गुरुग्राम में नवनियुक्त मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति को आधिकारिक तौर पर उनका सलाहकार नियुक्त किया गया है। नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने मेयर के पति और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष तिलकराज मल्होत्रा की नियुक्ति के संबंध में पत्र जारी किया है। तिलकराज मल्होत्रा मेयर द्वारा सौंपे गए कार्यों में सहयोग करेंगे। हालांकि उनका पद पूरी तरह मानद होगा और वे नगर निगम से किसी भी तरह का लाभ नहीं ले सकेंगे। पूर्व में लड़ चुके हैं चुनाव तिलकराज मल्होत्रा दो दशक पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष रहे हैं और वे पूर्व में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनकी इस नियुक्ति को लेकर शहर के राजनीतिक हलके में चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम मेयर के लिए पीए तो लगाए जाते रहे हैं, लेकिन मेयर के पति को ही सलाहकार पहली बार बनाया गया है। कोई वित्तीय लाभ नहीं ले सकेंगे इस बारे में मेयर के पति तिलकराज मल्होत्रा ने बताया कि यह पूरी तरह से अवैतनिक पद है और वे स्वैच्छिक रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मेयर शहर के विकास को लेकर गंभीर हैं और गुरुग्राम को इंदौर की तर्ज पर देखना चाहती हैं। विपक्ष का एतराज इस नियुक्ति को लेकर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। भाजपा की निर्वाचित मेयर राजरानी मल्होत्रा द्वारा अपने पति को निजी सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट डालकर उन्होंने इस कदम को संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ और महिला आरक्षण के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताया। पर्ल चौधरी ने कहा कि यह नियुक्ति भाजपा द्वारा परिवारवाद के खिलाफ दिए जाने वाले बयानों की पोल खोलती है। विपक्ष के कुछ पार्षदों ने भी इस पर एतराज जताया है। उनका कहना है कि नगर निगम गुरुग्राम कमिश्नर ने मेयर पति को सलाहकार बनाकर म्युनिसिपल एक्ट का मजाक उड़ाया है। एक्ट के अनुसार ब्लड रिलेशन ऐसे पद का प्रावधान नहीं है। अगर पतियों को सदन चलाना है तो महिला आरक्षण का मतलब ही खत्म हो जाता है। फिर तो महिला पार्षद के पति भी सलाहकार बन सकते। गुरुग्राम में नवनियुक्त मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति को आधिकारिक तौर पर उनका सलाहकार नियुक्त किया गया है। नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने मेयर के पति और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष तिलकराज मल्होत्रा की नियुक्ति के संबंध में पत्र जारी किया है। तिलकराज मल्होत्रा मेयर द्वारा सौंपे गए कार्यों में सहयोग करेंगे। हालांकि उनका पद पूरी तरह मानद होगा और वे नगर निगम से किसी भी तरह का लाभ नहीं ले सकेंगे। पूर्व में लड़ चुके हैं चुनाव तिलकराज मल्होत्रा दो दशक पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष रहे हैं और वे पूर्व में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनकी इस नियुक्ति को लेकर शहर के राजनीतिक हलके में चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम मेयर के लिए पीए तो लगाए जाते रहे हैं, लेकिन मेयर के पति को ही सलाहकार पहली बार बनाया गया है। कोई वित्तीय लाभ नहीं ले सकेंगे इस बारे में मेयर के पति तिलकराज मल्होत्रा ने बताया कि यह पूरी तरह से अवैतनिक पद है और वे स्वैच्छिक रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मेयर शहर के विकास को लेकर गंभीर हैं और गुरुग्राम को इंदौर की तर्ज पर देखना चाहती हैं। विपक्ष का एतराज इस नियुक्ति को लेकर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। भाजपा की निर्वाचित मेयर राजरानी मल्होत्रा द्वारा अपने पति को निजी सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट डालकर उन्होंने इस कदम को संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ और महिला आरक्षण के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताया। पर्ल चौधरी ने कहा कि यह नियुक्ति भाजपा द्वारा परिवारवाद के खिलाफ दिए जाने वाले बयानों की पोल खोलती है। विपक्ष के कुछ पार्षदों ने भी इस पर एतराज जताया है। उनका कहना है कि नगर निगम गुरुग्राम कमिश्नर ने मेयर पति को सलाहकार बनाकर म्युनिसिपल एक्ट का मजाक उड़ाया है। एक्ट के अनुसार ब्लड रिलेशन ऐसे पद का प्रावधान नहीं है। अगर पतियों को सदन चलाना है तो महिला आरक्षण का मतलब ही खत्म हो जाता है। फिर तो महिला पार्षद के पति भी सलाहकार बन सकते। हरियाणा | दैनिक भास्कर
