चंडीगढ़ में आज भी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आज पूरे दिन बादल छाए रहेंगे। इसके साथ बीच-बीच में बारिश भी होगी। शहर में हुई कल की बारिश के बाद भी अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वह सामान्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। बारिश के बाद तापमान में कोई ज्यादा गिरावट नहीं आई है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 30.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वह भी सामान्य से अधिक चल रहा है। 41 MM हुई बारिश चंडीगढ़ मौसम विभाग के अनुसार कल करीब शहर में 2 घंटे तक बारिश हुई। यह 41 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। 1 जून से अब तक शहर में कुल 179.7 एमएम बारिश हो चुकी है। जो कि सामान्य की तुलना में अभी भी 50% कम है। कल की बारिश के बाद हवा में आद्रता बढ़कर 94% तक हो गई थी। वहीं न्यूनतम आर्द्रता 63% दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में जुलाई महीने में इस बार काफी कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग को उम्मीद है कि जुलाई के अगले दिनों में अच्छी बारिश होगी। 2 घंटे की बारिश से हुआ जलभराव शहर में कल हुई 2 घंटे की बारिश के दौरान कई जगह पर जलभराव की स्थिति देखी गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में मानसून से आने से पहले ही पुख्ता इंतजाम किए जाने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन बारिश ने प्रशासन के इन दावों की पोल खोल दी। शहर में CTU वर्कशॉप के पास अंडरपास में इतना जलभराव हो गया कि ट्रैफिक पुलिस को वहां से रुट डाइवर्ट करना पड़ा। इसके अलावा सेक्टर 27/ 28 लाइट्स, सेक्टर 36/ 37 लाइट, 42/43 की रोड, 19/27 रोड, 20/21 लेबर चौक, किसान भवन चौक, पिकाडली चौक सहित कई जगह पर इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। चंडीगढ़ में आज भी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आज पूरे दिन बादल छाए रहेंगे। इसके साथ बीच-बीच में बारिश भी होगी। शहर में हुई कल की बारिश के बाद भी अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वह सामान्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। बारिश के बाद तापमान में कोई ज्यादा गिरावट नहीं आई है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 30.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वह भी सामान्य से अधिक चल रहा है। 41 MM हुई बारिश चंडीगढ़ मौसम विभाग के अनुसार कल करीब शहर में 2 घंटे तक बारिश हुई। यह 41 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। 1 जून से अब तक शहर में कुल 179.7 एमएम बारिश हो चुकी है। जो कि सामान्य की तुलना में अभी भी 50% कम है। कल की बारिश के बाद हवा में आद्रता बढ़कर 94% तक हो गई थी। वहीं न्यूनतम आर्द्रता 63% दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में जुलाई महीने में इस बार काफी कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग को उम्मीद है कि जुलाई के अगले दिनों में अच्छी बारिश होगी। 2 घंटे की बारिश से हुआ जलभराव शहर में कल हुई 2 घंटे की बारिश के दौरान कई जगह पर जलभराव की स्थिति देखी गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में मानसून से आने से पहले ही पुख्ता इंतजाम किए जाने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन बारिश ने प्रशासन के इन दावों की पोल खोल दी। शहर में CTU वर्कशॉप के पास अंडरपास में इतना जलभराव हो गया कि ट्रैफिक पुलिस को वहां से रुट डाइवर्ट करना पड़ा। इसके अलावा सेक्टर 27/ 28 लाइट्स, सेक्टर 36/ 37 लाइट, 42/43 की रोड, 19/27 रोड, 20/21 लेबर चौक, किसान भवन चौक, पिकाडली चौक सहित कई जगह पर इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बगावत पर उतरी NDA की सहयोगी RPI(A):मांगी 2 रिजर्व सीटें; नहीं मिलने पर 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की चेतावनी हरियाणा में NDA की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) RPI (A) बगावत पर उतर आई है। विधानसभा चुनाव में 2 