स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सराय बुकिंग के नाम पर ठगा जा रहा है। यह ठगी ऑनलाइन हो रही है। स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित सराय की तस्वीरों वाले फर्जी वेब पोर्टल इंटरनेट पर सक्रिय हैं। शिकायतें मिलने के बाद अब एसजीपीसी ने अपने पोर्टल पर नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि फर्जी पोर्टल के जरिए जालसाज ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड के जरिए 850 रुपये से 4200 रुपये के बीच शुरुआती भुगतान मांगते थे। भुगतान होते ही उनके फोन नंबर बंद हो जाते हैं। अमृतसर का एक व्यक्ति स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे अपने मेहमानों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में एक कमरा बुक करना चाहता था। जब उसने सर्च किया तो सर्च इंजन को सबसे पहले saragahisaihotel.com वेबसाइट की जानकारी मिली, जो अभी भी सक्रिय है। जैसे ही उसने बुकिंग की, उसके खाते से 3200 रुपये कट गए। SGPC ने पुलिस में भी की शिकायत लगातार ठगी की शिकायतें मिलने के बाद SGPC ने मामले को अमृतसर पुलिस के संज्ञान में लाया है। SGPC प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। कम से कम 8-10 मामले सामने आए हैं। जिनमें फर्जी वेबसाइटों के जरिए श्रद्धालुाओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी हमें जयपुर के एक व्यक्ति से ऐसी ही शिकायत मिली। उसे भी फर्जी पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। SGPC ने जारी किया नोटिस SGPC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcrai.com पर एक नोटिस पोस्ट कर भक्तों को धोखाधड़ी वाली साइटों के प्रति सचेत किया है। SGPC अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाती है, जो पेमेंट के बाद रसीद जारी करती है। विभिन्न सरायों के लिए दान सिर्फ 500 रुपये से 1,100 रुपये के बीच है। हम कभी भी क्यूआर कोड या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं। अयोध्या से चल रहा नेटवर्क SGPC अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच में आईटी टीम की मदद से वेबसाइट के संचालन की लोकेशन का अंदाजा हुआ है। वेब पोर्टल अयोध्या से कहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई दिए गए नंबर को डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास में लेने के बाद पैसे हड़पने के लिए क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक भेजा जाता है। पता भी गलत बताया गया उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। लेकिन अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। वेबसाइट के ऊपर जो पता ऑफिस का बताया गया था, वे भी फर्जी निकला। अमृतसर के DCP लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह ने कहा कि SGPC से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है। स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सराय बुकिंग के नाम पर ठगा जा रहा है। यह ठगी ऑनलाइन हो रही है। स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित सराय की तस्वीरों वाले फर्जी वेब पोर्टल इंटरनेट पर सक्रिय हैं। शिकायतें मिलने के बाद अब एसजीपीसी ने अपने पोर्टल पर नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि फर्जी पोर्टल के जरिए जालसाज ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड के जरिए 850 रुपये से 4200 रुपये के बीच शुरुआती भुगतान मांगते थे। भुगतान होते ही उनके फोन नंबर बंद हो जाते हैं। अमृतसर का एक व्यक्ति स्वर्ण मंदिर जाने की योजना बना रहे अपने मेहमानों के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में एक कमरा बुक करना चाहता था। जब उसने सर्च किया तो सर्च इंजन को सबसे पहले saragahisaihotel.com वेबसाइट की जानकारी मिली, जो अभी भी सक्रिय है। जैसे ही उसने बुकिंग की, उसके खाते से 3200 रुपये कट गए। SGPC ने पुलिस में भी की शिकायत लगातार ठगी की शिकायतें मिलने के बाद SGPC ने मामले को अमृतसर पुलिस के संज्ञान में लाया है। SGPC प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एकमात्र मामला नहीं है। कम से कम 8-10 मामले सामने आए हैं। जिनमें फर्जी वेबसाइटों के जरिए श्रद्धालुाओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी हमें जयपुर के एक व्यक्ति से ऐसी ही शिकायत मिली। उसे भी फर्जी पोर्टल के जरिए धोखा दिया गया था। SGPC ने जारी किया नोटिस SGPC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcrai.com पर एक नोटिस पोस्ट कर भक्तों को धोखाधड़ी वाली साइटों के प्रति सचेत किया है। SGPC अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाती है, जो पेमेंट के बाद रसीद जारी करती है। विभिन्न सरायों के लिए दान सिर्फ 500 रुपये से 1,100 रुपये के बीच है। हम कभी भी क्यूआर कोड या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं। अयोध्या से चल रहा नेटवर्क SGPC अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच में आईटी टीम की मदद से वेबसाइट के संचालन की लोकेशन का अंदाजा हुआ है। वेब पोर्टल अयोध्या से कहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई दिए गए नंबर को डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास में लेने के बाद पैसे हड़पने के लिए क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक भेजा जाता है। पता भी गलत बताया गया उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। लेकिन अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। वेबसाइट के ऊपर जो पता ऑफिस का बताया गया था, वे भी फर्जी निकला। अमृतसर के DCP लॉ एंड ऑर्डर आलम विजय सिंह ने कहा कि SGPC से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब में मिलिट्री रंग के कपड़े पहनने पर बेन:ऑलिव कलर के वाहनों का प्रयोग भी प्रतिबंधित, डीसी ने जारी किए आदेश फतेहगढ़ साहिब की डिप्टी कमिश्नर डा. सोना थिंद ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया कि फतेहगढ़ साहिब जिले में कोई भी व्यक्ति ऑलिव रंग की सैन्य वर्दी और ऑलिव कलर (सैन्य रंग) की जीप या अन्य वाहन का प्रयोग नहीं करेगा। यह आदेश सैन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। 11 फरवरी तक लागू रहेंगे आदेश डीसी ने कहा कि, ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसे रंग की वर्दी या वाहन का प्रयोग करके कोई भी गैरकानूनी कार्य या हिंसक घटना को अंजाम दिया जा सकता है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरा हो सकता है। इसलिए सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों द्वारा सैन्य रंग की वर्दी और वाहनों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 11 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे।
लॉरेंस गैंग में 700 शूटर, जिनमें 70% हरियाणा-पंजाब के:छोटी उम्र के क्रिमिनल्स का जेल से सिलेक्शन; मूसेवाला, गोगामेड़ी और सिद्दीकी मर्डर में शामिल
लॉरेंस गैंग में 700 शूटर, जिनमें 70% हरियाणा-पंजाब के:छोटी उम्र के क्रिमिनल्स का जेल से सिलेक्शन; मूसेवाला, गोगामेड़ी और सिद्दीकी मर्डर में शामिल गैंगस्टर लॉरेंस का नाम इन दिनों देश से लेकर विदेश तक में चर्चा में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉरेंस गैंग के लिए करीब 700 से ज्यादा शॉर्प शूटर काम कर रहे हैं। इनमें से 70 प्रतिशत शूटर पंजाब और हरियाणा से हैं। बाकी 30% शूटर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और अन्य राज्यों के हैं। पंजाब और हरियाणा में लॉरेंस गैंग का बड़ा नेटवर्क है। ऐसा इसलिए, क्योंकि चंडीगढ़ में छात्र राजनीति के दौरान लॉरेंस के हरियाणा और पंजाब के कई प्रमुख छात्र नेताओं के साथ लिंक बने, जो इस वक्त राज्य में अपनी अच्छी पैठ रखते हैं और राज्य के अच्छे जानकार हैं। हरियाणा में काला जठेड़ी, अनिल रोहिल और राहुल बाबा प्रमुख गैंग हैंडलर हैं। वहीं, पंजाब में गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़, अनमोल बिश्नोई, सचिन बिश्नोई, काली शूटर और कुछ लोकल गैंग भी लॉरेंस के लिए काम करते हैं। पंजाब और हरियाणा की जेलों में बंद इन गैंगस्टरों के गुर्गे शूटरों को जोड़ने का काम करते हैं। दैनिक भास्कर ने जब कुछ शूटरों के प्रोफाइल खंगाले तो ज्यादातर में यही बात सामने आई कि जेल में उनकी पहचान लॉरेंस गैंग के साथ हुई थी। कम उम्र में छोटा क्राइम कर जेल में आए आरोपी लॉरेंस का टारगेट
