हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव काकड़ोली हट्ठी में पुराने मकान को तोड़ते समय दीवार के नीचे दबने से युवक की मौत हो गई। मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम चरखी दादरी सिविल अस्पताल में करवाया गया। उसके बड़े भाई के बयान पर बाढड़ा थाना पुलिस ने मामले में इत्फ़ाकिया मौत संबंधी कार्रवाई की है। अविवाहित था मृतक पुलिस को दिए बयान में काकड़ोली हट्ठी निवासी राकेश ने बताया कि वो पुराना मकान तोड़ रहे थे, उसी दौरान उसका छोटा भाई राजेश पुराने मकान में मौजूद था और मकान तोड़ते समय अचानक एक दीवार ढह गई। राजेश दीवार के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने उसे तत्काल संभाला और उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही बाढड़ा थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और कागजी कार्रवाई पूरी कर मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक अविवाहित था और खेती करता था। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव काकड़ोली हट्ठी में पुराने मकान को तोड़ते समय दीवार के नीचे दबने से युवक की मौत हो गई। मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम चरखी दादरी सिविल अस्पताल में करवाया गया। उसके बड़े भाई के बयान पर बाढड़ा थाना पुलिस ने मामले में इत्फ़ाकिया मौत संबंधी कार्रवाई की है। अविवाहित था मृतक पुलिस को दिए बयान में काकड़ोली हट्ठी निवासी राकेश ने बताया कि वो पुराना मकान तोड़ रहे थे, उसी दौरान उसका छोटा भाई राजेश पुराने मकान में मौजूद था और मकान तोड़ते समय अचानक एक दीवार ढह गई। राजेश दीवार के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने उसे तत्काल संभाला और उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही बाढड़ा थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और कागजी कार्रवाई पूरी कर मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक अविवाहित था और खेती करता था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शराब संग फोटो वायरल:कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही सामने आई; उनके समर्थक जवाब मांग रहे
बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शराब संग फोटो वायरल:कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही सामने आई; उनके समर्थक जवाब मांग रहे अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया की कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाते ही मुश्किलें बढ़ गई हैं। देवेंद्र बूड़िया की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में शराब से भरी एक बोतल और गिलास है और इस फोटो में देवेंद्र बुड़िया नजर आ रहे हैं। दैनिक भास्कर इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह फोटो नकली है या असली। यह फोटो तब से वायरल हो रही है जब से देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न की उपाधि वापस ली और उन्हें संरक्षक पद से हटाया। इस फोटो के बाद बिश्नोई समाज के लोग देवेंद्र बूड़िया पर हमलावर हो रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे फर्जी और एडिटेड बता रहे हैं। हालांकि, जब हमने इस बारे में देवेंद्र बूड़िया से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। बिश्नोई समाज के लोगों का भी कहना है कि देवेंद्र बूड़िया को इस वायरल फोटो पर आगे आकर बोलना चाहिए। एक कैलाश बिश्नोई नाम के X यूजर ने फोटो शेयर करते हुए लिखा कि ये बहुत निंदनीय है। बता दें कि बुधवार 13 नवंबर को बीकानेर जिले के नोखा स्थित मुकाम धाम में बिश्नोई समाज की एक बैठक हुई थी। जिसमें कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए थे। बिश्नोई समाज की बैठक में लिए गए 5 बड़े फैसले
1. संरक्षक का पद खत्म
कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब महासभा के अंदर कोई संरक्षक होगा ही नहीं। यानी कि इस पद को ही खत्म कर दिया गया है। 2. लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव किया जाएगा
