हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी 5 सांसद दिल्ली में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल सीट से नवनिर्वाचित सांसद मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। साथ ही गठबंधन मजबूरी नहीं हुई को गुरुग्राम से सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह का भी मंत्री बनना तय है। इसके अलावा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद चौधरी धर्मबीर, फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल भी लॉबिंग में जुटे हैं। नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून की शाम होने वाला है। इस बार BJP को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब NDA के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। इस बार हो सकता है कि बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या कम हो और NDA के सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाए। ऐसे में BJP का ज्यादा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां आगामी 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा भी शामिल है। हालांकि हरियाणा में BJP की सीटें 10 से घटकर इस बार 5 रह गई। लेकिन चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा से पहले 2 टर्म की तरह 2 मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना है। इनमें जातीय समीकरण के साथ-साथ इलाके को भी साधने की कोशिश रहेगी, जिससे आगामी चुनाव में इसका फायदा मिल सके। खट्टर 3 दिनों से दिल्ली में, बाकी कर रहे लॉबिंग
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले 3 दिनों से दिल्ली में हैं। उन्हें हाईकमान ने रिजल्ट आने के तुरंत बाद 6 जून को दिल्ली बुला लिया था। खट्टर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह दोनों से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर संगठन महामंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है। एक दिन पहले खट्टर के अलावा हरियाणा के अन्य 4 सांसदों ने भी NDA की बैठक में भी हिस्सा लिया था। राव इंद्रजीत सिंह 6 जून को रेवाड़ी जरूर आए, लेकिन शाम को फिर से दिल्ली लौट गए। बाकी कृष्णपाल गुर्जर, नवीन जिंदल और चौधरी धर्मबीर सिंह तीनों दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, मंत्री पद पर किसका दावा क्यों मजबूत? 1. मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम मोदी कैबिनेट में शामिल होने वालों में टॉप पर चल रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। फिर अचानक भाजपा ने उनसे इस्तीफा दिलवा दिया। इसके बाद उन्हें करनाल से चुनाव लड़ाया। मनोहर लाल नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी हैं। उन्हें संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी है। जिस करनाल सीट से वे सांसद चुने गए हैं, वो जीटी बेल्ट का इलाका है। इस एरिया में BJP काफी मजबूत रही है। चुनावी प्रचार के वक्त भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही खट्टर को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कहते रहे। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि उनका नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर महामंत्री के तौर पर भी चर्चा में है। 2. राव इंद्रजीत
गुरुग्राम सीट से चौथी बार सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) के बड़े नेता हैं। वे 6 बार सांसद बन चुके हैं। दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें आती हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार के पहले दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। राव के सहारे ही BJP दक्षिणी हरियाणा को साधती रही है। ऐसे में उनके तीसरी बार भी मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि अगर गठबंधन की मजबूरी रही तो उन्हें बाद में भी एडस्ट किया जा सकता है। 3. कृष्णपाल गुर्जर
फरीदाबाद सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं। इसके अलावा उनके शीर्ष नेतृत्व से भी संबंध अच्छे हैं। जिसके चलते ही वह 2 बार मंत्री बन गए। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल है। इसके पीछे की वजह BJP को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। क्योंकि कई मंत्रालय गठबंधन सहयोगियों को दिए जाने हैं। हालांकि जातीय समीकरण को देखें तो कृष्णपाल गुर्जर की पकड़ गुर्जरों में अच्छी खासी है। ऐसे में गुर्जर नेता के तौर पर उनका दावा मजबूत रह सकता है। 4. चौधरी धर्मबीर
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मबीर सिंह एक मात्र ऐसे जाट चेहरे हैं, जो BJP की टिकट पर चुनाव जीते हैं। पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर से जाट नेता संजीव बालियान चुनाव हार गए। जाटों की BJP से शुरू से ही नाराजगी रही है। इसी नाराजगी के कारण BJP को हरियाणा में 5 लोकसभा सीटों का नुकसान भी उठाना पड़ा। हरियाणा और यूपी में जाटों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में जाटों को साधने के लिए चौधरी धर्मबीर सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। 5. नवीन जिंदल
देश के मशहूर बिजनेसमैन नवीन जिंदल ने लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले BJP में शामिल हुए और कुरूक्षेत्र सीट से टिकट भी मिल गई। कड़े मुकाबले के बावजूद जिंदल सीट निकालने में कामयाब रहे। जिंदल 2 बार इसी सीट से कांग्रेस में रहते हुए भी चुनाव जीत चुके हैं। जिंदल अमित शाह के करीबी हैं। 10 साल से मजबूत दिख रही जीटी बेल्ट में इस बार BJP को अंबाला सीट गंवानी पड़ी। ऐसे में जीटी बेल्ट को ध्यान में रखते हुए भी जिंदल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं वैश्य समाज को साधने के लिए भी जिंदल को एडस्ट किया जा सकता है। ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल से नड्डा-अनुराग मंत्री की दौड़ में:जेपी बने तो ठाकुर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है BJP; कंगना के मिनिस्टर बनने के कम चांस नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश से 2 नेता मंत्री की रेस में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो अनुराग ठाकुर को पार्टी में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व मिल सकता है। पार्टी में इस तरह की चर्चाएं चली हुई हैं। (पढ़ें पूरी खबर) हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी 5 सांसद दिल्ली में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल सीट से नवनिर्वाचित सांसद मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। साथ ही गठबंधन मजबूरी नहीं हुई को गुरुग्राम से सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह का भी मंत्री बनना तय है। इसके अलावा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद चौधरी धर्मबीर, फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल भी लॉबिंग में जुटे हैं। नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून की शाम होने वाला है। इस बार BJP को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब NDA के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। इस बार हो सकता है कि बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या कम हो और NDA के सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाए। ऐसे में BJP का ज्यादा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां आगामी 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा भी शामिल है। हालांकि हरियाणा में BJP की सीटें 10 से घटकर इस बार 5 रह गई। लेकिन चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा से पहले 2 टर्म की तरह 2 मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना है। इनमें जातीय समीकरण के साथ-साथ इलाके को भी साधने की कोशिश रहेगी, जिससे आगामी चुनाव में इसका फायदा मिल सके। खट्टर 3 दिनों से दिल्ली में, बाकी कर रहे लॉबिंग
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले 3 दिनों से दिल्ली में हैं। उन्हें हाईकमान ने रिजल्ट आने के तुरंत बाद 6 जून को दिल्ली बुला लिया था। खट्टर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह दोनों से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर संगठन महामंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है। एक दिन पहले खट्टर के अलावा हरियाणा के अन्य 4 सांसदों ने भी NDA की बैठक में भी हिस्सा लिया था। राव इंद्रजीत सिंह 6 जून को रेवाड़ी जरूर आए, लेकिन शाम को फिर से दिल्ली लौट गए। बाकी कृष्णपाल गुर्जर, नवीन जिंदल और चौधरी धर्मबीर सिंह तीनों दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, मंत्री पद पर किसका दावा क्यों मजबूत? 1. मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम मोदी कैबिनेट में शामिल होने वालों में टॉप पर चल रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। फिर अचानक भाजपा ने उनसे इस्तीफा दिलवा दिया। इसके बाद उन्हें करनाल से चुनाव लड़ाया। मनोहर लाल नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी हैं। उन्हें संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी है। जिस करनाल सीट से वे सांसद चुने गए हैं, वो जीटी बेल्ट का इलाका है। इस एरिया में BJP काफी मजबूत रही है। चुनावी प्रचार के वक्त भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही खट्टर को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कहते रहे। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि उनका नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर महामंत्री के तौर पर भी चर्चा में है। 2. राव इंद्रजीत
गुरुग्राम सीट से चौथी बार सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) के बड़े नेता हैं। वे 6 बार सांसद बन चुके हैं। दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें आती हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार के पहले दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। राव के सहारे ही BJP दक्षिणी हरियाणा को साधती रही है। ऐसे में उनके तीसरी बार भी मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि अगर गठबंधन की मजबूरी रही तो उन्हें बाद में भी एडस्ट किया जा सकता है। 3. कृष्णपाल गुर्जर
फरीदाबाद सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं। इसके अलावा उनके शीर्ष नेतृत्व से भी संबंध अच्छे हैं। जिसके चलते ही वह 2 बार मंत्री बन गए। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल है। इसके पीछे की वजह BJP को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। क्योंकि कई मंत्रालय गठबंधन सहयोगियों को दिए जाने हैं। हालांकि जातीय समीकरण को देखें तो कृष्णपाल गुर्जर की पकड़ गुर्जरों में अच्छी खासी है। ऐसे में गुर्जर नेता के तौर पर उनका दावा मजबूत रह सकता है। 4. चौधरी धर्मबीर
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मबीर सिंह एक मात्र ऐसे जाट चेहरे हैं, जो BJP की टिकट पर चुनाव जीते हैं। पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर से जाट नेता संजीव बालियान चुनाव हार गए। जाटों की BJP से शुरू से ही नाराजगी रही है। इसी नाराजगी के कारण BJP को हरियाणा में 5 लोकसभा सीटों का नुकसान भी उठाना पड़ा। हरियाणा और यूपी में जाटों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में जाटों को साधने के लिए चौधरी धर्मबीर सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। 5. नवीन जिंदल
देश के मशहूर बिजनेसमैन नवीन जिंदल ने लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले BJP में शामिल हुए और कुरूक्षेत्र सीट से टिकट भी मिल गई। कड़े मुकाबले के बावजूद जिंदल सीट निकालने में कामयाब रहे। जिंदल 2 बार इसी सीट से कांग्रेस में रहते हुए भी चुनाव जीत चुके हैं। जिंदल अमित शाह के करीबी हैं। 10 साल से मजबूत दिख रही जीटी बेल्ट में इस बार BJP को अंबाला सीट गंवानी पड़ी। ऐसे में जीटी बेल्ट को ध्यान में रखते हुए भी जिंदल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं वैश्य समाज को साधने के लिए भी जिंदल को एडस्ट किया जा सकता है। ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल से नड्डा-अनुराग मंत्री की दौड़ में:जेपी बने तो ठाकुर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है BJP; कंगना के मिनिस्टर बनने के कम चांस नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश से 2 नेता मंत्री की रेस में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो अनुराग ठाकुर को पार्टी में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व मिल सकता है। पार्टी में इस तरह की चर्चाएं चली हुई हैं। (पढ़ें पूरी खबर) हरियाणा | दैनिक भास्कर