हरियाणा के गुरुग्राम में सोमवार को भीषण हादसा हुआ। फर्रुखनगर में केएमपी एक्सप्रेसवे पर एक तेज रफ्तार कार केंटर से टकरा गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, 2 अन्य घायल हो गए। घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतकों में तीन महिलाएं हैं। हादसा इतना भयावह रहा कि मारुति एर्टिगा कार के परखच्चे तक उड़ गए। रोड पर पड़े 4 शवों को देख लोग सिहर उठे। बताया गया है कि राजस्थान के सीकर से एक परिवार के लोग परिवार में हुई मौत के बाद गढ़ गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने गए थे। सोमवार को ये दो कारों में लौट रहे थे। इनकी एक गाड़ी पीछे रह गई थी। एर्टिगा कार फर्रुखनगर के पास पहुंची थी। फर्रुखनगर केएमपीए के पास के एग्जिट पाइंट से मारुति एर्टिगा तेज रफ्तार गुरुग्राम की तरफ आ रही थी। इस बीच ड्राइवर सामने चल रहे केंटर को ओवरटेक करने लगा तो कार उससे टकरा गई। इसके बाद कार पलटती चली गयी। कार के परखचे उड़ गए। आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। कार में सवार लोगों को बाहर निकाला। इनमें तीन महिलाओं व एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। गुरुग्राम पुलिस ने मौके पर पहुंच शवों को कब्जे में ले आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के गुरुग्राम में सोमवार को भीषण हादसा हुआ। फर्रुखनगर में केएमपी एक्सप्रेसवे पर एक तेज रफ्तार कार केंटर से टकरा गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, 2 अन्य घायल हो गए। घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतकों में तीन महिलाएं हैं। हादसा इतना भयावह रहा कि मारुति एर्टिगा कार के परखच्चे तक उड़ गए। रोड पर पड़े 4 शवों को देख लोग सिहर उठे। बताया गया है कि राजस्थान के सीकर से एक परिवार के लोग परिवार में हुई मौत के बाद गढ़ गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने गए थे। सोमवार को ये दो कारों में लौट रहे थे। इनकी एक गाड़ी पीछे रह गई थी। एर्टिगा कार फर्रुखनगर के पास पहुंची थी। फर्रुखनगर केएमपीए के पास के एग्जिट पाइंट से मारुति एर्टिगा तेज रफ्तार गुरुग्राम की तरफ आ रही थी। इस बीच ड्राइवर सामने चल रहे केंटर को ओवरटेक करने लगा तो कार उससे टकरा गई। इसके बाद कार पलटती चली गयी। कार के परखचे उड़ गए। आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। कार में सवार लोगों को बाहर निकाला। इनमें तीन महिलाओं व एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। गुरुग्राम पुलिस ने मौके पर पहुंच शवों को कब्जे में ले आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शमशेर गोगी बोले-हुड्डा ने पार्टी को घटाने का काम किया:इनके नेतृत्व में हरियाणा में एक चुनाव नहीं जीते; कांग्रेस ही कांग्रेस से लड़ रही
शमशेर गोगी बोले-हुड्डा ने पार्टी को घटाने का काम किया:इनके नेतृत्व में हरियाणा में एक चुनाव नहीं जीते; कांग्रेस ही कांग्रेस से लड़ रही ‘भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 20 साल तक आजमा लिया है। साल 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 विधायक बने थे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए। उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया। पार्टी कभी उनके नेतृत्व में नहीं जीती। कांग्रेस को किसी दूसरे नेता को आजमाकर देखना चाहिए।’ यह बात कांग्रेस नेता और असंध से पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कही। उनका कहना है कि राज्य में कांग्रेस, कांग्रेस से लड़ रही है। उसकी भाजपा से लड़ाई ही नहीं है। भाजपा के लोग समाज को बांट रहे हैं। संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। मुझे नायब सैनी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। दैनिक भास्कर ने EVM में गड़बड़ी, कांग्रेस की हार, पार्टी में गुटबाजी, प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहे विवाद को लेकर शमशेर सिंह गोगी से बातचीत की। पढ़िए गोगी से बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल : वकालत की डिग्री हासिल कर चुके शमशेर सिंह गोगी राजनीतिक अखाड़े में कहां खता खा गए?
गोगी : नहीं, खता नहीं खाई है। मेरा उद्देश्य फेयर तरीके से इलेक्शन लड़ने का रहा है। मैंने जब पहला इलेक्शन जीता, तब भी मैंने एक भी शराब की बोतल किसी को नहीं दी थी। मैं इस तरीके में विश्वास नहीं रखता। आज लोकतंत्र में तंत्र जीत गया और लोकतंत्र हार गया। मैं लोकतंत्र में विश्वास रखता हूं और उसकी मर्यादा के हिसाब से मैंने इलेक्शन लड़ा। सवाल : करनाल में सुमिता सिंह और घरौंडा में वीरेंद्र राठौर EVM पर ठीकरा फोड़कर अब गायब हैं?
गोगी : देखो, हम तो रोज जनता के बीच जा रहे हैं। जनता के बिना हमारे पास क्या है? मैंने तो रिजल्ट के अगले दिन ही सभी वर्करों का धन्यवाद किया था और लगातार लोगों के सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं। सवाल: CM नायब सैनी आपके बयानों को लेकर काफी ठहाके लगाते हुए तंज कसते हैं। चाहे आप हो, राहुल गांधी, या फिर कांग्रेस हो।
जवाब: नायब सैनी जी चीफ मिनिस्टर बन गए हैं, वह एक अलग बात है। नायब सिंह सैनी मुझे जानते नहीं हैं। मुझे सारी जनता जानती है। इस तरह के आदमियों से मुझे सर्टिफिकेट की भी जरूरत नहीं है। मैं इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहता। एक कहावत है- जो चोर होता है, उसे सारी दुनिया चोर ही नजर आती है। सवाल: आपने 6 महीने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई। आप किस तरह पार्टी को एक प्लेटफॉर्म पर लाएंगे? कौन सा तरीका है, जिसे कांग्रेस अपनाकर आगे सत्ता में वापसी कर सकती है?
गोगी : देखो, मैंने 6 महीने के लिए नहीं कहा। मैंने कहा था कि हाईकमान को इस पर फैसला लेना है। मैंने तो एक उदाहरण के तौर पर कहा था कि अगर मुझे पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाए, तो मैं पार्टी को खड़ा कर दूंगा और उसके बाद जब इलेक्शन आएगा, 2 साल का समय बचा होगा, तब पार्टी जो भी करना चाहे, वह करे। सवाल: खेमेबंदी करने का आरोप हुड्डा पर लगता रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप सैलजा गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं?
गोगी : मैं कांग्रेस का आदमी हूं। मैं किसी गुट की बात ही नहीं करता। पार्टी के अंदर कोई न कोई नेता और कोई न कोई साथी एक-दूसरे की मदद करता है। सैलजा ने हमारी मदद की है। हम भी उसकी मदद करना चाहते हैं, वह एक अलग बात है। मैं पार्टी से ऊपर किसी नेता को नहीं मानता। मैं उन्हीं नेताओं के बारे में कह रहा हूं, जो अपने आप को पार्टी से ऊपर मान रहे हैं। सवाल: क्या कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस नेताओं के बयान हैं? आपने भी पहले अपना घर भरने वाला बयान दिया था?
जवाब: अगर मेरी हार का कारण मेरा बयान होता, तो मैं असंध शहर से कैसे जीतता? कैसे साढ़े 52 हजार वोट लोगों ने मुझे दिए? यह तो भाजपा वालों का बनाया हुआ है। पूरे देश और समाज को जिस बात पर शर्म आनी चाहिए, उस पर इनका चीफ मिनिस्टर आकर कहता है कि बंटोगे तो कटोगे। ये समाज को बांट रहे है। संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। अब महाराष्ट्र में भी इनके होर्डिंग लग गए। वहां भी ऐसा ही है। मतलब इन्हें आजादी मिली हुई। पता नहीं समाज के लोग कैसी विचारधारा में चले गए कि वे इन्हें समझ ही नहीं पा रहे हैं? जिस देश का समाज बंट गया और भाईचारा टूट गया, तो वह देश कैसे बचेगा? सवाल: चुनाव हारने के बाद भी पार्टी में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। क्या लगता है, पार्टी मजबूत हो पाएगी?
गोगी : मेरी पार्टी हाईकमान से रिक्वेस्ट है कि नई लीडरशिप के साथ पार्टी आगे आए। जिस आदमी (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) को पिछले 20 साल से आजमा लिया है। 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 MLA थे। उसके बाद जिनके नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए, उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया है। पार्टी कभी भी उनके नेतृत्व में नहीं जीती। पार्टी किसी नए नेता को आजमाकर देखे। जात-बिरादरी इसमें मायने नहीं रखती। कांग्रेसी होना इसमें मायने रखता है। जो कांग्रेस को या फिर हाईकमान को ब्लैकमेल न करें, आंख न दिखाएं, अपने आप को पार्टी से ऊपर न समझें और जो खुद काे पार्टी का सिपाही समझें, ऐसे लोगों को आगे लेकर आओ। सवाल: अगर सुरजेवाला को अध्यक्ष बना दिया जाए, वह खेमेबंदी को खत्म कर पार्टी को एक मंच पर लेकर आ पाएंगे?
गोगी : मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता। यह हाईकमान का फैसला होगा। मैंने तो अपना नाम भी उदाहरण के तौर पर लिया था। लोगों ने उसी को हव्वा बना दिया। मैने उदाहरण दिया था कि 3 साल पार्टी का काम करो और 2 साल इलेक्शन पर काम करो। सवाल: विधानसभा में आपने काफी मुद्दे उठाए। असंध को जिला बनाने का भी बड़ा मुद्दा था। चूंकि, अब आप चुनाव हार चुके हैं तो जनता के बीच में किस तरह से जाएंगे और क्या कार्यप्रणाली रहेगी?
गोगी : अभी मुद्दे हैं। जब मैं विधायक था, उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे। उन्होंने विधानसभा में आश्वासन दिया था कि हम स्मार्ट सिटी के 735 करोड़ के प्रोजेक्ट की जांच कराएंगे, लेकिन आज तक उसकी कोई जांच नहीं हुई। मैं स्पीकर को चिट्ठी लिखूंगा और मांग करूंगा कि यह जो आश्वासन मनोहर लाल द्वारा दिया गया था, उसकी जांच करवाकर रिपोर्ट मुझे दी जाए। सवाल : कांग्रेस की लहर थी, एग्जिट पोल भी कांग्रेस के पक्ष में थे, लेकिन सरकार नहीं आई। अब कांग्रेस कैसे सत्ता में वापसी कर पाएगी?
गोगी : कांग्रेस को सबसे पहले भाजपा के खिलाफ लड़ना सीखना चाहिए। मैं 5 साल MLA रहा और उससे पहले भी जब मैं MLA बनने की तैयारी कर रहा था। पिछले 10 साल में मैंने एक चीज देखी है कि कांग्रेस, कांग्रेस से ही लड़ रही है। भाजपा से लड़ ही नहीं रही है, तो जीतेगी कैसे? सवाल: EVM में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगा दी।
गोगी : देखो, वह एक अलग बात है। वह किस तरीके से हुआ, कैसे हुआ, वह एक लीगल मैटर है। मैं तो यह कहता हूं कि अगर EVM में गड़बड़ी नहीं है, तो इलेक्शन कमीशन की जिम्मेदारी है कि जो जनता की परसेप्शन है, उसका जवाब दे। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है और जनता कह रही है कि EVM में गड़बड़ी है, तो इसका जवाब देना उनका काम है। एक बैटरी 70 प्रतिशत पर है और एक बैटरी 99 प्रतिशत पर है। या तो सारी बैटरी 70 आएं या फिर सारी 99 आएं। अगर यह अंतर है तो क्यों है? हालांकि मैं कोई मशीन का इंजीनियर नहीं हूं। इस मामले में एलन मस्क दुनिया का सबसे बड़ा आदमी है। वह कह रहा है कि मेरे को दो, मैं हैक करके दिखा देता हूं। तो सरकार को इसमें क्या इंटरेस्ट है? सवाल: आपके हिसाब से कौन सा नेता है जो खेमेबंदी को खत्म करके सबको एक मंच पर लेकर आ सकता है?