जब पिछली कुछ बड़ी वारदातें करने वाले शूटरों की प्रोफाइल खंगाली तो उसमें कई चीजें कॉमन मिलीं। इसमें सबसे प्रमुख शूटरों की उम्र, क्रिमिनल रिकॉर्ड, घर की स्थिति और पारिवारिक मजबूरी जैसे बातें शामिल हैं। ज्यादातर शूटरों के प्रोफाइल में यही मिला कि छोटा क्राइम कर जेल में गए, वहां पर लॉरेंस गैंग के कुछ साथियों से मिले। इसके बाद किसी को गोल्डी बराड़ से, तो किसी को अनमोल बिश्नोई से बात करवाकर गैंग में शामिल करा दिया गया। जेल से बाहर निकलते ही शूटरों को टारगेट के साथ पैसे और हथियार दिए जाते और फिर वारदात के लिए भेज दिया जाता। लॉरेंस गैंग की हाईप्रोफाइल हत्याओं में यही तरीका अपनाया गया। इसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर, राजस्थान में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड, मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या या फिर बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग का मामला हो। सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करते हैं सभी शूटर
लॉरेंस खुद और उसके गुर्गों की चार्जशीट में इसका खुलासा हो चुका है कि वह सिग्नल ऐप का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। लॉरेंस के इंटरव्यू मामले की जांच में भी पता चला था कि इंटरव्यू सिग्नल ऐप के जरिए दिया गया था। इसके साथ बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले शूटरों ने भी माना था कि सिग्नल ऐप के जरिए वह लॉरेंस के भाई अनमोल को सारे मामले की अपडेट दे रहे थे। अब पढ़ें देश के प्रमुख हत्याकांड में शामिल शूटरों का कबूलनामा…. 1. बाबा सिद्दीकी हत्या केस में लॉरेंस के शूटर गुरमेल का कबूलनामा
महाराष्ट्र के बांद्रा में 12 अक्टूबर को पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें हरियाणा के कैथल का रहने वाला शूटर गुरमेल भी शामिल थी। गुरमेल ने बाबा सिद्दीकी को गोलियां मारी थीं। गुरमेल से पूछताछ में पता चला है कि उसकी जेल में लॉरेंस गैंग के गुर्गों के साथ पहचान हुई थी। गुरमेल ने 2019 में दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से गोदकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे जेल हुई। वहां वह लॉरेंस गैंग के टच में आ गया। जमानत मिलने पर वह मुंबई चला गया। 2. बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में जालंधर के जीशान की मुख्य भूमिका
बाबा सिद्दीकी की हत्या में पंजाब में जालंधर के गांव शंकर के रहने वाले जीशान अख्तर का नाम भी सामने आया था। जीशान अख्तर ने हत्या से पहले रेकी और हत्या के समय तक की सारी रिपोर्ट लॉरेंश के भाई अनमोल तक पहुंचाई। हत्या को लेकर सारा कोऑर्डिनेट जीशान ने किया। जीशान पत्थर लगाने का काम करता था। वह टारगेट किलिंग, हत्या, डकैती सहित 9 मामलों में वांटेड है। इसी साल वह 7 जून को जेल से बाहर आया था। जालंधर देहात पुलिस ने उसे आखिरी बार गिरफ्तार किया था। उसने पूछताछ में माना कि जेल में उसकी पहचान लॉरेंस गैंग के प्रमुख सरगना विक्रम बराड़ के साथ हुई थी। इसके बाद उसने विक्रम बराड़ के साथ मिलकर पंजाब और राजस्थान में एक के बाद एक 9 वारदातें कीं। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया कि वह लॉरेंस की गुडबुक्स में आ सके। जीशान ने लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर विक्रम बराड़ के कहने पर सौरभ महाकाल के साथ तरनतारन में पहली हत्या की थी। सौरभ महाकाल वही आरोपी है, जो सलमान खान के घर धमकी भरा पत्र फेंकने और सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हथियार मुहैया करने से लेकर आरोपियों के रहने के लिए जगह मुहैया करवाने में शामिल था। मुंबई पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जीशान अभी भी फरार चल रहा है। 3. दिल्ली जिम मालिक हत्याकांड में सोनीपत का नवीन शामिल
