आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने आज 12 मार्च को पंजाब विजन 2047 की रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट का नाम “पंजाब विजन – ए ब्लू प्रिंट फ़ॉर प्रोग्रेस” रखा गया। रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र के लिए कई सुझाव दिए गए हैं, जिनमें फसल विविधिकरण को लंबे समय तक बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल तकनीक (AI) डेवलप भी एक है। इसके साथ ही मिड-डे मील में मिलेट्स जोड़ने और 5 किलो राशन योजना में भी मिलेट्स देने की सिफारिश रिपोर्ट में की गई। डॉ: साहनी की रिपोर्ट के मुख्य चार प्वाइंट 1. किसानों के लिए शुरू हो चैट बॉक्स डॉ. साहनी ने कहा कि पंजाब को फसल विविधीकरण को लंबे समय तक चलने वाला बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक विकसित करनी चाहिए और किसानों की मदद के लिए एआई-आधारित चैटबॉक्स शुरू करना चाहिए। खाद्य प्रसंस्करण पार्क (फूड प्रोसेसिंग पार्क) स्थापित करना बहुत जरूरी है। गांवों के समूह में बहुद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से इन पार्कों को बनाया जाए। इन पार्कों में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाएं, तेल निकालने की इकाइयां, आटा मिल, मसाले, दालें, शहद और मशरूम के प्रसंस्करण और पैकिंग की सुविधाएं होनी चाहिए। 2. फसलों के लिए कलस्टर बने मार्कफेड और पंजाब एग्रो जैसी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को बाजार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने फसल-विशेष क्लस्टर बनाने का सुझाव दिया, जिससे हर क्षेत्र में वहां की उपयुक्त फसल को बढ़ावा मिल सके। उनके अनुसार, मालवा में दालें, तिलहन और कपास, दोआबा में गन्ना, होशियारपुर में मक्का, कपूरथला में डेयरी विकास, लुधियाना में फूलों की खेती, पठानकोट में लीची और फिरोजपुर में मिर्च उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 3. फोकल प्वाइंटों को आधुनिक बनाना व्यापार और उद्योग के बारे में बात करते हुए, डॉ. साहनी ने कहा कि पंजाब में मजबूत इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित करने चाहिए। लुधियाना, जालंधर, मोहाली और अमृतसर के फोकल प्वाइंट्स को आधुनिक बनाना बहुत जरूरी है। राजपुरा औद्योगिक क्षेत्र को इस साल के अंत तक काम शुरू कर देना चाहिए। डॉ. साहनी ने सुझाव दिया कि एसटीपीआई को और मजबूत किया जाए ताकि पंजाब में आईटी हब्स और बीपीओ स्थापित किए जा सकें। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पंजाब के योग्य आईटी पेशेवर बेंगलुरु और हैदराबाद की ओर जा रहे हैं। यदि पंजाब में आईटी क्षेत्र को सही तरीके से विकसित किया जाए, तो यह राज्य के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर स्थापित किए हैं और 10 आईटीआई को गोद लिया है। 4. पानी के लिए राइस तकनीक पर हो काम डॉ. साहनी ने गिरते हुए जल स्तर और पानी में आर्सेनिक और अन्य हानिकारक पदार्थों की मौजूदगी पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस संकट का समाधान करने के लिए हमें डायरेक्ट सीडेड राइस तकनीक और माइक्रो इरिगेशन सिस्टम अपनाना चाहिए। राज्य सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम की सराहना करते हुए, डॉ. साहनी ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में कौशल प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाया जा सके। डॉ. साहनी ने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा में निवेश करना जरूरी है, ताकि मुफ्त बिजली के लिए दी जाने वाली सब्सिडी का सही उपयोग किया जा सके। दो दिन तक पीयू में चला था मंथन पंजाब विजन 2047 तैयार करने के लिए सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की अगुवाई में 12 और 13 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय प्रोग्राम आयोजित प्रोग्राम किया था। इसमें पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और सीएम भगवंत मान विशेष रूप से शामिल हुए थे। इस दौरान शासन संबंधी चुनौतियों, कृषि सुधारों और औद्योगिक विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर फोकस रहा था। सेशनों में पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, बलजीत कौर, गुरमीत सिंह, हरभजन सिंह ईटीओ और तरुण प्रीत सिंह सोंद शामिल हुए थे। इसके अलावा पंजाब के चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा, डीजीपी गौरव यादव, तेजवीर सिंह और अजय सिन्हा सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पैनलिस्ट के रूप में शामिल हुए थे। कृषि माहिर देविंदर शर्मा और रमेश इंदर सिंह जैसे सामाजिक कार्यकर्ता और अमृत सागर मित्तल, राजिंदर गुप्ता और पीजे सिंह जैसे उद्योगपतियों ने भी अपनी राय रखी थी। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने आज 12 मार्च को पंजाब विजन 2047 की रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट का नाम “पंजाब विजन – ए ब्लू प्रिंट फ़ॉर प्रोग्रेस” रखा गया। रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र के लिए कई सुझाव दिए गए हैं, जिनमें फसल विविधिकरण को लंबे समय तक बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल तकनीक (AI) डेवलप भी एक है। इसके साथ ही मिड-डे मील में मिलेट्स जोड़ने और 5 किलो राशन योजना में भी मिलेट्स देने की सिफारिश रिपोर्ट में की गई। डॉ: साहनी की रिपोर्ट के मुख्य चार प्वाइंट 1. किसानों के लिए शुरू हो चैट बॉक्स डॉ. साहनी ने कहा कि पंजाब को फसल विविधीकरण को लंबे समय तक चलने वाला बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक विकसित करनी चाहिए और किसानों की मदद के लिए एआई-आधारित चैटबॉक्स शुरू करना चाहिए। खाद्य प्रसंस्करण पार्क (फूड प्रोसेसिंग पार्क) स्थापित करना बहुत जरूरी है। गांवों के समूह में बहुद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से इन पार्कों को बनाया जाए। इन पार्कों में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाएं, तेल निकालने की इकाइयां, आटा मिल, मसाले, दालें, शहद और मशरूम के प्रसंस्करण और पैकिंग की सुविधाएं होनी चाहिए। 2. फसलों के लिए कलस्टर बने मार्कफेड और पंजाब एग्रो जैसी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को बाजार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने फसल-विशेष क्लस्टर बनाने का सुझाव दिया, जिससे हर क्षेत्र में वहां की उपयुक्त फसल को बढ़ावा मिल सके। उनके अनुसार, मालवा में दालें, तिलहन और कपास, दोआबा में गन्ना, होशियारपुर में मक्का, कपूरथला में डेयरी विकास, लुधियाना में फूलों की खेती, पठानकोट में लीची और फिरोजपुर में मिर्च उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 3. फोकल प्वाइंटों को आधुनिक बनाना व्यापार और उद्योग के बारे में बात करते हुए, डॉ. साहनी ने कहा कि पंजाब में मजबूत इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित करने चाहिए। लुधियाना, जालंधर, मोहाली और अमृतसर के फोकल प्वाइंट्स को आधुनिक बनाना बहुत जरूरी है। राजपुरा औद्योगिक क्षेत्र को इस साल के अंत तक काम शुरू कर देना चाहिए। डॉ. साहनी ने सुझाव दिया कि एसटीपीआई को और मजबूत किया जाए ताकि पंजाब में आईटी हब्स और बीपीओ स्थापित किए जा सकें। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पंजाब के योग्य आईटी पेशेवर बेंगलुरु और हैदराबाद की ओर जा रहे हैं। यदि पंजाब में आईटी क्षेत्र को सही तरीके से विकसित किया जाए, तो यह राज्य के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर स्थापित किए हैं और 10 आईटीआई को गोद लिया है। 4. पानी के लिए राइस तकनीक पर हो काम डॉ. साहनी ने गिरते हुए जल स्तर और पानी में आर्सेनिक और अन्य हानिकारक पदार्थों की मौजूदगी पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस संकट का समाधान करने के लिए हमें डायरेक्ट सीडेड राइस तकनीक और माइक्रो इरिगेशन सिस्टम अपनाना चाहिए। राज्य सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम की सराहना करते हुए, डॉ. साहनी ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में कौशल प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाया जा सके। डॉ. साहनी ने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा में निवेश करना जरूरी है, ताकि मुफ्त बिजली के लिए दी जाने वाली सब्सिडी का सही उपयोग किया जा सके। दो दिन तक पीयू में चला था मंथन पंजाब विजन 2047 तैयार करने के लिए सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की अगुवाई में 12 और 13 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय प्रोग्राम आयोजित प्रोग्राम किया था। इसमें पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और सीएम भगवंत मान विशेष रूप से शामिल हुए थे। इस दौरान शासन संबंधी चुनौतियों, कृषि सुधारों और औद्योगिक विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर फोकस रहा था। सेशनों में पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, बलजीत कौर, गुरमीत सिंह, हरभजन सिंह ईटीओ और तरुण प्रीत सिंह सोंद शामिल हुए थे। इसके अलावा पंजाब के चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा, डीजीपी गौरव यादव, तेजवीर सिंह और अजय सिन्हा सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पैनलिस्ट के रूप में शामिल हुए थे। कृषि माहिर देविंदर शर्मा और रमेश इंदर सिंह जैसे सामाजिक कार्यकर्ता और अमृत सागर मित्तल, राजिंदर गुप्ता और पीजे सिंह जैसे उद्योगपतियों ने भी अपनी राय रखी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
