कानपुर में बिल्हौर के नानामऊ घाट पर गंगा में डूबे जज के पति आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) का शव 9 दिन बाद मिल गया। वह 31 अगस्त को सेल्फी लेने के दौरान नानामऊ घाट पर गंगा में बह गए थे। डूबने वाली जगह से 65 किमी दूर तक सर्च ऑपरेशन चला। रविवार की देर रात उनकी लाश 40 किमी दूर बैराज के गेट नंबर-1 पर मिली। बैराज कर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोर बल्लू निषाद को बुलाया। बल्लू ने बॉडी को गंगा से रेस्क्यू किया और किनारे अटल घाट तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इस समय गंगा में उफान तेज है। लाश गंगा के पानी में नीचे बहते-बहते इतने दूर पहुंची और बैराज के गेट पर आकर अटक गई थी। बल्लू से दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने बात की, उन्होंने क्या बताया आगे पढ़िए- 500 मीटर गंगा में खींचकर लाश बाहर लाए
बल्लू ने कहा कि उनके पास रविवार रात पुलिस का फोन आया कि बैराज पर एक लाश मिली है, उसे निकालना है। स्टीमर लेकर बल्लू बैराज के पास पहुंचा। लाश निकालने के लिए बैराज का एक नंबर गेट खोला गया।इसके बाद जब लाश बैराज को पार कर आगे आई तो बल्लू ने लाश के ऊपर कच्छे को पकड़कर करीब 500 मीटर तक गंगा में घसीटा और अटल घाट तक पहुंचा। यहां लाश को गंगा से निकाला गया और बॉडी को पैक किया गया। बल्लू ने बताया कि लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी। उसमें कीड़े तक पड़ गए थे। बहुत बदबू आ रही थी। पोस्टमॉर्टम हाउस में परिजनों ने शिनाख्त की। गंगा में बहाव तेज, इसलिए लाश बहकर इतनी दूर अटकी
बल्लू ने बताया- व्यक्ति जब डूबता है तो 24 घंटे बाद लाश उतराकर ऊपर आ जाती है। कई बार होता है कि लाश कटान में या रेती में फंस जाती है। ऐसा भी होता है कि गंगा में कटान के बाद छोटी-छोटी धाराओं में लाश बहकर फंस गई हो। इस दौरान गंगा में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बहाव तेज है, इसलिए लाश बहकर इतनी दूर बैराज में आकर अटक गई। बॉडी सड़ी, लेकिन सभी अंग सलामत मिले
एक और गोताखोर राहुल निषाद ने बताया- कोई जब डूबता है तो वह अंदर की अंदर काफी दूर बह जाती है। गंगा के निचली सतह पर पानी काफी ठंडा होता है, इसलिए बॉडी के सभी अंग ठीक मिले हैं। हालांकि बॉडी में कीड़े पड़ गए थे। इस वजह से बॉडी पहचान में नहीं आ रही थी, लेकिन इतने दिनों बाद बॉडी मिल गई। NDRF, SDRF को भी नहीं मिली लाश
गंगा में डिप्टी डायरेक्टर की तलाश के लिए NDRF और SDRF की टीमों को लगाया गया था। करीब 4 दिनों तक टीमें गंगा में 65 किमी दायरे में तलाश करती रहीं, लेकिन लाश न मिलने पर तलाश बंद कर दी गई थी।तलाश में 64 गोताखोर और 12 मोटर बोट लगाई गई थीं। बिल्हौर के नानामऊ घाट से लेकर शिवराजपुर और कानपुर तक ड्रोन से भी सर्च अभियान चलाया गया था। पत्नी एडीजे, चचेरे भाई बिहार के CM के निजी सचिव
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में ADJ हैं। छोटी बेटी अपनी मां के साथ अकोला में है। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चचेरे भाई अनुपम कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। पिता और भाई ने की शिनाख्त
थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्रा ने बताया कि शव की पहचान कराने के लिए डिप्टी डायरेक्टर को परिजनों को बुलाया गया था। मौके पर पहुंचे डॉ. आदित्यवर्धन के पिता और भाई ने शव की शिनाख्त की। नहाते समय ले रहे थे सेल्फी
