गुरुग्राम में जिलाध्यक्ष बनने की दौड़, कांग्रेसियों में होड:30 से 40 कार्यकर्ता कतार में, केंद्रीय ऑब्जर्वर के सामने आज करेंगे दावा पेश

गुरुग्राम में जिलाध्यक्ष बनने की दौड़, कांग्रेसियों में होड:30 से 40 कार्यकर्ता कतार में, केंद्रीय ऑब्जर्वर के सामने आज करेंगे दावा पेश

हरियाणा की आर्थिक राजधानी और राजनीतिक गढ़ गुरुग्राम अब कांग्रेस पार्टी की नई रणनीति का केंद्र बन रहा है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) ने संगठन सृजन अभियान के तहत आज जिला कांग्रेस कार्यालय में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। जिस पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी है। मंगलवार की बैठक में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र बघेल, केंद्रीय ऑब्जर्वर सीजी चंद्रशेखर, पीसीसी ऑब्जर्वर रामनिवास घोड़ेला, लखन सिंगला और देवेश कुमार शामिल होंगे। बैठक से पहले रविवार को भी लखन सिंगला और देवेश कुमार ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की। युवा और महिलाओं पर विशेष फोकस पार्टी ने इस बार युवा कार्यकर्ताओं और महिलाओं को संगठन से जोड़ने की ठोस रणनीति बनाई है। उम्र की पाबंदी के चलते कई दिग्गज नेता दौड़ से बाहर हो गए हैं, जिससे युवा चेहरों में जोश और उत्साह देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 40 से ज्यादा कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। यह संख्या गुरुग्राम में पार्टी के बढ़ते प्रभाव और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को दिखाती है। गुरुग्राम इसलिए है खास ऑब्जर्वर देवेश ने बताया कि गुरुग्राम न केवल हरियाणा का आर्थिक केंद्र है, बल्कि इसकी राजनीतिक गतिविधियां पूरे राज्य में असर डालती हैं। संगठन सृजन अभियान के तहत गुरुग्राम में शुरू की गई यह पहल कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। बैठक में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों जैसे ट्रैफिक जाम, जल संकट और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी पर भी चर्चा होगी, जिन्हें पार्टी अपनी रणनीति का हिस्सा बनाएगी। जिलाध्यक्ष की रेस में कौन? जिलाध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन पार्टी एक ऐसे चेहरे की तलाश में है जो युवा और अनुभवी कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बनाए, साथ ही स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हो। आवेदन प्रक्रिया बैठक के बाद शुरू होने की उम्मीद है, और कार्यकर्ताओं में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह है। कांग्रेस की नई रणनीति पिछले कुछ वर्षों में गुरुग्राम में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है, लेकिन अब पार्टी इस स्थिति को बदलने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने, स्थानीय मुद्दों को उठाने और युवा-महिला कार्यकर्ताओं को आगे लाने की रणनीति से कांग्रेस गुरुग्राम में नई जमीन तैयार कर रही है। गुटबाजी न हों तो कांग्रेस को फायदा राजनीति विश्लेषक प्रदीप नरूला ने बताया कि यह अभियान न केवल गुरुग्राम बल्कि पूरे हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। मंगलवार की बैठक के नतीजे और नए जिलाध्यक्ष का चेहरा तय करने में पार्टी की यह पहल कितनी कारगर होगी, यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने तैयारियां की है, उससे कहीं न कहीं पार्टी को फायदा होने की उम्मीद है। बशर्ते गुटबाजी हावी न हों। कर्नाटक के सांसद केंद्रीय आब्जर्वर गुरुग्राम में जिला अध्यक्ष चुनने के लिए कर्नाटक के सांसद जीसी चंद्रशेखर को केंद्रीय आब्जर्वर लगाया है। इनके साथ हुड्‌डा ग्रुप के पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, फरीदाबाद से चुनाव लड़ चुके लखन सिंह और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के बेटे देवेश कुमार को पीसीसी आब्जर्वर लगाया है। उम्र ज्यादा होने से दिग्गज रेस से बाहर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से नया जिलाध्यक्ष चुनने के लिए कई कंडिशन लगाई हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उम्र की बंदिश हैं। इसके तहत 35 से 55 उम्र के कार्यकर्ता ही जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके चलते गुरुग्राम में पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया और मुकेश शर्मा जैसे नेता ज्यादा उम्र के कारण रेस से बाहर हो गए हैं। यहां पूर्व में सुखबीर कटारिया जिलाध्यक्ष थे। हरियाणा की आर्थिक राजधानी और राजनीतिक गढ़ गुरुग्राम अब कांग्रेस पार्टी की नई रणनीति का केंद्र बन रहा है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) ने संगठन सृजन अभियान के तहत आज जिला कांग्रेस कार्यालय में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। जिस पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी है। मंगलवार की बैठक में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र बघेल, केंद्रीय ऑब्जर्वर सीजी चंद्रशेखर, पीसीसी ऑब्जर्वर रामनिवास घोड़ेला, लखन सिंगला और देवेश कुमार शामिल होंगे। बैठक से पहले रविवार को भी लखन सिंगला और देवेश कुमार ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की। युवा और महिलाओं पर विशेष फोकस पार्टी ने इस बार युवा कार्यकर्ताओं और महिलाओं को संगठन से जोड़ने की ठोस रणनीति बनाई है। उम्र की पाबंदी के चलते कई दिग्गज नेता दौड़ से बाहर हो गए हैं, जिससे युवा चेहरों में जोश और उत्साह देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 40 से ज्यादा कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। यह संख्या गुरुग्राम में पार्टी के बढ़ते प्रभाव और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को दिखाती है। गुरुग्राम इसलिए है खास ऑब्जर्वर देवेश ने बताया कि गुरुग्राम न केवल हरियाणा का आर्थिक केंद्र है, बल्कि इसकी राजनीतिक गतिविधियां पूरे राज्य में असर डालती हैं। संगठन सृजन अभियान के तहत गुरुग्राम में शुरू की गई यह पहल कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। बैठक में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों जैसे ट्रैफिक जाम, जल संकट और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी पर भी चर्चा होगी, जिन्हें पार्टी अपनी रणनीति का हिस्सा बनाएगी। जिलाध्यक्ष की रेस में कौन? जिलाध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन पार्टी एक ऐसे चेहरे की तलाश में है जो युवा और अनुभवी कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बनाए, साथ ही स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हो। आवेदन प्रक्रिया बैठक के बाद शुरू होने की उम्मीद है, और कार्यकर्ताओं में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह है। कांग्रेस की नई रणनीति पिछले कुछ वर्षों में गुरुग्राम में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है, लेकिन अब पार्टी इस स्थिति को बदलने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने, स्थानीय मुद्दों को उठाने और युवा-महिला कार्यकर्ताओं को आगे लाने की रणनीति से कांग्रेस गुरुग्राम में नई जमीन तैयार कर रही है। गुटबाजी न हों तो कांग्रेस को फायदा राजनीति विश्लेषक प्रदीप नरूला ने बताया कि यह अभियान न केवल गुरुग्राम बल्कि पूरे हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। मंगलवार की बैठक के नतीजे और नए जिलाध्यक्ष का चेहरा तय करने में पार्टी की यह पहल कितनी कारगर होगी, यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने तैयारियां की है, उससे कहीं न कहीं पार्टी को फायदा होने की उम्मीद है। बशर्ते गुटबाजी हावी न हों। कर्नाटक के सांसद केंद्रीय आब्जर्वर गुरुग्राम में जिला अध्यक्ष चुनने के लिए कर्नाटक के सांसद जीसी चंद्रशेखर को केंद्रीय आब्जर्वर लगाया है। इनके साथ हुड्‌डा ग्रुप के पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, फरीदाबाद से चुनाव लड़ चुके लखन सिंह और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के बेटे देवेश कुमार को पीसीसी आब्जर्वर लगाया है। उम्र ज्यादा होने से दिग्गज रेस से बाहर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से नया जिलाध्यक्ष चुनने के लिए कई कंडिशन लगाई हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उम्र की बंदिश हैं। इसके तहत 35 से 55 उम्र के कार्यकर्ता ही जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके चलते गुरुग्राम में पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया और मुकेश शर्मा जैसे नेता ज्यादा उम्र के कारण रेस से बाहर हो गए हैं। यहां पूर्व में सुखबीर कटारिया जिलाध्यक्ष थे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर