नौ वर्ष पहले 27 जुलाई 2015 को जिला गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में शहीद हुए होमगार्ड की वन बटालियन के जवान गांव सैदीपुर निवासी बोध राज, गांव जंगल निवासी देस राज और गांव अत्तेपुर निवासी सुखदेव सिंह को राष्ट्रपति वीरता पदक से अलंकृत किया है। होमगार्ड के डिविजनल कमांडेंट जालंधर के डीआईजी चरणजीत सिंह और बटालियन कमांडेंट गुरदासपुर जसकरण सिंह यह सम्मान देने के लिए विशेष तौर पर तीनों शहीद जवानों के घरों में पहुंचे और शहीद बोध राज की पत्नी सुदेश कुमारी, बेटे तरुणदीप सिंह, बेटी ज्योति, शहीद देसराज की पत्नी सुदेश कुमारी, शहीद सुखदेव सिंह की पत्नी चंदा को राष्ट्रपति का गृह रक्षक व नागरिक सुरक्षा वीरता पदक भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर नवदीप कुमार, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर प्रभप्रताप सिंह, नंबरदार युवराज सिंह विशेष तौर पर मौैजूद रहे। डीआईजी चरणजीत सिंह ने कहा होमगार्ड के यह तीनों शहीद जवानों को राष्ट्रपति की ओर से वीरता पदक से अलंकृत किया गया है। इस पदकों से शहीद के परिजनों को सम्मानित कर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इन वीर नारियों के सुहाग ने फिदायीन आतंकियों का वीरता से मुकाबला करते हुए न सिर्फ अपना बलिदान दिया, बल्कि होमगार्ड का नाम सारे देश में रोशन किया है। हमें इनकी शहादत पर हमेशा नाज रहेगा। उन्होंने कहा पंजाब होमगार्ड ने हमेशा पंजाब पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी को तनदेही से निभाया है। आतंकवाद के काले दौर में भी होमगार्ड के साढ़े तीन सौ से ज्यादा वीर जवानों ने अपनी शहादत दी थी। पंजाब के अलावा देश के किसी भी राज्य में चुनाव हों वहां भी हमारे जवान पूरी चौकसी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते आए हैं। शहीद जवानों की बटालियन के कमांडेंट जसकरण सिंह ने कहा कि होमगार्ड के जवान बोधराज, देस राज व सुखदेव सिंह ने फिदायीन आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान देकर परिवार के साथ-साथ बटालियन के गौरव को बढ़ाया है जिस पर हम सबको मान है तथा हमारे जवान इनके बलिदान से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। देश के लिए चुनौती था आतंकी हमला: कुंवर विक्की कुंवर रविदंर सिंह विक्की ने कहा कि 9 वर्ष पूर्व हुआ दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुआ आतंकी हमला दीनानगर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती था। मगर हमारी पंजाब पुलिस व होमगार्ड के बहादुर जवानों ने पाक प्रशिक्षित खूंखार आतंकियों का मुकाबला करते हुए पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि उनके रहते हमारे देश की एकता व अखंडता को कोई भी दुश्मन भंग करने की जरुरत नहीं कर सकता। कुंवर विक्की ने कहा कि शहीद बोध राज की शहादत के दूसरे दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल शहीद परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने गांव सैदीपुर में उनके घर पहुंचे थे तो उन्होंने परिवार व परिषद की मांग पर एक महीने के अंदर गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर करने और एक यादगारी गेट बनाने की घोषणा की थी। मगर अफसोस, शहादत के 9 वर्षों बाद भी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया गया। सिर्फ परिषद के प्रयासों से पिछली सरकार में क्षेत्र जोगिंदर पाल ने अपनी सेलरी से गांव के प्रवेश द्वार पर एक यादगारी गेट का निर्माण करवाया था। द्वार पर लगी शहीद की प्रतिमा को परिवार ने अपने खर्चे पर लगवाया। गांव अत्तेपुर के शहीद जवान सुखदेव सिंह के परिजनों ने अपने खर्चे पर उनका यादगारी गेट बनवाया। गांव जंगल निवासी शहीद देसराज की याद में यादगारी गेट ही बन पाया और न ही सरकारी स्कूलों शहीदों के नाम पर किया गया। इससे बढ़कर इन शहीद जवानों का और क्या अपमान हो सकता है। नौ वर्ष पहले 27 जुलाई 2015 को जिला गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में शहीद हुए होमगार्ड की वन बटालियन के जवान गांव सैदीपुर निवासी बोध राज, गांव जंगल निवासी देस राज और गांव अत्तेपुर निवासी सुखदेव सिंह को राष्ट्रपति वीरता पदक से अलंकृत किया है। होमगार्ड के डिविजनल कमांडेंट जालंधर के डीआईजी चरणजीत सिंह और बटालियन कमांडेंट गुरदासपुर जसकरण सिंह यह सम्मान देने के लिए विशेष तौर पर तीनों शहीद जवानों के घरों में पहुंचे और शहीद बोध राज की पत्नी सुदेश कुमारी, बेटे तरुणदीप सिंह, बेटी ज्योति, शहीद देसराज की पत्नी सुदेश कुमारी, शहीद सुखदेव सिंह की पत्नी चंदा को राष्ट्रपति का गृह रक्षक व नागरिक सुरक्षा वीरता पदक भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर नवदीप कुमार, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर प्रभप्रताप सिंह, नंबरदार युवराज सिंह विशेष तौर पर मौैजूद रहे। डीआईजी चरणजीत सिंह ने कहा होमगार्ड के यह तीनों शहीद जवानों को राष्ट्रपति की ओर से वीरता पदक से अलंकृत किया गया है। इस पदकों से शहीद के परिजनों को सम्मानित कर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इन वीर नारियों के सुहाग ने फिदायीन आतंकियों का वीरता से मुकाबला करते हुए न सिर्फ अपना बलिदान दिया, बल्कि होमगार्ड का नाम सारे देश में रोशन किया है। हमें इनकी शहादत पर हमेशा नाज रहेगा। उन्होंने कहा पंजाब होमगार्ड ने हमेशा पंजाब पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी को तनदेही से निभाया है। आतंकवाद के काले दौर में भी होमगार्ड के साढ़े तीन सौ से ज्यादा वीर जवानों ने अपनी शहादत दी थी। पंजाब के अलावा देश के किसी भी राज्य में चुनाव हों वहां भी हमारे जवान पूरी चौकसी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते आए हैं। शहीद जवानों की बटालियन के कमांडेंट जसकरण सिंह ने कहा कि होमगार्ड के जवान बोधराज, देस राज व सुखदेव सिंह ने फिदायीन आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान देकर परिवार के साथ-साथ बटालियन के गौरव को बढ़ाया है जिस पर हम सबको मान है तथा हमारे जवान इनके बलिदान से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। देश के लिए चुनौती था आतंकी हमला: कुंवर विक्की कुंवर रविदंर सिंह विक्की ने कहा कि 9 वर्ष पूर्व हुआ दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुआ आतंकी हमला दीनानगर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती था। मगर हमारी पंजाब पुलिस व होमगार्ड के बहादुर जवानों ने पाक प्रशिक्षित खूंखार आतंकियों का मुकाबला करते हुए पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि उनके रहते हमारे देश की एकता व अखंडता को कोई भी दुश्मन भंग करने की जरुरत नहीं कर सकता। कुंवर विक्की ने कहा कि शहीद बोध राज की शहादत के दूसरे दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल शहीद परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने गांव सैदीपुर में उनके घर पहुंचे थे तो उन्होंने परिवार व परिषद की मांग पर एक महीने के अंदर गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर करने और एक यादगारी गेट बनाने की घोषणा की थी। मगर अफसोस, शहादत के 9 वर्षों बाद भी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया गया। सिर्फ परिषद के प्रयासों से पिछली सरकार में क्षेत्र जोगिंदर पाल ने अपनी सेलरी से गांव के प्रवेश द्वार पर एक यादगारी गेट का निर्माण करवाया था। द्वार पर लगी शहीद की प्रतिमा को परिवार ने अपने खर्चे पर लगवाया। गांव अत्तेपुर के शहीद जवान सुखदेव सिंह के परिजनों ने अपने खर्चे पर उनका यादगारी गेट बनवाया। गांव जंगल निवासी शहीद देसराज की याद में यादगारी गेट ही बन पाया और न ही सरकारी स्कूलों शहीदों के नाम पर किया गया। इससे बढ़कर इन शहीद जवानों का और क्या अपमान हो सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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