12 सितंबर 2024 को दक्षिण दिल्ली के पॉश एरिया ग्रेटर कैलाश-1 में जिम के बाहर होटल-जिम मालिक व फाइनेंसर नादिर शाह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में लॉरेंस के एसोसिएट रोहित गोदारा गैंग का हाथ था। इस केस में दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले नवीन बालियान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी ने माना कि उसकी रोहित गोदारा और लॉरेंस गैंग से पहचान जेल में हुई थी। 4. सलमान खान के घर फायरिंग में गुरुग्राम का कालू का नाम
अप्रैल माह में हुई सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग में शूटर विशाल उर्फ कालू का नाम सामने आया था। वह गुरुग्राम के महावीरपुरा का रहने वाला है। कालू की बहन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि भाई जब से गायब हुआ है, तब से न तो उसकी कोई खबर है और न ही उसने कभी फोन से संपर्क किया। जांच में पता चला कि कालू लॉरेंस गैंग के रोहित गोदारा का खास शूटर है। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक उसकी लॉरेंस के एसोसिएट गैंग रोहित गोदारा से जान पहचान जेल में बंद उसके एक दोस्त ने करवाई थी। जिसके बाद उसने रोहतक के स्क्रैप कारोबारी सचिन गोदा की हत्या की थी। जिसकी CCTV फुटेज और हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला पोस्ट भी सोशल मीडिया पर रिलीज हुआ था। 5. प्रियव्रत फौजी ने सिद्धू मूसेवाला को मारी गोलियां
हरियाणा के सोनीपत का कुख्यात बदमाश प्रियव्रत फौजी लॉरेंस गैंग का प्रमुख शूटर है। मूसेवाला मर्डर के अलावा फौजी पर 11 मामले दर्ज हैं। सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई 2022 में मानसा के गांव जवाहरके में की गई थी। प्रियव्रत फौजी ने सिद्धू मूसेवाला के बदन में पहली गोली मारी थी। फौजी युवावस्था में पहलवान बनने के सपने संजोता था। बाद में वह गांव के अखाड़े में ही पहलवानी के गुर सीखते-सीखते खेल कोटे से भारतीय सेना में भर्ती भी हुआ। उसकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के पुणे में हुई थी। वहीं से उसने 10वीं की पढ़ाई पूरी की, लेकिन उसके बाद वह सेना की नौकरी छोड़कर गांव लौट आया। इसके बाद उसने साथियों के साथ जुलाई 2015 में शराब के नशे में धुत रहने वाले एक शख्स की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसे जेल भेजा गया तो उसकी पहचान लॉरेंस गैंग के कुछ साथियों के साथ हुई। जिसके बाद जेल से बाहर आकर उसने एक के बाद एक वारदात को अंजाम दिया। 6. सिद्धू मूसेवाला हत्या केस में हरियाणा का अंकित सिरसा
मूसेवाला हत्याकांड में सोनीपत जिले के रहने वाले अंकित सेरसा भी शामिल था। अंकित 18 साल की उम्र में ही हार्डकोर क्रिमिनल बन गया था। लॉरेंस गैंग के खास माने जाने वाले मोनू डागर के संपर्क में आने के बाद उसने राजस्थान में दो वारदातों को अंजाम दिया। जब सेरसा की मोनू डागर से मुलाकात हुई तो वह तब जेल में था। मोनू के जरिए वह अनमोल और अंकित के टच में आया और वहां से वह हाईप्रोफाइल सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस का हिस्सा बना। अंकित अनमोल के कहने पर इस वारदात का हिस्सा बना था। ………….. गैंगस्टर लॉरेंस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… गैंगस्टर लॉरेंस का इंटरव्यू, हाईकोर्ट की पंजाब पुलिस को फटकार:कहा- वाईफाई दिया, अफसर के ऑफिस को स्टूडियो बनाया, सांठ-गांठ की जांच जरूरी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस के जेल के अंदर TV इंटरव्यू के लिए पंजाब पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने इंटरव्यू की इजाजत दी। सीनियर पुलिस ऑफिसर के कमरे को स्टूडियो के रूप में इस्तेमाल करने दिया। पूरी खबर पढ़ें… गैंगस्टर लॉरेंस के कस्टडी से इंटरव्यू केस में 7 सस्पेंड:इनमें 2 DSP, तीन SI और एक ASI भी शामिल; ड्यूटी में लापरवाही बरती गैंगस्टर लॉरेंस के जेल से इंटरव्यू मामले में सरकार ने आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना। इसके बाद सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें…
लुधियाना मेयर को लेकर केंद्रीय मंत्री बिट्टू बोले:भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का सवाल ही नहीं; कांग्रेस-भाजपा के विधायक हमारे संपर्क में
लुधियाना मेयर को लेकर केंद्रीय मंत्री बिट्टू बोले:भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का सवाल ही नहीं; कांग्रेस-भाजपा के विधायक हमारे संपर्क में लुधियाना नगर निगम के मेयर को लेकर चर्चाएं चल रही थी कि बीजेपी व कांग्रेस मिलकर मेयर बना सकती है। लेकिन इस बात पर अब पंजाब भाजपा प्रभारी विजय रूपानी और केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का बयान आया है। दोनों नेताओं का कहना है कि भाजपा सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएगी। कांग्रेस के साथ समझौता करना हमारे सिद्वातों के खिलाफ है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी विधायक पप्पी पराशर ने दावा किया है कि लुधियाना में आम आदमी पार्टी मेयर बनाएगी। कांग्रेस के 10 और भाजपा के 8 पार्षद हमारे संपर्क में हैं। जिससे एक बार राजनीति गर्मा गई है। वहीं, लुधियाना नगर निगम चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा नियुक्त किए गए इंचार्ज मंत्री लाल जीत सिंह भुल्लर ने दावा किया हमारी पार्टी का मेयर बन चुका है। बस अब ऐलान बाकी है। ऐसे विवादों पर तुरंत विराम लगना चाहिए केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि लुधियाना निगम में भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है। हमारा लक्ष्य कांग्रेस मुक्त भारत है और कांग्रेस का समर्थन करना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। चल रहे विवादों और मीडिया अटकलों पर तुरंत विराम लगना चाहिए। किसी के साथ मिलकर भाजपा मेयर नहीं बनाएगी भाजपा प्रभारी वियज रूपानी ने अपने बयान में कहा है कि कुछ दिन पहले संपन्न हुए म्युनिसिपल चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को पंजाब की जनता ने विपक्ष की भूमिका दी है | बीजेपी पंजाब मिले हुए जनादेश के अनुरूप म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में व म्यूनिसिपल कमेटियों में विपक्ष की भूमिका निभाएगी। भाजपा किसी भी कॉरपोरेशन या म्यूनिसिपल कमेटी में किसी भी अन्य दल के साथ मिलकर, कॉरपोरेशन में मेयर या म्युनिसिपालिटी में अध्यक्ष नहीं बनाएगी आप नेताओं ने पार्षदों से मीटिंग की आम आदमी पार्टी नगर निगम लुधियाना के इंचार्ज एवं कैबिनेट मंत्री लालजीत भुल्लर मेयर पद को लेकर लुधियाना पहुचे। उनके साथ मंत्री हरदीप सिह मुंडिया और तरूनपरीत सिंह सोंध के अलावा विधायक मदन लाल बग्गा, विधायक अशोक पराशर पप्पी, विधायक दलजीत भोला, विधायक कुलवत सिद्धू और विधायक रजिंदरपाल कौर छीना भी साथ थे। इसके अलावा के सभी 41 विजयी पार्षद भी पहुंचे। इस दौरान मंत्री लालजीत भुल्लर ने जहां सभी विजयी पार्षदों को बधाई देते उन्हें सम्मानित किया तो उपरांत उन्होंने मेयर पद को लेकर सभी से विचार कर उनकी राय भी जानी। लुधियाना में कुल 95 सीटें है। इसमें 41 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती, 19 बीजेपी, कांग्रेस तीस, दो अकाली दल और तीन आजाद जीत है। वहीं, अब एक आजाद और एक अकाली पार्षद आम आदमी पार्टी में आ गए हैं। एक हफ्ते में होगा मेयर का ऐलान-
कैबिनेट मंत्री हरदीप मुडिंया ने बताया कि मेयर का ऐलान एक हफ्ते के अंदर हो जाएगा। AAP के 42 पार्षद हो चुके हैं जबकि सात विधायक भी हैं, अन्य पार्टियों के पार्षद भी हमारे संपर्क मे है। वही शहर में अाप का मेयर पद के नाम की चर्चा भी शुरू हो गयी है। पहली कतार में विधायक पप्पी के भाई राकेश पराशर, वर्षा रामपाल और निधि गुप्ता का नाम आ रहा है। वहीं विधायक मदन लाल बग्गा और विधायक कुलवत सिद्धू अपने बेटों को सीनियर डिप्टी मेयर बनाने के चक्कर मे हैं। कांग्रेस-भाजपा गठबंधन से हाईकमान खफा- मेयर पद को लेकर लुधियाना में कांग्रेस-भाजपा गठबंधन की बात चल रही थी। क्योंकि भाजपा को चुनाव में 19 जबकि कांगरेस को 30 सीटें मिली और मेयर पद के लिए 48 सीटें चाहिए। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा दोनों पार्टियों के बीच समझौता कर मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर पद बनाने को लेकर जो बातें चल रही थी इससे पार्टी हाईकमान भी खफा हो गया है।