिकट पर वर्ष 2000 में चुनाव भी जीत चुके हैं। 2014 में भाजपा की टिकट पर रामचंद्र जांगड़ा ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार भी वे टिकट के दावेदार थे। अपने समाज की टिकट में अनदेखी से पिछड़ा वर्ग के लोगों में रोष है। देखें कब कौन किस पार्टी से बना विधायक
चंडीगढ़ में धमाका करने वाले हरियाणा के युवकों की कहानी:अजीत नई गाड़ियों में घूमता; विनय जेल वार्डन का बेटा, झगड़े से लॉरेंस को दिखा
चंडीगढ़ में धमाका करने वाले हरियाणा के युवकों की कहानी:अजीत नई गाड़ियों में घूमता; विनय जेल वार्डन का बेटा, झगड़े से लॉरेंस को दिखा चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट करने वाले आरोपी अजीत और विनय को 28 नवंबर की शाम चंडीगढ़ पुलिस और हिसार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों का हिसार के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के कहने के बाद ही पुलिस दोनों को चंडीगढ़ लेकर जाएगी। दैनिक भास्कर की टीम हिसार जिले के खरड़ और देवा गांव पहुंची। अजीत खरड़ और विनय देवा गांव का रहने वाला है। देवा गांव में अजीत के मामा और विनय का घर एक ही गली में है। इसलिए दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। विनय की मां सिरसा जेल की वार्डन है। देवा गांव के लोगों के मुताबिक साल 2022 में विनय को अचानक राजनीति का शौक जाग गया। तब वह हिसार के जाट कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था। अचानक पता चला कि वह कॉलेज का प्रेसिडेंट बन गया है। पूरे कॉलेज में उसे प्रधान जी कहकर बुलाने लगे। एक दिन विनय ने कॉलेज के बाहर युवक को बुरी तरह मारा। उसके हाथ-पैर तोड़ दिए। उस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। वह स्कूल टाइम में कबड्डी प्लेयर रहा है। तभी लॉरेंस गैंग की विनय पर नजर पड़ गई। वहीं खरड़ गांव के लोगों के मुताबिक कई दिन से अजीत बदला हुआ लग रहा था। वह महंगी-महंगी गाड़ियों में घूम रहा था। गांववाले भी हैरान थे कि कम जमीन होने के बावजूद वह नई गाड़ियों में कैसे घूम रहा है। अब सिलसिलेवार ढंग से अजीत और विनय के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए अजीत के गांववाले बोले- एक दिन तो ऐसा होना ही था खरड़ गांव हिसार मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे पर अंदर जाकर पड़ता है। गांव में अजीत की चर्चा थी, लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं था। गांव के चौराहे पर कुछ युवक मोबाइल में अजीत की चंडीगढ़ ब्लास्ट से जुड़ी खबर पढ़ रहे थे। उनसे बात की तो सामने से जवाब मिला कि एक दिन तो ऐसा होना ही था। उन्होंने कहा कि अजीत के कुछ महीनों से रंग-ढंग बदले हुए थे। आए दिन नई गाड़ियों में घूमता था। कभी लाल रंग की बड़ी गाड़ी तो कभी काले रंग की स्कॉर्पियो। जब भी वह गांव में दिखता था तो उसके पास नई गाड़ी होती थी। गांववाले भी हैरान थे कि उनके पास इतनी लंबी चौड़ी जमीन जायदाद भी नहीं है, लेकिन आए दिन नई गाड़ियों में कहां से घूमता है। परिवार के पास 2 एकड़ जमीन, मां को कैंसर