महासभा में नए प्रधान का चुनाव अब लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पहले संरक्षक प्रधान को चुनते थे। 3. चुनाव तक देवेंद्र रहेंगे प्रधान
कुलदीप बिश्नोई ने ही देवेंद्र को प्रधान बनाया था और फिर उन्होंने ही एक पत्र जारी कर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था, लेकिन कुलदीप के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया। इस विवाद को खत्म करने के लिए समाज ने फैसला लिया है कि चुनाव तक देवेंद्र ही प्रधान बने रहेंगे। 4. बिश्नोई रत्न वापस लेने का फैसला
बिश्नोई रत्न का सम्मान काफी खास है। आज तक ये सम्मान केवल दो ही लोगों को मिला है। एक पूर्व सीएम भजन लाल और दूसरा कुलदीप बिश्नोई को। उन्हें ये सम्मान चार साल पहले ही मिला है, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया कि कुलदीप से ये सम्मान भी वापस लिया जाएगा। 5. कुलदीप बिश्नोई या उनके परिवार का सदस्य नहीं करेगा दखलअंदाजी
कुलदीप बिश्नोई का समाज और महासभा पर अच्छा प्रभाव था, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया है कि कुलदीप बिश्नोई या फिर उनके परिवार का कोई भी सदस्य महासभा में कोई भी दखलअंदाजी नहीं करेगा। दोनों ने एक-दूसरे को पदों से हटाया था
महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने के लिए एक पत्र जारी किया था जिसमें, लिखा था कि आपके बेटे ने अंतरजातीय विवाह किया है। इससे पूरे बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसे में आप इस पद पर नहीं रह सकते। वहीं इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने भी प्रधान देवेंद्र बूड़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उनकी जगह पर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान घोषित किया गया था। कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति बताया था। कैसे शुरू हुआ विवाद, किसने क्या कहा.. देवेंद्र बूड़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर देवेंद्र बूड़िया ने कहा था कि, “मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया। ये सारी चीजें मैं समाज को बताउंगा। यह बहुत बड़ी घटना है और बहुत बड़ी मेरे साथ ट्रैजेडी हुई है। यह सब चीजें कैमरे में हैं। यह रणधीर पनिहार पता नहीं मुझसे क्या मांगता है।” पनिहार ने कहा- बूड़िया मेरे दोस्त, ऐसा क्यों बोला, मुझे पता नहीं
वहीं देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर विधायक रणधीर पनिहार ने कहा था कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। मनगढंत आरोपों का मैं क्या जवाब दूं। हां, मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई। बूड़िया साहब आज भी मेरे अच्छे दोस्त हैं और उनसे मेरी अकसर मुलाकात होती रहती है। सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐसा क्यों बोला मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बिश्नोई संत बोले-रणधीर पनिहार को छोड़ेंगे नहीं
देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर बिश्नोई समाज के संत लालदास योग गुरु ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। संत लालदास ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। संत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर ही सब कुछ हुआ है। कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष से करोड़ों रुपए की डिमांड कर रहे थे। वे इतने पैसे नहीं दे पा रहे तो उसे पद से हटाया जा रहा था, जिसका उन्होंने विरोध किया था। संत लालदास ने कहा था कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बहुत ही बड़ी घटना हुई है। रणधीर पनिहार के नाम वाले किसी व्यक्ति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ निंदनीय घटना की है। वह कुलदीप बिश्नोई ने कराई है। संत लालदास ने कहा- कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कठोर फैसला लें
बिश्नोई संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुलदीप बिश्नोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बूड़िया से करोड़ों रुपए मांगते हैं। कुलदीप कहते हैं कि करोड़ों रुपए दोगे तो अध्यक्ष रहोगे नहीं तो हटा देंगे। उनके पास करोड़ों रुपए नहीं थे, इसलिए उन्होंने लौटा दिया। कुलदीप बिश्नोई कहते हैं कि मुझे और पैसे दोगे तो ही मैं आपको प्रधान रखूंगा, इसलिए आप इस्तीफा दो। इन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो प्रधान से बहुत बड़ी डिमांड की गई। मैं बिश्नोई समाज से निवेदन करना चाहता हूं कि आज देवेंद्र बूड़िया अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष हैं, कल को कोई और अध्यक्ष बन सकता है। क्या कोई इस तरह की डिमांड करेगा। यह तो कुलदीप बिश्नोई का निजी व्यवसाय बन गया है। इसलिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी और बिश्नोई समाज को मिलकर कठोर फैसला लेना चाहिए, ताकि समाज की इज्जत रह सके। देवेंद्र ने पनिहार और उनके बीच हुई घटना के बार में बताया…
1. रणधीर पनिहार ने हरियाणा भवन बुलाया
देवेंद्र बूड़िया ने कहा था कि मेरे पास रणधीर पनिहार का फोन आया कि आप कब आओगे। मैंने कहा मुझे तकलीफ है। मैं पहले मेदांता में दिखाऊंगा, फिर आऊंगा। पनिहार ने कहा नहीं, आप पहले यहां आओ। हरियाणा भवन में 30 व 31 नंबर में आ जाना। मैं वहां गया। अंदर बैठे रणधीर पनिहार ने कहा आओ अंदर। मुझसे चाय पूछी और कहा आगे क्या करना है। मैंने कहा कि इस्तीफा देना है। पनिहार ने कहा कि आपने कमिटमेंट पूरी नहीं की। मैंने कहा कि मुझसे हो नहीं पाया। 2. पनिहार ने इस्तीफा लिखवाना चाहा, मैंने नहीं लिखा
पनिहार ने मुझे दो कागज दिए और कहा कि इस पर साइन कर दो। मैंने कहा मैं साइन तो बॉस (कुलदीप बिश्नोई) के आगे करूंगा। पनिहार ने कहा कि वो तो आपका मुंह नहीं देखना चाहते। मैंने कहा मैं ऐसे साइन नहीं करूंगा। मैं साइन बॉस के सामने करूंगा। इसके बाद तू तड़ाक हुई। मुझसे पनिहार ने कहा कि आपको साइन करने पड़ेंगे। मैंने कहा मर जाऊंगा, मगर साइन नहीं करूंगा। वह 5 लोग थे, मैं अकेला। मैंने कहा आप ऐसा करो आप गाड़ी में चलो। उसने कहा चलो। इसके बाद एक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और दूसरा मेरा वीडियो बनाने लगा। वहां से चलने के बाद मैं फुटपाथ पर आकर बैठ गया। 3. कुलदीप बिश्नोई को फोन मिलाया, मगर फोन नहीं उठाया
बूड़िया ने आगे कहा- मैंने कुलदीप जी को फोन मिलाया, उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैंने भव्य जी को फोन मिलाया। नहीं उठाया, मगर उनका बाद में बैक कॉल आया। उन्होंने कुछ नहीं कहा और फोन काट दिया। इसके बाद मैंने कुलदीप बिश्नोई को वॉयस मैसेज वॉट्सऐप पर भेजे और कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो रही है और यह लोग मेरे साथ गलत कर रहे हैं। इसके बाद रणधीर पनिहार ने कहा कि इसको गाड़ी में डालो। इसके बाद मैंने देखा वहां मंत्रियों की गाड़ियां थी और पुलिस वाले भी थे। मैंने शोर मचाया तो वह गाड़ी दौड़ाकर भाग गए। मेरे पास टैक्सी थी। मैं वहां से निकल आया। मैंने इसके बाद कुलदीप जी को फोन किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ आया। 4. जिस इंसान को इतना माना, उसने 15 घंटे बाद भी फोन नहीं किया
देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि इस घटना के बाद मुझे लगा कहीं रात को मुझे कोई मार ना दे, इसलिए लाइव के माध्यम से मैंने आप लोगों को सब कुछ बताया। 3 साल में हम कोई पत्र भी लिखते हैं तो उनका नाम लिखना जरूरी है। भाषण देते हैं तो हम दुविधा में पड़ जाते हैं। कुलदीप कहते हैं मेरा नाम लेना जरूरी है और आप कहते हो आप उसके चमचे हो। मगर मेरा उद्देश्य समाज सेवा था, मैं समाज सेवा करना चाहता था ताकि दूसरे समाज के आगे बिश्नोई समाज एक उदाहरण बने। मैंने उस इंसान (कुलदीप बिश्नोई) को काफी माना, मगर 15 घंटे बीतने के बाद भी उसका फोन नहीं आया कि क्या हुआ। …………………………………………………………. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल,बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाएगा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। पूरी खबर पढ़ें..
हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM सरकारी कोठी खाली कर रहे:मान्यता- इसमें रहने वाला दोबारा नहीं जीतता; दुष्यंत ने टाइम भी पूरा नहीं किया
हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM सरकारी कोठी खाली कर रहे:मान्यता- इसमें रहने वाला दोबारा नहीं जीतता; दुष्यंत ने टाइम भी पूरा नहीं किया चंडीगढ़ में सरकारी कोठी नंबर-48 अक्सर चर्चा में रहती है। इस बार इसकी चर्चा हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को लेकर है। वह अब तक इसी कोठी में रहे थे, लेकिन अब वह इसे खाली कर पंचकूला में शिफ्ट हो रहे हैं। हालांकि, अभी यह कोठी किसी को अलॉट नहीं हुई है। इस कोठी के साथ एक धारणाएं जुड़ी है। ऐसा माना जाता है कि इस कोठी में रहने वाले मंत्रियों में ज्यादातर अगली दफा विधानसभा तक भी नहीं पहुंचते। अब JJP नेता दुष्यंत चौटाला इस कोठी को 5 साल पूरा होने से पहले ही खाली कर रहे हैं। हालांकि, अब वह मंत्री नहीं हैं, इसलिए खाली करना भी पड़ता। इसके अलावा यहां कोठी नंबर-78 को लेकर भी ऐसी ही धारणाएं बनी। बाद में इस कोठी को IAS अफसरों को ही अलॉट किया जाता रहा है। ये कोठियां भी मंत्रियों की अन्य कोठियों की तरह काफी अच्छी हैं, लेकिन इनके साथ जुड़ी धारणाएं नेगेटिव हैं। समझिए… कोठी नंबर-48 का गणित
चंडीगढ़ में कोठी नंबर-48 सेक्टर-2 में है। यहां हरियाणा कोटे की अन्य कोठियां भी हैं, जिनमें मंत्री रहते हैं। इस कोठी में इनेलो सरकार में चौधरी धीरपाल सिंह रहे थे। वह 1999 से 2005 तक इस कोठी में रहे, लेकिन इसके बाद वह नहीं जीते। इस कोठी में कांग्रेस सरकार बनने पर तब के वित्त मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह रहने लगे, लेकिन वह भी 2009 में हार गए। उन्हें उचाना सीट पर ओमप्रकाश चौटाला ने विधानसभा में हराया। कांग्रेस के दूसरे कार्यकाल में 2009 में यह कोठी मंत्री रणदीप सुरजेवाला को अलॉट हुई। वह जीतकर विधानसभा ताे पहुंचे, लेकिन उनकी सरकार सत्ता से बाहर होने पर वह मंत्री नहीं बन सके और कोठी खाली करनी पड़ी। भाजपा सरकार बनने पर 2014 में यह कोठी तब के वित्त मंत्री कैप्टनअभिमन्यु काे मिली, लेकिन वह भी 2019 में चुनाव हार गए। गठबंधन सरकार बनने पर यह कोठी 2019 में तब के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को मिली, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। गठबंधन टूटने से सरकार से बाहर हो गए। अब वह यहां पांच साल पूरे नहीं कर रहे। वह इस कोठी को पहले ही खाली कर रहे हैं। कोठी नंबर-78 में ये भी रहे, जो अगली बार नहीं जीते
कोठी नंबर-78 में तत्कालीन डिप्टी स्पीकर कुलबीर सिंह, सुषमा स्वराज, करतार देवी, बहादुर सिंह, रामबिलास शर्मा, फूलचंद मुलाना रह चुके हैं। ये लोग अगली बार विधानसभा नहीं पहुंचे थे। इनके बाद कृष्णलाल पंवार को भी हार का सामना करना पड़ा। अब यह कोठी अफसरों को दी जा रही है। इसमें अभी मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव रह रहे हैं।
जींद में किसानों का फैसला:CISF कॉन्स्टेबल कुलविंद्र कौर को करेंगे सम्मानित; बोले- पूरे देश ने सुनी थप्पड़ की गूंज
जींद में किसानों का फैसला:CISF कॉन्स्टेबल कुलविंद्र कौर को करेंगे सम्मानित; बोले- पूरे देश ने सुनी थप्पड़ की गूंज हरियाणा के जींद में शुक्रवार को उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर किसानों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली सीआइएसएफ कांस्टेबल कुलविंद्र कौर को रिहाई के बाद उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। धरना संयोजक आजाद पालवां ने कहा कि कुलविंद्र कौर के थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में पहुंची है। उन्होंने कहा कि कंगना अब भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि देश के अंदर पूरी शांति है। कुलविंद्र कौर की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी की मां-बाप को गाली देना सही तो कुछ भी नहीं। वे कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं द्वारा अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एक क्रांति का आगाज हो चुका है। किसान नेता ने कहा कि 13 महीने आंदोलन चला, उस दौरान किसानों को कभी आंतकवादी, माववादी, खालिस्तानी पता नहीं क्या-क्या नहीं कहा गया। कमेटी ने फैसला लिया है कि कुलविंद्र कौर जैसे ही जेल से रिहा होकर आएगी तो उसको उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित करने का काम करेंगे। किसान नेत्री सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि वे सरकार से मांग करते है कि कुलविंद्र कौर को नौकरी पर भी वापस लिया जाए। इस मौके पर शीला छात्तर, बीरा करसिंधु, पाला बड़ौदा, मिया सिंह दरोली, पवन मोर, रामफल, बलिंद्र, जंगीर, टेकराम, मेवा, जोधाराम मौजूद रहे।