पंजाब में उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से थोड़ी देरी की गई है। लेकिन पंजाब में राजनीतिक दल उपचुनाव के लिए तैयार चारों सीटों पर सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बाद अब अकाली दल ने भी विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा की ओर रुख कर लिया है। सुखबीर बादल शनिवार से गिद्दड़बाहा में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं। पंजाब की गिद्दड़बाहा सीट सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के इस्तीफे के बाद से खाली है। जबकि इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यह अकाली दल का गढ़ रहा है। अब अकाली दल इसे वापस चाहता है और उनकी कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। अकाली दल अब तक यहां से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को अपना उम्मीदवार मानता रहा है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अब जिस तरह से पिछले दो दिनों में सुखबीर बादल यहां सक्रिय हुए हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भी इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। 1 दिन में कार्यकर्ताओं के साथ 14 बैठकें सुखबीर ने खिरकियावाला और काओनी गांवों का दौरा किया। काओनी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार नरिंदर सिंह काओनी का पैतृक गांव है, जो मुक्तसर जिला परिषद के अध्यक्ष और राजा वड़िंग के करीबी सहयोगी हैं। सुखबीर ने कहा, “1995 में गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीतने के बाद, 1997 में शिअद ने सरकार बनाई और इस बार भी यहीं से शुरुआत होगी।” बैठकों में उन्होंने सभी उपस्थित लोगों की बात सुनी, जिन्होंने अपने पुराने अनुभव और समस्याएं साझा कीं। उन्होंने खन्ना और कपूरथला में हाल ही में हुई बेअदबी की घटनाओं की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। वड़िंग भी कर रहे हैं गिद्दड़बाहा का दौरा इस बीच, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी शनिवार को लगातार दूसरे दिन निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं। कांग्रेस ने भी मुक्तसर शहर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक की। उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिम्पा को प्रभारी बनाया गया है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि कैप्टन संदीप संधू भी चुनाव प्रचार के लिए यहीं रहेंगे। पंजाब में उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से थोड़ी देरी की गई है। लेकिन पंजाब में राजनीतिक दल उपचुनाव के लिए तैयार चारों सीटों पर सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बाद अब अकाली दल ने भी विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा की ओर रुख कर लिया है। सुखबीर बादल शनिवार से गिद्दड़बाहा में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं। पंजाब की गिद्दड़बाहा सीट सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के इस्तीफे के बाद से खाली है। जबकि इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यह अकाली दल का गढ़ रहा है। अब अकाली दल इसे वापस चाहता है और उनकी कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। अकाली दल अब तक यहां से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को अपना उम्मीदवार मानता रहा है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अब जिस तरह से पिछले दो दिनों में सुखबीर बादल यहां सक्रिय हुए हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भी इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। 1 दिन में कार्यकर्ताओं के साथ 14 बैठकें सुखबीर ने खिरकियावाला और काओनी गांवों का दौरा किया। काओनी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार नरिंदर सिंह काओनी का पैतृक गांव है, जो मुक्तसर जिला परिषद के अध्यक्ष और राजा वड़िंग के करीबी सहयोगी हैं। सुखबीर ने कहा, “1995 में गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीतने के बाद, 1997 में शिअद ने सरकार बनाई और इस बार भी यहीं से शुरुआत होगी।” बैठकों में उन्होंने सभी उपस्थित लोगों की बात सुनी, जिन्होंने अपने पुराने अनुभव और समस्याएं साझा कीं। उन्होंने खन्ना और कपूरथला में हाल ही में हुई बेअदबी की घटनाओं की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। वड़िंग भी कर रहे हैं गिद्दड़बाहा का दौरा इस बीच, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी शनिवार को लगातार दूसरे दिन निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं। कांग्रेस ने भी मुक्तसर शहर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक की। उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिम्पा को प्रभारी बनाया गया है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि कैप्टन संदीप संधू भी चुनाव प्रचार के लिए यहीं रहेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना की इंडस्ट्री को रवनीत बिट्टू से ढेरों उम्मीदें:उद्यमियों में जगी आशा, बोले- साइकिल, टैक्सटाइल और एयरपोर्ट पर काम के लिए करें पहल मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद भी भाजपा लीडर रवनीत सिंह बिट्टू के समक्ष कई चैलेंज हैं, वहीं दूसरी ओर लुधियाना की इंडस्ट्री को बिट्टू से ढेर सारी उम्मीदें हैं। उद्यमियों को बिट्टू से मांगें पूरी होने की आस लगने लगी है। लोकसभा चुनाव से पहले लुधियाना में बिट्टू के लिए वोट मांगने पहुंचे केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतामरण और पीयूष गोयल के समक्ष लुधियाना के इंडस्ट्रियलिस्ट ने लुधियाना की इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए कारगार कदम उठाने की बात की थी। मंत्री पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि चुनाव के बाद लुधियाना की बेहतरी के लिए मिलकर काम करेंगे। अब रवनीत बिट्टू के मंत्री बनने के बाद इंडस्ट्रियलिस्ट बेहद खुश हैं कि उनकी मांगे पूरी होगी। साइकिल इंडस्ट्री को जगी आशा डीएस चावला ने रवनीत बिट्टू को बधाई देते कहा कि मोदी सरकार लुधियाना की इंडस्ट्री के लिए कारगर कदम उठाये। उन्होंने कहा कि साइकिल पर आज जीएसटी 12 फीसदी है और साइकिल को गरीब लोग भी ले सकते हैं, लेकिन जीएसटी बढ़ने के कारण साइकिल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। लुधियाना में जल्द शुरू हो एयरपोर्ट कारोबारी उपकार सिंह ने कहा कि लुधियाना में एयरपोर्ट जल्द जल्द शुरू हो और इंडस्ट्री की हालत सुधारने के लिए कारगर कदम उठाए जाए। अब रवनीत बिट्टू मंत्री बन गए हैं और उम्मीद है कि वो सारी मांगें पूरी करेंगे। टैक्सटाइल इंडस्ट्री को भी ढेर सारी उम्मीद टैक्सटाइल कारोबारी अजीत लकड़ा और बॉबी जिंदल ने कहा कि आज पंजाब में इंडस्ट्री की हालत बदतर हो गई है। सरकार के एमएसएमई से 45 दिनों में पैमेंट करने के सिस्टम से इंडस्ट्री का काफ़ी नुकसान हो रहा है। हम मोदी सरकार और बिट्टू से यही मांग करते हैं कि 45 दिनों में पैमेंट देने के एमएसएमई सिस्टम में दोबारा से सुधार किया जाए। रवनीत बिट्टू बोले- जो कहा वो करेंगे दैनिक भास्कर से बात करते रवनीत बिट्टू ने कहा कि जो कहा है, वो करेंगे। लुधियाना की इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए मोदी सरकार से विशेष पैकेज भी लाया जाएगा और इस बारे कारागार कदम उठाये जाएंगे।
पटियाला में विवाहिता ने किया सुसाइड:ससुराल वालों से परेशान होकर नहर में कूदी, ननद के भड़काने पर निकाला घर से बाहर
पटियाला में विवाहिता ने किया सुसाइड:ससुराल वालों से परेशान होकर नहर में कूदी, ननद के भड़काने पर निकाला घर से बाहर संगरूर की रहने वाली एक 32 साल की महिला ससुराल वालों से परेशान होकर भाखड़ा नहर में कूद गई। नहर में कूदने वाली कमलप्रीत सिंह नामक इस महिला की डेडबॉडी 28 जुलाई शाम को पटियाला के नसूपुर इलाके से रिकवर हुई है। डेडबॉडी को रिकवर करने के बाद गोताखोरों की टीम ने पुलिस को सूचना दी थी जिसके बाद मृतक महिला के पिता गुरदर्शन सिंह पटियाला पहुंचे। पसियाना पुलिस ने मृतका के पिता की स्टेटमेंट के आधार पर आरोपी पति प्रदीप सिंह के अलावा सास ससुर और एक ननद के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। मारपीट कर घर से निकला था एफआईआर में शिकायतकर्ता गुरदर्शन सिंह ने बताया कि उसकी बेटी कमलप्रीत की शादी प्रदीप सिंह के साथ हुई थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा लेकिन बाद में प्रदीप सिंह नशा करने लगा गया। इसके बारे में एक कमलप्रीत ने अपने सास ससुर को बताया तो इन्होंने बेटे को समझाने की बजाय कमलप्रीत कौर के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया। 26 जुलाई को कमलप्रीत कौर की ननद अपने मायके घर आई थी। ननद के भड़काने के बाद कमलप्रीत कौर के ससुराल वालों ने उससे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया। इस वजह से परेशान होकर कमलप्रीत कौर अपने ससुराल घर गांव चन्नों से पसियाना पुल पर पहुंची और यहां पर आकर भाखड़ा नहर में कूद गई।
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पाक नागरिक ने गलती से पार किया इंटरनेशनल बॉर्डर:बीएसएफ ने जांच के बाद उठाया मानवीय कदम; पाक रेंजर्स को सौंपा घुसपैठिया भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अमृतसर में बीते दिन गलती से सीमा पार कर आए एक पाक नागरिक को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों ने वापस सौंप दिया। बीएसएफ के इस कदम की पाक रेंजर्स ने सरहाना की। ये कदम मानवीय आधार पर और पाकिस्तान की आधिकारिक मांग के बाद उठाया गया। बीएसएफ ने इस प्रक्रिया को पूरी सतर्कता के साथ पूरा किया। बीएसएफ की तरफ से सांझा की गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक बीते दिन गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था। सतर्क बीएसएफ के जवानों ने तुरंत कार्रवाई की और उसे अरेस्ट कर लिया। इसके बाद प्रोटोकॉल के अनुसार जांच शुरू की गई। बीएसएफ ने शुरुआती जांच में पाया कि व्यक्ति गलती से और बिना किसी मंशा के सरहद पार कर गया है। जिसके बाद पाक रेंजर्स से संपर्क साधा गया और व्यक्ति की आइडेंटिफिकेशन नियमों अनुसार की गई। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने उसे वापस सौंपने का निर्णय लिया। सौंपने से पहले औपचारिकताओं को पूरा किया गया संबंधित व्यक्ति को सौंपने से पहले सभी आवश्यक औपचारिकताओं और जांच को पूरा किया गया। साथ ही, बीएसएफ ने पाकिस्तान को यह चिंता भी व्यक्त की कि इस प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों पर नियंत्रण रखना उनकी जिम्मेदारी है। बीएसएफ ने अपने बयान में कहा कि वह सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही मानवीय मामलों में संवेदनशीलता दिखाना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि बीएसएफ कठोर सीमा सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी बनाए रखती है। 2024 में कई बार पाकिस्तानी नागरिकों को मानवीय आधार पर भारत से वापस उनके देश भेजा गया। प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं: