गोरखपुर में लैब टेक्नीशियन ने 14 महिलाओं के ऑपरेशन किए:पेट में बच्चा टेढ़ा…कहकर डराता था अस्पताल संचालक, 15वीं की मौत से खुला राज

गोरखपुर में लैब टेक्नीशियन ने 14 महिलाओं के ऑपरेशन किए:पेट में बच्चा टेढ़ा…कहकर डराता था अस्पताल संचालक, 15वीं की मौत से खुला राज

गोरखपुर में लैब टेक्नीशियन ने खुद को डॉक्टर बताकर 14 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी कर डाली। 15वें ऑपरेशन में महिला की मौत हो गई। इसका पता चलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। गुस्साए घरवालों ने अस्पताल में हंगामा किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक पति-पत्नी नार्मल डिलीवरी को कॉम्प्लिकेटेड बताकर पेशेंट को डराते थे। कहते थे- पेट में बच्चा टेढ़ा है, फिर सर्जन के नाम पर लैब टेक्नीशियन को बुलाकर ऑपरेशन करवाते थे। अस्पताल भी बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां कोई भी डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया। फिलहाल, अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हैं। टेक्नीशियन, उसके बेटे और आशा कार्यकर्ता पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। जानिए क्या है मामला 27 अप्रैल को गोहली बसंत की रहने वाली एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। घरवालों ने आशा कार्यकर्ता गंगोत्री को बुलाया। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि महिला की हालत क्रिटिकल है। उसके सुझाव पर घरवाले महिला को बांसगांव स्थित श्री गोविंद हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। यहां पर बघराईं गांव निवासी अस्पताल संचालक अमरीश राय और उसकी पत्नी ने घरवालों को डराया। कहा-पेट में बच्चा टेढ़ा है, जल्द से जल्द डिलीवरी करानी पड़ेगी। घरवाले डर गए और ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। पति-पत्नी ने रात 9 बजे लैब टेक्नीशियन पन्ने लाल को बुलाया। कहा- यही हमारे अस्पताल के सर्जन हैं। इसके बाद लैब टेक्नीशियन ने ऑपरेशन किया। महिला ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगे और रात में महिला की मौत हो गई। यह खबर मिलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। इधर, महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। घरवालों ने पुलिस को पूरी बात बताई। इसके बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने आनन-फानन में श्री गोविंद हॉस्पिटल और लैब टेक्नीशियन के बेटे नीरज के हरि मेडिकेयर हॉस्पिटल को सील कर दिया। आगे बढ़ने से पहले पांचों आरोपियों के बारे में जानिए पति-पत्नी 15 से ज्यादा करा चुके हैं ऑपरेशन लैब टेक्नीशियन ने पूछताछ में बताया- अंबरीश राय और सन्नो ने 3 साल पहले हॉस्पिटल खोल लिया था। मेडिकल से जुड़ी कोई डिग्री उनके पास नहीं थी, लेकिन दोनों खुद को डॉक्टर बताते थे। सन्नो गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी कराती थी। जब भी ऑपरेशन की जरूरत होती, तो मुझे बुलाती थी। अब तक हम लोग 15 ऑपरेशन करा चुके हैं। 5-5 हजार में काम करती थीं नर्सें
पुलिस के मुताबिक, श्री गोविंद हॉस्पिटल में 5-5 हजार रुपए में अप्रशिक्षित नर्सें काम करती थीं। मरीज से 15 से 20 हजार रुपए वसूले जाते थे। इसमें से कमीशन भी बांटा जाता था। जो भी आशा बहू मरीज लाती थीं, उन्हें भी कमीशन दिया जाता था। एंबुलेंस चालकों की भूमिका की भी होगी जांच आमतौर पर सीएचसी-पीएचसी से रेफर होने पर 102 एंबुलेंस के जरिए गर्भवती महिलाओं को बड़े सरकारी अस्पताल पहुंचाया जाता है। लेकिन रेनू को सीएचसी तक एंबुलेंस से लाया गया और उसके बाद एंबुलेंस का प्रयोग नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग इस एंगल से भी जांच करेगा। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया- लैब टेक्नीशियन पन्ने लाल, उसके बेटे नीरज कुमार और आशा कार्यकर्ता गंगोत्री देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हॉस्पिटल के संचालक अंबरीश राय और सन्नो राय को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। फर्जी हॉस्पिटल खोलकर लोग डॉक्टरों के नाम का फर्जी इस्तेमाल करते हैं। इस पर आईएमए को भी सख्ती करनी चाहिए। इसके लिए आईएमए को पत्र लिखा जाएगा। …………….. ये खबर भी पढ़ें… भास्कर इन्वेस्टिगेशन-यूपी में RTO ऑफिस पर दलालों का कब्जा:फीस से 5 गुना वसूली; दलालों से अफसर हर साल कमा रहे 3-4 करोड़ 24 मार्च, 2025 को झांसी में स्कूल बस पलट गई। हादसे में 15 स्टूडेंट्स गंभीर रूप से घायल हो गए। यूपी में बीते 3 महीने में स्कूल बसों के 6 बड़े हादसे हुए। इनमें 50 से ज्यादा बच्चे घायल हुए। इन हादसों में एक बात कॉमन थी कि ड्राइवर तेज रफ्तार से बस चला रहा था, कंट्रोल नहीं कर पाया। कुछ बसें खटारा थीं। ऐसे ड्राइवरों को हैवी ड्राइविंग लाइसेंस और खटारा बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे मिल जाता है? पढ़िए पूरी खबर गोरखपुर में लैब टेक्नीशियन ने खुद को डॉक्टर बताकर 14 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी कर डाली। 