गांव के अंदर पुराने रोड पर बनी ढाणी में अजीत का घर है। उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई थी। घर में मां, बहन और बड़ा भाई है। अजीत घर में सबसे छोटा है। उसकी मां को कैंसर है। अजीत के पास 2 एकड़ जमीन है। जैसे ही अजीत के घर पहुंचे तो उसकी मां रोने लगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा घर नहीं आया है। सुबह फोन पर पता चला कि उसे गोली लगी है। मेरा बेटा कैसा है। हम गरीब है। घर के अंदर आकर देख लो, हम कैसे रह रहे हैं। अजीत के घर के अंदर जाकर देखा तो काफी पुराना था। दीवार पर ही कपड़े टंगे हुए थे और बिस्तर लगे थे। अंदर 2 कमरे और थे, लेकिन अजीत की मां ने कहा कि अंदर नहीं जाने दूंगी, वहां संदूक रखे हैं। इसके बाद बाहर आकर कहा कि हमें और कुछ नहीं कहना। तभी बाहर अजीत की बहन रोते हुए आई। उसने बताया कि मेरी मां को 2 महीने से बुखार आ रहा है। हम इलाज करवा रहे हैं। उनके पैर का ऑपरेशन हुआ है। मेरा भाई ऐसा नहीं कर सकता। तभी उसकी मां ने कहा कि हम मीडिया में कुछ भी नहीं बोलना चाहते, हमें अकेला छोड़ दो। मेरा बेटा कहां है, हमें ये भी नहीं पता। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में कई गैंग
गांव खरड़, अलीपुर की एक ही पंचायत है। दोनों गांव अलग-अलग हैं। यहां जाट और सैनी बहुसंख्यक है। सरपंच से लेकर ब्लॉक समिति चुनाव में दोनों समाज एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। हालांकि कुछ ग्रामीण कहते हैं कि राजनीति की बात अलग है, गांव में भाईचारा है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में बदमाशों के अलग-अलग गुट बने हैं। इनमें शराब कारोबारी और ठेकेदारों के गुट हैं। अजीत का भी शराब ठेकेदारों के साथ उठना-बैठना था। खरड़ में 2 और अलीपुर में 2 से ज्यादा गैंग हैं, जो आपस में भिड़ते रहते हैं। दिवाली के पास आनंद का मर्डर हुआ था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और राजनीति और जातीय रंग ले लिया। गांव का मौजूदा सरपंच सैनी समाज से है। आनंद मर्डर केस में जाट समाज के लोगों ने सरपंच की गिरफ्तारी की मांग की और उसे पद से हटाने को कहा। गांववाले बोले- कई दिन से विनय की गतिविधियां ठीक नहीं थी देवा गांव हिसार मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर राजगढ़ रोड पर पड़ता है। जब दैनिक भास्कर की टीम गांव में पहुंची तो यहां विनय को सभी जानते थे। विनय के बारे में खबर पढ़कर कोई हैरान नहीं था। उनका कहना था कि उसकी गतिविधियां कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। वह हिसार में PG में रहता था, इसलिए गांव कम ही आता था। गांव में उसका बहुत कम उठना-बैठना था। विनय की मां सिरसा जेल में वार्डन है और पिता वेदप्रकाश खेती करते हैं। उनके पास 5 एकड़ जमीन है। विनय 3 बहनों का इकलौता भाई है। ग्रामीणों ने विनय के घर का पता बताया। विनय के ही पड़ोस में उसके चाचा कृष्ण कुमार बैठे थे। वह गांव में नया मकान बना रहे हैं। किसान आंदोलन में उसके चाचा ने सक्रिय भूमिका निभाई थी और संयुक्त किसान मोर्चा के गांव देवा के प्रधान भी हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि विनय बालक बुद्धि था। आज कल के लड़के सोशल मीडिया पर ज्यादा रहते हैं। विनय को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। वह हिसार जाने की बात कहकर घर से गया था। उसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा है। पहले विनय ठीक था। पढ़ता था और खेती में भी मदद करता था। शहर में जाने के बाद उसे हवा लग गई। ग्रामीण बोले- कुछ नहीं कहेंगे, गांव का मामला
