<p style=”text-align: justify;”><strong>Nagpur News:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली (Arun Gawali) को 28 दिन का फरलो दे दिया है. अरुण गवली 2007 में शिवसेना के कॉर्पोरेटर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है. जस्टिस नितिन सांबरे और व्रुषाली जोशी की डिविजन बेंच ने गवली की याचिका को मंगलवार को स्वीकार कर लिया था जिसमें फरलो की मांग की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अरुण गवली की तरफ से वकील मीर नागमान अली पेश हुए थे. उन्होंने हाई कोर्ट की नागपुर बेंच से गवली को रिहा करने की मांग की थी क्योंकि प्रिजन के डीआईजी (ईस्ट डिविजन) ने गवली के आवेदन को खारिज कर दिया था. डीआईजी प्रिजन ने यह दलील देते हुए आवेदन खारिज किया था कि उसके बाहर आने से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. हालांकि कोर्ट ने उसे फरलो दे दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फरलो के बदले हुए नियम मुझपर नहीं होंगे लागू- गवली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गवली के वकील ने कोर्ट को बताया कि फरलो पर रिहा होने से पहले भी कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं हुई थी. गवली ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> पहले ही हो चुका है. जहां तक परोल और फरलो के नियम में संशोधन का सवाल है, उसके फरलो के आवदेन को खारिज किए जाने के बाद प्रभावी हुआ है और यह उसपर लागू नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नागपुर जेल से रिहा होगा गवली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गवली का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने उसके आवेदन को स्वीकार लिया और उसे 28 दिनों के लिए नागपुर केंद्रीय कारावास से रिहा करने के आदेश दिए. इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई हैं. गवली अखिल भारतीय सेना का संस्थापक है और वह 2004-09 में चिंचपोकली सीट से विधायक निर्वाचित हुआ था. उसे शिवसेना के कार्पोरेटर कमलाकर जमसंदेकर की हत्या के मामले में 2007 में गिरफ्तार किया गया था. 2012 अगस्त में मुंबई की एक सत्र अदालत ने उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”‘दिल्ली में मुख्य मुकाबला AAP और…’, विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार गुट के नेता का बड़ा बयान” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/majid-memon-claims-delhi-assembly-election-2025-main-competition-between-aap-and-bjp-2858773″ target=”_self”>’दिल्ली में मुख्य मुकाबला AAP और…’, विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार गुट के नेता का बड़ा बयान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Nagpur News:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली (Arun Gawali) को 28 दिन का फरलो दे दिया है. अरुण गवली 2007 में शिवसेना के कॉर्पोरेटर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है. जस्टिस नितिन सांबरे और व्रुषाली जोशी की डिविजन बेंच ने गवली की याचिका को मंगलवार को स्वीकार कर लिया था जिसमें फरलो की मांग की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अरुण गवली की तरफ से वकील मीर नागमान अली पेश हुए थे. उन्होंने हाई कोर्ट की नागपुर बेंच से गवली को रिहा करने की मांग की थी क्योंकि प्रिजन के डीआईजी (ईस्ट डिविजन) ने गवली के आवेदन को खारिज कर दिया था. डीआईजी प्रिजन ने यह दलील देते हुए आवेदन खारिज किया था कि उसके बाहर आने से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. हालांकि कोर्ट ने उसे फरलो दे दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फरलो के बदले हुए नियम मुझपर नहीं होंगे लागू- गवली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गवली के वकील ने कोर्ट को बताया कि फरलो पर रिहा होने से पहले भी कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं हुई थी. गवली ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> पहले ही हो चुका है. जहां तक परोल और फरलो के नियम में संशोधन का सवाल है, उसके फरलो के आवदेन को खारिज किए जाने के बाद प्रभावी हुआ है और यह उसपर लागू नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नागपुर जेल से रिहा होगा गवली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गवली का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने उसके आवेदन को स्वीकार लिया और उसे 28 दिनों के लिए नागपुर केंद्रीय कारावास से रिहा करने के आदेश दिए. इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई हैं. गवली अखिल भारतीय सेना का संस्थापक है और वह 2004-09 में चिंचपोकली सीट से विधायक निर्वाचित हुआ था. उसे शिवसेना के कार्पोरेटर कमलाकर जमसंदेकर की हत्या के मामले में 2007 में गिरफ्तार किया गया था. 2012 अगस्त में मुंबई की एक सत्र अदालत ने उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.</p>
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