15वें ऑपरेशन में महिला की मौत हो गई। इसका पता चलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। गुस्साए घरवालों ने अस्पताल में हंगामा किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक पति-पत्नी नार्मल डिलीवरी को कॉम्प्लिकेटेड बताकर पेशेंट को डराते थे। कहते थे- पेट में बच्चा टेढ़ा है, फिर सर्जन के नाम पर लैब टेक्नीशियन को बुलाकर ऑपरेशन करवाते थे। अस्पताल भी बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां कोई भी डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया। फिलहाल, अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हैं। टेक्नीशियन, उसके बेटे और आशा कार्यकर्ता पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। जानिए क्या है मामला 27 अप्रैल को गोहली बसंत की रहने वाली एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। घरवालों ने आशा कार्यकर्ता गंगोत्री को बुलाया। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि महिला की हालत क्रिटिकल है। उसके सुझाव पर घरवाले महिला को बांसगांव स्थित श्री गोविंद हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। यहां पर बघराईं गांव निवासी अस्पताल संचालक अमरीश राय और उसकी पत्नी ने घरवालों को डराया। कहा-पेट में बच्चा टेढ़ा है, जल्द से जल्द डिलीवरी करानी पड़ेगी। घरवाले डर गए और ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। पति-पत्नी ने रात 9 बजे लैब टेक्नीशियन पन्ने लाल को बुलाया। कहा- यही हमारे अस्पताल के सर्जन हैं। इसके बाद लैब टेक्नीशियन ने ऑपरेशन किया। महिला ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगे और रात में महिला की मौत हो गई। यह खबर मिलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। इधर, महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। घरवालों ने पुलिस को पूरी बात बताई। इसके बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने आनन-फानन में श्री गोविंद हॉस्पिटल और लैब टेक्नीशियन के बेटे नीरज के हरि मेडिकेयर हॉस्पिटल को सील कर दिया। आगे बढ़ने से पहले पांचों आरोपियों के बारे में जानिए पति-पत्नी 15 से ज्यादा करा चुके हैं ऑपरेशन लैब टेक्नीशियन ने पूछताछ में बताया- अंबरीश राय और सन्नो ने 3 साल पहले हॉस्पिटल खोल लिया था। मेडिकल से जुड़ी कोई डिग्री उनके पास नहीं थी, लेकिन दोनों खुद को डॉक्टर बताते थे। सन्नो गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी कराती थी। जब भी ऑपरेशन की जरूरत होती, तो मुझे बुलाती थी। अब तक हम लोग 15 ऑपरेशन करा चुके हैं। 5-5 हजार में काम करती थीं नर्सें
पुलिस के मुताबिक, श्री गोविंद हॉस्पिटल में 5-5 हजार रुपए में अप्रशिक्षित नर्सें काम करती थीं। मरीज से 15 से 20 हजार रुपए वसूले जाते थे। इसमें से कमीशन भी बांटा जाता था। जो भी आशा बहू मरीज लाती थीं, उन्हें भी कमीशन दिया जाता था। एंबुलेंस चालकों की भूमिका की भी होगी जांच आमतौर पर सीएचसी-पीएचसी से रेफर होने पर 102 एंबुलेंस के जरिए गर्भवती महिलाओं को बड़े सरकारी अस्पताल पहुंचाया जाता है। लेकिन रेनू को सीएचसी तक एंबुलेंस से लाया गया और उसके बाद एंबुलेंस का प्रयोग नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग इस एंगल से भी जांच करेगा। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया- लैब टेक्नीशियन पन्ने लाल, उसके बेटे नीरज कुमार और आशा कार्यकर्ता गंगोत्री देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हॉस्पिटल के संचालक अंबरीश राय और सन्नो राय को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। फर्जी हॉस्पिटल खोलकर लोग डॉक्टरों के नाम का फर्जी इस्तेमाल करते हैं। इस पर आईएमए को भी सख्ती करनी चाहिए। इसके लिए आईएमए को पत्र लिखा जाएगा। …………….. ये खबर भी पढ़ें… भास्कर इन्वेस्टिगेशन-यूपी में RTO ऑफिस पर दलालों का कब्जा:फीस से 5 गुना वसूली; दलालों से अफसर हर साल कमा रहे 3-4 करोड़ 24 मार्च, 2025 को झांसी में स्कूल बस पलट गई। हादसे में 15 स्टूडेंट्स गंभीर रूप से घायल हो गए। यूपी में बीते 3 महीने में स्कूल बसों के 6 बड़े हादसे हुए। इनमें 50 से ज्यादा बच्चे घायल हुए। इन हादसों में एक बात कॉमन थी कि ड्राइवर तेज रफ्तार से बस चला रहा था, कंट्रोल नहीं कर पाया। कुछ बसें खटारा थीं। ऐसे ड्राइवरों को हैवी ड्राइविंग लाइसेंस और खटारा बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे मिल जाता है? पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर