चंडीगढ़ के सांसद बोले-माफी मांगे अमित शाह:विवादित बयान की वीडियो दिखाई, मनीष तिवारी बोले- संविधान को ठेस पहुंचाई

चंडीगढ़ के सांसद बोले-माफी मांगे अमित शाह:विवादित बयान की वीडियो दिखाई, मनीष तिवारी बोले- संविधान को ठेस पहुंचाई

चंडीगढ़ में पिछले एक सप्ताह से डॉ. बीआर अंबेडकर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लकी ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विवादित बयान पर नाराजगी जताई और उनकी वीडियो पेश किया, जिसमें अमित शाह ने डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में टिप्पणी की थी। इस पर चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जब भारत को आजादी मिलने वाली थी, तब हमारे नेताओं ने यह फैसला नहीं लिया कि पुरानी इमारतें गिराकर नई बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि उस समय के नेताओं ने यह निर्णय लिया कि देश के लोगों को मौलिक अधिकार दिए जाएं, जो उस समय के हिसाब से बहुत रचनात्मक थे। इनमें छुआछूत का खात्मा, बंधुआ मजदूरी की समाप्ति, जाति और धर्म से ऊपर उठकर मतदान का अधिकार, और महिलाओं को बराबरी का मतदान अधिकार जैसे निर्णय शामिल थे। यह सब कुछ डॉ. बीआर अंबेडकर के द्वारा रचित संविधान में समाहित था, जिसे पूरी दुनिया ने सराहा है। मनीष तिवारी ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति डॉ. बीआर अंबेडकर के नाम को गलत तरीके से संबोधित करता है, तो वह सीधे संविधान को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि जो शब्द उन्होंने कहे, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए और माफी मांगी जाए। चंडीगढ़ में पिछले एक सप्ताह से डॉ. बीआर अंबेडकर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लकी ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विवादित बयान पर नाराजगी जताई और उनकी वीडियो पेश किया, जिसमें अमित शाह ने डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में टिप्पणी की थी। इस पर चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जब भारत को आजादी मिलने वाली थी, तब हमारे नेताओं ने यह फैसला नहीं लिया कि पुरानी इमारतें गिराकर नई बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि उस समय के नेताओं ने यह निर्णय लिया कि देश के लोगों को मौलिक अधिकार दिए जाएं, जो उस समय के हिसाब से बहुत रचनात्मक थे। इनमें छुआछूत का खात्मा, बंधुआ मजदूरी की समाप्ति, जाति और धर्म से ऊपर उठकर मतदान का अधिकार, और महिलाओं को बराबरी का मतदान अधिकार जैसे निर्णय शामिल थे। यह सब कुछ डॉ. बीआर अंबेडकर के द्वारा रचित संविधान में समाहित था, जिसे पूरी दुनिया ने सराहा है। मनीष तिवारी ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति डॉ. बीआर अंबेडकर के नाम को गलत तरीके से संबोधित करता है, तो वह सीधे संविधान को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि जो शब्द उन्होंने कहे, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए और माफी मांगी जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर