2015 में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी केस के मुख्य आरोपियों में से एक प्रदीप कलेर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। कलेर ने डेरा प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी। हाईकोर्ट ने यह फैसला तब दिया है, जब पंजाब सरकार ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि प्रदीप कलेर को सरकार सरकारी गवाह बनाने की योजना बना रही है। हाईकोर्ट ने कलेर द्वारा दायर की गई याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया है। इस याचिका में कलेर द्वारा 20 अक्टूबर 2015 में की गई FIR के आधार पर जमानत दिए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश में क्या…
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है, ‘चूंकि FIR 2015 से संबंधित है, सह-आरोपी जतिंदर वीर अरोड़ा को इस केस में गिरफ्तार किया गया था, उसने याचिकाकर्ता का नाम बताया था। उसे और 7 अन्य आरोपियों को इस केस में जमानत दे दी गई है। केवल याचिकाकर्ता ही हिरासत में है। उसके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में वह जमानत पर है। सरकार के जवाब के बाद उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस स्थिति में याचिकाकर्ता को और अधिक कारावास की आवश्यकता नहीं है।’ जमानत के लिए कलेर ने दिया यह तर्क
जमानत के लिए अपनी याचिका में कलेर ने तर्क दिया था कि उनके सह-आरोपी के बयान पर ही उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है। वास्तव में, 11 आरोपितों में से 9 को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 8 को जमानत मिल गई थी। जबकि, दो आरोपी घोषित अपराधी बने हुए थे। वर्तमान मामले सहित उनमें से कुछ मामलों में उसने अभियोजन पक्ष के समर्थन में CRPC की धारा 164 के तहत बयान दिए थे और उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। अन्य मामलों में उसे जमानत मिल गई है। 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से पूछताछ नहीं
वह 9 फरवरी से हिरासत में है, लेकिन 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से भी अब तक पूछताछ नहीं की गई है। इसलिए, वर्तमान मामले की सुनवाई जल्द ही समाप्त होने की संभावना नहीं है। उसके वकील ने हाई कोर्ट को बताया था। याचिका का जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता कुछ मामलों में जमानत पर है और अन्य मामलों में धारा 164 CRPC के तहत उसका बयान दर्ज किया गया है, जिसमें उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस प्रकार, प्रभावी रूप से राज्य ने याचिकाकर्ता को जमानत देने की प्रार्थना का विरोध नहीं किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कलेर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। प्रदीप कलेर क्या दी थी गवाही…6 अहम बातें… 1. मैं राजनीतिक विंग का अध्यक्ष था
मैं 1987 से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हूं। साल 2014 में मुझे डेरे के राजनीतिक विंग का अध्यक्ष बनाया गया। मेरा काम नेताओं से मिलना होता था। मुझे इसका अध्यक्ष डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम ने बनाया था। 2. राम रहीम से मिलने बुलाया गया
मार्च या अप्रैल 2015 में मुझे दिल्ली जाना था। मुझे राम रहीम से मिलने बुलाया गया। जब मैं वहां गया तो राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश कुमार उर्फ राकेश दिड़बा, संदीप बरेटा, हर्ष धूरी, महेंद्रपाल बिट्टू कोटकपूरा, गुलाब और गुरलीन उर्फ राकेश कुमार मौजूद थे। 3. महेंद्रपाल ने कहा- प्रेमियों ने हमारे लॉकेट जमीन पर फेंके
महेंद्रपाल ने बाबा को बताया कि बुर्ज जवाहर सिंह वाला में धर्म प्रचारक हरजिंदर सिंह मांझी ने एक कथा की थी। उससे प्रेरित होकर बाबा (राम रहीम) को मानने वाले लोगों ने राम रहीम की फोटो वाले लॉकेट को जमीन में फेंक दिया। 4. राम रहीम और हनीप्रीत गुस्से में आए
यह सुनते ही हनीप्रीत गुस्से में आ गई। वह बोली, यह लॉकेट जब फेंके तो आपने कुछ क्यों नहीं किया। फिर बाबा राम रहीम और हनीप्रीत ने कहा, ईंट का जवाब पत्थर से दो। वहां मौजूद राकेश और बिट्टू ने कहा कि वह तो प्रचारक है, और सिखों की निशानी तो गुरु ग्रंथ साहिब हैं। इसके बाद हनीप्रीत ने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बात कही। बाबा राम रहीम ने कहा कि जो हनीप्रीत कह रही है, उसे जल्द से जल्द करो। 5. पंजाब कमेटी के सदस्य को दी गई बेअदबी की ड्यूटी
महेंद्रपाल बिट्टू डेरा सच्चा सौदा पंजाब की 45 मेंबर वाली कमेटी का सदस्य था। उसकी ड्यूटी लगाई कि अपनी टीम से जल्द से जल्द यह काम कराओ। उस वक्त मैं इनके पीछे खड़ा था। बाबा ने मुझे बोला कि बेटा तुम्हारा क्या काम है। मैंने बताया कि मुझे दिल्ली जाना है। उन्होंने कुछ लोगों से मिलने के लिए कहा। फिर मैं आ गया। 6. मुझे, मेरे परिवार को राम रहीम-हनीप्रीत से खतरा
मुझे और मेरे परिवार को अब धमकी आ रही है। बाबा राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश दिड़बा और अन्य लोग मुझे मरवा सकते हैं। पहले भी महेंद्रपाल बिट्टू की नाभा हाई सिक्योरिटी जेल में मौत हो चुकी है। मेरी फैमिली जिसमें मेरी पत्नी, बेटी, पापा, मम्मी और रिश्तेदारों को डेरा प्रमुख से डर है। वह उनकी हत्या करा सकते हैं। 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी केस के मुख्य आरोपियों में से एक प्रदीप कलेर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। कलेर ने डेरा प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी। हाईकोर्ट ने यह फैसला तब दिया है, जब पंजाब सरकार ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि प्रदीप कलेर को सरकार सरकारी गवाह बनाने की योजना बना रही है। हाईकोर्ट ने कलेर द्वारा दायर की गई याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया है। इस याचिका में कलेर द्वारा 20 अक्टूबर 2015 में की गई FIR के आधार पर जमानत दिए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश में क्या…
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है, ‘चूंकि FIR 2015 से संबंधित है, सह-आरोपी जतिंदर वीर अरोड़ा को इस केस में गिरफ्तार किया गया था, उसने याचिकाकर्ता का नाम बताया था। उसे और 7 अन्य आरोपियों को इस केस में जमानत दे दी गई है। केवल याचिकाकर्ता ही हिरासत में है। उसके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में वह जमानत पर है। सरकार के जवाब के बाद उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस स्थिति में याचिकाकर्ता को और अधिक कारावास की आवश्यकता नहीं है।’ जमानत के लिए कलेर ने दिया यह तर्क
जमानत के लिए अपनी याचिका में कलेर ने तर्क दिया था कि उनके सह-आरोपी के बयान पर ही उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है। वास्तव में, 11 आरोपितों में से 9 को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 8 को जमानत मिल गई थी। जबकि, दो आरोपी घोषित अपराधी बने हुए थे। वर्तमान मामले सहित उनमें से कुछ मामलों में उसने अभियोजन पक्ष के समर्थन में CRPC की धारा 164 के तहत बयान दिए थे और उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। अन्य मामलों में उसे जमानत मिल गई है। 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से पूछताछ नहीं
वह 9 फरवरी से हिरासत में है, लेकिन 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से भी अब तक पूछताछ नहीं की गई है। इसलिए, वर्तमान मामले की सुनवाई जल्द ही समाप्त होने की संभावना नहीं है। उसके वकील ने हाई कोर्ट को बताया था। याचिका का जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता कुछ मामलों में जमानत पर है और अन्य मामलों में धारा 164 CRPC के तहत उसका बयान दर्ज किया गया है, जिसमें उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस प्रकार, प्रभावी रूप से राज्य ने याचिकाकर्ता को जमानत देने की प्रार्थना का विरोध नहीं किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कलेर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। प्रदीप कलेर क्या दी थी गवाही…6 अहम बातें… 1. मैं राजनीतिक विंग का अध्यक्ष था
मैं 1987 से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हूं। साल 2014 में मुझे डेरे के राजनीतिक विंग का अध्यक्ष बनाया गया। मेरा काम नेताओं से मिलना होता था। मुझे इसका अध्यक्ष डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम ने बनाया था। 2. राम रहीम से मिलने बुलाया गया
मार्च या अप्रैल 2015 में मुझे दिल्ली जाना था। मुझे राम रहीम से मिलने बुलाया गया। जब मैं वहां गया तो राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश कुमार उर्फ राकेश दिड़बा, संदीप बरेटा, हर्ष धूरी, महेंद्रपाल बिट्टू कोटकपूरा, गुलाब और गुरलीन उर्फ राकेश कुमार मौजूद थे। 3. महेंद्रपाल ने कहा- प्रेमियों ने हमारे लॉकेट जमीन पर फेंके
महेंद्रपाल ने बाबा को बताया कि बुर्ज जवाहर सिंह वाला में धर्म प्रचारक हरजिंदर सिंह मांझी ने एक कथा की थी। उससे प्रेरित होकर बाबा (राम रहीम) को मानने वाले लोगों ने राम रहीम की फोटो वाले लॉकेट को जमीन में फेंक दिया। 4. राम रहीम और हनीप्रीत गुस्से में आए
यह सुनते ही हनीप्रीत गुस्से में आ गई। वह बोली, यह लॉकेट जब फेंके तो आपने कुछ क्यों नहीं किया। फिर बाबा राम रहीम और हनीप्रीत ने कहा, ईंट का जवाब पत्थर से दो। वहां मौजूद राकेश और बिट्टू ने कहा कि वह तो प्रचारक है, और सिखों की निशानी तो गुरु ग्रंथ साहिब हैं। इसके बाद हनीप्रीत ने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बात कही। बाबा राम रहीम ने कहा कि जो हनीप्रीत कह रही है, उसे जल्द से जल्द करो। 5. पंजाब कमेटी के सदस्य को दी गई बेअदबी की ड्यूटी
महेंद्रपाल बिट्टू डेरा सच्चा सौदा पंजाब की 45 मेंबर वाली कमेटी का सदस्य था। उसकी ड्यूटी लगाई कि अपनी टीम से जल्द से जल्द यह काम कराओ। उस वक्त मैं इनके पीछे खड़ा था। बाबा ने मुझे बोला कि बेटा तुम्हारा क्या काम है। मैंने बताया कि मुझे दिल्ली जाना है। उन्होंने कुछ लोगों से मिलने के लिए कहा। फिर मैं आ गया। 6. मुझे, मेरे परिवार को राम रहीम-हनीप्रीत से खतरा
मुझे और मेरे परिवार को अब धमकी आ रही है। बाबा राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश दिड़बा और अन्य लोग मुझे मरवा सकते हैं। पहले भी महेंद्रपाल बिट्टू की नाभा हाई सिक्योरिटी जेल में मौत हो चुकी है। मेरी फैमिली जिसमें मेरी पत्नी, बेटी, पापा, मम्मी और रिश्तेदारों को डेरा प्रमुख से डर है। वह उनकी हत्या करा सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर