गुरुग्राम में इंटरनेशनल ड्रग LSD बरामद:रूस-अमेरिका जैसे देशों में इसका इस्तेमाल, 27 ग्राम की कीमत 40 हजार, रेव पार्टियों के लिए मंगाया; 1 गिरफ्तार

गुरुग्राम में इंटरनेशनल ड्रग LSD बरामद:रूस-अमेरिका जैसे देशों में इसका इस्तेमाल, 27 ग्राम की कीमत 40 हजार, रेव पार्टियों के लिए मंगाया; 1 गिरफ्तार

गुरुग्राम में अंतरराष्ट्रीय ड्रग LSD (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) का मामला सामने आया है। एंटी नारकोटिक्स सेल ने कोलकाता निवासी शाहबाज नामक युवक को गिरफ्तार किया है। वह दिल्ली के साकेत में पीजी में रहता है और टोर ब्राउजर (डार्क ब्राउजर) का इस्तेमाल कर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश से ऑनलाइन ऑर्डर कर ड्रग गुरुग्राम लाया था। सुशांत लोक थाने में शाहबाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उससे उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस टीम दिल्ली और गुरुग्राम में उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है ताकि वह डिवाइस बरामद हो सके जिससे उसने ऑनलाइन ड्रग ऑर्डर की थी। बच्चों के टैटू में छिपा था खतरनाक ड्रग राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में पुलिस ने शाहबाज से बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे-छोटे टैटू बरामद किए। इस तरह के टैटू बच्चों की टॉफी और अन्य खाने-पीने की चीजों में पाए जाते हैं, जिन्हें बच्चे अपने शरीर पर चिपकाकर खेलते हैं। जब इन टैटू का वजन किया गया तो इनका वजन 27 ग्राम पाया गया। भारत में इस ड्रग की बिक्री कीमत 30 से 40 हजार रुपये है। जब आरोपी से इस ड्रग के लाइसेंस या परमिट के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उसने इसे विदेश से मंगवाया था, जिसे गुरुग्राम में पार्टी कर रहे युवाओं तक पहुंचाना था। क्या है LSD ड्रग? एंटी नारकोटिक्स सेल से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड) ड्रग का इस्तेमाल हाई प्रोफाइल लोग करते हैं। यह एक मतिभ्रम पैदा करने वाला ड्रग है और इसका कोई रंग, कोई खुशबू और कोई स्वाद नहीं होता। इसे लेने के 15 से 20 मिनट के अंदर ही नशा शुरू हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है। यह नशा दिमाग की सोचने की क्षमता को भी कम कर देता है, जिससे नशे के दौरान व्यक्ति खुद पर नियंत्रण खो देता है। असमंजस की स्थिति में व्यक्ति खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है। रेव पार्टियों से कनेक्शन पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस नशे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों में होता है। नशा करने वाले लोग इस कागज को अपनी जुबान पर रखते हैं। खासकर युवाओं में इसका क्रेज लगातार बढ़ रहा है। गुरुग्राम में होने वाली रेव पार्टियों में भी इस नशे के इस्तेमाल के इनपुट पुलिस को मिले हैं। टोर ब्राउजर से सर्च, क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट और ऑनलाइन डिलीवरी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शाहबाज ने टोर ब्राउजर का इस्तेमाल करके बायोनेस नाम के पोर्टल से इसे ऑर्डर किया था। यहां क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया जाता है और डिलीवरी ऑनलाइन की जाती है। यह दिखने में स्टांप टिकट जैसा है। आम लोग इसे आसानी से पहचान नहीं पाते। ड्रग स्कैनर भी इसका पता नहीं लगा पाते, इसलिए इसे पकड़ना काफी मुश्किल है। सिंडिकेट का पता लगा रही पुलिस सिंडिकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जांच जारी गुरुग्राम में रेव पार्टियों में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स के इस्तेमाल के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। अब एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। पुलिस आरोपी से गंभीरता से पूछताछ कर रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि शाहबाज ने खुद इसका ऑर्डर दिया था या वह किसी सिंडिकेट के लिए काम करता है। इस सिंडिकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। गुरुग्राम में अंतरराष्ट्रीय ड्रग LSD (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) का मामला सामने आया है। एंटी नारकोटिक्स सेल ने कोलकाता निवासी शाहबाज नामक युवक को गिरफ्तार किया है। वह दिल्ली के साकेत में पीजी में रहता है और टोर ब्राउजर (डार्क ब्राउजर) का इस्तेमाल कर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश से ऑनलाइन ऑर्डर कर ड्रग गुरुग्राम लाया था। सुशांत लोक थाने में शाहबाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उससे उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस टीम दिल्ली और गुरुग्राम में उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है ताकि वह डिवाइस बरामद हो सके जिससे उसने ऑनलाइन ड्रग ऑर्डर की थी। बच्चों के टैटू में छिपा था खतरनाक ड्रग राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में पुलिस ने शाहबाज से बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे-छोटे टैटू बरामद किए। इस तरह के टैटू बच्चों की टॉफी और अन्य खाने-पीने की चीजों में पाए जाते हैं, जिन्हें बच्चे अपने शरीर पर चिपकाकर खेलते हैं। जब इन टैटू का वजन किया गया तो इनका वजन 27 ग्राम पाया गया। भारत में इस ड्रग की बिक्री कीमत 30 से 40 हजार रुपये है। जब आरोपी से इस ड्रग के लाइसेंस या परमिट के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उसने इसे विदेश से मंगवाया था, जिसे गुरुग्राम में पार्टी कर रहे युवाओं तक पहुंचाना था। क्या है LSD ड्रग? एंटी नारकोटिक्स सेल से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड) ड्रग का इस्तेमाल हाई प्रोफाइल लोग करते हैं। यह एक मतिभ्रम पैदा करने वाला ड्रग है और इसका कोई रंग, कोई खुशबू और कोई स्वाद नहीं होता। इसे लेने के 15 से 20 मिनट के अंदर ही नशा शुरू हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है। यह नशा दिमाग की सोचने की क्षमता को भी कम कर देता है, जिससे नशे के दौरान व्यक्ति खुद पर नियंत्रण खो देता है। असमंजस की स्थिति में व्यक्ति खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है। रेव पार्टियों से कनेक्शन पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस नशे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों में होता है। नशा करने वाले लोग इस कागज को अपनी जुबान पर रखते हैं। खासकर युवाओं में इसका क्रेज लगातार बढ़ रहा है। गुरुग्राम में होने वाली रेव पार्टियों में भी इस नशे के इस्तेमाल के इनपुट पुलिस को मिले हैं। टोर ब्राउजर से सर्च, क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट और ऑनलाइन डिलीवरी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शाहबाज ने टोर ब्राउजर का इस्तेमाल करके बायोनेस नाम के पोर्टल से इसे ऑर्डर किया था। यहां क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया जाता है और डिलीवरी ऑनलाइन की जाती है। यह दिखने में स्टांप टिकट जैसा है। आम लोग इसे आसानी से पहचान नहीं पाते। ड्रग स्कैनर भी इसका पता नहीं लगा पाते, इसलिए इसे पकड़ना काफी मुश्किल है। सिंडिकेट का पता लगा रही पुलिस सिंडिकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जांच जारी गुरुग्राम में रेव पार्टियों में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स के इस्तेमाल के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। अब एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। पुलिस आरोपी से गंभीरता से पूछताछ कर रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि शाहबाज ने खुद इसका ऑर्डर दिया था या वह किसी सिंडिकेट के लिए काम करता है। इस सिंडिकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी भी जांच की जा रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर