गोल्डन टेंपल सराय में बुकिंग के नाम पर ठगी:पैसे पे करते ही नंबर हो जाता है ब्लॉक; SGPC ने जारी किया नोटिस

गोल्डन टेंपल सराय में बुकिंग के नाम पर ठगी:पैसे पे करते ही नंबर हो जाता है ब्लॉक; SGPC ने जारी किया नोटिस

स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सराय बुकिंग के नाम पर ठगा जा रहा है। यह ठगी ऑनलाइन हो रही है। स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित सराय की तस्वीरों वाले फर्जी वेब पोर्टल इंटरनेट पर सक्रिय हैं। शिकायतें मिलने के बाद अब एसजीपीसी ने अपने पोर्टल पर नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि फर्जी पोर्टल के जरिए जालसाज ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड के जरिए 850 रुपये से 4200 रुपये के बीच शुरुआती भुगतान मांगते थे। भुगतान होते ही उनके फोन नंबर बंद हो जाते हैं। अमृतसर का एक व्यक्ति स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे अपने मेहमानों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में एक कमरा बुक करना चाहता था। जब उसने सर्च किया तो सर्च इंजन को सबसे पहले saragahisaihotel.com वेबसाइट की जानकारी मिली, जो अभी भी सक्रिय है। जैसे ही उसने बुकिंग की, उसके खाते से 3200 रुपये कट गए। SGPC ने पुलिस में भी की शिकायत लगातार ठगी की शिकायतें मिलने के बाद SGPC ने मामले को अमृतसर पुलिस के संज्ञान में लाया है। SGPC प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। कम से कम 8-10 मामले सामने आए हैं। जिनमें फर्जी वेबसाइटों के जरिए श्रद्धालुाओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी हमें जयपुर के एक व्यक्ति से ऐसी ही शिकायत मिली। उसे भी फर्जी पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। SGPC ने जारी किया नोटिस SGPC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcrai.com पर एक नोटिस पोस्ट कर भक्तों को धोखाधड़ी वाली साइटों के प्रति सचेत किया है। SGPC अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाती है, जो पेमेंट के बाद रसीद जारी करती है। विभिन्न सरायों के लिए दान सिर्फ 500 रुपये से 1,100 रुपये के बीच है। हम कभी भी क्यूआर कोड या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं। अयोध्या से चल रहा नेटवर्क SGPC अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच में आईटी टीम की मदद से वेबसाइट के संचालन की लोकेशन का अंदाजा हुआ है। वेब पोर्टल अयोध्या से कहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई दिए गए नंबर को डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास में लेने के बाद पैसे हड़पने के लिए क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक भेजा जाता है। पता भी गलत बताया गया उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। लेकिन अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। वेबसाइट के ऊपर जो पता ऑफिस का बताया गया था, वे भी फर्जी निकला। अमृतसर के DCP लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह ने कहा कि SGPC से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है। स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सराय बुकिंग के नाम पर ठगा जा रहा है। यह ठगी ऑनलाइन हो रही है। स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित सराय की तस्वीरों वाले फर्जी वेब पोर्टल इंटरनेट पर सक्रिय हैं। शिकायतें मिलने के बाद अब एसजीपीसी ने अपने पोर्टल पर नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि फर्जी पोर्टल के जरिए जालसाज ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड के जरिए 850 रुपये से 4200 रुपये के बीच शुरुआती भुगतान मांगते थे। भुगतान होते ही उनके फोन नंबर बंद हो जाते हैं। अमृतसर का एक व्यक्ति स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे अपने मेहमानों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में एक कमरा बुक करना चाहता था। जब उसने सर्च किया तो सर्च इंजन को सबसे पहले saragahisaihotel.com वेबसाइट की जानकारी मिली, जो अभी भी सक्रिय है। जैसे ही उसने बुकिंग की, उसके खाते से 3200 रुपये कट गए। SGPC ने पुलिस में भी की शिकायत लगातार ठगी की शिकायतें मिलने के बाद SGPC ने मामले को अमृतसर पुलिस के संज्ञान में लाया है। SGPC प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। कम से कम 8-10 मामले सामने आए हैं। जिनमें फर्जी वेबसाइटों के जरिए श्रद्धालुाओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी हमें जयपुर के एक व्यक्ति से ऐसी ही शिकायत मिली। उसे भी फर्जी पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। SGPC ने जारी किया नोटिस SGPC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcrai.com पर एक नोटिस पोस्ट कर भक्तों को धोखाधड़ी वाली साइटों के प्रति सचेत किया है। SGPC अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाती है, जो पेमेंट के बाद रसीद जारी करती है। विभिन्न सरायों के लिए दान सिर्फ 500 रुपये से 1,100 रुपये के बीच है। हम कभी भी क्यूआर कोड या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं। अयोध्या से चल रहा नेटवर्क SGPC अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच में आईटी टीम की मदद से वेबसाइट के संचालन की लोकेशन का अंदाजा हुआ है। वेब पोर्टल अयोध्या से कहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई दिए गए नंबर को डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास में लेने के बाद पैसे हड़पने के लिए क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक भेजा जाता है। पता भी गलत बताया गया उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। लेकिन अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। वेबसाइट के ऊपर जो पता ऑफिस का बताया गया था, वे भी फर्जी निकला। अमृतसर के DCP लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह ने कहा कि SGPC से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है।   पंजाब | दैनिक भास्कर