डॉ. आदित्यवर्धन गंगा में नहाते समय सेल्फी ले रहे थे। एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा के अनुसार इस बात की पुष्टि उनके दोस्तों प्रदीप व योगेश्वर ने की थी। दोस्तों ने बताया था कि उन्होंने सेल्फी लेने से रोका तो आदित्यवर्धन ने कहा कि चिंता मत करो, उन्होंने गंगा नदी में खूब तैराकी की है। इसी बीच वह तेज बहाव की चपेट में आ गए और देखते ही देखते डूब गए। ये भी पढ़ें:- डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। पढ़ें पूरी खबर… कानपुर में बिल्हौर के नानामऊ घाट पर गंगा में डूबे जज के पति आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) का शव 9 दिन बाद मिल गया। वह 31 अगस्त को सेल्फी लेने के दौरान नानामऊ घाट पर गंगा में बह गए थे। डूबने वाली जगह से 65 किमी दूर तक सर्च ऑपरेशन चला। रविवार की देर रात उनकी लाश 40 किमी दूर बैराज के गेट नंबर-1 पर मिली। बैराज कर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोर बल्लू निषाद को बुलाया। बल्लू ने बॉडी को गंगा से रेस्क्यू किया और किनारे अटल घाट तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इस समय गंगा में उफान तेज है। लाश गंगा के पानी में नीचे बहते-बहते इतने दूर पहुंची और बैराज के गेट पर आकर अटक गई थी। बल्लू से दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने बात की, उन्होंने क्या बताया आगे पढ़िए- 500 मीटर गंगा में खींचकर लाश बाहर लाए
बल्लू ने कहा कि उनके पास रविवार रात पुलिस का फोन आया कि बैराज पर एक लाश मिली है, उसे निकालना है। स्टीमर लेकर बल्लू बैराज के पास पहुंचा। लाश निकालने के लिए बैराज का एक नंबर गेट खोला गया।इसके बाद जब लाश बैराज को पार कर आगे आई तो बल्लू ने लाश के ऊपर कच्छे को पकड़कर करीब 500 मीटर तक गंगा में घसीटा और अटल घाट तक पहुंचा। यहां लाश को गंगा से निकाला गया और बॉडी को पैक किया गया। बल्लू ने बताया कि लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी। उसमें कीड़े तक पड़ गए थे। बहुत बदबू आ रही थी। पोस्टमॉर्टम हाउस में परिजनों ने शिनाख्त की। गंगा में बहाव तेज, इसलिए लाश बहकर इतनी दूर अटकी
बल्लू ने बताया- व्यक्ति जब डूबता है तो 24 घंटे बाद लाश उतराकर ऊपर आ जाती है। कई बार होता है कि लाश कटान में या रेती में फंस जाती है। ऐसा भी होता है कि गंगा में कटान के बाद छोटी-छोटी धाराओं में लाश बहकर फंस गई हो। इस दौरान गंगा में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बहाव तेज है, इसलिए लाश बहकर इतनी दूर बैराज में आकर अटक गई। बॉडी सड़ी, लेकिन सभी अंग सलामत मिले
एक और गोताखोर राहुल निषाद ने बताया- कोई जब डूबता है तो वह अंदर की अंदर काफी दूर बह जाती है। गंगा के निचली सतह पर पानी काफी ठंडा होता है, इसलिए बॉडी के सभी अंग ठीक मिले हैं। हालांकि बॉडी में कीड़े पड़ गए थे। इस वजह से बॉडी पहचान में नहीं आ रही थी, लेकिन इतने दिनों बाद बॉडी मिल गई। NDRF, SDRF को भी नहीं मिली लाश
गंगा में डिप्टी डायरेक्टर की तलाश के लिए NDRF और SDRF की टीमों को लगाया गया था। करीब 4 दिनों तक टीमें गंगा में 65 किमी दायरे में तलाश करती रहीं, लेकिन लाश न मिलने पर तलाश बंद कर दी गई थी।तलाश में 64 गोताखोर और 12 मोटर बोट लगाई गई थीं। बिल्हौर के नानामऊ घाट से लेकर शिवराजपुर और कानपुर तक ड्रोन से भी सर्च अभियान चलाया गया था। पत्नी एडीजे, चचेरे भाई बिहार के CM के निजी सचिव
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में ADJ हैं। छोटी बेटी अपनी मां के साथ अकोला में है। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चचेरे भाई अनुपम कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। पिता और भाई ने की शिनाख्त
थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्रा ने बताया कि शव की पहचान कराने के लिए डिप्टी डायरेक्टर को परिजनों को बुलाया गया था। मौके पर पहुंचे डॉ. आदित्यवर्धन के पिता और भाई ने शव की शिनाख्त की। नहाते समय ले रहे थे सेल्फी
डॉ. आदित्यवर्धन गंगा में नहाते समय सेल्फी ले रहे थे। एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा के अनुसार इस बात की पुष्टि उनके दोस्तों प्रदीप व योगेश्वर ने की थी। दोस्तों ने बताया था कि उन्होंने सेल्फी लेने से रोका तो आदित्यवर्धन ने कहा कि चिंता मत करो, उन्होंने गंगा नदी में खूब तैराकी की है। इसी बीच वह तेज बहाव की चपेट में आ गए और देखते ही देखते डूब गए। ये भी पढ़ें:- डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर