गोरखपुर में बाघिन ‘शक्ति’ में H5 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस (बर्ड फ्लू) की पुष्टि होने के बाद प्रदेश के जू में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गोरखपुर के साथ लखनऊ, कानपुर जू और इटावा लायर सफारी को 7 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद गोरखपुर में कर्मचारियों की सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। सभी की जांच की जा रही है। साथ ही जू को सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके अलावा जानवरों के बाड़े की भी जांच की जा रही है। वहीं बुधवार दोपहर को गुजरात की टीम पहुंच गई है। 14 से 20 मई तक बंद रहेगा चिड़ियाघर
गोरखपुर जू के निदेशक विकास यादव ने बताया- राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद जू को 14 से लेकर 20 मई तक दर्शकों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य सभी जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वायरस के संभावित प्रसार को रोकना है। बर्ड फ्लू के बाद सतर्कता की 3 तस्वीरें… वायरस की पुष्टि के बाद सुरक्षा उपायों में वृद्धि
पशु चिकित्सकों और वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन ‘शक्ति’ की मौत के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी थी, जिसके बाद वायरस की पुष्टि हुई। H5 एवियन इन्फ्लुएंजा, जिसे आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ के नाम से जाना जाता है, पक्षियों से अन्य जानवरों और मनुष्यों में भी फैल सकता है। हालांकि, वन्य जीवों में इसके फैलने के मामलों की संख्या सीमित रहती है, लेकिन यह वायरस गंभीर परिणाम पैदा कर सकता है, इसलिए इस पर नियंत्रण पाना बेहद जरूरी है। प्रशासन ने किया सुरक्षा उपायों का विस्तारीकरण
उद्यान प्रशासन ने इस दौरान सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। सभी कर्मचारियों को जैव सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बाहरी जीव-जन्तु उद्यान परिसर में प्रवेश न कर सके और वायरस का फैलाव रोका जा सके। CM योगी ने दिया सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश
H5 एवियन इनफ्लुएंजा की आशंका को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लखनऊ में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी हाल में संक्रमण पर तुरंत नियंत्रण किया जाए और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कर्मचारियों को PPE किट व प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, बाड़ों की नियमित सैनिटाइजेशन और ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया अपनाने, वन्य जीवों के आहार की जांच करने और ड्यूटी रिस्क के अनुसार तय करने को कहा है। पोल्ट्री फार्मों व उत्पादों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी और संक्रमण के मानव प्रभावों की स्वास्थ्य विभाग से गहन समीक्षा कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों से लगातार संपर्क बनाए रखने व उनके सुझावों के अनुसार एक्शन सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही, जिला प्रशासन, सीएमओ और पशु चिकित्सा अधिकारियों के बीच समन्वय मजबूत करने पर भी विशेष जोर दिया गया है। एक महीने में चार बड़ी मौतें
एक महीने के भीतर गोरखपुर चिड़ियाघर में एक बाघ, एक बाघिन, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में H5 एवियन इंफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों की मानें तो यह वायरस अन्य मांसाहारी प्रजातियों में भी फैल सकता है। जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। लगातार हो रही मौतों से चिड़ियाघर में हड़कंप मचा है। अब अन्य जानवरों की लगातार निगरानी की जा रही है और कुछ संवेदनशील प्रजातियों को आइसोलेशन में रखा गया है। CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है चिड़ियाघर
गोरखपुर चिड़ियाघर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसके निर्माण से लेकर संचालन तक की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर मुख्यमंत्री की नजर रही है। चिड़ियाघर के कई वन्यजीवों के नाम खुद मुख्यमंत्री ने रखे थे। ऐसे में इन मौतों ने प्रशासन और सरकार, दोनों को चिंतित कर दिया है। रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृत वन्यजीवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाए और संक्रमण की सटीक वजह सामने लाई जाए। इसके साथ ही चिड़ियाघर में साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और अन्य रोकथाम उपायों को तेज करने के आदेश दिए गए हैं। सबसे बड़ी परीक्षा’ के दौर में गोरखपुर चिड़ियाघर
वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल ने बताया- गोरखपुर चिड़ियाघर अपनी सबसे बड़ी परीक्षा के दौर से गुजर रहा है। हम वहां के समस्त स्टाफ और सभी वन्यजीवों व पक्षियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। बर्ड फ्लू से जुड़े अकसर पूछे जाने वाले कुछ सवाल यानी FAQs सवाल: बर्ड फ्लू को लेकर एक्सपर्ट्स इतना क्यों आगाह करते हैं?
जवाब: क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक बड़ी वजह इसकी मृत्यु दर है। इंसानों में बर्ड फ्लू से मृत्यु दर 50% से भी अधिक है। इसका मतलब है कि बर्ड फ्लू से पीड़ित लोगों में से आधे लोगों की मृत्यु हो जाती है। अगर यह इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो तबाही मच सकती है। सवाल: क्या बर्ड फ्लू महामारी बन सकता है?
जवाब: बर्ड फ्लू के महामारी बनने की आशंका बहुत कम है। हां, अगर भविष्य में इन्फ्लूएंजा वायरस का कोई ऐसा म्यूटेशन आता है, जो इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो यह महामारी का रूप ले सकता है। सवाल: क्या बर्ड फ्लू से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?
जवाब: इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए जानवरों और पक्षियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्ड फ्लू अभी इस स्तर पर नहीं फैला है कि इंसानों के लिए वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े। सवाल: क्या एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस यानी बर्ड फ्लू जिओ 5G ट्रायल की वजह से फैल रहा है?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं है। किसी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का जियो के 5G ट्रायल से कोई संबंध नहीं है। यह बीमारी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण फैलती है। कई बार इसके केस इंसानों में भी देखने को मिले हैं। ————————————— ये खबर भी पढ़ें:- कानपुर में हेयर-ट्रांसप्लांट के बाद एक और इंजीनियर की मौत: मां बोली-चेहरा सूजने लगा, रात भर दर्द से रोता रहा कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट से एक और इंजीनियर की मौत हो गई। इन्होंने भी इंपायर क्लिनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। मृतक फर्रुखाबाद का रहने वाला था। पीड़ित परिवार ने 6 महीने बाद 13 मई को पुलिस से शिकायत की है। अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। मां कहना है कि बेटे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई, डॉक्टर ने मेरा फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। इसे अरेस्ट करके जेल भेज देना चाहिए। नहीं तो ये फिर किसी का पति तो किसी का बेटा छीन लेगी। पढ़ें पूरी खबर गोरखपुर में बाघिन ‘शक्ति’ में H5 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस (बर्ड फ्लू) की पुष्टि होने के बाद प्रदेश के जू में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गोरखपुर के साथ लखनऊ, कानपुर जू और इटावा लायर सफारी को 7 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद गोरखपुर में कर्मचारियों की सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। सभी की जांच की जा रही है। साथ ही जू को सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके अलावा जानवरों के बाड़े की भी जांच की जा रही है। वहीं बुधवार दोपहर को गुजरात की टीम पहुंच गई है। 14 से 20 मई तक बंद रहेगा चिड़ियाघर
गोरखपुर जू के निदेशक विकास यादव ने बताया- राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद जू को 14 से लेकर 20 मई तक दर्शकों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य सभी जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वायरस के संभावित प्रसार को रोकना है। बर्ड फ्लू के बाद सतर्कता की 3 तस्वीरें… वायरस की पुष्टि के बाद सुरक्षा उपायों में वृद्धि
पशु चिकित्सकों और वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन ‘शक्ति’ की मौत के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी थी, जिसके बाद वायरस की पुष्टि हुई। H5 एवियन इन्फ्लुएंजा, जिसे आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ के नाम से जाना जाता है, पक्षियों से अन्य जानवरों और मनुष्यों में भी फैल सकता है। हालांकि, वन्य जीवों में इसके फैलने के मामलों की संख्या सीमित रहती है, लेकिन यह वायरस गंभीर परिणाम पैदा कर सकता है, इसलिए इस पर नियंत्रण पाना बेहद जरूरी है। प्रशासन ने किया सुरक्षा उपायों का विस्तारीकरण
उद्यान प्रशासन ने इस दौरान सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। सभी कर्मचारियों को जैव सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बाहरी जीव-जन्तु उद्यान परिसर में प्रवेश न कर सके और वायरस का फैलाव रोका जा सके। CM योगी ने दिया सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश
H5 एवियन इनफ्लुएंजा की आशंका को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लखनऊ में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी हाल में संक्रमण पर तुरंत नियंत्रण किया जाए और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कर्मचारियों को PPE किट व प्रशिक्षण उपलब्ध कराने, बाड़ों की नियमित सैनिटाइजेशन और ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया अपनाने, वन्य जीवों के आहार की जांच करने और ड्यूटी रिस्क के अनुसार तय करने को कहा है। पोल्ट्री फार्मों व उत्पादों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी और संक्रमण के मानव प्रभावों की स्वास्थ्य विभाग से गहन समीक्षा कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों से लगातार संपर्क बनाए रखने व उनके सुझावों के अनुसार एक्शन सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही, जिला प्रशासन, सीएमओ और पशु चिकित्सा अधिकारियों के बीच समन्वय मजबूत करने पर भी विशेष जोर दिया गया है। एक महीने में चार बड़ी मौतें
एक महीने के भीतर गोरखपुर चिड़ियाघर में एक बाघ, एक बाघिन, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में H5 एवियन इंफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों की मानें तो यह वायरस अन्य मांसाहारी प्रजातियों में भी फैल सकता है। जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। लगातार हो रही मौतों से चिड़ियाघर में हड़कंप मचा है। अब अन्य जानवरों की लगातार निगरानी की जा रही है और कुछ संवेदनशील प्रजातियों को आइसोलेशन में रखा गया है। CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है चिड़ियाघर
गोरखपुर चिड़ियाघर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसके निर्माण से लेकर संचालन तक की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर मुख्यमंत्री की नजर रही है। चिड़ियाघर के कई वन्यजीवों के नाम खुद मुख्यमंत्री ने रखे थे। ऐसे में इन मौतों ने प्रशासन और सरकार, दोनों को चिंतित कर दिया है। रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृत वन्यजीवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाए और संक्रमण की सटीक वजह सामने लाई जाए। इसके साथ ही चिड़ियाघर में साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और अन्य रोकथाम उपायों को तेज करने के आदेश दिए गए हैं। सबसे बड़ी परीक्षा’ के दौर में गोरखपुर चिड़ियाघर
वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल ने बताया- गोरखपुर चिड़ियाघर अपनी सबसे बड़ी परीक्षा के दौर से गुजर रहा है। हम वहां के समस्त स्टाफ और सभी वन्यजीवों व पक्षियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। बर्ड फ्लू से जुड़े अकसर पूछे जाने वाले कुछ सवाल यानी FAQs सवाल: बर्ड फ्लू को लेकर एक्सपर्ट्स इतना क्यों आगाह करते हैं?
जवाब: क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक बड़ी वजह इसकी मृत्यु दर है। इंसानों में बर्ड फ्लू से मृत्यु दर 50% से भी अधिक है। इसका मतलब है कि बर्ड फ्लू से पीड़ित लोगों में से आधे लोगों की मृत्यु हो जाती है। अगर यह इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो तबाही मच सकती है। सवाल: क्या बर्ड फ्लू महामारी बन सकता है?
जवाब: बर्ड फ्लू के महामारी बनने की आशंका बहुत कम है। हां, अगर भविष्य में इन्फ्लूएंजा वायरस का कोई ऐसा म्यूटेशन आता है, जो इंसानों से इंसानों में फैलने लगा तो यह महामारी का रूप ले सकता है। सवाल: क्या बर्ड फ्लू से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?
जवाब: इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए जानवरों और पक्षियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्ड फ्लू अभी इस स्तर पर नहीं फैला है कि इंसानों के लिए वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े। सवाल: क्या एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस यानी बर्ड फ्लू जिओ 5G ट्रायल की वजह से फैल रहा है?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं है। किसी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का जियो के 5G ट्रायल से कोई संबंध नहीं है। यह बीमारी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण फैलती है। कई बार इसके केस इंसानों में भी देखने को मिले हैं। ————————————— ये खबर भी पढ़ें:- कानपुर में हेयर-ट्रांसप्लांट के बाद एक और इंजीनियर की मौत: मां बोली-चेहरा सूजने लगा, रात भर दर्द से रोता रहा कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट से एक और इंजीनियर की मौत हो गई। इन्होंने भी इंपायर क्लिनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। मृतक फर्रुखाबाद का रहने वाला था। पीड़ित परिवार ने 6 महीने बाद 13 मई को पुलिस से शिकायत की है। अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। मां कहना है कि बेटे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई, डॉक्टर ने मेरा फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। इसे अरेस्ट करके जेल भेज देना चाहिए। नहीं तो ये फिर किसी का पति तो किसी का बेटा छीन लेगी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
गोरखपुर जू में बाघिन में बर्ड फ्लू वायरस मिला:कर्मचारियों की हो रही सैंपलिंग; गुजरात की टीम पहुंची, 7 दिन के लिए चिड़ियाघर बंद
