गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों में सुनसान जगह पर भट्टी लगाकर शराब बनाई जा रही है। भोंडसी थाना पुलिस ने पहाड़ के नीचे श्मशान घाट में अवैध कच्ची शराब तैयार किए जाने के मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां कई लोग बकायदा भट्टी लगाकर कच्ची शराब निकालते मिले, जो पुलिस को देखकर घने जंगल में भाग गए। भोंडसी थाने में तैनात एचसी बलजीत और चालक कॉन्स्टेबल प्रवीण सरकारी गाड़ी में रिठौज रोड पर ड्यूटी पर थे। इसी दौरान वहां एक मुखबिर आया और उसने सूचना दी कि गांव रिठौज में प्रदीप नाम का व्यक्ति अरावली की पहाड़ियों में घने जंगल में अवैध कच्ची शराब तैयार करता है और गांव में अपने घर में बेचता है। अगर तुरंत छापेमारी की जाए तो उसे अवैध कच्ची शराब के साथ पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर वे मुखबिर के साथ गांव रिठौज पहुंचे और वहां गली में खड़े एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह प्रदीप है। दो लीटर कोल्ड ड्रिंक की बोतल में मिली कच्ची शराब पुलिस टीम ने प्रदीप को पकड़ लिया और उसे घर ले जाकर दरवाजे के पास रखे बैग की तलाशी ली। बैग में दो दो लीटर की प्लास्टिक की 6 बोतल मिली, जिसमें कच्ची शराब मिली। गहनता से पूछताछ करने पर उसने बताया कि यह कच्ची शराब भट्टी पर अरावली की पहाडिय़ों मे घने जंगल मे श्मशान घाट पहाड़ के नीचे बणी में अपने अन्य साथियों के साथ तैयार करके गांव मे बेचते है और आपके साथ चलकर उस जगह की पहचान करा सकता हूं। मौके पर तीन लोग निकालते मिले शराब जिस पर पुलिस प्रदीप व बैग से बरामद कच्ची शराब को साथ लेकर अरावली की पहाड़ियों पर पहुंचे। आरोपी प्रदीप द्वारा बताई गई जगह पर जाकर देखा तो वहा पर 2-3 व्यक्ति भट्टी लगाकर कच्ची शराब निकाल रहे थे। जो पुलिस पार्टी को अपनी तरफ आता देखकर वहां से भाग गए। पुलिस ने प्रदीप से भागे व्यक्तियों का नाम पता पूछा तो आरोपी ने बताया कि ये सभी उसके साथ मिलकर भट्ठी के द्वारा कच्ची शराब निकालते हैं। इनमें से उनके गांव रिठौज के मनोज उर्फ मन्जू, सच्चे, अन्नु और सहजावास गांव के विनोद थे। पांचों मिलकर यहां कच्ची शराब बनाते हैं और गांव मे बेचते हैं। प्लास्टिक के ड्रम में था कच्चा माल पुलिस को मौके पर अवैध शराब बनाने की मिट्टी की भट्ठी मिली, जिस पर एक लोहे का ड्रम रखा हुआ था। जिसमें कच्ची शराब बनाने के लिए कच्चा लाहन रखा हुआ था और उसके पास ही 3 प्लास्टिक के ड्रम रखे हुए थे। जब उनकी जांच की गई तो उनमें कच्चा लाहन भरा हुआ था। चलती भट्ठी में एक लोहे का ड्रम मिला और पास में ही 200 लीटर के 3 प्लास्टिक के ड्रम भी मिले, जिनमें कच्चा माल (लाहन) भरा हुआ था। इस कच्चे लाहन की मात्रा करीब 50 लीटर थी। पास में ही तीन खाली प्लास्टिक के डिब्बे और एक भरा हुआ प्लास्टिक का डिब्बा मिला। जिसमें हाथ से निकाली गई 15 लीटर कच्ची शराब और एक लोहे की रॉड भी मिली। सैंपल जांच के लिए भेजें पुलिस ने बैग में मिली कच्ची शराब में से एक बोतल बतौर नमूना सैंपल निकालकर और एक प्लास्टिक डिब्बा कच्ची शराब (लाहण) अलग से सैम्पल निकालकर जांच के लिए लैब में भेज दिया है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह शराब मानव जीवन के लिए कितनी खतरनाक थी। कच्चे माल का सोर्स पता कर रही पुलिस एसएचओ चंद्रभान ने बताया कि आरोपी प्रदीप अपने दोस्तों के साथ मिलकर नाजायज तरीके से शराब निकाल कर बेच रहा था। यह शराब लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके खिलाफ हरियाणा आबकारी संशोधन अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। यह काफी समय से इस शराब भट्ठी को चला रहा था। यह कच्चा माल कहां से लाता था और आगे कैसे इस शराब की बिक्री करता था, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। ऐसे बनती है कच्ची शराब, जो सेहत के लिए खतरनाक कच्ची शराब आमतौर पर गुड़, पानी, यूरिया आदि से बनाई जाती है, जिसमें कई ऐसे रसायन भी इस्तेमाल किए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इसे लंबे समय तक रखने से कई बार इसमें कीड़े पैदा हो जाते हैं, जो शराब को जहरीली बना देते हैं। देशी शराब बनाने के लिए आमतौर पर गन्ने या खजूर का रस, चीनी, शोरा, जौ, मक्का, सड़े हुए अंगूर, आलू, चावल, खराब संतरे आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इन स्टार्च वाली चीजों में खमीर डालकर किण्वन किया जाता है और इन्हें सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें साल अमोनियाक, बेशरम बेल के पत्ते और यूरिया भी मिलाया जाता है। ये चीजें नपुंसकता बढ़ाती और तंत्रिका तंत्र पर दुष्प्रभाव डालती हैं। इन्हें मिट्टी में गाड़ने के बाद भट्टी पर चढ़ाया जाता है और इससे निकलने वाली भाप से देसी शराब तैयार होती है, जिसे और नशीला बनाने के लिए मेथनॉल मिलाया जाता है। कई बार केमिकल का मिश्रण ज्यादा होने से यह शराब जहरीली हो जाती है और सेवन करने वाले की मौत तक हो जाती है। गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों में सुनसान जगह पर भट्टी लगाकर शराब बनाई जा रही है। भोंडसी थाना पुलिस ने पहाड़ के नीचे श्मशान घाट में अवैध कच्ची शराब तैयार किए जाने के मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां कई लोग बकायदा भट्टी लगाकर कच्ची शराब निकालते मिले, जो पुलिस को देखकर घने जंगल में भाग गए। भोंडसी थाने में तैनात एचसी बलजीत और चालक कॉन्स्टेबल प्रवीण सरकारी गाड़ी में रिठौज रोड पर ड्यूटी पर थे। इसी दौरान वहां एक मुखबिर आया और उसने सूचना दी कि गांव रिठौज में प्रदीप नाम का व्यक्ति अरावली की पहाड़ियों में घने जंगल में अवैध कच्ची शराब तैयार करता है और गांव में अपने घर में बेचता है। अगर तुरंत छापेमारी की जाए तो उसे अवैध कच्ची शराब के साथ पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर वे मुखबिर के साथ गांव रिठौज पहुंचे और वहां गली में खड़े एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह प्रदीप है। दो लीटर कोल्ड ड्रिंक की बोतल में मिली कच्ची शराब पुलिस टीम ने प्रदीप को पकड़ लिया और उसे घर ले जाकर दरवाजे के पास रखे बैग की तलाशी ली। बैग में दो दो लीटर की प्लास्टिक की 6 बोतल मिली, जिसमें कच्ची शराब मिली। गहनता से पूछताछ करने पर उसने बताया कि यह कच्ची शराब भट्टी पर अरावली की पहाडिय़ों मे घने जंगल मे श्मशान घाट पहाड़ के नीचे बणी में अपने अन्य साथियों के साथ तैयार करके गांव मे बेचते है और आपके साथ चलकर उस जगह की पहचान करा सकता हूं। मौके पर तीन लोग निकालते मिले शराब जिस पर पुलिस प्रदीप व बैग से बरामद कच्ची शराब को साथ लेकर अरावली की पहाड़ियों पर पहुंचे। आरोपी