देवा गांव में अजीत के मामा रहते हैं। भास्कर ने ग्रामीणों से कैमरे पर आने और बात करने की कोशिश, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि गांव का मामला है, आगे जाकर दिक्कत होगी। हमें सारी जिंदगी यहीं रहना है। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि विनय और अजीत एक साथ कई बार गांव में देखे गए हैं। **************************** चंडीगढ़ बम ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- एक महीने पहले रची गई चंडीगढ़ ब्लास्ट की कहानी, हरियाणा के मास्टरमाइंड ने एडवांस पैसे दिए चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए रणदीप से बात करते थे। पढ़ें पूरी खबर चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट कर हरियाणा भागे आरोपी, बाइकवाले से लिफ्ट लेने की चूक महंगी पड़ी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले दोनों आरोपी बाइक से हरियाणा में एंट्री कर गए थे। वह हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर सैनी माजरा टोल पर पहुंचे। यहां दोनों ने बाइक छिपा दी और हरियाणा रोडवेज की बस में सवार हो गए। यहां से वह हिसार जिले के बरवाला में बाडोपट्टी टोल पर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर
पूर्व सीएम पर बरसे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद:बड़ौली बोले- हुड्डा घर जाकर सो जाएं, किरण बोली- बाप-बेटे ने खराब किया हर व्यक्ति
पूर्व सीएम पर बरसे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद:बड़ौली बोले- हुड्डा घर जाकर सो जाएं, किरण बोली- बाप-बेटे ने खराब किया हर व्यक्ति भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर बरसे। मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि हुड्डा घर जाकर सो जाए। 8 अक्टूबर को जनता सुलाने का काम करेगी। वहीं किरण चौधरी ने कहा कि बाप-बेटे ने हर किसी को टिकट मिलने की थपकी देकर लोगों को खराब किया है। इसकी वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर भी सांझा की है। प्रदेशाध्यक्ष बोले- हुड्डा घर जाकर बेधड़क सो जाए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि तीसरी बार भाजपा की सरकार बनेगी। जनता ने मन बना लिया है। वहीं 56 दिन का समय नायब सिंह सैनी को मिला है। इस समय में जन कल्याण की योजनाओं को लागू किया है और गरीब की योजनाओं को गरीब के घर तक पहुंचाने का काम किया है। आज हर वर्ग ने मन बनाया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी। उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेधड़क होकर घर में सो जाएं। 8 तारीख को रिजल्ट आएगा तो जनता उनको सुलाने का काम करेगी। सभी 90 विधानसभा सीटों पर केंद्रीय चुनाव समिति चर्चा कर चुकी है। जिस प्रकार से हरियाणा प्रदेश के बहुत से जन प्रतिनिधि भाजपा की तरफ आ रहे हैं और भाजपा मजबूत हो रही है। हुड्डा बाप-बेटे पर बरसी किरण चौधरी
राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने हुड्डा पिता-पुत्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन बाप-बेटे ने ऐसी प्रथा डाल रखी है कि हर व्यक्ति को खराब करो। इसलिए हर व्यक्ति को थपकी लगाई। कांग्रेस में ऐसी प्रथा चली आ रही है। आज नतीजा यह है कि टिकट तो एक को मिलेगी। बाकी जो रह जाएंगे वे अपने आप को ठगा सा महसूस करेंगे। इन बापू-बेटे का बुरा हाल होने जा रहा है। देखना जनता क्या करती है। साथ ही कहा कि भाजपा तीसरी बार सरकार पूर्ण बहुमत से बनाएगी। हरियाणा कांग्रेस ने किया पलटवार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बयान पर हरियाणा कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर पलटवार करते हुए रिप्लाई दिया। जिसमें लिखा कि “सुला तो आपको 4 जून को सतपाल ब्रह्मचारी ने दिया था, अब 8 अक्टूबर को जनता कंबल भी डाल देगी। ताकि आप आराम से लंबी नींद सो सके।”