गोगी : ऐसा नहीं है, यह तो हालात के अनुसार होता है। पता नहीं जनता किसे नेता बना दे। जब जयप्रकाश नारायण की क्रांति आई थी तो पहले से जयप्रकाश नारायण तय थोड़े ही थे। जनता ने नेता बना दिया। यह तो हाईकमान को फैसला करना है। अब जो चले हुए कारतूस हैं, उनसे अलग भी कोई नए कारतूस खरीदने हैं या नहीं? सवाल: जनता के लिए कोई संदेश?
गोगी : आने वाला समय जनता के लिए अच्छा हो। भाजपा ने जो समाज बांटने वाले नारे दिए हैं और उन नारों पर अब भी महाराष्ट्र में इलेक्शन लड़ा जा रहा है। यह देश बांटने का नारा है। अगर इस देश का बंटवारा किसी दिन होगा तो यह RSS और BJP ही करेगी। इनकी मानसिकता ही खराब है। बाकी सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं। शमशेर सिंह गोगी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस हारी:एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती; सैलजा के अपमान से दलितों ने वोट नहीं दिए पूर्व कांग्रेस MLA बोले-हाईकमान अपनी कार्यप्रणाली पर विचार करे:किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने से नुकसान हुआ, कैप्टन छोड़ रहे; मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाएं हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवार बोले-सरकार बनेगी तो पहले अपना घर भरेंगे:दूसरे कैंडिडेट बोले- 50 वोट पर एक नौकरी मिलेगी; BJP बोली- पर्ची-खर्ची की तैयारी
हाथरस भगदड़, हरियाणा की 4 महिलाओं की मौत:महिला बोली- बाबा के जाते पानी छिड़का, मिट्टी लेने गए लोग कीचड़ में फिसले, गहने छीनने को धक्कामुक्की
हाथरस भगदड़, हरियाणा की 4 महिलाओं की मौत:महिला बोली- बाबा के जाते पानी छिड़का, मिट्टी लेने गए लोग कीचड़ में फिसले, गहने छीनने को धक्कामुक्की उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में हरियाणा की 4 महिलाओं की मौत हुई। 3 महिलाएं फरीदाबाद और 1 पलवल की थी। फरीदाबाद की मृतक महिलाओं की पहचान लीला और सरोज निवासी राम नगर और तारा निवासी संजय कॉलोनी के रूप में हुई है। तीनों के शव बुधवार को उनके घर पहुंचे। यह सभी महिलाएं 1 जुलाई को बस में सत्संग सुनने हाथरस गईं थी। पलवल की कृष्णा कॉलोनी की रहने वाली चंद्रवती गाड़ी में सत्संग सुनने गई थी, लेकिन भगदड़ में जान चली गई। महिला का बेटा भी ईको गाड़ी में सवारी लेकर सत्संग में गया था। वहीं जान बचाकर लौटी महिला ने कहा कि सत्संग में बाबा जाने लगे तो पानी छिड़का गया। जिसके बाद मिट्टी लेने गए लोग कीचड़ में फिसल गए। यही नहीं वहां पर सोने और चांदी के आभूषण छीनने के लिए धक्कामुक्की हुई। जिसके बाद भगदड़ मची। फरीदाबाद से बस में 60 लोग सत्संग सुनने गए थे
फरीदाबाद की मृतक महिलाओं के परिजनों वीरपाल गौतम और प्रेम चंद ने बताया कि परसों भोले बाबा के सत्संग के चलते यहां से एक बस 50-60 लोगों को लेकर गई थी। सत्संग में भगदड़ मचने के चलते बहुत लोगों की मौत हुई है। जिनमें उनके परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने भोले बाबा पर कार्रवाई करने की मांग की है। परिजनों ने कहा कि यह सत्संग 50 हजार लोगों के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन वहां एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। इसके लिए इंतजाम पुख्ता नहीं थे। उन्होंने बताया कि जब बाबा जाने लगे तब वहां पानी छिड़का गया। जिसके बाद बाबा के पैरों की मिट्टी लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। यहां कीचड़ होने के चलते लोग फिसल कर गिर गए और भीड़ उनके ऊपर से गुजरती रही। जिसके चलते कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। सोने चांदी के आभूषण छीनने के लिए धक्कामुक्की
वहीं सत्संग से जान बचाकर लौटी एक महिला राजकुमारी ने बताया कि सत्संग में काफी भीड़ थी। जब बाबा जाने लगे तब वहीं के लोकल लोगों ने महिलाओं के सोने चांदी के आभूषण छीनने के लिए धक्का-मुक्की की, कोहनियां मारी। जिसके चलते भगदड़ मच गई। वहीं एक महिला रुकमणी ने कहा कि इसमें हरि परमात्मा या किसी का कसूर नहीं है। यह भगवान की मर्जी थी। किसी पर उंगली उठाना ठीक नहीं। पलवल से सत्संग में गई थी 2 गाड़ियां
भोले बाबा के सत्संग के लिए पलवल से दो गाड़ियों में महिलाएं गई थी। इसमें कृष्णा कॉलोनी निवासी 58 वर्षीय चंद्रवती भी शामिल थी, जिसको भगदड़ में मौत हो गई। चंद्रवती के बेटे कुलदीप ने बताया कि वह भी अपनी ईको गाड़ी में सत्संग के लिए पलवल से सवारी लेकर गया था। भगदड़ मचने पर मां को फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। अस्पताल में मिला मां का शव
इसके बाद उसने दूसरी गाड़ी के ड्राइवर धर्मेंद्र से फोन पर बात की। क्योंकि मां चंद्रवती उसी की गाड़ी में सत्संग में शामिल होने गई थी। धर्मेंद्र ने बताया कि दो महिलाएं अभी तक गाड़ी तक नहीं पहुंची हैं। जिनमें चंद्रवती (आपकी मां) भी शामिल है। दोनों जब वहां खोजबीन करने के बाद अस्पताल में पहुंचे तो वहां भी उन्हें चंद्रवती नहीं मिली। वहां एक पुलिसकर्मी ने उन्हें बताया कि कुछ घायलों को एटा और अलीगढ़ के अस्पतालों में ले जाया गया है। इसके बाद वह एटा के अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें चंद्रवती का शव मिला। जिसका शव बुधवार को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंपा। पलवल में महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग
लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग हरियाणा के लाडवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राह में अब बगावत के बादल छा गए हैं। भाजपा नेता संदीप गर्ग टिकट न मिलने से नाराज चल रहे है। उन्होंने बुधवार (कल) को लाडवा की मंडी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संदीप गर्ग आजाद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ सकते है। बता दें कि लाडवा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय गर्ग का यहां अच्छा-खासा रुतबा है और उनकी बगावत से भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पार्टी से नारज चल रहे संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे। इसके अलाव भी उनको पार्टी से किरण चौधरी ने भी उन्हें कॉल करके समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप गर्ग यह फैसला कल होने वाली समाज की मीटिंग पर छोड़ा है। कौन हैं संदीप गर्ग? संदीप गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अग्रवाल समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समुदाय के है। इस बार वह लाडवा से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिल गई। इसके बाद से ही गर्ग नाराज चल रहे हैं। संदीप गर्ग ने समाज सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई है। अन्नपूर्णा रसोई, जो 5 रुपए में भरपेट खाना देती है, उनकी एक प्रमुख पहल है। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। लाडवा: सैनी बाहुल्य सीट लाडवा विधानसभा सीट को सैनी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो खुद सैनी समुदाय से आते हैं, यहां चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी समाज के विरोधी स्वर सुनाई दे रहे थे। इसलिए भाजपा ने लाडवा को चुना, जहां सैनी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर लगभग 1 लाख 95 हजार 816 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत से अधिक सैनी बिरादरी के हैं। इसके अलावा यहां 18 प्रतिशत जाट और 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता भी हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाडवा में जीत के लिए इन 3 प्रमुख जातियों का समर्थन जरूरी है।