रिजर्व सीटों की मांग की है। सीटें नहीं मिलने पर सूबे की 10 विधानसभाओं में प्रत्याशी उतारने की चेतावनी दी है। जो दो रिजर्व सीटें मांगी गई हैं, उनमें मुलाना (अंबाला लोकसभा) और नीलोखेड़ी (करनाल लोकसभा) शामिल हैं। इन दोनों सीटों पर उनके उम्मीदवार गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री और आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले ने हरियाणा के विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव को लेकर अगले हफ्ते केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा दौरे पर आ रहे हैं। क्या बोले RPI के हरियाणा अध्यक्ष करनाल में आरपीआई (ए) के प्रदेश अध्यक्ष रवि कुंडली ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर कहा है कि उनकी पार्टी ने भाजपा से मुलाना (अंबाला) और नीलोखेड़ी (करनाल) सीटें मांगी हैं। जहां उनके उम्मीदवार गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं। “हालांकि, अगर उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो हमारे कार्यकर्ता कम से कम 8-10 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। अगर मौका मिला तो मैं नीलोखेड़ी सीट से लड़ने के लिए तैयार हूं।” गठबंधन नियमों के तहत करेंगे प्रचार हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रवि कुंडली ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी या नेता भाजपा के खिलाफ कोई प्रचार नहीं करेंगे। गठबंधन के नियमों को निभाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले के नेतृत्व में पार्टी का जनाधार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में पार्टी संगठन मजबूत हुआ है।
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हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के पद पर कार्यरत डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया हैं। डॉ. कृष्ण आज भारतीय जनता पार्टी जॉइन करेंगे। उनके रेवाड़ी जिले की बावल सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। यहां से मौजूदा विधायक और नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट खतरे में हैं। भाजपा ने पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया है। भाजपा की आज दूसरी सूची हो सकती है। जिसमें बावल सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा होगी। बता दें कि रेवाड़ी जिले के गांव भटेड़ा के रहने वाले डॉ. कृष्ण कुमार रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में CMO के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के रूप में थी। डॉ. कृष्ण कुमार ने मंगलवार को नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कृष्ण कुमार को बावल सीट से टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं। इस्तीफा स्वीकार होते ही डॉ. कृष्ण कुमार बीजेपी जॉइन करेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा देने की बात स्वीकार की हैं। बीजेपी जॉइन करने के सवाल पर कहा-एक बार इस्तीफा स्वीकार हो जाए उसके बाद आगे की जानकारी देंगे। बावल सीट पर अड़े हुए हैं केंद्रीय मंत्री
दरअसल, बावल सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से दबदबा रहा है। 2014 में राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही उनके खास समर्थक डॉ. बनवारी लाल को टिकट दी गई थी। बाद में राव के कोटे से उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। 2019 में दोबारा उन्हें टिकट दी गई और इस बार प्रमोशन के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
हालांकि इसी दरमियान डॉ. बनवारी लाल की नजदीकियां पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से हो गई। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा। मगर, बावल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई। डॉ. बनवारी लाल को बावल सीट पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही इस सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया। अब डॉ. कृष्ण कुमार के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।
हरियाणा में गोपाल कांडा की बढ़ी मुश्किलें:इनेलो-भाजपा के समर्थन के बावजूद कार्यकर्ताओं ने प्रचार से बनाई दूरी, बयानों से बढ़ा कन्फ्यूजन
हरियाणा में गोपाल कांडा की बढ़ी मुश्किलें:इनेलो-भाजपा के समर्थन के बावजूद कार्यकर्ताओं ने प्रचार से बनाई दूरी, बयानों से बढ़ा कन्फ्यूजन हरियाणा में गोपाल कांडा को भाजपा के प्रति प्रेम और इनेलो का समर्थन भारी पड़ सकता है। दोनों की पार्टी के आम कार्यकर्ता कांडा के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। कांडा के बार-बार बयान बदलने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है वहीं भाजपा का समर्थन लेने से कांडा के प्रचार से इनेलो कार्यकर्ताओं ने दूरी बना ली है। कांडा को आस है कि सिरसा के साथ लगते गांवों में इनेलो का वोट बैंक जो उनको मिलेगा मगर भाजपा के समर्थन से ऐसा होता नहीं दिख रहा। वहीं कांडा के बयानों से भाजपा कार्यकर्ताओं में उलझन है। भाजपा समर्थन के बाद कांडा ने कहा था कि मैंने किसी का समर्थन नहीं मांगा, इसके बाद से भाजपा के कार्यकर्ता कांडा के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी बैठाने के बाद भी स्थानीय पदाधिकारी अपनी ही पार्टी से नाराज है और कांडा के प्रचार से दूरी बना ली है। बता दें कि गोपाल कांडा पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार गोकुल सेतिया से 603 वोट से जीते थे मगर अब गोकुल के कांग्रेस में जाने के बाद कांडा को कड़ी टक्कर मिल रही है। लोकसभा चुनाव में कांडा का साथ लिया मगर हारी थी भाजपा बता दें कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गोपाल कांडा से समर्थन लिया था मगर भाजपा एक ही विधानसभा में आगे रही। अगर कांग्रेस पुराना प्रदर्शन दोहराती है तो गोपाल कांडा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं इनेलो के अधिकतर वर्कर भाजपा पार्टी से नाराज हैं और भाजपा के समर्थन से उन्होंने गोपाल कांडा के प्रचार से दूरी बना ली है और कांडा बंधुओं के लिए चुनाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने पहले प्रत्याशी खड़ा किया, बाद में बैठाया भाजपा के 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद गोपाल कांडा ने अकेले लड़ने का फैसला लिया था। मगर ऐन वक्त पर इनेलो ने अपना समर्थन गोपाल कांडा को दे दिया। इसके बाद भाजपा ने कांडा के पक्ष में अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस ले लिया। प्रदेश में इनेलो और भाजपा दोनों अलग-अलग लड़ रही है। इनेलो भाजपा पर लगातार हमलावर है। ऐसे में विपक्षी दल तीनों पार्टियों पर चुटकी ले रही हैं। हरियाणा में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुटकी लेते हुए X अकाउंट पर लिखा था कि ” अजब, विचित्र, गजब नजारा, खट्टर कहे कांडा हमारा, कांडा इनेलो को प्यारा, एक ने उम्मीदवार नहीं उतारा, दूसरा कहे गठबंधन है हमारा, ऊपर से है दोनों को इशारा, बेवकूफ बनाना काम तुम्हारा। कांडा और भाजपा नेताओं ने बदले बयान दरअसल गोपाल कांडा के बार-बार बयान बदलने और भाजपा नेताओं की अलग-अलग बयानबाजी से विपक्षी दलों को चुटकी लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस और जजपा इसे इनेलो और भाजपा का इसे साइलेंट गठबंधन करार दे रहे हैं। मगर इनेलो का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर भ्रम फैला रही है, ताकि भाजपा के खिलाफ वोट बटोरा जा सके, जबकि सच्चाई ये है दोनों पार्टी कांग्रेस और भाजपा की विदाई तय है। इनेलो नेता अभय ने कहा था- कांडा-भाजपा का गठबंधन नहीं दरअसल, भाजपा कैंडिडेट के कांडा के समर्थन के बाद इनेलो सबसे ज्यादा बैकफुट पर है। क्योंकि इनेलो बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफत का वोट बटोरना चाहती है। ऊपर से उनके सहयोगी गोपाल कांडा का भाजपा ने समर्थन किया तो कांग्रेस और जजपा हमलावर हो गए। पत्रकारों ने सवाल पूछे तो अभय चौटाला ने कहा कि कांडा अपने मुंह से कहेंगे तो वह मानेंगे। इसके बाद कांडा ने प्रेसवार्ता बुलाकर कहा कि भाजपा से उन्होंने कभी समर्थन मांगा ही नहीं था। प्रदेश में इनेलो गठबंधन की सरकार बनेगी।