प्रदीप द्वारा बताई गई जगह पर जाकर देखा तो वहा पर 2-3 व्यक्ति भट्टी लगाकर कच्ची शराब निकाल रहे थे। जो पुलिस पार्टी को अपनी तरफ आता देखकर वहां से भाग गए। पुलिस ने प्रदीप से भागे व्यक्तियों का नाम पता पूछा तो आरोपी ने बताया कि ये सभी उसके साथ मिलकर भट्ठी के द्वारा कच्ची शराब निकालते हैं। इनमें से उनके गांव रिठौज के मनोज उर्फ मन्जू, सच्चे, अन्नु और सहजावास गांव के विनोद थे। पांचों मिलकर यहां कच्ची शराब बनाते हैं और गांव मे बेचते हैं। प्लास्टिक के ड्रम में था कच्चा माल पुलिस को मौके पर अवैध शराब बनाने की मिट्टी की भट्ठी मिली, जिस पर एक लोहे का ड्रम रखा हुआ था। जिसमें कच्ची शराब बनाने के लिए कच्चा लाहन रखा हुआ था और उसके पास ही 3 प्लास्टिक के ड्रम रखे हुए थे। जब उनकी जांच की गई तो उनमें कच्चा लाहन भरा हुआ था। चलती भट्ठी में एक लोहे का ड्रम मिला और पास में ही 200 लीटर के 3 प्लास्टिक के ड्रम भी मिले, जिनमें कच्चा माल (लाहन) भरा हुआ था। इस कच्चे लाहन की मात्रा करीब 50 लीटर थी। पास में ही तीन खाली प्लास्टिक के डिब्बे और एक भरा हुआ प्लास्टिक का डिब्बा मिला। जिसमें हाथ से निकाली गई 15 लीटर कच्ची शराब और एक लोहे की रॉड भी मिली। सैंपल जांच के लिए भेजें पुलिस ने बैग में मिली कच्ची शराब में से एक बोतल बतौर नमूना सैंपल निकालकर और एक प्लास्टिक डिब्बा कच्ची शराब (लाहण) अलग से सैम्पल निकालकर जांच के लिए लैब में भेज दिया है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह शराब मानव जीवन के लिए कितनी खतरनाक थी। कच्चे माल का सोर्स पता कर रही पुलिस एसएचओ चंद्रभान ने बताया कि आरोपी प्रदीप अपने दोस्तों के साथ मिलकर नाजायज तरीके से शराब निकाल कर बेच रहा था। यह शराब लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके खिलाफ हरियाणा आबकारी संशोधन अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। यह काफी समय से इस शराब भट्ठी को चला रहा था। यह कच्चा माल कहां से लाता था और आगे कैसे इस शराब की बिक्री करता था, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। ऐसे बनती है कच्ची शराब, जो सेहत के लिए खतरनाक कच्ची शराब आमतौर पर गुड़, पानी, यूरिया आदि से बनाई जाती है, जिसमें कई ऐसे रसायन भी इस्तेमाल किए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इसे लंबे समय तक रखने से कई बार इसमें कीड़े पैदा हो जाते हैं, जो शराब को जहरीली बना देते हैं। देशी शराब बनाने के लिए आमतौर पर गन्ने या खजूर का रस, चीनी, शोरा, जौ, मक्का, सड़े हुए अंगूर, आलू, चावल, खराब संतरे आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इन स्टार्च वाली चीजों में खमीर डालकर किण्वन किया जाता है और इन्हें सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें साल अमोनियाक, बेशरम बेल के पत्ते और यूरिया भी मिलाया जाता है। ये चीजें नपुंसकता बढ़ाती और तंत्रिका तंत्र पर दुष्प्रभाव डालती हैं। इन्हें मिट्टी में गाड़ने के बाद भट्टी पर चढ़ाया जाता है और इससे निकलने वाली भाप से देसी शराब तैयार होती है, जिसे और नशीला बनाने के लिए मेथनॉल मिलाया जाता है। कई बार केमिकल का मिश्रण ज्यादा होने से यह शराब जहरीली हो जाती है और सेवन करने वाले की मौत तक हो जाती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
